निम्नलिखित अभिक्रिया क्रम में विरचित मुख्य उत्पाद है

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 :

Detailed Solution

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अवधारणा:

ग्रब्स की द्वितीय पीढ़ी का उत्प्रेरक आमतौर पर विनिमय अभिक्रियाओं में उपयोग किया जाता है, खासकर वलय-समापन विनिमय (RCM) और तिर्यक-विनिमय में। ये अभिक्रियाएं अणुओं के बीच एल्केन टुकड़ों का आदान-प्रदान करके नए कार्बन-कार्बन द्वि-बंध के निर्माण की अनुमति देती हैं। उत्प्रेरक कार्बनिक यौगिकों में वलय बनाने में अत्यधिक प्रभावी है।

  • वलय-समापन विनिमय (RCM): RCM ग्रब्स उत्प्रेरक का एक प्रमुख अनुप्रयोग है, जहां यह टर्मिनल एल्केन की अभिक्रिया के माध्यम से चक्रीय यौगिकों के निर्माण को बढ़ावा देता है। अभिक्रिया मध्यवर्ती धातुसाइक्लोब्यूटेन संकुल की एक श्रृंखला के माध्यम से आगे बढ़ती है।

  • द्वितीय पीढ़ी का उत्प्रेरक: ग्रब्स की द्वितीय पीढ़ी के उत्प्रेरक में एक अधिक क्रियाशील कार्बीन लिगैंड होता है, जो तेज और अधिक सक्षम विनिमय अभिक्रियाओं की अनुमति देता है, जिससे बेहतर उपज और वलय निर्माण के लिए उच्च चयनात्मकता होती है।

व्याख्या:

  • क्रियाधार में टर्मिनल एल्केन समूह ग्रब्स की द्वितीय पीढ़ी के उत्प्रेरक के प्रभाव में वलय-समापन विनिमय से गुजरते हैं। परिणाम संयुग्मित द्विबंध के साथ एक पांच-सदस्यीय विषमलैंगिक यौगिक का निर्माण है, जो फ्यूरान वलय है।

  • क्रियाविधि:

  • बने फ्यूरान वलय एरोमेटिकता के कारण स्थिर होते हैं, और उत्प्रेरक बिना किसी प्रतिकूल अभिक्रिया के वलय को बंद करने की सुविधा प्रदान करता है।

निष्कर्ष:

सही उत्तर विकल्प 4 है, क्योंकि प्रमुख उत्पाद एक पांच-सदस्यीय चक्रीय यौगिक (फ्यूरान) है जो वलय-समापन विनिमय के माध्यम से बनता है।

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