आधुनिक काल MCQ Quiz in मराठी - Objective Question with Answer for आधुनिक काल - मोफत PDF डाउनलोड करा
Last updated on Apr 9, 2025
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आधुनिक काल Question 1:
वंचना है चांदनी सित, झूठ वह आकाश का निरवधि गहन विस्तार, शिशिर की राका निशा की, शांति है निस्सार' पंक्तियाँ किस काल' से जुड़ी हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 1 Detailed Solution
यह पंक्तियाँ नई कविता से जुडी हैं।
Key Points नई कविता-
- नयी कविता आंदोलन की शुरुआत इलाहाबाद की साहित्यिक संस्था परिमल के कवि लेखकों- जगदीश गुप्त, रामस्वरुप चतुर्वेदी और विजयदेव नारायण साही के संपादन में 1948 में प्रकाशित नयी कविता (पत्रिका) से माना जाता है।
- इससे पहले अज्ञेय के संपादन में प्रकाशित काव्य-संग्रह 'दूसरा सप्तक' की भूमिका तथा उसमें शामिल कुछ कवियों के वक्तव्यों में अपनी कवितओं के लिये 'नयी कविता' शब्द को स्वीकार किया गया था।
- नयी कविता हिन्दी साहित्य में सन् 1949 के बाद की उन कविताओं को कहा गया, जिनमें परंपरागत कविता से आगे नये भावबोधों की अभिव्यक्ति के साथ ही नये मूल्यों और नये शिल्प-विधान का अन्वेषण किया गया।
- यह प्रयोगवाद के बाद विकसित हुई हिन्दी कविता की नवीन धारा है।
Additional Information छायावादी-
- छायावाद हिंदी साहित्य के रोमांटिक उत्थान की वह काव्य-धारा है जो लगभग ई.स. 1918 से 1936 तक की प्रमुख युगवाणी रही।
- जयशंकर प्रसाद, सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला', सुमित्रानंदन पंत, महादेवी वर्मा छायावाद के स्तंभ माने जाते हैं।
- छायावाद नामकरण का श्रेय मुकुटधर पाण्डेय को जाता है।
प्रयोगवादी-
- प्रयोगवाद 1943 से 1953 के बीच का दौर है।
- प्रयोगवाद हिंदी साहित्य में कविता की उस प्रवृत्ति का जिक्र अज्ञेय ने दूसरा सप्तक की भूमिका में किया था।
- प्रयोग अपने आप में इष्ट नहीं है बल्कि वह साधन और दोहरा साधन है। वह एक ओर तो सत्य को जानने का साधन है दूसरी तरफ वह उस साधन को भी जानने का साधन है।
- प्रयोगवाद में कविता में शिल्प और संवेदना के स्तर पर सर्वथा नवीन प्रयोग मिलते हैं।
- प्रयोगवाद ने साहित्य में पहली बार व्यक्तिक अस्मिता, निजी व्यक्तित्व और निजता को बहुत महत्व दिया।
- इसमें क्षण को महत्व देकर जीवन को भरपूर ढंग से जीने की चाह है।
- प्रयोगवादी कवि व्यक्तिक प्रेम की सहज स्वीकृति पर बल देता है।
अकविता-
- जगदीश चतुर्वेदी अकविता आन्दोलन के प्रवर्तक माने जाते है।
-
अकविता साहित्यिक मानकों को अस्वीकार कर चलने वाली नए रूप-प्रारूप की हिंदी कविता जो ‘नई कविता’ के बाद शुरू हुई।
आधुनिक काल Question 2:
निम्नलिखित में से मैथिलीशरण गुप्त की रचना नहीं है :
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 2 Detailed Solution
राष्ट्रभारती मैथिलीशरण गुप्त की रचना नहीं है ।Key Pointsराष्ट्रभारती-
- प्रकाशन वर्ष-1969ई.
- विधा-काव्य
- रचनाकार-श्रीकृष्ण सरल
Additional Informationमैथिलीशरण गुप्त-
- जन्म-1886-1964ई.
- राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त हिन्दी के प्रसिद्ध कवि थे। महात्मा गाँधी ने इन्हें राष्ट्रकवि की उपाधि दी।
- हिन्दी साहित्य के इतिहास में वे खड़ी बोली के प्रथम महत्त्वपूर्ण कवि हैं।
- प्रमुख रचनाएँ-
- जयद्रथ वध- 1910ई.
- भारत-भारती- 1912ई.
- किसान -1917ई.
- गुरुकुल- 1929ई.
- विकट भट-1929ई.
- जय भारत- 1952ई. आदि ।
आधुनिक काल Question 3:
माखनलाल चतुर्वेदी की साहित्य अकादमी पुरस्कार से पुरस्कृत रचना है -
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 3 Detailed Solution
माखनलाल चतुर्वेदी जी की रचना 'हिमतरंगिनी' को साहित्य अकादमी पुरुस्कार से सम्मानित किया गया।अत: विकल्प 2) 'हिमतरंगिनी' सही उत्तर होगा।
Key Points
- माखन जी को 'हिमतरंगिनी' (1949) के लिए 1955 में यह पुरस्कार मिला था।
Additional Information
- हिमकिरीटनी - 1943, देव पुरुस्कार
- वेणुलो गूँजे धरा - 1969ई.
- मरण ज्वार - 1963ई.
आधुनिक काल Question 4:
जगमोहन सिंह किस युग के रचनाकार हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 4 Detailed Solution
उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "भारतेन्दु युग" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।Key Points
- ठाकुर जगमोहन सिंह भारतेंदु युग के कवि हैं।
- इनकी रचनाएं निम्नलिखित हैं
- प्रेम-संपत्ति-लता (1885 ई.),
- श्यामालता" (1885 ई.)
- श्यामासरोजिनी (1886 ई)
- देवयानी (1886)
- इसके अतिरिक्त इन्होंने कालिदास के "मेघदूत" का बड़ा ही ललित अनुवाद भी ब्रजभाषा के कबित्त सवैयों में किया है।
- भारतेंदु युग के प्रमुख कवि
- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र (1850-1885), बाबा सुमेर सिंह , बदरी नारायण प्रेमघन (1855-1923), प्रताप नारायण मिश्र (1856-1894), राधाकृष्ण दास (1865-1907), अम्बिका दत्त व्यास (1858-1900) और ठाकुर जगमोहन सिंह (1857-1899) इस युग के प्रमुख कवि हैं।
- अन्य कवियों में रामकृष्ण वर्मा, श्री निवासदास, लाला सीताराम, राय देवी प्रसाद, बालमुकुन्द गुप्त, नवनीत चौबे आदि हैं।
- प्रगतिवाद के प्रमुख कवि
- केदारनाथ अग्रवाल (1911-2000) ,राम विलास शर्मा (1912-2000) , नागार्जुन (1910-1998) , रांगेय-राघव (1923-1962) , शिव-मंगल सिंह 'सुमन' (1915-2002) , त्रिलोचन (1917-2007)
- द्विवेदी युग के प्रमुख कवि
- मैथिलीशरण गुप्त (1886-1965 ई.) , अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔद्य(1865-1941 ई.) , श्रीधर पाठक(1859- 1928 ई.) , महावीर प्रसाद द्विवेदी(1864-1938 ई.) , रामचरित उपाध्याय (1872-1943 ई.) , रामनरेश त्रिपाठी (1889-1962 ई.) , सियाराम शरण गुप्त ( 1895- 1963 ई. )
- छायावाद के प्रमुख कवि
- जयशंकर प्रसाद (1889-1936) , सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' (1897-1962) , सुमित्रानंदन पंत (1900-1977) , महादेवी वर्मा (1907-1988)
आधुनिक काल Question 5:
"श्रद्धा एवं प्रेम के योग का नाम भक्ति है।" यह किसका प्रसिद्ध कथन है?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 5 Detailed Solution
"श्रद्धा एवं प्रेम के योग का नाम भक्ति है।" यह किसका प्रसिद्ध कथन 'आचार्य रामचन्द्र' शुक्ल के द्वारा लिखित निबन्ध श्रध्दा एवं प्रेम से लिया गया है।
Key Pointsआचार्य रामचन्द्र शुक्ल:
- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल हिन्दी आलोचक, कहानीकार, निबन्धकार, साहित्येतिहासकार, कोशकार, अनुवादक, कथाकार और कवि थे।
- उनके द्वारा लिखी गई सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पुस्तक है
- हिन्दी साहित्य का इतिहास, जिसके द्वारा आज भी काल निर्धारण एवं पाठ्यक्रम निर्माण में सहायता ली जाती है।
प्रमुख रचनाएँ-
- निबन्ध– संग्रह-'चिन्तामणि' भाग 1 और 2 तथा 'विचार वीथी।
- इतिहास– 'हिन्दी साहित्य का इतिहास'।
- आलोचना– 'सूरदास', 'रसमीमांसा', 'त्रिवेणी'।
- सम्पादन– जायसी ग्रन्थावली', 'तुलसी ग्रन्थावली', 'भ्रमरगीत सार', 'हिन्दी शब्द सागर', 'काशी नागरी प्रचारिणी पत्रिका', 'आनन्द कादम्बिनी'।
Additional Informationमुक्तिबोध:
- गजानन माधव मुक्तिबोध हिन्दी साहित्य के प्रमुख कवि, आलोचक, निबंधकार, कहानीकार तथा उपन्यासकार थे।
- उन्हें प्रगतिशील कविता और नयी कविता के बीच का एक सेतु भी माना जाता है।
प्रमुख रचनाएँ-
- चांद का मुँह टेढ़ा है, भूरी भूरी खाक धूल (कविता संग्रह),
- काठ का सपना, विपात्र, सतह से उठता आदमी (कहानी संग्रह),
- कामायनी:एक पुनर्विचार, नयी कविता का आत्मसंघर्ष, नये साहित्य का सौन्दर्यशास्त्र(आखिर रचना क्यों),
- समीक्षा की समस्याएँ, एक साहित्यिक की डायरी (आलोचनात्मक कृतियाँ) एवं भारत:इतिहास और संस्कृति।
महावीर प्रसाद द्विवेदी:
- उन्होंने हिंदी साहित्य की अविस्मरणीय सेवा की और अपने युग की साहित्यिक और सांस्कृतिक चेतना को दिशा और दृष्टि प्रदान की।
- उनके इस अतुलनीय योगदान के कारण आधुनिक हिंदी साहित्य का दूसरा युग 'द्विवेदी युग' (1900–1920) के नाम से जाना जाता है।
प्रमुख रचनाएँ -
- पद्य के मौलिक-ग्रंथों में काव्य-मंजूषा, कविता कलाप, देवी-स्तुति, शतक आदि प्रमुख है।
- गंगालहरी, ॠतु तरंगिणी, कुमार संभव सार आदि इनके अनूदित पद्य-ग्रंथ हैं।
- गद्य के मौलिक ग्रंथों में तरुणोपदेश, नैषध चरित्र चर्चा, हिंदी कालिदास की समालोचना, नाटय शास्त्र, हिंदी भाषा की उत्पत्ति,
- कालीदास की निरंकुशता आदि विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। अनुवादों में वेकन विचार, रत्नावली, हिंदी महाभारत, वेणी संसार आदि प्रमुख हैं।
डॉ.श्यामसुन्दर दास:
- जिस निष्ठा से हिन्दी के अभावों की पूर्ति के लिये लेखन कार्य किया और उसे कोश, इतिहास, काव्यशास्त्र भाषाविज्ञान, अनुसंधान पाठ्यपुस्तक
- और सम्पादित ग्रन्थों से सजाकर इस योग्य बना दिया कि वह इतिहास के खंडहरों से बाहर निकलकर विश्वविद्यालयों के भव्य-भवनों तक पहुँची।
इनकी प्रमुख पुस्तकें हैं -
- हिंदी कोविद रत्नमाला भाग 1, 2, साहित्यालोचन
- भाषाविज्ञान, हिंदी भाषा और साहित्य
- रूपकहस्य, भाषारहस्य भाग 1, हिंदी के निर्माता भाग 1 और 2
- मेरी आत्मकहानी, कबीर ग्रंथावली, साहित्यिक लेख ।
आधुनिक काल Question 6:
इनमें से एक धूमिल की रचना नहीं है |
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 6 Detailed Solution
भूरी-भूरी खाक धूल..... रचना धूमिल की नही है।
Key Points
- भूरी-भूरी खाक धूल --> गजानंद माधव मुक्तिबोध
- प्रकाशन वर्ष: 1980
Additional Information
- मुक्तिबोध का जन्म 13 नवम्बर,1917 को श्योपुर(मध्यप्रदेश) में हुआ।
- तारसप्तक के पहले कवि थे।
- हिंदी साहित्य के प्रमुख कवि,आलोचक,निबंधकार,कहानीकार तथा उपन्यासकार थे।
Important Points
इनकी अन्य रचनायें-
- चाँद का मुहँ टेढ़ा है(1964)
- काठ का सपना(1967)
- कामायनी: एक पुनर्विचार(1973)
- विपात्र(1970)
- सतह से उठता आदमी(1971)
- भूरी-भूरी खाक धूल(1980)
आधुनिक काल Question 7:
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला के 'सरोज स्मृति' में कौन-सा रस दिखता है एवं उसका स्थायी भाव क्या है ?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 7 Detailed Solution
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला के 'सरोज स्मृति' में कौन-सा रस दिखता है एवं उसका स्थायी भाव क्या है - करुण रस - शोक
सरोज स्मृति-
- रचनाकार- सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
- प्रकाशन वर्ष-1935 ई.
- यह कविता अनामिका(1938 ई.) काव्य संग्रह के द्वितीय संकलन में पसंकलित है।
- यह निराला की छायावादी रचना है।
Key Points सरोज स्मृति से संबंधित है-
- सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का एक शोक गीत है।
- इसमें कवि ने अपनी युवा कन्या सरोज की अकाल मृत्युपर अपने शोक संतप्त हृदय के उद्गार व्यक्त किए हैं।
- इस प्रसिद्ध लोकगीत में जीवन की पीड़ा और संघर्षों के हलाहल का पान करने वाले कविवर निराला के निजी जीवन के कुछ अंशों का उद्घाटन भी है।
- छायावादी कवि होने के कारण निराला ने अपनी बात को प्रतीकात्मक शैली में अभिव्यक्त किया है।
Important Points सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'-
- जन्म-1899-1961ई.
- प्रमुख छायावादी कवि है।
- मुख्य रचनाएँ-
- अनामिका(1923 ई.)
- परिमल(1930 ई.)
- गीतिका(1936 ई.)
- तुलसीदास(1939 ई.)
- कुकुरमुत्ता(1942 ई.)
- अणिमा(1943 ई.)
- बेला(1946 ई.)
- नये पत्ते(1946 ई.) आदि।
Additional Information सरोज स्मृति कविता की कुछ पंक्तियाँ-
- अशब्द अधरों का सुना भाष,
मैं कवि हूँ, पाया है प्रकाश
मैंने कुछ, अहरह रह निर्भर
ज्योतिस्तरणा के चरणों पर। - धन्ये, मैं पिता निरर्थक था,
कुछ भी तेरे हित न कर सका!
आधुनिक काल Question 8:
'ज्ञानराशि के संचित कोश का नाम साहित्य है' यह कथन किसका है?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 8 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में से विकल्प (1) सही उत्तर है
'ज्ञानराशि के संचित कोश का नाम साहित्य है' यह कथन महावीरप्रसाद द्विवेदी का है।
Key Pointsमहावीर प्रसाद द्विवेदी:
- आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी हिन्दी के महान साहित्यकार, पत्रकार एवं युगप्रवर्तक थे।
- उन्होंने हिंदी साहित्य की अविस्मरणीय सेवा की और अपने युग की साहित्यिक और सांस्कृतिक चेतना को दिशा और दृष्टि प्रदान की।
- उनके इस अतुलनीय योगदान के कारण आधुनिक हिंदी साहित्य का दूसरा युग 'द्विवेदी युग' के नाम से जाना जाता है।
अन्य विकल्प:-
रामचन्द्र शुक्ल:
- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल हिन्दी आलोचक, कहानीकार, निबन्धकार, साहित्येतिहासकार, कोशकार, अनुवादक, कथाकार और कवि थे।
- उनके द्वारा लिखी गई सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पुस्तक है हिन्दी साहित्य का इतिहास, जिसके द्वारा आज भी काल निर्धारण एवं पाठ्यक्रम निर्माण में सहायता ली जाती है।
रामविलास शर्मा:
- डॉ॰ रामविलास शर्मा आधुनिक हिन्दी साहित्य के सुप्रसिद्ध आलोचक, निबंधकार, विचारक एवं कवि थे।
- पेशे से अंग्रेजी के प्रोफेसर, दिल से हिन्दी के प्रकांड पंडित और गहरे विचारक।
- ऋग्वेद और मार्क्स के अध्येता, कवि, आलोचक, इतिहासवेत्ता, भाषाविद, राजनीति-विशारद ये सब विशेषण उन पर समान रूप से लागू होते हैं।
जयशंकर प्रसाद:
- जयशंकर प्रसाद, हिन्दी कवि, नाटककार, कहानीकार, उपन्यासकार तथा निबन्ध-लेखक थे।
- वे हिन्दी के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं।
Additional Information
- स +हित् + य = साहितस्यभावःसाहित्यम - अर्थात जिसमे हित की भावना हो उसे साहित्य कहते है।
- जिस में हित की भावना हो परस्पर समन्वय का संदेश हो एसे लोकमंगल का विधान करने वाली शब्द रचना को साहित्य कहते है।
- शब्द और अर्थ के परस्पर योग को साहित्य कहते है।
आधुनिक काल Question 9:
निम्न में से किस कवि की भाषा को अश्लील कहा गया है ?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 9 Detailed Solution
- सुदामा पांडेय 'धूमिल' की भाषा को अश्लील कहा गया है।
- धूमिल की आक्रामक और तीक्ष्ण लेखन शैली के कारण उन पर अश्लीलता का आरोप लगाया जाता है।
- संसद से सड़क तक (1972)
- कल सुनना मुझे (1976)
- सुदामा पांडे का प्रजातंत्र (1984)
- कबीर :डॉ हजारिप्रसाद द्विवेदी का प्रक्षिप्त चिंतन (2000)
- कबीर बाज भी, कपोत भी, कपोहा भी (2000)
- कबीर के आलोचक (1998)
- कबीर सुत न कपास (2003)
- कामायनी : एक पुनर्विचार (1961)
- नई कविता का आत्मसंघर्ष तथा अन्य निबंध (1964)
- नये साहित्य का सौंदर्यशास्त्र (1971)
- समीक्षा की समस्याएं (1982)
- किताब पढ़कर रोना
- कोई एक और मतदाता
- भाषण
- संस्कृत
- आओ, जल-भरे बरतन में
- आज़ादी
- हत्या की संस्कृति
Important Pointsधूमिल के तीन काव्य-संग्रह प्रकाशित हैं-
डॉ धर्मवीर की प्रमुख आलोचनात्मक रचनाएं -
मुक्तिबोध की प्रमुख आलोचनात्मक कृतियां -
रघुवीर सहाय की प्रमुख कविताएँ -
आधुनिक काल Question 10:
हिंदी का प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार किसको मिला?
Answer (Detailed Solution Below)
आधुनिक काल Question 10 Detailed Solution
- हिंदी का प्रथम ज्ञानपीथ पुरस्कार सुमित्रानंदन पंत को मिला। अन्य विकल्प असंगत हैं। अत: विकल्प 2 ‘सुमित्रानंदन पंत चिदम्बरा 1968’ इसका सही उत्तर है।
- हिंदी का प्रथम ज्ञानपी पुरस्कार सुमित्रानंदन पंत को 1968 में उनकी रचना चिदम्बरा के लिए दिया गया।
- रामधारी सिंह दिनकर को उनकी रचना ‘उर्वशी’ के लिए 1972 में ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया गया।
- अज्ञेय को उनकी रचना ‘कितनी नावों में कितनी बार’ के लिए 1976 में यह पुरस्कार दिया गया।
- महादेवी वर्मा को ‘यामा’ के लिए 1982 में ज्ञानपीथ पुरस्कार से नवाजा गया।
Key Points :
Additional Information