संधि MCQ Quiz - Objective Question with Answer for संधि - Download Free PDF

Last updated on Jul 3, 2025

Latest संधि MCQ Objective Questions

संधि Question 1:

'ब्रह्मर्षि' का सही संधि-विच्छेद कौन-सा है?

  1. ब्रह्म+रुषि
  2. ब्रह्म+रुषी
  3. ब्रह्म+ऋषि
  4. ब्रह्मा+ऋषि
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : ब्रह्म+ऋषि

संधि Question 1 Detailed Solution

'ब्रह्मर्षि' का सही संधि विच्छेद है- ब्रह्म + ऋषि

Key Points

  • "ब्रह्मर्षि" का संधि विच्छेद "ब्रह्म + ऋषि" (अ + ऋ = अर्) है।
  • "ब्रह्मर्षि" शब्द में गुण संधि है।
  • "ब्रह्मर्षि" का अर्थ - वह ऋषि जिसे ब्रह्म या तत्व का ज्ञान हो गया हो , ब्रह्म ऋषि।

Additional Informationगुण संधि:-

  • जब संधि करते समय (अ, आ) के साथ (इ, ई) हो तो ‘ए‘ बनता है,
    • जब (अ, आ) के साथ (उ, ऊ) हो तो ‘ओ‘ बनता है,
    • जब (अ, आ) के साथ (ऋ) हो तो ‘अर्‘ बनता है तो यह गुण संधि कहलाती है।
  • उदाहरण-
    • नर + ईश = नरेश (अ + ई = ए)
    • ज्ञान + उपदेश = ज्ञानोपदेश (अ + उ = )
    • देव + ऋषि = देवर्षि (अ + ऋ = अर्)

संधि Question 2:

किस विकल्प में संधि विच्छेद अनुचित है?

  1. परम + अर्थ = परमार्थ
  2. देवी + इच्छा = देवीच्छा
  3. देव + आगम = देव्यागम
  4. विद्या + अभ्यास = विद्याभ्यास
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : देव + आगम = देव्यागम

संधि Question 2 Detailed Solution

‘देव्यागम’ का संधि विच्छेद है ‘देवी+आगम’ है।
 Key Points

  • अतः 'देव + आगम' = देव्यागम' अनुचित संधि विच्छेद है।
  • ‘देव्यागम’ का संधि विच्छेद है ‘देवी+आगम’ है, इसमें यहाँ यण संधि है।
  • नियम - ई+आ=या 
  • ‘यण संधि’ अर्थात ‘जब इ, ई, उ, ऊ या ऋ का मेल यदि असमान स्वर से हो तो इ, ई का 'य'; उ, ऊ का 'व' और ऋ का 'र' हो जाता है’,
  • जैसे - यदि + अपि (इ + अ) = यद्यपि, अनु + एषण = अन्वेषण। 

Additional Informationअन्य विकल्प :

  • परम + अर्थ = परमार्थ अर्थात अ +अ =आ होने से यहाँ दीर्घ संधि हैं।
  • देवीच्छा = देवी + इच्छा ( ई + इ= ई) -स्वर संधि।
  • विद्याभ्यास = ‘विद्या + अभ्यास’  (आ+अ=आ) इसमें दीर्घ संधि है।

संधि Question 3:

‘पवन’ का संधि विच्छेद है:

  1. पो + अन
  2. पाव + अन
  3. पव + अन
  4. पो + आन
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : पो + अन

संधि Question 3 Detailed Solution

सही विकल्प 1 पो + अन’ सही है।

Key Points

  • 'पवन' में अयादि संधि है। पो + अन = पवन (ओ + अ = अव), यहाँ 'ओ' और 'अ' के मेल से 'अवबना है। 
  • जब संधि करते समय ए ऐ ओ औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो (ए का अय), (ऐ का आय), (ओ का अव), (औ – आव) बन जाता है। यही अयादि संधि कहलाती है।

Additional Information

संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं।

संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग,

संधि

परिभाषा

उदाहरण

स्वर

स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

 विद्या + अर्थी = विद्यार्थी 

महा + ईश = महेश

व्यंजन

एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

अहम् + कार = अहंकार

उत् + लास = उल्लास

विसर्ग

विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

दुः + आत्मा =दुरात्मा

निः + कपट =निष्कपट

संधि Question 4:

'अत्युक्ति' शब्द में संधि है?

  1. दीर्घ
  2. गुण
  3. यण
  4. अयादि
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : यण

संधि Question 4 Detailed Solution

'अत्युक्ति' शब्द में यण संधि है। शेष विकल्प सही नहीं हैं। अतः विकल्प यण’ सही है।

Key Points

  • अति + उक्ति = अत्युक्ति (इ + उ = यु) 
  • यण संधि- 
  • (क) इ, ई के आगे कोई विजातीय (असमान) स्वर होने पर इ ई को ‘य्’ हो जाता है।
  • (ख) उ, ऊ के आगे किसी विजातीय स्वर के आने पर उ ऊ को ‘व्’ हो जाता है।
  • (ग) ‘ऋ’ के आगे किसी विजातीय स्वर के आने पर ऋ को ‘र्’ हो जाता है। इन्हें यण-संधि कहते हैं।

अन्य विकल्प

  • दीर्घ संधि - जब दो सवर्णी स्वर पास-पास आते हैं तो दोनों मिलकर दीर्घ हो जाते हैं।नियम : हस्व या दीर्घ ‘अ’, ‘ई’, ‘उ’, के पश्चात क्रमशः हस्व या दीर्घ ‘अ’, ‘ई’, ‘उ’ स्वर आए तो दोनों को मिलाकर दीर्घ, ‘आ’, ‘ई’, ‘ऊ’, हो जाते हैं।
  • गुण संधियदि ‘अ,’औ’, ‘आ’ के बाद ‘इ’, या ‘ई’ ‘उ’ या ‘ऊ’ और ‘ऋ’ स्वर आए तो दोनों के मिलने से क्रमशः ‘ए’, ‘औ’ और अर हो जाते हैं।
  • अयदि संधियदि ए, ऐ, ओ, औ स्वरों का मेल दूसरे स्वरों से हो तो ए का अय ऐ का आय, ओ, व  अव, तथा औ का आव के रूप में परिवर्तन हो जाता हैं।

 

Additional Information

संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं।

संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग।

संधि

परिभाषा

स्वर

स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

जैसे -  विद्या + अर्थी = विद्यार्थी; महा + ईश = महेश।

व्यंजन

एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

जैसे - अहम् + कार = अहंकार; उत् + लास = उल्लास।

विसर्ग

विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

जैसे - दुः + आत्मा =दुरात्मा; निः + कपट =निष्कपट।

संधि Question 5:

'बालोचित' शब्द का संधि विच्छेद क्या होगा?

  1. बोलो + चित
  2. बाल + उचित
  3. बाला + चित
  4. बा + लोचित
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : बाल + उचित

संधि Question 5 Detailed Solution

'बालोचित' का सही संधि विच्छेद होगा - बाल + उचित। शेष विकल्प सही नहीं हैं। अतः विकल्प 2 बाल+उचित’ सही है।

Key Points

  • बाल + उचित = बालोचित (अ + उ = ओ) 
  • इसमें गुण संधि है
  • गुण संधि में यदि ‘अ,’औ’, ‘आ’ के बाद ‘इ’, या ‘ई’ ‘उ’ या ‘ऊ’ और ‘ऋ’ स्वर आए तो दोनों के मिलने से क्रमशः ‘ए’, ‘औ’ और अर हो जाते हैं।

 

Additional Information

संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं।

संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग।

संधि

परिभाषा

स्वर

स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

जैसे -  विद्या + अर्थी = विद्यार्थी; महा + ईश = महेश।

व्यंजन

एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

जैसे - अहम् + कार = अहंकार; उत् + लास = उल्लास।

विसर्ग

विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

जैसे - दुः + आत्मा =दुरात्मा; निः + कपट =निष्कपट।

Top संधि MCQ Objective Questions

'स्वार्थ' में निम्नलिखित में से कौन-सी संधि है?

  1. दीर्घ
  2. यण
  3. वृद्धि
  4. गुण

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : दीर्घ

संधि Question 6 Detailed Solution

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सही उत्तर दीर्घ है

Key Points

  • यण, ‘वृद्धि, ‘गुण’ आदि विकल्प अशुद्ध हैं  क्योंकि स्वार्थ शब्द दीर्घ संधि है।
  • स्व + अर्थ - स्वार्थ 
  • नियम- अ + अ = आ

अन्य विकल्प-

  • यण संधि अति + अधिक : अत्यधिक (इ + अ = य)
  • वृद्धि संधि - महा + ओजस्वी : महौजस्वी (आ + ओ = औ)
  • गुण संधि -  जीर्ण + उद्धार : जीर्णोद्वार (अ + उ = ओ)

निम्‍नलिखित प्रश्‍न में, चार विकल्‍पों में से, उस विकल्‍प का चयन करें जो सही संधि-विच्‍छेद वाला विकल्‍प है।

सूक्ति

  1. सु + उक्ति
  2. स + ऊक्ति 
  3. सु + क्ति
  4. स + उक्ति

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : सु + उक्ति

संधि Question 7 Detailed Solution

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'सूक्ति' का सही संधि विच्छेद 'सु + उक्ति' होगा। शेष विकल्प त्रुटिपूर्ण हैं। अतः विकल्प 1 ‘सु + उक्ति​’ सही है।

Key Points

  • 'सूक्ति' में दीर्घ स्वर संधि है। सु + उक्ति = सूक्ति (उ + उ  = ऊ)  यहाँ 'उ' और 'उ' के मेल से 'ऊबना है। 
  • ‘दीर्घ स्वर संधि’ में  ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ के साथ ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ का मेल होने पर आ, ई, ऊ हो जाता है।

Additional Information

संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं।

संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग,

संधि

परिभाषा

उदाहरण

स्वर

स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

 विद्या + अर्थी = विद्यार्थी 

महा + ईश = महेश

व्यंजन

एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

अहम् + कार = अहंकार

उत् + लास = उल्लास

विसर्ग

विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

दुः + आत्मा =दुरात्मा

निः + कपट =निष्कपट

‘नयन’ में कौन सी संधि है?

  1. यण संधि
  2. गुण संधि
  3. वृद्धि संधि
  4. अयादि संधि

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : अयादि संधि

संधि Question 8 Detailed Solution

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नयन’ शब्द में अयादि संधि है तथा इसका संधि विच्छेद ने + अन = नयन है। अतः सही विकल्प अयादि संधि है।

स्पष्टीकरण

अयादि संधि

ए, ऐ तथा ओ, औ का मेल किसी अन्य स्वर के साथ होने से क्रमशः ए का अय्, ऐ का आय्, ओ का अव् तथा औ का आव् हो जाता है।

जैसे – ने + अन (ए + अ) = नयन, गै + अक (ऐ + अ) = गायक।

Key Points

  • संधि के तीन भेद होते हैं-
  1. ​स्वर संधि
  2. व्यंजन संधि
  3. विसर्ग संधि

Important Points

  • दो स्वरों के मेल से होने वाले परिवर्तन को स्वर संधि कहते हैं
  • हिम + आलय = हिमालय
  • स्वर संधि के पाँच भेद होते हैं-
  1. दीर्घ संधि
  2. गुण संधि
  3. वृद्धि संधि
  4. यण संधि

“गुरूपदेश' शब्द में कौन-सी संधि है?

  1. यण्
  2. दीर्घ 
  3. वृद्धि
  4. अयादि 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : दीर्घ 

संधि Question 9 Detailed Solution

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'गुरूपदेश' में दीर्घ स्वर संधि हुई है। अतः 'दीर्घ' सही विकल्प होगा,अन्य सभी विकल्प असंगत है।
गुरु + उपदेश = गुरूपदेश

Key Points

दीर्घ स्वर संधि - दो सवर्ण, ह्रस्व या दीर्घ, स्वरों के मेल होने पर दीर्घ स्वर बन जाता है, जैसे – शिव + आलय (अ + आ) = शिवालय, गिरि + इन्द्र (इ + इ) = गिरीन्द्र।

यण स्वर संधि -  इ, ई, उ, ऊ या ऋ का मेल यदि असमान स्वर से हो तो इ, ई का 'य'; उ, ऊ का 'व' और ऋ का 'र' हो जाता है, जैसे - यदि + अपि (इ + अ) = यद्यपि, अनु + एषण = अन्वेषण।

गुण स्वर संधि -  अ, आ के साथ इ, ई का मेल होने पर 'ए'; उ, ऊ का मेल होने पर 'ओ'; तथा ऋ का मेल होने पर 'अर्' हो जाता है, जैसे – देव + इन्द्र (अ + इ) = देवेन्द्र

वृद्धि स्वर संधि - अ, आ का मेल ए, ऐ के साथ होने पर 'ऐ' तथा ओ, औ के साथ होने पर 'औ' में परिवर्तित हो जाता है, जैसे – एक + एक (अ + ए) = एकैक, परम + ओजस्वी (अ + ओ) = परमौजस्वी।

अयादि स्वर संधि- यदि ए, ऐ, ओ, औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ए का अय, ऐ का आय, ओ का अव, औ का आव हो जाता है।  भो + अन = (ओ + अ) भवन 

'विपज्जाल' का सही संधि विच्छेद है :

  1. विपत् + जाल
  2. विपद् + जाल
  3. विप + जाल
  4. विपः + जाल

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : विपत् + जाल

संधि Question 10 Detailed Solution

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'विपज्जाल' का सही संधि विच्छेद है - 'विपत् + जाल'

  • विपत् + जाल = विपज्जाल
  • 'विपज्जाल' में व्यंजन संधि है।
    • व्यंजन संधि के नियम अनुसार यदि त्‌ और द्‌ के आगे ज्‌ या झ् आए, तो उसका 'ज्‌' हो जाता है।  

Key Pointsव्यंजन संधि:-

  • जब संधि करते समय व्यंजन के साथ स्वर या कोई व्यंजन के मिलने से जो रूप में परिवर्तन होता है, उसे ही व्यंजन संधि कहते हैं।

उदाहरण-

  • सत् + जन = सज्जन
  • दिक् + गज = दिग्गज
    जगत + ईश = जगदीश
  • सम् + शय = संशय
  • सत् + भावना = सद्भावना

'वाग्घरि' का सही संधि-विच्छेद है -

  1. वाग् + घरि
  2. वाग + हरि
  3. वाक् + हरि
  4. वाक् + घरि

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : वाक् + हरि

संधि Question 11 Detailed Solution

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सही उत्तर 'वाक् + हरिहै।

  • 'वाग्घरि' का सही संधि-विच्छेद 'वाक् + हरि' है।
  • 'वाग्घरिशब्द में 'क् + ह = ग्ह' का मेल हो रहा है इसलिए यहां व्यंजन संधि है।

Key Points

संधि-दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं -

स्वर संधि

स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे – विद्या + अर्थी = विद्यार्थी, महा + ईश = महेश।

व्यंजन संधि

एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे - अहम् + कार = अहंकार, उत् + लास = उल्लास।

विसर्ग संधि

विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे – दुः + आत्मा =दुरात्मा, निः + कपट =निष्कपट।

Important Points'क्' का 'ग्' होना- 

  • वाक् + जाल = वाग्‍जाल 
  • ऋक् + वेद + ऋग्‍वेद 
  • वाक् + दान = वाग्‍दान 
  • दिक् + विजय = दिग्विजय
  • वाक् + धारा = वाग्‍धारा  

उत्तीर्ण

शब्द में सन्धि है

  1. गुण
  2. व्यंजन
  3. दीर्घ
  4. वृद्धि

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : व्यंजन

संधि Question 12 Detailed Solution

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उत्तीर्ण शब्द में व्यंजन संधि है।

  • उत्तीर्ण = उद् + तीर्ण
  • व्यंजन संधि

Key Points

  • व्यंजन का व्यंजन से अथवा किसी स्वर से मेल होने पर जो परिवर्तन होता है उसे व्यंजन संधि कहते हैं। जैसे-शरत् + चंद्र = शरच्चंद्र। 

Additional Information

संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर 2. व्यंजन और 3. विसर्ग।

स्वर संधि

दो स्वरों के मेल से उत्पन्न होने वाले विकार को स्वर संधि कहते हैं। इसके इसके पाँच भेद हैं- दीर्घ, गुण, वृद्धि, यण, अयादि।

स्वार्थ = स्व + अर्थ

व्यंजन संधि

व्यंजन के बाद यदि किसी स्वर या व्यंजन के आने से उस व्यंजन में जो विकार / परिवर्तन उत्पन्न होता है वह व्यंजन संधि कहलाता है।

दिग्गज = दिक् + गज

 

विसर्ग संधि

विसर्ग के साथ स्वर अथवा व्यंजन के मिलने से जो विकार उत्पन्न होता है, उसे विसर्ग संधि कहते हैं।

शिरोमणि = शिर: + मणि

निरीह का संधि विच्छेद इनमें से क्या है?

  1. निर + ईह
  2. नि: + रीह
  3. नि: + ईह
  4. निरि + ईह

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : नि: + ईह

संधि Question 13 Detailed Solution

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नि: + ईह निरीह का सही संधि विच्छेद है। 

Mistake Points

नि: + ईह = निरीह

  • यदि विसर्ग से पहले अ, आ को छोड़कर कोई अन्य स्वर आए और बाद में कोई भी स्वर आए तो भी विसर्ग 'र्' में बदल जाता है। 
    • ई / इ : + अ / आ / इ / ई / उ / ऊ = र् 
    • उदाहरण -
      • निः + अर्थक = निरर्थक
      • निः + उपाय = निरुपाय
  • संस्कृत में विसर्ग शब्दों का प्रयोग होता है वहीं हिन्दी में विसर्गों का प्रयोग नहीं के बराबर होता है। 

Key Points

विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के संयोग से जो विकार होता है, उसे विसर्ग सन्धि कहते हैं। 

स्वर या व्यंजन के संयोग से होने वाले विकार निम्नलिखित हैं -

  • विसर्ग के आगे श, ष, स आए तो वह क्रमशः श्, ए, स्, में बदल जाता है। 
    • उदाहरण - निः + सन्देह = निस्सन्देह
  • विसर्ग से पहले इ या उ हो और बाद में आए तो विसर्ग का लोप हो जाएगा और इ तथा उ दीर्घ ई, ऊ में बदल जाएँगे। 
    • निः + रस = नीरस
  • विसर्ग के बाद ‘च-छ’, ‘ट-ठ’ तथा ‘त-थ’ आए तो विसर्ग क्रमशः ‘श्’, ‘ष्’, ‘स्’ में बदल जाते हैं
    • धनु: + टंकार = धनुष्टंकार
    • निः + छल = निश्छल
  • विसर्ग के बाद क, ख, प, फ रहने पर विसर्ग में कोई विकार नहीं होता। 
    • प्रात: + काल = प्रात:काल
  • विसर्ग से पहले ‘अ’ या ‘आ’ को छोड़कर कोई स्वर हो और बाद में वर्ग के तृतीय,चतुर्थ और पंचम वर्ण अथवा य, र, ल, व में से कोई वर्ण हो तो विसर्ग ‘र’ में बदल जाता है। 
    • नि: + आधार = निराधार
    • दुः + बोध = दुर्बोध
  • विसर्ग से पहले अ, आ को छोड़कर कोई अन्य स्वर आए और बाद में कोई भी स्वर आए तो भी विसर्ग र् में बदल जाता है। 
    • नि: + आशा = निराशा
  • विसर्ग से पहले अ आए और बाद में य, र, ल, व या ह आए तो विसर्ग का लोप हो जाता है तथा विसर्ग ‘ओ’ में बदल जाता है। 
    • मन: + रथ = मनोरथ
  • विसर्ग से पहले इ या उ आए और बाद में क, ख, प, फ में से कोई वर्ण आए तो विसर्ग ‘ष्’ में बदल जाता है। 
    • निः + पाप = निष्पाप

संधि की दृष्टि से कौन-सा युग्म अनुचित है?

  1. तल्लीन - व्यंजन संधि
  2. मात्रिच्छा - यण् स्वर संधि
  3. मनश्चिकित्सा - विसर्ग संधि
  4. स्वागत - दीर्घ स्वर संधि

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : स्वागत - दीर्घ स्वर संधि

संधि Question 14 Detailed Solution

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संधि की दृष्टि से स्वागत - दीर्घ स्वर संधि ये युग्म अनुचित है। 

  • जब इ, ई, उ, ऊ, ऋ के आगे कोई भिन्न स्वर आता है तो ये क्रमश: य, व, र में परिवर्तित हो जाते हैं, इस परिवर्तन को यण सन्धि कहते हैं। 

यण संधि के नियम -

  • इ/ई + अ/आ/उ/ऊ = य
  • उ/ऊ + इ/ई/अ/आ = व्
  • ऋ + अ/आ/उ/ऊ/इ/ई = र
  • स्वागत यण संधि है। 
  • यण संधि (उ + आ = वा)
    स्वागत = सु + आगत

Key Pointsअन्य विकल्प - 

  • व्यंजन संधि
    तल्लीन = तत् + लीन
  • यण स्वर संधि
    मात्रिच्छा = मातृ + इच्छा 
  • विसर्ग संधि
    मनश्चिकित्सा = मन: + चिकित्सा

Additional Informationसंधि तीन प्रकार के होते हैं -

स्वर संधि 

  1. दीर्घ संधि
    • अ/आ + अ/आ = आ
    • इ/ई + इ/ई = ई
    • उ + उ = ऊ
  2. गुण संधि
    • अ/आ + उ/ऊ = ओ
    • अ/आ + इ/ई = ए
    • अ + ऋ = अर्
  3. वृद्धि संधि
    • अ/आ + ए/ऐ = ऐ
    • अ/आ + ओ/औ = औ
  4. यण संधि
    • इ/ई + अ/आ/उ/ऊ = य
    • उ/ऊ + इ/ई/अ/आ = व्
    • ऋ + अ/आ/उ/ऊ/इ/ई = र
  5. अयादी संधि
    • ए + अन्य स्वर = अय
    • ऐ + अन्य स्वर = आय
    • ओ + अन्य स्वर = अव
    • औ + अन्य स्वर = आव
  • व्यंजन सन्धि
  • विसर्ग सन्धि

निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से उस विकल्प का चयन करें जो सही संधि-विच्छेद वाला विकल्प है।
उल्लास

  1. उत् + लास 
  2. उल + लास 
  3. उल्ल + आस 
  4. उल + आलास 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : उत् + लास 

संधि Question 15 Detailed Solution

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 सही उत्तर 'उत् + लास' है।

Key Points

  • उत् + लास  = उल्लास (त् + ल = ल्ल)
  • 'उल्लास' शब्द में व्यंजन संधि है।

Additional Information

संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं।

संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग,

संधि

परिभाषा

उदाहरण

स्वर

स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के 

मेल से विकार उत्पन्न होता है।

 विद्या + अर्थी = विद्यार्थी 

महा + ईश = महेश

 व्यंजन 

एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के 

मेल से विकार उत्पन्न होता है।

अहम् + कार = अहंकार

उत् + लास = उल्लास

विसर्ग

विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के

 मेल से विकार उत्पन्न होता है।

दुः + आत्मा =दुरात्मा

निः + कपट =निष्कपट

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