“मुक्तिबोध का काव्य-संकलन 'चाँद का मुँह टेढ़ा है' एक बड़े कलाकार की ‘स्कैच बुक' लगती है।” – यह किस आलोचक का कथन है ?

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MPPSC Assistant Prof 2025 (Hindi) Official Paper-II (Held On: 01 Jun, 2025)
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  1. रामस्वरूप चतुर्वेदी
  2. शमशेर बहादुर सिंह
  3. रामविलास शर्मा
  4. नामवर सिंह

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Option 4 : नामवर सिंह
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MPPSC Assistant Professor UT 1: MP History, Culture and Literature
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“मुक्तिबोध का काव्य-संकलन 'चाँद का मुँह टेढ़ा है' एक बड़े कलाकार की ‘स्कैच बुक' लगती है।” – यह नामवर सिंह आलोचक का कथन है

Key Pointsनामवर सिंह-

  • जन्म- 1926-2019 ई. 
  • आलोचनात्मक ग्रंथ-
    • छायावाद(1955ई.)
    • इतिहास और आलोचना(1957ई.)
    • कहानी:नयी कहानी(1965ई.)
    • कविता के नये प्रतिमान(1968ई.)
    • दूसरी परंपरा की खोज(1982ई.) आदि। 

Important Pointsरामस्वरूप चतुर्वेदी-

  • आलोचना कृति-
    • शरत् के नारी पात्र (1955)
    • हिन्दी नवलेखन (1960)
    • आगरा जिले की बोली (1961)
    • भाषा और संवेदना (1964)
    • अज्ञेय और आधुनिक रचना की समस्या (1968)
    • हिंदी साहित्य की अधुनातन प्रवृत्तियाँ (1969)
    • कामायनी का पुनर्मूल्यांकन (1970)
    • मध्यकालीन हिंदी काव्यभाषा (1974)
    • नयी कविताएँ: एक साक्ष्य (1976)

शमशेर बहादुर सिंह-

  • जन्म-1911-1993 ई.
  • दूसरा सप्तक के महत्तवपूर्ण कवि रहे है। 
  • मुख्य रचनाएँ-
    • कुछ कविताएँ(1959 ई.)
    • कुछ और कविताएँ(1961 ई.)
    • चुका भी हूँ मैं नहीं(1975 ई.)
    • इतने अपने पास(1980 ई.) आदि।

रामविलास शर्मा- 

  • प्रसिद्धि - आधुनिक हिंदी के महत्वपूर्ण मार्क्सवादी समीक्षक के रूप में। 
  • पुरस्कार - 
    • 1970 में 'निराला की साहित्य साधना के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार। 
    • 1991 में 'भारत के प्राचीन भाषा परिवार और हिंदी' के लिए व्यास सम्मान। 
  • प्रमुख आलोचनात्मक कृतियाँ -
    • निराला (1946)
    • प्रेमचंद और उनका युग (1952)
    • आचार्य रामचंद्र शुक्ल और हिंदी आलोचना (1955)
    • निराला की साहित्य साधना (तीन भाग - 1969,1972,1976)
    • नयी कविता और अस्तित्ववाद (1978) आदि।
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