Question
Download Solution PDFसंस्कृतनाटकेषु एतौ विदूषकौ स्तः-
A. माधवः
B. मैत्रेयः
C. माधव्यः
D. चन्द्रापीडः
उपर्युक्तकथनस्यालोके अधोलिखितेषु विकल्पेषु समुचितमुत्तरं चिनुत-
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFप्रश्न का हिंदी भाषांतर : संस्कृत नाटकोंं में विदूषक कौन है?
संस्कृत नाटक के विदूषक :
मैत्रेय :
- मृच्छकटिकम् में विदूषक का नाम मैत्रेय है। वह जाति का ब्राह्मण है। हाथ में एक टेढ़ी लकड़ी लिये रहता है। वह चारुदत्त का घनिष्ठ मित्र है।
- उसका प्रधान सहायक भी है। जब चारुदत्त धनी था उस समय वह उसके घर खूब खाता-पीता था। जब से चारुदत्त निर्धन हो गया तब से वह इधर-उधर भोजन करके केवल निवास के लिए उसके घर जाता है। वह उसका साथ नहीं छोड़ता। चारुदत्त भी उससे प्रेम करता है।
- प्रथम अंक में वह कहता है- 'अये! सर्वकालमित्र मैत्रेयः प्राप्तः' इत्यादि । विदूषक सदा चारुदत्त को ऋद्धि की कामना करता है। वह किसी प्रकार भी चारुदत्त को दुःखी नहीं करना चाहता। वह रदनिका के अपमान का समाचार उसको नहीं बतलाता। वह समझता है कि ऐसा करने से उसे मानसिक कष्ट होगा। यह चारुदत्त की बदनामी नहीं चाहता।
- प्रथम अंक में दीपक जलाने के तेल के अभाव की बात वह चारुदत्त के कान में कहता है वह नहीं चाहता कि वसन्तसेना यह जाने कि चारुदत्त दरिद्र है। वह चारुदत्त को इतना प्रेम करता है कि उसके मरने पर स्वयं भी जीवित रहना नहीं चाहता।
माधव्य :
- अभिज्ञान शाकुन्तल के विदूषक का नाम माधव्य है। यह राजा का मित्र भी है। राजा इससे हर प्रकार की बातें करता है।
- यह ब्राह्मण जाति का तथा उम्र में राजा से छोटा है, इसीलिए वह अपने को राजा का अनुज तथा युवराज भी कहता है। इसके हाथ में विद्यमान डंडा भी टेढ़ा-मेढ़ा है। इसकी सारी बातें हास्य-प्रमोद भरी होती है, अतएव राजा उसको अपने मनोविनोद के लिए सर्वदा अपने साथ रखते है, किन्तु भीरु स्वभाव का यह विदूषक आखेट आदि के समय राजा के साथ नहीं रहना चाहता है।
- उसको सर्वाधिक प्रियकर्म मिष्ठान्न भोजन है। अतएव वह अन्य बातों के प्रसङ्ग में भी बार-बार भोजन का प्रसङ्ग ला देता है।
- अभिज्ञान शाकुन्तल में विदूषक के दो बार दर्शन होते हैं। पहली बार तो वह द्वितीय अङ्क में सहृदयों के समक्ष आता है और दूसरी बार वह षष्ठाङ्क में राजा के मनोरञ्जनार्थ उपस्थित होता है।
- षष्ठाङ्क में विदूषक राजा के चित्रकर्म में सहायक होकर उनका मनोरञ्जन करता है।
- मातलि राजा को उत्तेजित करने के उद्देश्य से माधव्य को अदृश्य होकर पीड़ित करते हैं तो विदूषक के चिल्लाने की आवाज सुनकर राजा स्वयं धनुष-वाण लेकर दौड़ पड़ते हैं और माधव्य को बचाने के लिए अदृश्य सत्व का विनाश करने वाले अस्त्र को धनुष पर चढ़ाते हैं ।
- इस घटना से प्रतीत होता है कि विदूषक राजा का अत्यन्त प्रिय ब्राह्मणबटु, नर्मसखा तथा नाटक का हास्यपात्र है।
अतः स्पष्ट है, 'B, C केवलम्' यह इस प्रश्न का सही उत्तर है।
Last updated on Jul 6, 2025
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