Question
Download Solution PDFनिम्नांकित काव्य पंक्ति में अलंकार बताइए-
दुख इस मानव आत्मा का रे नित का मधुमय भोजन।
दुख के तम को खा खाकर भरती प्रकाश से वह मन।।
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDF- सही उत्तर - विभावना अलंकार
Key PointsI
- विभावना अलंकार - जहाँ पर कारण के ना होते हुए भी कार्य का होना पाया जाए वहां विभावना अलंकार हैI
- इन पंक्तियों में कवि दुःख को मधुमय अर्थात मीठा भोजन बता रहा हैi
- अन्धकार को खाकर आत्मा प्रकाश से मन भरती हैI यहाँ कवि ने कारण को न बता कर कार्य को प्रश्रय दिया हैI
- इसलिए यहाँ विभावना अलंकार हैI
Important Points
- विरोधाभास अलंकार - जहां वाक्य में विरोध का आभास शब्दों के माध्यम से हो परन्तु विरोध ना हो और सार्थक बात कही जाए वहां विरोधाभास अलंकार हैI
- विरोधाभास का उदाहरण - "या अनुरागी चित्त की गति समुझै नहिं कोईI ज्यों ज्यों बूढ़े स्याम रंग त्यों त्यों उज्जल होईI"
- निदर्शना अलंकार - जब दो वस्तुओं या दो कार्यों को समानता सूचित करने के लिए एक बताया जाए जबकि वे एक ना हों, तो वहां निदर्शना अलंकार होता हैI
- निदर्शना का उदाहरण - "यह प्रेम को पंथ कराल महा तरवारि की धार पै धावनो हैI"
- समासोक्ति अलंकार - यहाँ प्रस्तुत विषय के वर्णन के साथ अप्रस्तुत विषय का भी वर्णन दृष्टव्य होता हैI
- समासोक्ति का उदाहरण - "कुमुदिनी हूँ प्रफुलित भाई सांझ कलानिधि जोई"
Last updated on Jul 11, 2025
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