निबन्ध MCQ Quiz - Objective Question with Answer for निबन्ध - Download Free PDF
Last updated on Jul 2, 2025
Latest निबन्ध MCQ Objective Questions
निबन्ध Question 1:
निम्नलिखित निबन्ध को निबन्धकार के साथ मिलाएँ:
A. | पगडंडियों का जमाना | 1. | आचार्य रामचन्द्र शुक्ल |
B. | रसात्मक बोध के विविध रूप | 2. | गुलाब राय |
C. | मेरे राम का मुकुट भीग रहा है | 3. | विद्यानिवास मिश्र |
D. | विवाह योग | 4. | हरिशंकर परसाई |
Answer (Detailed Solution Below)
निबन्ध Question 1 Detailed Solution
सही उत्तर है - 'A - 4, B - 1, C - 3, D - 2' l इस क्रम में मिलान करने पर हमें सही उत्तर मिलेंगे lKey Points
- सही निबंध तथा निबंधकार इस प्रकार हैं :-
- पगडंडियों का जमाना - हरिशंकर परसाई l
- रसात्मक बोध के विविध रूप - आचार्य रामचंद्र शुक्ल l
- मेरे राम का मुकुट भीग रहा है - विद्यानिवास मिश्र l
- विवाह योग - गुलाब राय l
Additional Information
- 'पगडंडियों का ज़माना' शीर्षक निबन्ध, जिसके आधार पर पूरी पुस्तक का नामकरण किया गया है, आज के इस ज्वलन्त सत्य को उद्घाटित करता है कि सभी लोग किसी-न-किसी तरह 'शॉर्टकट' के चक्कर में हैं।
- 'रसात्मक बोध के विविध रूप' की मूल भावना है - सौन्दर्य, माधुर्य्य, विचित्रता, भीषणता, क्रूरता इत्यादि की भावनाएँ बाहरी रूपों और व्यापारों से ही निष्पन्न हुई हैं।
- 'मेरे राम का मुकुट भीग रहा है' - लेखक रात के अंधेरे में अपने घर के लोगों की प्रतीक्षा करते-करते राम के बारे में सोचने लगता है।
- विवाह योग - साहित्यिक निबंध का एक अनूठा उदाहरण l
निबन्ध Question 2:
रामचंद्र शुक्ल का प्रथम प्रकाशित निबंध है
Answer (Detailed Solution Below)
निबन्ध Question 2 Detailed Solution
सही उत्तर है - साहित्य।
Key Points'साहित्य'
- प्रकाशन वर्ष:-1904 ई.
- लेखक:- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
- पत्रिका:- सरस्वती।
- यह रामचंद्र शुक्ल का पहला निबंध था।
Additional Informationरामचन्द्र शुक्ल-
- जन्म-1884-1941 ई.
- मुख्य निबंध-
- चिंतामणि(भाग-1)-भाव या मनोविकार,उत्साह,लज्जा और ग्लानि,श्रद्धा और भक्ति,लोभ और प्रीति,घृणा,कविता क्या है? आदि।
- चिंतामणि(भाग-2)-काव्य में रहस्यवाद,काव्य में अभिव्यंजनावाद आदि।
- चिंतामणि चार भागों में संकलित है।
- चिंतामणि(भाग-1) सबसे पहले 'विचार वीथी' नाम से 1939 ई. में प्रकाशित हुआ था।
निबन्ध Question 3:
“मेरा मन कहता है कि कालिदास भी तुकाराम थे, तुक मिलाने के मौजी वाग्विलासी।” प्रस्तुत वाक्य किस निबंध से उद्भुत है ?
Answer (Detailed Solution Below)
निबन्ध Question 3 Detailed Solution
“मेरा मन कहता है कि कालिदास भी तुकाराम थे, तुक मिलाने के मौजी वाग्विलासी।” प्रस्तुत वाक्य देवदारू निबंध से उद्भुत है।
Key Pointsदेवदारू-
- रचनाकार- हजारीप्रसाद द्विवेदी
- विधा- निबन्ध
- विषय-
- देवदारु एक ऐसा पर्वतीय है जिसके बारे में शायद ही किसी ने विचार व्यक्त किए हों।
- लेखक स्पष्ट करता है कि देवदारु का नाम और अस्तित्व महाभारतकाल से भी पहले का है । यही कारण है कि उन्होंने मुक्त ह्रदय से इस वृक्ष की प्रशंसा की है।
- देवदारु एक सिद्धान्तवादी वृक्ष है।
Important Pointsहजारीप्रसाद द्विवेदी-
- जन्म-1907-1979ई.
- हिन्दी निबन्धकार, आलोचक और उपन्यासकार थे।
- प्रमुख रचनाएँ:-
- अशोक के फूल (1948ई.)
- कल्पलता (1951ई.)
- मध्यकालीन धर्मसाधना (1952ई.)
- विचार और वितर्क (1957ई.)
- विचार-प्रवाह (1959ई.)
- कुटज (1964ई.)
- आलोक पर्व (1972ई.) आदि।
मेरे राम का मुकुट भीग रहा है -
- रचनाकार - विद्यानिवास मिश्र
- विधा - निबंध
- प्रकाशन वर्ष - 1974 ई.
- विषय -
- यह एक ललित निबंध ग्रंथ है।
- इस निबंध के माध्यम से लेखक की संवेदना द्वारा लोकतंत्र वेदना का सजीव चित्रण हुआ है ।
- अन्य निबंध -
- ‘छितवन की छाँह' (1976), ‘तुम चन्दन हम पानी', ‘आंगन का पंछी और बनजार मन', ‘कदम की फूली डाल'।
मेरी असफलताएँ-
- रचनाकार- बाबू गुलाबराय
- प्रकाशन वर्ष- 1946 ई.
करुणा-
- रचनाकार- रामचन्द्र शुक्ल
- प्रकाशन वर्ष- 1939 ई.
- चिंतामणि भाग-1 में संकलित
- विषय-
- करुणा का अर्थ व्यक्तियों या प्राणियों के प्रति उत्पन्न होने वाले उस भावना से है जो उनकी उस कमजोर स्थिति को समझने तथा उसके प्रति समानुभूति की चिंता रखने से उत्पन्न होती हैं।
- यह भावना व्यक्ति को प्रोत्साहित करती है कि वह पीड़ित के दुःख दूर करने में सहायता करे।
निबन्ध Question 4:
‘कामायनी’ की समीक्षा से संबंधित 'दोष रहित, दूषण सहित ' शीर्षक निबंध किसका है ?
Answer (Detailed Solution Below)
निबन्ध Question 4 Detailed Solution
‘कामायनी’ की समीक्षा से संबंधित 'दोष रहित, दूषण सहित ' शीर्षक निबंध है- रामधारी सिंह दिनकर
Key Points
- यह निबंध 'कामायनी' के मूल्यांकन पर लिखा गया है, जिसमें दिनकर जी ने जयशंकर प्रसाद के इस महाकाव्य के गुणों और दोषों दोनों पर प्रकाश डाला है
- उन्होंने 'कामायनी' में कर्म का संदेश और वैराग्य मत का खंडन जैसे पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किए हैं
Important Pointsरामधारी सिंह-
- जन्म- 1908-1974 ई.
- हिन्दी के प्रसिद्ध लेखक, कवि एवं निबंधकार थे।
- 'राष्ट्रकवि दिनकर' आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं।
- काव्य संग्रह-
- रेणुका (1935 ई.)
- इतिहास के आँसू (1951 ई.)
- नीम के पत्ते (1954 ई.)
- सूरज का ब्याह (1955 ई.)
- परशुराम की प्रतीक्षा (1963 ई.)
- आत्मा की आँखें (1964 ई.)
Additional Informationनंद दुलारे वाजपेयी-
- जन्म-1906-1967 ई.
- आलोचनात्मक ग्रंथ-
- जयशंकर प्रसाद(1940 ई.)
- हिन्दी साहित्य:बीसवीं शताब्दी(1942 ई.)
- आधुनिक साहित्य(1950 ई.)]
- नया साहित्य:नये प्रश्न(1955 ई.)
- रस सिद्धांत(1977 ई.) आदि।
डॉ. नगेंद्र-
- जन्म-1915-1999 ई.
- आलोचनात्मक ग्रंथ-
- सुमित्रानंदन पंत(1938 ई.)
- साकेत:एक अध्ययन(1939 ई.)
- विचार और विवेचन(1944 ई.)
- रीतिकाव्य की भूमिका(1949 ई.)
- अनुसंधान और आलोचना(1961 ई.)
- रस सिद्धांत(1964 ई.) आदि।
गजानन माधव मुक्तिबोध-
- जन्म- 1917 - 1964 ईo
- आलोचना ग्रंथ-
- कामायनी एक पुनर्विचार (1961)
- एक साहित्यिक की डायरी (1964 )
- नई कविता का आत्म संघर्ष तथा अन्य निबंध (1964)
- नए साहित्य का सौंदर्यशास्त्र 1972)
- समीक्षा की समस्याएं (1982)
निबन्ध Question 5:
‘एक लम्बी कविता का अन्त' निबंध में उद्धृत निम्नलिखित कथन किसका है ?
“भारत की एकमात्र आशा उसकी जनता है। उच्चतर वर्ग दैहिक और नैतिक रूप से मृतवत् हो गये हैं।”
Answer (Detailed Solution Below)
निबन्ध Question 5 Detailed Solution
सही उत्तर है- स्वामी विवेकानंद
Key Pointsएक लंबी कविता का अंत-
- रचनाकार- मुक्तिबोध
- यह एक साहित्यिक की डायरी में संकलित है।
- प्रकाशन वर्ष- सितंबर 1957 ई.
- नवलेखन पत्रिका में प्रकाशित
- पात्र-
- लेखक, लेखक की पत्नी, शरद जोशी, अक्षय कुमार
Important Pointsएक साहित्यिक की डायरी-
- रचनाकार- गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’
- प्रकाशन वर्ष- 1964 ई.
- विधा- कथात्मक निबंध संग्रह, यह फैंटेसी, मनोविशलेषण, तर्क आदि विविध शैली में रचित है।
- ‘एक साहित्यिक की डायरी’ में संकलित कुल 13 निबंध है।
- तीसरा क्षण-
- नवंबर 1958 ई. में वसुधा में प्रकाशित।
- पात्र- लेखक, केशव।
- एक लंबी कविता का अंत-
- सितंबर, 1957 ई. में नव लेखन पत्रिका में प्रकाशित।
- पात्र- लेखक, लेखक की पत्नी, शरद जोशी, अक्षय कुमार।
- डबरे पर सूरज का बिंब-
- सितंबर, 1957 ई. में वसुधा पत्रिका में प्रकाशित।
- पात्र- लेखक वह।
- हाशिये पर कुछ नोट्स-
- अगस्त 1957 ई. में वसुधा में प्रकाशित।
- पात्र- लेखक और लेखक का मित्र।
- सड़क को लेकर एक बातचीत -
- अप्रैल, 1957 ई. वसुधा में प्रकाशित।
- पात्र- लेखक और लेखक का मित्र।
- एक मित्र की पत्नी का प्रश्नचिह्न-
- जनवरी, 1958 ई. वसुधा में प्रकाशित।
- पात्र- लेखक, मित्र और मित्र की पत्नी।
- नये की जन्म कुंडली (एक) -
- जून, 1957 ई. वसुधा में प्रकाशित
- पात्र- लेखक, एक बुद्धिमान व्यक्ति और लेखक का मित्र।
- नये की जन्म कुंडली (दो) -
- जून 1957 ई. वसुधा में प्रकाशित।
- पात्र- लेखक और लेखक का मित्र।
- वीरकर-
- नवंबर, 1957 ई. में वसुधा में प्रकाशित।
- पात्र- वीरकर और लेखक।
- विशिष्ट और अद्वितीय-
- अक्टूबर, 1958 ई. वसुधा में प्रकाशित।
- पात्र- मुक्तिबोध, डिप्टी डायरेक्टर, लड़का, मुक्तिबोध की पत्नी।
- कुटुयान और काव्य सत्य-
- अक्टूबर, 1957 ई. वसुधा में प्रकाशित।
- पात्र- मुक्तिबोध, मुक्तिबोध का मित्र इंदिरा, कृष्णमुरारि शुक्ल, डॉ पटवर्धन।
- कलाकार की व्यक्तिगत इमानदारी (एक)-
- अक्टूबर, 1957 ई. वसुधा में प्रकाशित।
- पात्र- मुक्तिबोध, यशराज।
- कलाकार की व्यक्तिगत इमानदारी (दो)-
- अक्टूबर, 1960 ई. वसुधा में प्रकाशित
- पात्र- मुक्तिबोध, यशराज।
- एक साहित्यिक की डायरी’ के महत्वपूर्ण कथन-
- “मनुष्य का व्यक्तित्व एक गहरा रहस्य है” - मुक्तिबोध
- “मन एक रहस्यमय लोक है”- मुक्तिबोध
- “सौन्दर्य प्रतीति का संबंध सृजन प्रक्रिया से है”- केशव
- “अनास्था आस्था की पुत्री है” एक लंबी कविता का अंत”- मुक्तिबोध
- “आलोचक साहित्य का दारोगा है” डबरे पर सूरज का बिंब"- मुक्तिबोध
- “कुंठा शब्द फ्रायडवाद व मार्क्सवाद की संकर संतान है” - मुक्तिबोध
Additional Informationगजानन माधव मुक्तिबोध-
- जन्म- 1917 - 1964 ईo
- आलोचना ग्रंथ-
- कामायनी एक पुनर्विचार (1961)
- एक साहित्यिक की डायरी (1964 )
- नई कविता का आत्म संघर्ष तथा अन्य निबंध (1964)
- नए साहित्य का सौंदर्यशास्त्र 1972)
- समीक्षा की समस्याएं (1982)
- कविता संग्रह-
- चाँद का मुँह टेढ़ा है (1964)
- भूरी-भूरी खाक धूल (1980)
- प्रमुख लंबी कविता-
- अंधेरे में
- भूल गलती
- ब्रह्मराक्षस
Top निबन्ध MCQ Objective Questions
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल का निबंध संग्रह है
Answer (Detailed Solution Below)
निबन्ध Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFचिन्तामणि, "रामचंद्र शुक्ल" का निबंध संग्रह है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (2) चिंतामणी सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।Key Points
- उत्साह रामचंद्र शुक्ल का निबंध है।
- यह निबंध आचार्य रामचंद्र शुक्ल के निबंध- संग्रह 'चिंतामणि-भाग-1' में है।
- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल (4 अक्टूबर, 1884ईस्वी- 2 फरवरी, 1941ईस्वी)
- हिन्दी आलोचक, निबन्धकार, साहित्येतिहासकार, कोशकार, अनुवादक, कथाकार और कवि थे।
- आलोचनात्मक ग्रंथ :
- सूर
- तुलसी
- जायसी पर की गई आलोचनाएं
- काव्य में रहस्यवाद
- काव्य में अभिव्यंजनावाद
- रसमीमांसा
- माटी का फूल : रामवृक्ष बेनीपुरी
- क्षण बोले कण मुस्काएं : कन्हैया लाल मिश्र
- आलोक पर्व : हजारी प्रसाद द्विवेदी
- मेरे राम का मुकुट भीग रहा है व तुम चंदन हम पानी , विद्यानिवास मिश्र का निबंध है।
- सदाचार का ताबीज, हरिशंकर परसाई का निबंध है।
प्रगतिशील साहित्य की समस्याएँ' निबंध संग्रह के लेखक कौन हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
निबन्ध Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDF'प्रगतिशील साहित्य की समस्याएँ' निबंध संग्रह के लेखक रामविलास शर्मा हैं।
Key Pointsरामविलास शर्मा की अन्य रचनाएँ:-
- चार दिन (उपन्यास) - 1936
- 'तार सप्तक' में संकलित कविताएँ - 1943
- महाराजा कठपुतली सिंह (प्रहसन) - 1946
- पाप के पुजारी (नाटक) - 1936
Important Points सियाराम शरण गुप्त की निबन्ध संग्रह:-
- झूठ-सच
रामदरश मिश्र की निबन्ध संग्रह:-
- कितने बजे है
- बबूल और कैक्टस
- घर-परिवेश
- छोटे छोटे सुख
जगदीश चतुर्वेदी की रचनाएँ:-
- सूर्यपुत्र
- पूर्वराग
- इतिहासहंता
- नए मसीहा का जन्म
- अंधेरे का आदमी
- अंतराल के दो छोर
Additional Information
पूरा नाम | रामविलास शर्मा |
जन्म | 10 अक्टूबर, 1912 |
जन्म भूमि | उन्नाव ज़िला, उत्तर प्रदेश |
मृत्यु | 30 मई, 2000 |
कर्म-क्षेत्र | आलोचक, निबंधकार, विचारक |
पुरस्कार-उपाधि | व्यास सम्मान (1991), शलाका सम्मान |
''यदि गद्य कवियों या लेखकों की कसौटी है तो निबंध गद्य की कसौंटी है।'' यह कथन किसका है?
Answer (Detailed Solution Below)
निबन्ध Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDF- उपरोक्त विचार रामचंद्र शुक्ल का है। अत: सही उत्तर विकल्प 1 आचार्य रामचंद्र शुक्ल है।
- रामचंद्र शुक्ल के अनुसार - "गद्य रचना कवियों की कसौटी है, तो निबंध गद्य की कसौटी है।"
- किसी लेखक का भाषा पर कितना अधिकार है, यह निबंध के द्वारा ही जाना जा सकता है ।
- निबंध रचयिता के व्यक्तित्व का परिचायक है ।
- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल (11 अक्टूबर, 1884ईस्वी- 2 फरवरी, 1941ईस्वी) हिन्दी आलोचक, निबन्धकार, साहित्येतिहासकार, कोशकार, अनुवादक, कथाकार और कवि थे।
- उनके द्वारा लिखी गई सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पुस्तक है हिन्दी साहित्य का इतिहास, जिसके द्वारा आज भी काल निर्धारण एवं पाठ्यक्रम निर्माण में सहायता ली जाती है। हिन्दी में पाठ आधारित वैज्ञानिक आलोचना का सूत्रपात उन्हीं के द्वारा हुआ।
- हिन्दी निबन्ध के क्षेत्र में भी शुक्ल जी का महत्त्वपूर्ण योगदान है। भाव, मनोविकार सम्बंधित मनोविश्लेषणात्मक निबन्ध उनके प्रमुख हस्ताक्षर हैं।
- शुक्ल जी ने इतिहास लेखन में रचनाकार के जीवन और पाठ को समान महत्त्व दिया। उन्होंने प्रासंगिकता के दृष्टिकोण से साहित्यिक प्रत्ययों एवं रस आदि की पुनर्व्याख्या की।
Key Points
अन्य विकल्प-
रचनाकार |
परिचय |
शिवदान सिंह चौहान |
शिवदान सिंह चौहान (1918-2000) हिन्दी साहित्य के प्रथम मार्क्सवादी आलोचक के रूप में ख्यात हैं। लेखक होने के साथ-साथ वे सक्रिय राजनीतिक कार्यकर्ता भी थे। |
हजारीप्रसाद द्विवेदी |
हजारीप्रसाद द्विवेदी (19 अगस्त 1907 - 19 मई 1979) हिन्दी निबन्धकार, आलोचक और उपन्यासकार थे। वे हिंदी, अंग्रेज़ी, संस्कृत और बाङ्ला भाषाओं के विद्वान थे। भक्तिकालीन साहित्य का उन्हें अच्छा ज्ञान था। उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। आलोक पर्व निबन्ध संग्रह के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। लखनऊ विश्वविद्यालय ने उन्हें डी.लिट्. की उपाधि देकर उनका विशेष सम्मान किया था। |
महावीर प्रसाद द्विवेदी |
आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी (1864–1938) हिन्दी के महान साहित्यकार, पत्रकार एवं युगप्रवर्तक थे। उन्होने हिंदी साहित्य की अविस्मरणीय सेवा की और अपने युग की साहित्यिक और सांस्कृतिक चेतना को दिशा और दृष्टि प्रदान की। उनके इस अतुलनीय योगदान के कारण आधुनिक हिंदी साहित्य का दूसरा युग 'द्विवेदी युग' (1900–1920) के नाम से जाना जाता है। उन्होने सत्रह वर्ष तक हिन्दी की प्रसिद्ध पत्रिका सरस्वती का सम्पादन किया। हिन्दी नवजागरण में उनकी महान भूमिका रही। भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन को गति व दिशा देने में भी उनका उल्लेखनीय योगदान रहा। |
Additional Information
आचार्य रामचंद्र शुक्ल का परिचय-
अपने मनोवैज्ञानिक मनोविकार संबंधी निबंध 'करुणा' में रामचन्द्र शुक्ल ने निर्धारित किया है कि:
A. करुणा दुःखात्मक वर्ग में आने वाला मनोविकार है।
B. करुणा पात्र अथवा विषय के दुःख मात्र से उत्पन्न होता है।
C. करुणा का प्रसार सामाजिक जीवन की स्थिति और पुष्टि के लिए आवश्यक नहीं है।
D. करुणा का आलम्बन (विषय) करुणा करनेवाले (आश्रय) के प्रति कृतज्ञ होता है।
उपर्यक्त में से कौन-सा शुक्ल जी का मन्तव्य नहीं है ?
Answer (Detailed Solution Below)
निबन्ध Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDF- आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने अपने मनोवैज्ञानिक और मनोविकार सम्बन्धी निबंधों में करुणा को भी स्थान दिया हैI
- उसमें स्पष्ट है कि करुणा का प्रसार सामाजिक जीवन की स्थिति और पुष्टि के लिए आवश्यक नहीं हैI
- शुक्ल जी के अनुभव के अनुसार सुख दुःख की मूल अनुभूतियाँ ही प्रेम, हास, उत्साह, आश्चर्य, करुणा आदि मनोविकारों को उत्पन्न करती हैंI
- करुणा इन्हीं में से एक है और दुःख की अनुभूति का एक प्रकार हैI
- इस निबंध में उन्होंने करुणा और क्रोध को एक दूसरे के विपरीत बताया हैI
- आचार्य शुक्ल ने अपने मनोवैज्ञानिक निबंधों में मुख्यतः तुलनात्मक शैली का प्रयोग किया हैI
- करुणा निबंध चिंतामणि भाग 1 में संकलित हैI
- इस संकलन के अन्य निबंध - भाव या मनोविकार, उत्साह, श्रद्धा और भक्ति, लज्जा और ग्लानि, घृणा, ईर्ष्या, भय, क्रोध, कविता क्या है, काव्य में लोकमंगल की साधनावस्था आदिI
- चिंतामणि का पहला भाग 1939 में तथा दूसरा भाग 1945 में प्रकाशित हुआI
- आचार्य रामचंद्र शुक्ल अपनी मौलिक निबंध लेखन शैली के लिए प्रसिद्ध हैंI
- उनके निबंधों की भाषा परिष्कृत साहित्यिक हिन्दी भाषा हैI
- चिंतामणि पर आचार्य शुक्ल को हिन्दी साहित्य सम्मलेन, प्रयाग द्वारा 1200 रूपये का मंगला प्रसाद पारितोषिक प्राप्त हुआ थाI
- इन्होने सैद्धांतिक और व्यावहारिक आलोचना में महत्वपूर्ण योगदान दिया हैI
- रामविलास शर्मा के अनुसार - ''कथा साहित्य में जो कार्य प्रेमचन्द ने किया है, काव्य क्षेत्र में जो निराला ने किया है, वही कार्य आलोचना के क्षेत्र में रामचंद्र शुक्ल ने किया हैI''
विद्यानिवास मिश्र द्वारा रचित निबंध नहीं हैं।
(A) अस्मिता के लिए
(B) किस किस को नमन करूं
(C) अंगद की नियति
(D) कुछ चन्दन की कुछ कपूर की
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए :
Answer (Detailed Solution Below)
निबन्ध Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDFविकल्प 2 (B) और (D) सही है।Key Points
"अस्मिता के लिए" तथा "अंगद की नियति" ही विद्यानिवास मिश्र के निबंध है बाकी अन्य नहीं।
"किस किसको नमन करूं" शिव प्रसाद सिंह का निबंध संग्रह है।
"कुछ चंदन की कुछ कपूर की" विष्णु कांत शास्त्री का निबंध संग्रह है।
Important Pointsशविप्रसाद के निबंध संग्रह
शिखरों के सेतु, कस्तूरी मृग, चतुर्दिक।
विष्णुकांत शास्त्री की रचनाएं:-
'कवि निराला की वेदना तथा अन्य निबंध', 'तुलसी के हिय हेरि', 'अनंत पथ के यात्री : धर्मवीर भारती', 'अनुचिन्तन', 'कुछ चंदन की कुछ कपूर की', 'आधुनिक हिन्दी साहित्य के कुछ विशिष्ट पक्ष', 'भक्ति और शरणागति' आदि उनकी प्रमुख आलोचनात्मक कृतियां हैं।
Additional Informationविद्यानिवास मिश्र
विद्यानिवास मिश्र का प्रथम निबन्ध संग्रह है छितवन की छांह है।
विद्यानिवास मिश्र भ्रमरानंद उपनाम से श्रीनारायण चतुर्वेदी को पत्र लिखते थे।
निबंध संग्रह:-
छितवन की छांह (1953), हल्दी दूध (1955), कदम के फूली डाल (1956), तुम चंदन हम पानी (1957), आंगन का पंछी और बंजारा मन (1963), मैंने स्टील पहुंचाई (1966), वसंत आ गया पर कोई उत्कंठा नहीं (1972), मेरे राम का मुकुट भीग रहा है (1974), परंपरा बंधन नहीं (1976), कटीले तारों के आर पार (1976), कौन तू फुलवा बीन निहारी (1980), निज मुख मुकुल (1981), भ्रमरानंद के पत्र (1981), कमाल के झरोखे से (1981), अस्मिता के लिए (1981)
इनमें से कौनसी रचना रामवृक्ष बेनीपुरी द्वारा रचित नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
निबन्ध Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर 'दीनों पर प्रेम' है।
Key Points
- दीनों पर प्रेम निबंध विधा है।
- जिसके लेखक वियोगी हरि है।
- इस निबंध में समाजिक समस्याओ पर व्यंग किया गया है।
- वियोगी हरि की अन्य प्रमुख रचनाएँः-
- साहित्य विहार , वीर सतसई , विश्वधर्म आदि।
Additional Information
रचनाकार | रचना |
रामवृक्ष बेनीपुरी |
निबंधः- नींव की ईट , गेहूँ और गुलाब ,जंजीर और दीवारे , चिंता के फूल , कैदी की पत्नी आदि। नाटकः- अम्बपाली , शकुन्तला , नेत्रदान , गाँव के देवता। |
हजारी प्रसाद द्विवेदी जी का प्रथम निबंध संग्रह कौन-सा है?
Answer (Detailed Solution Below)
निबन्ध Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDFउपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प 3 अशोक के फूल सही हैं|
Key Points
- अशोक के फूल निबंध संग्रह सन् 1948 ई. में लिखा गया|
- द्विवेदी जी ललित निबंधकार हैं|
- इसमें अशोक के फूल की गरिमा व उसके पतन के इतिहास के साथ मानव जाति के विकास व पतन की कथा हैं|
- इसके माध्यम से प्रकृति की परिवर्तनशीलता पर विचार किया गया हैं|
Additional Information
- अन्य निबंध संग्रह :
- कल्पलता(1951)
- विचार और वितर्क(1957)
- कुटज(1964)
- साहित्य सहचर(1965)
- आलोक पर्व(1972) आदि
निम्नलिखित में से कौन सा सही सुमेलित नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
निबन्ध Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDFदिए गये विकल्पो में से विकल्प 2 सही सुमेलित नही है, क्योंकि अशोक का फूल निबंध विद्यानिवास मिश्र द्वारा रचित नही है।
- अशोक के फूल' हजारीप्रसाद द्विवेदी का लिखा हुआ एक निबंध संग्रह है।
- 'हिन्दी साहित्य:बीसवीं शताब्दी' - 1942 में इसका प्रकाशन हुआ।
- नंददुलारे वाजपेयी शुक्लोत्तर युग के प्रख्यात समालोचक थे।
- हिंदी साहित्य: बींसवीं शताब्दी,जयशंकर प्रसाद,प्रेमचन्द:साहित्यिक विवेचन,आधुनिक साहित्य,नया साहित्य:नये प्रश्न आदि नन्ददुलारे वाजपेयी की प्रमुख आलोचनात्मक पुस्तकें हैं।
- मिट्टी की ओर संस्मरण रामधारी सिंह दिनकर जी ने सन 1946 में प्रकाशित किया था।
Additional Information
महादेवी वर्मा हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तम्भों में से एक मानी जाती हैं।
- आधुनिक हिन्दी की सबसे सशक्त कवयित्रियों में से एक होने के कारण उन्हें आधुनिक मीरा के नाम से भी जाना जाता है।
- इनका गद्य साहित्य निम्नलिखित है-
- रेखाचित्र: अतीत के चलचित्र और स्मृति की रेखाएं
- संस्मरण: पथ के साथी और मेरा परिवार और संस्मरण
- चुने हुए भाषणों का संकलन: संभाषण
- निबंध: शृंखला की कड़ियाँ, विवेचनात्मक गद्य, साहित्यकार की आस्था तथा अन्य निबंध, संकल्पिता
- ललित निबंध: क्षणदा
- संस्मरण, रेखाचित्र और निबंधों का संग्रह: हिमालय
'कविता क्या है' निबंध चिंतामणि के किस भाग में संकलित है ?
Answer (Detailed Solution Below)
निबन्ध Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDF'कविता क्या है' निबंध चिंतामणि के भाग 1 में संकलित है|
Key Points
- कविता क्या है? निबन्ध आचार्य रामचंद्र शुक्ल के निबन्ध संग्रह चिंतामणि(भाग-1) में संकलित है।
- सरस्वती पत्रिका में 1909ई. में सर्वप्रथम प्रकाशित हुआ।
Important Points
- चिंतामणि(भाग-1) में संकलित अन्य निबन्ध-भाव या मनोविकार,उत्साह,श्रद्धा-भक्ति,करुणा,लज्जा और ग्लानि,लोभ और प्रीति,ईर्ष्या, क्रोध,तुलसी का भक्तिमार्ग, काव्य में लोकमंगल की साधनावस्था आदि।
Additional Information
- चिंतामणि(भाग-1) सर्वप्रथम 'विचार-वीथी' नाम से प्रकाशित हुआ था।
- अन्य भाग व संपादक-
- चिंतामणि(भाग-1)-रामचन्द्र शुक्ल(1939)
- चिंतामणि(भाग-2)-विश्वनाथ प्रसाद मिश्र(1945)
- चिंतामणि(भाग-3)-नामवर सिंह(1983)
- चिंतामणि(भाग-4)-कुसुम चतुर्वेदी और ओमप्रकाश सिंह(2004)
इनमें से कौनसा निबंध हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा रचित नहीं है?
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निबन्ध Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDFजड़ की बात निबंध हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा रचित नहीं है।
जड़ की बात-
- रचनाकार-जैनेद्र
- विधा-निबन्ध
- प्रकाशन वर्ष-1945 ई.
Key Pointsजैनेंद्र-
- जन्म-1905-1988 ई.
- मुख्य निबन्ध-
- प्रस्तुत प्रश्न (1936 ई.),पूर्वोदय (1951 ई.),समय और हम(1964 ई.),परिप्रेक्ष(1977 ई.),साहित्य और संस्कृति(1979 ई.) आदि।
Important Pointsहजारी प्रसाद द्विवेदी-
- जन्म-1907 -1979 ई.
- यह ललित निबन्धकार थे
- मुख्य निबन्ध-
- अशोक के फूल (1948 ई.), कल्पलता(1951 ई.), विचार और वितर्क (1957 ई.), कुटज (1964 ई.), आलोक पर्व (1972 ई.) आदि।
Additional Informationअशोक के फुल-
- विषय-
- अशोक के फूल के माध्यम से प्राचीन प्रतीकों का प्रयोग किया गया है।
- अलग-अलग संदर्भों में अशोक के फूल को दर्शाया गया है।
कुटज-
- विषय-
- कुटज ललित निबंध है।
- इसका केंद्र कुटज नाम का वृक्ष है जो पुष्पों से भरा हुआ होता है।
- हजारी प्रसाद द्विवेदी के इस निबंध को उनकी आत्माभिव्यक्ति के रूप में अधिक जाना जाता है।
- कुटज के माध्यम से द्विवेदीजी बहुत से महत्वपूर्ण बिंदुओं की व्यंजना करते चलते हैं।
शिरीष के फूल-
- विषय-
- यह निबंध 'कल्पलता' से उद्धृत है।
- इसमें लेखक ने आँधी,लू और गरमी की प्रचंडता में भी बच्चे की तरह अविचल होकर कोमल फूलों का सौंदर्य बिखेर रहे शिरीष के माध्यम से मनुष्य का जीवन और कलह के बीच धैर्यपूर्वक, लोगों के लिए चिंता,कर्तव्यशील बने रहने को महान मानव की मूल्य के रूप में स्थापित किया है।