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Download Solution PDFजीवन पर अब दिन-रात कड़ा पहरा है, शासन है, या तम का प्रभाव गहरा है ? यह पंक्तियाँ किस कविता से उद्धृत हैं ?
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MPPSC Assistant Prof 2022 (Hindi) Official Paper-II (Held On: 28 Jan, 2024)
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Option 4 : कैदी और कोकिल
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MPPSC Assistant Professor UT 1: MP History, Culture and Literature
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Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर हसी- कैदी और कोकिला
कैदी और कोकिला-
- रचनाकार- माखनलाल चतुर्वेदी
- विधा- काव्य
- मुख्य-
- कैदी और कोकिला कविता में कवि जेल में एकाकी और उदास है।
- वह कोकिल से अपने मन का दुःख, असंतोष और ब्रितानी शासन के प्रति आक्रोश को व्यक्त करता है।
- उससे कहता है कि यह मधुर गीत गाने का समय नहीं है।
- यह मुक्ति के गीत सुनाने का समय है।
- कवि इस कविता में बताता है कि कैसे भारतीय स्वाधीनता सेनानी जेल में भी विद्रोही स्वाभाव रखते हैं।
- अंग्रेज़ों के सामने घुटने नहीं टेकते चाहे कितनी ही यातनाएं मिलें, चाहे उन्हें भूखे प्यासे रहना पड़े।
- माखनलाल चतुर्वेदी एक राष्ट्रवादी कवि थे, यह कविता उसी राष्ट्रीयता का उदहारण है।
Key Pointsमाखनलाल चतुर्वेदी-
- जन्म-1889 ई.- 1968 ई.
- हिंदी साहित्य में राष्ट्रीय सांस्कृतिक धारा के मुख्य कवि रहे है।
- उपनाम- एक भारतीय आत्मा
- मुख्य रचनाएँ-
- हिमकिरीटिनी(1941 ई.)
- हिमतरंगिणी(1948 ई.)
- माता(1951 ई.)
- समर्पण(1956 ई.) आदि।
Important Points
कविता | कवि | प्रकाशन वर्ष |
---|---|---|
वीरों का कैसा हो बसंत | सुभद्रा कुमारी चौहान | 1930 (मुकुल संग्रह) |
विप्लव गान | सुमित्रानंदन पंत | 1939 (युगवाणी संग्रह) |
बलि पंथी के लिए | रामधारी सिंह 'दिनकर' | 1954 (हुंकार संग्रह) |
Additional Informationसुभद्रा कुमारी चौहान-
- काव्य संग्रह-
-
खीलते फूल - 1932
-
मुकुल - 1930 (वीरों का कैसा हो बसंत इसी में शामिल)
-
झरना - 1941 (मरणोपरांत संकलन)
-
सुमित्रानंदन पंत-
- काव्य संग्रह-
-
वीणा - 1918
-
ग्रंथि - 1920
-
गुंजन - 1932
-
युगवाणी - 1939 (विप्लव गान इसी में शामिल)
-
स्वर्ण किरण - 1953
-
रामधारी सिंह 'दिनकर'-
- काव्य संग्रह-
-
रेणुका - 1935
-
हुंकार - 1954 (बलि पंथी के लिए इसी में शामिल)
-
रश्मिरथी - 1952
-
उर्वशी - 1961
-
हारे को हरिनाम - 1970
-
Last updated on Jul 7, 2025
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