स्वर संधि MCQ Quiz - Objective Question with Answer for स्वर संधि - Download Free PDF

Last updated on Jul 16, 2025

Latest स्वर संधि MCQ Objective Questions

स्वर संधि Question 1:

‘आग्नेयास्त्र' का सही संधि-विच्छेद कौन-सा है?

  1. आग्नेय + अस्त्र 
  2. आग्नेयास+त्र
  3. आग्ने+यास्त्र
  4. आग+नेयास्त्र
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : आग्नेय + अस्त्र 

स्वर संधि Question 1 Detailed Solution

'आग्नेयास्त्र' का सही संधि विच्छेद है- आग्नेय + अस्त्र

Key Points

  • 'आग्नेयास्त्र' शब्द का संधि विच्छेद - 'आग्नेय + अस्त्र' (अ + ) होता है।
  • 'आग्नेयास्त्र' शब्द में 'दीर्घ स्वर संधि' है
  • 'आग्नेयास्त्र' शब्द का अर्थ - प्राचीन काल के अस्त्रों का एक भेद जिनसे आग निकलती थी

Additional Informationदीर्घ संधि-

  • जब दो शब्दों की संधि करते समय (अ, आ) के साथ (अ, आ) हो तो 'आ' बनता है,
  • जब (इ, ई) के साथ (इ, ई) हो तो 'ई' बनता है, जब (उ, ऊ) के साथ (उ, ऊ) हो तो 'ऊ' बनता है।
  • जैसे - 
    • हस्त + अंतरण = हस्तांतरण (अ + अ = )
    • गिरी + ईश = गिरीश (ई + ई = )
    • अनु + उदित = अनूदित (उ + उ = )

स्वर संधि Question 2:

निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें जो दिए गए संधि-विच्छेद की संधि का सही विकल्प हो।

गै + अन

  1. गायन
  2. गयाना
  3. गायान 
  4. गयान
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : गायन

स्वर संधि Question 2 Detailed Solution

'गै + अन = गायन' शब्द में अयादि संधि है। शेष विकल्प असंगत हैं। 

Key Points

  • 'गै + अन = गायन' में अयादि संधि है।
  • 'गै + अन = गायन(ऐ + अ = आय), यहाँ '' और 'अ' के मेल से 'आबना है। 
  • जब संधि करते समय ए, ऐ, ओ, औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो (ए का अय), (ऐ का आय), (ओ का अव), (औ – आव) बन जाता है। यही अयादि संधि कहलाती है।


अन्य संधियाँ:

संधि

परिभाषा

उदाहरण

यण संधि

जब संधि करते समय इ, ई के साथ कोई अन्य स्वर हो तो 'य' बन जाता है, जब उ, ऊ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो 'व्' बन जाता है, जब ऋ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो 'र' बन जाता है।

पितृ + आज्ञा = पित्राज्ञा

दीर्घ संधि

जब दो शब्दों की संधि करते समय (अ, आ) के साथ (अ, आ) हो तो 'आ' बनता है, जब (इ, ई) के साथ (इ, ई) हो तो 'ई' बनता है, जब (उ, ऊ) के साथ (उ, ऊ) हो तो 'ऊ' बनता है।

पुस्तक + आलय = पुस्तकालय
गुण संधि

जब संधि करते समय (अ, आ) के साथ (इ, ई) हो तो 'ए' बनता है, जब (अ, आ) के साथ (उ, ऊ) हो तो 'ओ' बनता है, जब (अ, आ) के साथ (ऋ) हो तो 'अर' बनता है तो यह गुण संधि कहलाती है। 

सर्व + ईक्षण = सर्वेक्षण

 

Additional Information

संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं।

संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग,

संधि

परिभाषा

उदाहरण

स्वर

स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के 

मेल से विकार उत्पन्न होता है।

 विद्या + अर्थी = विद्यार्थी 

महा + ईश = महेश

व्यंजन

एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के 

मेल से विकार उत्पन्न होता है।

अहम् + कार = अहंकार

उत् + लास = उल्लास

विसर्ग

विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के

 मेल से विकार उत्पन्न होता है।

दुः + आत्मा =दुरात्मा

निः + कपट =निष्कपट

स्वर संधि Question 3:

'ब्रह्मर्षि' का सही संधि-विच्छेद कौन-सा है?

  1. ब्रह्म+रुषि
  2. ब्रह्म+रुषी
  3. ब्रह्म+ऋषि
  4. ब्रह्मा+ऋषि
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : ब्रह्म+ऋषि

स्वर संधि Question 3 Detailed Solution

'ब्रह्मर्षि' का सही संधि विच्छेद है- ब्रह्म + ऋषि

Key Points

  • "ब्रह्मर्षि" का संधि विच्छेद "ब्रह्म + ऋषि" (अ + ऋ = अर्) है।
  • "ब्रह्मर्षि" शब्द में गुण संधि है।
  • "ब्रह्मर्षि" का अर्थ - वह ऋषि जिसे ब्रह्म या तत्व का ज्ञान हो गया हो , ब्रह्म ऋषि।

Additional Informationगुण संधि:-

  • जब संधि करते समय (अ, आ) के साथ (इ, ई) हो तो ‘ए‘ बनता है,
    • जब (अ, आ) के साथ (उ, ऊ) हो तो ‘ओ‘ बनता है,
    • जब (अ, आ) के साथ (ऋ) हो तो ‘अर्‘ बनता है तो यह गुण संधि कहलाती है।
  • उदाहरण-
    • नर + ईश = नरेश (अ + ई = ए)
    • ज्ञान + उपदेश = ज्ञानोपदेश (अ + उ = )
    • देव + ऋषि = देवर्षि (अ + ऋ = अर्)

स्वर संधि Question 4:

किस विकल्प में संधि विच्छेद अनुचित है?

  1. परम + अर्थ = परमार्थ
  2. देवी + इच्छा = देवीच्छा
  3. देव + आगम = देव्यागम
  4. विद्या + अभ्यास = विद्याभ्यास
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : देव + आगम = देव्यागम

स्वर संधि Question 4 Detailed Solution

‘देव्यागम’ का संधि विच्छेद है ‘देवी+आगम’ है।
 Key Points

  • अतः 'देव + आगम' = देव्यागम' अनुचित संधि विच्छेद है।
  • ‘देव्यागम’ का संधि विच्छेद है ‘देवी+आगम’ है, इसमें यहाँ यण संधि है।
  • नियम - ई+आ=या 
  • ‘यण संधि’ अर्थात ‘जब इ, ई, उ, ऊ या ऋ का मेल यदि असमान स्वर से हो तो इ, ई का 'य'; उ, ऊ का 'व' और ऋ का 'र' हो जाता है’,
  • जैसे - यदि + अपि (इ + अ) = यद्यपि, अनु + एषण = अन्वेषण। 

Additional Informationअन्य विकल्प :

  • परम + अर्थ = परमार्थ अर्थात अ +अ =आ होने से यहाँ दीर्घ संधि हैं।
  • देवीच्छा = देवी + इच्छा ( ई + इ= ई) -स्वर संधि।
  • विद्याभ्यास = ‘विद्या + अभ्यास’  (आ+अ=आ) इसमें दीर्घ संधि है।

स्वर संधि Question 5:

निर्देश : निम्नलिखित शब्दों का सही संधि-विच्छेद चुनें-

वार्तालाप

  1. वार्ता + आलाप
  2. वार्ता + अलाप
  3. वार्त + आलाप
  4. वार्त + अलाप

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : वार्ता + आलाप

स्वर संधि Question 5 Detailed Solution

सही संधि-विच्छेद है - वार्ता + आलाप

Key Points

  • "वार्तालापका संधि विच्छेद "वार्ता + आलाप" (आ + आ = ) है।
  • "वार्तालापशब्द में दीर्घ संधि है।

Additional Informationदीर्घ संधि:-

  • जब दो शब्दों की संधि करते समय (अ, आ) के साथ (अ, आ) हो तो ‘आ‘ बनता है,
  • जब (इ, ई) के साथ (इ, ई) हो तो ‘ई‘ बनता है, जब (उ, ऊ) के साथ (उ, ऊ) हो तो ‘ऊ‘ बनता है, तो उसे दीर्घ संधि कहते है।

उदाहरण-

  • विद्या + आलय = विद्यालय (अ + आ =
  • मुनि + ईश = मुनीश (इ + ई =
  • वधू + ऊर्जा = वधूर्जा (उ + ऊ =

Top स्वर संधि MCQ Objective Questions

निम्‍नलिखित प्रश्‍न में, चार विकल्‍पों में से, उस विकल्‍प का चयन करें जो सही संधि-विच्‍छेद वाला विकल्‍प है।

सूक्ति

  1. सु + उक्ति
  2. स + ऊक्ति 
  3. सु + क्ति
  4. स + उक्ति

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : सु + उक्ति

स्वर संधि Question 6 Detailed Solution

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'सूक्ति' का सही संधि विच्छेद 'सु + उक्ति' होगा। शेष विकल्प त्रुटिपूर्ण हैं। अतः विकल्प 1 ‘सु + उक्ति​’ सही है।

Key Points

  • 'सूक्ति' में दीर्घ स्वर संधि है। सु + उक्ति = सूक्ति (उ + उ  = ऊ)  यहाँ 'उ' और 'उ' के मेल से 'ऊबना है। 
  • ‘दीर्घ स्वर संधि’ में  ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ के साथ ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ का मेल होने पर आ, ई, ऊ हो जाता है।

Additional Information

संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं।

संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग,

संधि

परिभाषा

उदाहरण

स्वर

स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

 विद्या + अर्थी = विद्यार्थी 

महा + ईश = महेश

व्यंजन

एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

अहम् + कार = अहंकार

उत् + लास = उल्लास

विसर्ग

विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

दुः + आत्मा =दुरात्मा

निः + कपट =निष्कपट

‘नयन’ में कौन सी संधि है?

  1. यण संधि
  2. गुण संधि
  3. वृद्धि संधि
  4. अयादि संधि

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : अयादि संधि

स्वर संधि Question 7 Detailed Solution

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नयन’ शब्द में अयादि संधि है तथा इसका संधि विच्छेद ने + अन = नयन है। अतः सही विकल्प अयादि संधि है।

स्पष्टीकरण

अयादि संधि

ए, ऐ तथा ओ, औ का मेल किसी अन्य स्वर के साथ होने से क्रमशः ए का अय्, ऐ का आय्, ओ का अव् तथा औ का आव् हो जाता है।

जैसे – ने + अन (ए + अ) = नयन, गै + अक (ऐ + अ) = गायक।

Key Points

  • संधि के तीन भेद होते हैं-
  1. ​स्वर संधि
  2. व्यंजन संधि
  3. विसर्ग संधि

Important Points

  • दो स्वरों के मेल से होने वाले परिवर्तन को स्वर संधि कहते हैं
  • हिम + आलय = हिमालय
  • स्वर संधि के पाँच भेद होते हैं-
  1. दीर्घ संधि
  2. गुण संधि
  3. वृद्धि संधि
  4. यण संधि

“गुरूपदेश' शब्द में कौन-सी संधि है?

  1. यण्
  2. दीर्घ 
  3. वृद्धि
  4. अयादि 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : दीर्घ 

स्वर संधि Question 8 Detailed Solution

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'गुरूपदेश' में दीर्घ स्वर संधि हुई है। अतः 'दीर्घ' सही विकल्प होगा,अन्य सभी विकल्प असंगत है।
गुरु + उपदेश = गुरूपदेश

Key Points

दीर्घ स्वर संधि - दो सवर्ण, ह्रस्व या दीर्घ, स्वरों के मेल होने पर दीर्घ स्वर बन जाता है, जैसे – शिव + आलय (अ + आ) = शिवालय, गिरि + इन्द्र (इ + इ) = गिरीन्द्र।

यण स्वर संधि -  इ, ई, उ, ऊ या ऋ का मेल यदि असमान स्वर से हो तो इ, ई का 'य'; उ, ऊ का 'व' और ऋ का 'र' हो जाता है, जैसे - यदि + अपि (इ + अ) = यद्यपि, अनु + एषण = अन्वेषण।

गुण स्वर संधि -  अ, आ के साथ इ, ई का मेल होने पर 'ए'; उ, ऊ का मेल होने पर 'ओ'; तथा ऋ का मेल होने पर 'अर्' हो जाता है, जैसे – देव + इन्द्र (अ + इ) = देवेन्द्र

वृद्धि स्वर संधि - अ, आ का मेल ए, ऐ के साथ होने पर 'ऐ' तथा ओ, औ के साथ होने पर 'औ' में परिवर्तित हो जाता है, जैसे – एक + एक (अ + ए) = एकैक, परम + ओजस्वी (अ + ओ) = परमौजस्वी।

अयादि स्वर संधि- यदि ए, ऐ, ओ, औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ए का अय, ऐ का आय, ओ का अव, औ का आव हो जाता है।  भो + अन = (ओ + अ) भवन 

संधि की दृष्टि से कौन-सा युग्म अनुचित है?

  1. तल्लीन - व्यंजन संधि
  2. मात्रिच्छा - यण् स्वर संधि
  3. मनश्चिकित्सा - विसर्ग संधि
  4. स्वागत - दीर्घ स्वर संधि

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : स्वागत - दीर्घ स्वर संधि

स्वर संधि Question 9 Detailed Solution

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संधि की दृष्टि से स्वागत - दीर्घ स्वर संधि ये युग्म अनुचित है। 

  • जब इ, ई, उ, ऊ, ऋ के आगे कोई भिन्न स्वर आता है तो ये क्रमश: य, व, र में परिवर्तित हो जाते हैं, इस परिवर्तन को यण सन्धि कहते हैं। 

यण संधि के नियम -

  • इ/ई + अ/आ/उ/ऊ = य
  • उ/ऊ + इ/ई/अ/आ = व्
  • ऋ + अ/आ/उ/ऊ/इ/ई = र
  • स्वागत यण संधि है। 
  • यण संधि (उ + आ = वा)
    स्वागत = सु + आगत

Key Pointsअन्य विकल्प - 

  • व्यंजन संधि
    तल्लीन = तत् + लीन
  • यण स्वर संधि
    मात्रिच्छा = मातृ + इच्छा 
  • विसर्ग संधि
    मनश्चिकित्सा = मन: + चिकित्सा

Additional Informationसंधि तीन प्रकार के होते हैं -

स्वर संधि 

  1. दीर्घ संधि
    • अ/आ + अ/आ = आ
    • इ/ई + इ/ई = ई
    • उ + उ = ऊ
  2. गुण संधि
    • अ/आ + उ/ऊ = ओ
    • अ/आ + इ/ई = ए
    • अ + ऋ = अर्
  3. वृद्धि संधि
    • अ/आ + ए/ऐ = ऐ
    • अ/आ + ओ/औ = औ
  4. यण संधि
    • इ/ई + अ/आ/उ/ऊ = य
    • उ/ऊ + इ/ई/अ/आ = व्
    • ऋ + अ/आ/उ/ऊ/इ/ई = र
  5. अयादी संधि
    • ए + अन्य स्वर = अय
    • ऐ + अन्य स्वर = आय
    • ओ + अन्य स्वर = अव
    • औ + अन्य स्वर = आव
  • व्यंजन सन्धि
  • विसर्ग सन्धि

'महेश्वर' का संधि-विच्छेद करने से होगा

  1. महे + श्वर
  2. मही + ईश्वर
  3. महा + ईश्वर
  4. महा + इश्वर

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : महा + ईश्वर

स्वर संधि Question 10 Detailed Solution

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'महेश्वर' का संधि विच्छेद होगा- 'महा + ईश्वर'

Key Points

  • महा + ईश्वर = महेश्वर (आ + ई = ए)
  • अर्थ: शंकर, शम्भू, शिव, विश्वनाथ, नीलकंठ, महादेव, महेश।
    • जब संधि करते समय (अ, आ) के साथ (इ, ई) हो तो ‘ए‘ बनता है, जब (अ, आ) के साथ (उ, ऊ) हो तो ‘ओ‘ बनता है, जब (अ, आ) के साथ (ऋ) हो तो ‘अर‘ बनता है तो यह गुण संधि कहलाती है।
  • उदाहरण-
    • महा + उत्सव = महोत्सव (आ + उ = ओ)

Important Pointsगुण संधि के कुछ उदाहरण:-

  • नर + इंद्र = नरेन्द्र (अ + इ = ए)
  • ज्ञान + उपदेश = ज्ञानोपदेश (अ + उ = ओ)
  • देव + ऋषि = देवर्षि (अ + ऋ = अर्)
  • धन + उपार्जन = धनोपार्जन (अ + उ = ओ)
  • सुर + इंद्र = सुरेन्द्र (अ + इ = ए)

'महौजस्वी' का संधि - विच्छेद है- 

  1. महा + ओजस्वी
  2. महौ + जस्वी
  3. म + हौजस्वी
  4. महौज + स्वी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : महा + ओजस्वी

स्वर संधि Question 11 Detailed Solution

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'महौजस्वी' का संधि - विच्छेद है- महा + ओजस्वी

  • यह वृद्धि संधि का उदाहरण है। 

Key Points

संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं।

संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग,

संधि

परिभाषा

उदाहरण

स्वर

स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के 

मेल से विकार उत्पन्न होता है।

 विद्या + अर्थी = विद्यार्थी 

महा + ईश = महेश

व्यंजन

एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के 

मेल से विकार उत्पन्न होता है।

अहम् + कार = अहंकार

उत् + लास = उल्लास

विसर्ग

विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के

 मेल से विकार उत्पन्न होता है।

दुः + आत्मा =दुरात्मा

निः + कपट =निष्कपट

Important Pointsस्वर संधि के प्रकार-

दीर्घ स्वर संधि - दो सवर्ण, ह्रस्व या दीर्घ, स्वरों के मेल होने पर दीर्घ स्वर बन जाता है, जैसे – शिव + आलय (अ + आ) = शिवालय, गिरि + इन्द्र (इ + इ) = गिरीन्द्र।

यण स्वर संधि -  इ, ई, उ, ऊ या ऋ का मेल यदि असमान स्वर से हो तो इ, ई का 'य'; उ, ऊ का 'व' और ऋ का 'र' हो जाता है, जैसे - यदि + अपि (इ + अ) = यद्यपि, अनु + एषण = अन्वेषण।

गुण स्वर संधि -  अ, आ के साथ इ, ई का मेल होने पर 'ए'; उ, ऊ का मेल होने पर 'ओ'; तथा ऋ का मेल होने पर 'अर्' हो जाता है, जैसे – देव + इन्द्र (अ + इ) = देवेन्द्र

वृद्धि स्वर संधि - अ, आ का मेल ए, ऐ के साथ होने पर 'ऐ' तथा ओ, औ के साथ होने पर 'औ' में परिवर्तित हो जाता है, जैसे – एक + एक (अ + ए) = एकैक, परम + ओजस्वी (अ + ओ) = परमौजस्वी।

अयादि स्वर संधि- यदि ए, ऐ, ओ, औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ए का अय, ऐ का आय, ओ का अव, औ का आव हो जाता है।  

'एकैक' में संधि है :

  1. अयादि स्वर संधि
  2. वृद्धि स्वर संधि
  3. व्यंजन संधि
  4. विसर्ग संधि

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : वृद्धि स्वर संधि

स्वर संधि Question 12 Detailed Solution

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सही उत्तर वृद्धि स्वर संधि है।

Key Points

  • 'एकैक' में वृद्धि स्वर संधि है।
  • एक + एक = एकैक' (अ + ए = ऐ), यहाँ 'अ' और 'ए' के मेल से 'ऐ' बना है।
  • जब ( अ, आ ) के साथ ( ए, ऐ ) हो तो ‘ऐ‘ बनता है और जब ( अ, आ ) के साथ ( ओ, औ ) हो तो ‘औ‘ बनता है।

Additional Information

संधि -दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। 1संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग,

संधि

परिभाषा

उदाहरण

स्वर

स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के 

मेल से विकार उत्पन्न होता है।

 विद्या + अर्थी = विद्यार्थी 

महा + ईश = महेश

व्यंजन

एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर 

के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

अहम् + कार = अहंकार

उत् + लास = उल्लास

विसर्ग

विसर्ग  के  साथ  स्वर  या  व्यंजन  के मेल  से  विकार उत्पन्न  होता   है।

दुः + आत्मा =दुरात्मा

निः + कपट =निष्कपट

'अन्न + अभाव' में कौन सी संधि है ?

  1. दीर्घ संधि
  2. यण सन्धि
  3. वृद्धि संधि
  4. गुण संधि

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : दीर्घ संधि

स्वर संधि Question 13 Detailed Solution

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  • 'अन्नाभाव' शब्द अन्न+अभाव से मिलकर बना है। इसमें दीर्घ संधि जुड़ी हुई है। 
  • Key Points 
    • दो वर्णों के आपस में मेल से हुए परिवर्तन को 'संधि' कहा जाता है।
    • जैसे: विद्या+आलय =विद्यालय
    • यहाँ पर सवर्ण दीर्घ संधि हुई है।
    संधि का नाम   परिभाषा / उदाहरण 
    सवर्ण दीर्घ संधि 
    ह्रस्व या दीर्घ 'अ','इ','उ',के पश्चात् क्रमशः ह्रस्व या दीर्घ 'अ','इ','उ' स्वर आये
    तो दोनों को मिलाकर दीर्घ 'आ',ई','ऊ' हो जाते है।
     धर्म+अर्थ=धर्मार्थ।
    मत+अनुसार=मतानुसार,नारी+ईश्वर=नारीश्वर।
    Additional Information 
    • स्वर संधि के निम्नलिखित पांच भेद है।
      • दीर्घ संधि 
      • गुण संधि 
      • वृद्धि संधि 
      • यण संधि 
      • अयादि संधि 

महौषध शब्द का संधि विच्छेद कीजिए

  1. महा + ओषध
  2. महा + औषधि
  3. महा + औषध
  4. मह + ओषधी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : महा + औषध

स्वर संधि Question 14 Detailed Solution

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महौषध शब्द का संधि विच्छेद ''महा + औषध'' है। अन्‍य व‍िकल्‍प असंगत हैं। 

Key Points

  • महौषध- महा + औषध
  • महौषध में वृद्ध‍ि संधि है। 

वृद्धि संधि

 अ, आ का मेल ए, ऐ के साथ होने पर 'ऐ' तथा ओ, औ के साथ होने पर 'औ' में
 परिवर्तित हो जाता है। जैसे – एक + एक (अ + ए) = एकैक, परम + ओजस्वी
 (अ + ओ) = परमौजस्वी।

Additional Information

संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है, उसे संधि कहते हैं।

संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग।

संधि

परिभाषा

उदाहरण

स्वर संधि

दो स्वरों के मेल से उत्पन्न होने वाले विकार को स्वर संधि कहते हैं। इसके इसके पाँच भेद हैं- दीर्घ, गुण, वृद्धि, यण, अयादि।

महाशय = महा + आशय।

व्यंजन संधि

व्यंजन के बाद किसी स्वर या व्यंजन के आने से उस व्यंजन में जो परिवर्तन होता है, वह व्यंजन संधि कहलाता है।

दिग्गज = दिक् + गज।

विसर्ग संधि

विसर्ग के साथ स्वर अथवा व्यंजन के मिलने से जो विकार उत्पन्न होता है, उसे विसर्ग संधि कहते हैं।

शिरोमणि = शिर: + मणि।

निम्नांकित में से वृद्धि सन्धि का उदाहरण है-

  1. गणेश
  2. हिमालय
  3. सज्जन
  4. सदैव

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : सदैव

स्वर संधि Question 15 Detailed Solution

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सही उत्तर विकल्प 4 'सदैव' है। अन्य विकल्प गलत है 

Key Points

  • 'सदैव' शब्द में वृद्धि संधि का प्रयोग किया गया है जिसका संधि विच्छेद (सदा + एव) होगा।
  • वृद्धि संधि- जब अ/आ के बाद में ए/ऐ आए तो दोनों मिलकर , तथा ओ/औ आए तो दोनों मिलकर हो जाते हैं और इससे बनने वाली संधि स्वर संधि कहलाती है।
  • जैसे- एक + एक = एकैक (अ+ए =ऐ) 
  • अन्य विकल्पः- 
    • ​गणेश - गण + ईश (इसमें में गुण संधि का प्रयाेग किया गया है।)
      • गुण संधिः- अ/आ +इ/ई =ए में बदल जाता है
    • हिमालय- हिम + आलय ( इसमें दीर्घ स्वर संधि का प्रयोग किया गया है)
    • सज्जन- सत् + जन (इसमें व्यंजन संधि का प्रयोग किया गया है।)

Additional Information

  • संधि दो शब्दों सम्+धि के योग से बना है जिसका अर्थ है 'मेल' अर्थात् दो शब्दों के मेल से होने वाले विकार या परिवर्तन को संधि कहते है। 

      संधि के मुख्यता तीन भेद होते है।- 

  1.  स्वर संधि
  2. व्यंजन संधि 
  3.  विसर्ग संधि
  • स्वर संधिः- दो स्वरो के मेल से होने वाले विकार या परिवर्तन को, स्वर संधि कहते है।स्वर संधि के पाँच प्रकार होते है।  

      जैसे-वधू + उर्मि = वधूर्मि  (ऊ+उ) स्वरों का आपस में विकार हुआ है। इस शब्द में दीर्घ स्वर संधि का प्रयोग किया गया है।

  • व्यंजन संधिः-जब व्यंजन के साथ व्यंजन या स्वर का मेल होता है तो उसमे होने वाले विकार या परिवर्तन को ही व्यंजन संधि करहे है। 

     जैसे- सत् + आनन्द = सदानन्द (त् +आ) व्यंजनों का आपस में विकार हुआ है 

  • विसर्ग संधिः- विसर्ग (ः) चिन्ह के बाद स्वर या व्यजन के मेल से होने वाले विकार या परिवर्तन को विसर्ग संधि कहते है।     

       जैसेः- मनः + अनुकूल  = मनोनुकूल

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