द्विवेदी युग MCQ Quiz - Objective Question with Answer for द्विवेदी युग - Download Free PDF
Last updated on Jul 9, 2025
Latest द्विवेदी युग MCQ Objective Questions
द्विवेदी युग Question 1:
निम्न में से कौन सी रचना मैथिलीशरण गुप्त की नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
द्विवेदी युग Question 1 Detailed Solution
निम्न में से प्रियप्रवास रचना मैथिलीशरण गुप्त की नहीं है?
प्रियप्रवास एक महाकाव्य है जो अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध' द्वारा रचित है।
Key Points
राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त
- राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त (1886 – 1964) हिन्दी के प्रसिद्ध कवि थे।
- मैथिलीशरण गुप्त हिन्दी साहित्य के इतिहास में वे खड़ी बोली के प्रथम महत्त्वपूर्ण कवि हैं।
- मैथिलीशरण गुप्त ने साहित्य जगत में 'दद्दा' नाम से सम्बोधित किया जाता था।
- मैथिलीशरण गुप्त की कृति भारत-भारती (1912) भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के समय में काफी प्रभावशाली सिद्ध हुई थी
- मैथिलीशरण गुप्त को महात्मा गांधी ने उन्हें 'राष्ट्रकवि' की पदवी भी दी थी।
- मैथिलीशरण गुप्त की जयन्ती 3 अगस्त को हर वर्ष 'कवि दिवस' के रूप में मनाया जाता है।
- सन 1954 में भारत सरकार ने मैथिलीशरण गुप्त को पद्मभूषण से सम्मानित किया।
मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित खण्डकाव्य-
- जयद्रथ वध 1910
- भारत-भारती 1912
- पंचवटी 1925
- द्वापर 1936
- रंग में भंग 1909
Additional Information
अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
- अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध' (15 अप्रैल, 1865-16 मार्च, 1947) हिन्दी के कवि, निबन्धकार तथा सम्पादक थे।
- अयोध्यासिंह उपाध्याय ने हिंदी साहित्य सम्मेलन के सभापति के रूप में कार्य किया। अयोध्यासिंह उपाध्याय को सम्मेलन द्वारा विद्यावाचस्पति की उपाधि से सम्मानित किया गया था।
- अयोध्यासिंह उपाध्याय ने प्रिय प्रवास नामक खड़ी बोली हिंदी का पहला महाकाव्य लिखा जिसे मंगलाप्रसाद पारितोषिक से सम्मानित किया गया था।
अयोध्यासिंह उपाध्याय द्वारा रचित ग्रन्थ:
- प्रिय प्रवास (1914 ई .)
- वैदेही वनवास (1940 ई .)
- पारिजात (1937 ई .)
- रस-कलश (1940 ई .)
द्विवेदी युग Question 2:
श्रीधर पाठक ने 'श्रांत पथिक' की रचना किस छंद में की थी ?
Answer (Detailed Solution Below)
द्विवेदी युग Question 2 Detailed Solution
श्रीधर पाठक ने 'श्रांत पथिक' की रचना दोहा छंद में की थी।
Important Pointsश्रीधर पाठक-
- जन्म-1859-1928 ई.
- द्विवेदी युगीन रचनाकार है।
- काव्य संग्रह-
- मनोविनोद(1882 ई.)
- गुनवंत हेमंत(1900 ई.)
- कश्मीर सुषमा(1904 ई.)
- भारतगीत(1928 ई.) आदि।
- अनूदित रचनाएँ-
- एकांतवासी योगी(1886 ई.)
- उजड़ग्राम(1889 ई.)
- श्रांत पथिक(1902 ई.) आदि।
Additional Informationदोहा छंद-
- यह सोरठा छंद के विपरीत होता है।
- यह अर्ध सम मात्रिक छंद होता है।
- इसमें पहले और तीसरे चरण में 13-13 तथा दूसरे और चौथे चरण में 11-11 मात्राएँ होती हैं।
- उदाहरण-
- “कारज धीरे होत है, काहे होत अधीर।
समय पाय तरुवर फरै, केतक सींचो नीर।।
- “कारज धीरे होत है, काहे होत अधीर।
द्विवेदी युग Question 3:
"पथिक" किसका काव्य संग्रह है?
Answer (Detailed Solution Below)
द्विवेदी युग Question 3 Detailed Solution
- मिलन (1918)
- पथिक (1920)
- मानसी (1927)
- स्वप्न (1929)
द्विवेदी युग Question 4:
इनमें से खड़ीबोली का प्रथम महाकाव्य कौन-सा है?
Answer (Detailed Solution Below)
द्विवेदी युग Question 4 Detailed Solution
इनमें से खड़ीबोली का प्रथम महाकाव्य है- प्रियप्रवास
Key Pointsप्रियप्रवास -
- रचनाकार - अयोध्यासिंह उपाध्याय “हरिऔध"
- विधा - काव्य (महाकाव्य)
- प्रकाशन वर्ष - 1909 - 1913 ई.
- विषय -
- लेखक ने महाकाव्य के लिए अतुकांत की आवश्यकता और उसके लिए उपयुक्त छंद पर विचार किया है।
- यह खड़ी बोली का प्रथम महाकाव्य है।
- यह एक विरह काव्य है और श्रीकृष्ण के गोकुल से मथुरा प्रवास की कथा पर आधारित है।
Important Pointsअयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध' -
- जन्म- 1865 -1947 ई.
- हिन्दी के कवि, निबन्धकार तथा सम्पादक थे।
- काव्य संग्रह -
- वैदेही वनवास (1940 ई.)
- पारिजात (1937 ई.)
- रस-कलश (1940 ई .)
- चुभते चौपदे (1932 ई.)
- चोखे चौपदे (1924 ई.) आदि ।
Additional Information
रचना | रचनाकार |
भक्ति सागर | स्वामी चरण दास जी महाराज |
प्रेमसागर | लल्लू लाल |
सुखसागर | मुंशी सदासुखलाल |
द्विवेदी युग Question 5:
कौन सी रचना हरिऔध की नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
द्विवेदी युग Question 5 Detailed Solution
यशोधरा, हरिऔध द्वारा रचित नही है।
- यशोधरा, मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित रचना है।
- मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित प्रसिद्ध प्रबंध काव्य है जिसका प्रकाशन सन् 1933 ई. में हुआ।
- यशोधरा महाकाव्य में गौतम बुद्ध के गृह त्याग की कहानी को केन्द्र में रखकर यह महाकाव्य लिखा गया है। इसमें गौतम बुद्ध की पत्नी यशोधरा की विरहजन्य पीड़ा को विशेष रूप से महत्त्व दिया गया है।
- यह गद्य-पद्य मिश्रित विधा है जिसे चम्पूकाव्य कहा जाता है।
Key Points
- चोखेचौपदे, रसकलश, प्रियप्रवास -- यह हरिऔध द्वारा रचित
- अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
- प्रिय प्रवास (1914 ई) ,कवि सम्राट,वैदेही वनवास (1940 ई) , पारिजात (1937 ई) , रस-कलश (1940 ई) , चुभते चौपदे (1932 ई), चौखे चौपदे (1924 ई )
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“जयद्रथ वध” किस लेखक/लेखिका की कृति है?
Answer (Detailed Solution Below)
द्विवेदी युग Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDF‘मैथलीशरण गुप्त’ यहाँ सही विकल्प है। अन्य विकल्प असंगत है।
"जयद्रथ वध" महाभारत के एक पात्र पर आधारित एक अद्भुत रचना है, जिसके लेखक विकल्प 4. राष्ट्रीय कवि 'मैथिलीशरण गुप्त' है।
- यह महाभारत पर आधारित खंडकाव्य है।
- हरिगीतिका छंद में रचा गया है।
- मैथिलीशरण गुप्त खड़ी बोली के मह्त्वपूर्ण कवियों में से है।
'बहिष्कृत भारत' पत्र का प्रकाशन किस वर्ष आरंभ हुआ?
Answer (Detailed Solution Below)
द्विवेदी युग Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDF'बहिष्कृत भारत' पत्र का प्रकाशन 1927 में आरंभ हुआ।
Key Points
- बहिष्कृत भारत –
- इस समाचार पत्र की स्थापना बी.आर. अंबेडकर ने की थी।
- यह मराठी भाषा का समाचार पत्र था।
- इसका प्रकाशन 2 अप्रैल 1927 को हुआ।
- यह पाक्षिक समाचार पत्र था।
- यह समाचार पत्र बंबई से प्रकाशित होता था।
Important Points
- डॉक्टर अंबेडकर ने बहिष्कृत भारत समाचार पत्र के जरिए ब्राह्मणवाद व मनुवाद को निर्णायक चुनौती दी थी।
- भीमराव अंबेडकर एक भारतीय वकील, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे।
- इन्होने दलितों के लिए बौद्ध आंदोलन को प्रभावित किया और सामाजिक अन्याय (अछूत) (दलितों) के खिलाफ अभियान चलाया।
- वे 1947 में भारत के पहले चुने गए कानून और न्याय मंत्री थे।
- भीमराव अंबेडकर भारत के संविधान के मुख्य वास्तुकार थे।
Additional Information
- 1919 –
- 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ।
- जब पंजाब के अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के कुछ ही दूरी पर स्थित जलियांवाला बाग में निहथे मासूमों का कत्लेआम हुआ।
- 1930 –
- महात्मा गांधी ने अपनी स्वतंत्र भारत की मांग पर जोर देने के लिए सविनय अवज्ञा आंदोलन 1930 मे छेड़ा।
- 1938 –
- 1938 में कांग्रेस का हरिपुरा अधिवेशन हुआ जिसकी अध्यक्षता सुभाष चंद्र बोस ने की।
- इसमें राष्ट्रीय योजना समिति की स्थापना की गई जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में की गई।
'सखि वे मुझसे कहकर जाते' किस कवि की काव्य पंक्ति है ?
Answer (Detailed Solution Below)
द्विवेदी युग Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर "मैथिलीशरण गुप्त" है। अन्य विकल्प असंगत हैं।
Key Points
- ‘सखि वे मुझसे कहकर जाते’ यह काव्य पंक्ति मैथिलीशरण गुप्त की कविता ‘सखि वे मुझसे कहकर जाते’ की पंक्तियाँ हैं।
- अतः सही विकल्प मैथिलीशरण गुप्त हैं।
Important Points
कवि | रचनाऍं |
सियाराम शरण गुप्त | मौर्य विजय(1914), अनाथ(1917), आर्द्रा(1927), विषाद(1925), दूर्वा दल(1924), आत्मोत्सर्ग(1931) आदि। |
मैथिलीशरण गुप्त | जयद्रथ वध 1910, भारत-भारती 1912, पंचवटी 1925, द्वापर 1936, जय भारत 1952, युद्ध, झंकार 1929 आदि। |
अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' | पारिजात (1937), रस-कलश (1940) ,चुभते चौपदे 1932), चोखे चौपदे (1924) आदि। |
जगदीश गुप्त | नाव के पाँव, शम्बूक, आदित्य एकान्त, हिम-विद्ध, शब्द-दंश, युग्म आदि। |
'भारत भारती' के रचनाकार कौन हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
द्विवेदी युग Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDFउपर्युक्त विकल्पों में से 'भारत भारती' मैथिलीशरण गुप्त की रचना है।
Key Points
- साकेत- साकेत राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की अमर कृति है। इस कृति में राम के भाई लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला के विरह का जो चित्रण गुप्त जी ने किया है।
- भारत भारती- मैथिलीशरण गुप्तजी की प्रसिद्ध काव्यकृति है जो 1912-13 में लिखी गई थी।
- रंग में भंग- राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त का पहला रचना काव्य है।
स्पष्टीकरण
मैथिलीशरण गुप्त जी खड़ी बोली के प्रथम महत्वपूर्ण कवि थे। ये आधुनिक काल के कवि माने जाते है। हिंदी कविता के इतिहास में गुप्त जी का बड़ा योगदान था। |
साकेत, यशोधरा, भारत भारती आदि। |
Additional Information
अन्य विकल्प
रचनाकार |
रचनाएँ |
भीष्म साहनी |
कहानी संग्रह - मेरी प्रिय कहानियां, भाग्यरेखा, वांगचू, निशाचर |
महादेवी वर्मा |
कविता संग्रह महादेवी वर्मा के आठ कविता संग्रह हैं- नीहार (1930), रश्मि (1932), नीरजा (1934), सांध्यगीत (1936), दीपशिखा (1942), सप्तपर्णा (अनूदित 1959), प्रथम आयाम (1974), और अग्निरेखा (1990). |
जैनेन्द्र कुमार |
फाँसी, जय संधि, वातायन, एक रात, धुयात्रा दोचिड़िया, पाजेब, नीलम देश की राजकन्या, खेल। |
अबला जीवन हाय तुम्हारी यही कहानी,
आँचल में है दूध और आंखों में पानी।
उपर्युक्त पंक्तियाँ किस काव्य की है?
Answer (Detailed Solution Below)
द्विवेदी युग Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर है - ‘यशोधरा’।
- यह पंक्तियाँ यशोधरा काव्य की है।
Key Points
- ‘यशोधरा’ मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित प्रसिद्ध प्रबंध काव्य है
- जिसका प्रकाशन सन् 1933 ई. में हुआ।
Additional Information
- अपने छोटे भाई सियारामशरण गुप्त के अनुरोध करने पर मैथिलीशरण गुप्त ने यह पुस्तक लिखी थी।
- यशोधरा महाकाव्य में गौतम बुद्ध के गृह त्याग की कहानी को केन्द्र में रखकर यह महाकाव्य लिखा गया है।
- इसमें गौतम बुद्ध की पत्नी यशोधरा की विरहजन्य पीड़ा को विशेष रूप से महत्त्व दिया गया है।
- यह गद्य-पद्य मिश्रित विधा है जिसे चम्पूकाव्य कहा जाता है।
अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' द्वारा लिखित काव्य ग्रन्थ है:
Answer (Detailed Solution Below)
द्विवेदी युग Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDFचोखे चौपदे मुक्तक काव्य श्रेणी का श्रेष्ठ काव्य है, इसके लेखक अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' है।
अत: सही विकल्प 3) चोखे चौपदे है।
अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' की अन्य रचनाएँ-
- मुक्तक काव्य - चोखे चौपदे, चुभते चौपदे, कल्पलता, बोलचाल, पारिजात और हरिऔध सतसई
- उपन्यास - ठेठ हिंदी का ठाठ और अधखिला फूल
- महाकाव्य - प्रियप्रवास, वैदेही वनवास
Additional Information
अन्य विकल्प-
- कनुप्रिया - धर्मवीर भारती
- पथिक - रामनरेश त्रिपाठी
खड़ी बोली का प्रथम महाकाव्य है-
Answer (Detailed Solution Below)
द्विवेदी युग Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर है - प्रियप्रवास।
Key Points
- प्रियप्रवास खड़ी बोली का प्रथम महाकाव्य है।
- इसका रचनाकाल सन् 1909 से सन् 1913 है।
- इसके लेखक हरिऔध है।
- प्रियप्रवास द्विवेदी युग में प्रकाशित हुआ था।
-
प्रिय प्रवास राधा कृष्ण का काव्य है।
-
प्रियप्रवास की राधा में विरह की विकलता नहीं है, व्यथा की गंभीरता है।
-
श्री कृष्णचंद्र को इस ग्रंथ में एक महापुरुष की भाँति अंकित किया गया है, ब्रह्म करके नहीं।
Additional Information
कामायनी
- लेखक :- जयशंकर प्रसाद
- रचना वर्ष :- 1936
- कामायनी की कथा मूलत: एक कल्पना‚ एक फैण्टसी है।
- जिसमें प्रसाद जी ने अपने समय के सामाजिक परिवेश‚ जीवन मूल्यों‚ सामयिकता का विश्लेषित सम्मिश्रण कर इसे एक अमर ग्रन्थ बना दिया।
- इसके पात्र - मनु‚ श्रद्धा और इड़ा - मानव‚ प्रेम व बुद्धि के प्रतीक हैं।
साकेत
- लेखक :- मैथिलीशरण गुप्त
- विधा :- महाकाव्य
- प्रकाशन वर्ष :- सन् 1931
- इस कृति में राम के भाई लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला के विरह का जो चित्रण गुप्त जी ने किया है वह अत्यधिक मार्मिक और गहरी मानवीय संवेदनाओं और भावनाओं से ओत-प्रोत है।
'जयद्रथवध' रचना है:
Answer (Detailed Solution Below)
द्विवेदी युग Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDF- ‘मैथलीशरण गुप्त’ यहाँ सही विकल्प है। अन्य विकल्प असंगत है।
- "जयद्रथ वध" महाभारत के एक पात्र पर आधारित एक अद्भुत रचना है, जिसके लेखक विकल्प 4. राष्ट्रीय कवि 'मैथिलीशरण गुप्त' है।
- यह महाभारत पर आधारित खंडकाव्य है।
- हरिगीतिका छंद में रचा गया है।
- मैथिलीशरण गुप्त खड़ी बोली के मह्त्वपूर्ण कवियों में से है।
Additional Information
'प्रिय प्रवास' महाकाव्य के रचयिता हैं:
Answer (Detailed Solution Below)
द्विवेदी युग Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDF“प्रिय प्रवास” -- हरिऔध की रचना है।
Important Points
- प्रिय प्रवास की रचना अयोध्यासिंह हरिऔध ने की।
- इसका रचनाकाल सन् 1909 से 1913 है।
- इनकी अन्य रचनायें-प्रिय प्रवास,पारिजात,फूल पत्ते,चोखे चौपदे,चुभते चौपदे आदि।
- प्रिय प्रवास महाकाव्य खड़ी बोली का प्रथम महाकाव्य है।
Additional Information
- प्रिय प्रवास की विशेषताएं-
- कृष्ण के चरित्र की तरह "प्रियप्रवास" की राधा के चरित्र में भी नवीनता है।
- वात्सल्य,सख्य और माधुर्य का प्राधान्य है और भाव में लालित्य है,तथापि यथास्थान ओज का भी समावेश है।
किसे कवि सम्राट के नाम से जाना जाता है?
Answer (Detailed Solution Below)
द्विवेदी युग Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDFअयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' को कवि सम्राट के नाम से जाना जाता है।
Key Points
- हरिऔध(1865-1947ई.)-'आधुनिक काल का सूरदास' -गणपतिचन्द्र गुप्त ने माना।
- रामचन्द्र शुक्ल-'यद्यपि उपाध्याय जी इस समय खड़ी बोली के और आधुनिक विषयो के ही कवि प्रसिद्ध हैं, पर प्रारंभकाल में ये भी पुराने ढंग के श्रृंगारी कविता बहुत सुंदर और सरस करते थे।'
Important Points
कवि | कृतियाँ |
भारतेंदु हरिश्चंद्र | जीर्ण जनपद,आनंद अरूणोदय,हार्दिक हर्षादर्श,मयंक महिमा आदि। |
हरिऔध | कृष्ण शतक(1882),रसिक रहस्य(1899),प्रेम प्रपंच(1900),रस कलश(1931)आदि। |
शमशेर बहादुर सिंह | चुका भी हूँ मैं नहीं(1975), इतने पास अपने (1980),काल तुझसे होड़ हैं मेरी(1988)आदि। |
प्रेमचन्द | प्रेमा(1907),सेवा सदन(1918),रंग भूमि(1925), गोदान(1936)आदि। |