Question
Download Solution PDFपियाजे के अनुसार भाषाअर्जन की प्रक्रिया है -
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDF- भाषा-अर्जन उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें बालक भाषा को ग्रहण करने व समझने की क्षमता अर्जित करता है।
- भाषा अधिगम- अधिगम शब्द दो शब्द के मेल से बना है 'अधि' तथा 'गम'। यहाँ 'अधि' का अर्थ है 'भली प्रकार' तथा 'गम' का अर्थ है 'जानना'। अर्थात किसी बात या विषय के समीप अच्छी तरह जाना और उसकी भली भांति जानकारी प्राप्त करना।
- बालक के शब्दों एवं वाक्य प्रयोग के साथ ही भाषा को ग्रहण करने की क्षमता अर्जित होने लगती है।
- भाषा-अर्जन एक अवचेतन प्रक्रिया है, सभी बच्चों में भाषा-अर्जन की स्वभाविक क्षमता होती है।
- पियाजे के अनुसार भाषा परिवेश के साथ अंतःक्रिया से सीखी जाती है।
- यह युक्तिजन्य प्रक्रिया है।
- भाषा-अर्जन एक स्वभाविक प्रक्रिया है, भाषा-अर्जन बालक बिना विद्यालय जाये भी कर लेता है।
- इसमें बालक के सीखने की प्रक्रिया व्याकरणीय नियमों से पूर्णतः अनभिज्ञ रहती है।
- बालक वातावरण और लोगों के बीच अन्तःक्रिया से भाषा अर्जित करता है।
- अतः भाषा-अर्जन को सहज बनाने के लिए समृध्द भाषिक परिवेश होना चाहिए।
- बालक भाषा-अर्जन में सक्रिय भूमिका निभाते हुए नियमों को आत्मसात् करते हैं।
स्किनर | अभ्यास, नकल व रटने से भाषा की क्षमता प्राप्त होती है। |
चॉम्स्की |
भाषा अर्जन की क्षमता जन्मजात होती है। |
वाइगोत्स्की |
बच्चे सामाजिक अंतःक्रिया से भाषा सीखते हैं। |
पियाजे | भाषा परिवेश के साथ अंतःक्रिया से सीखी जाती है। |
Last updated on Apr 30, 2025
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