भारत में लागू न होने वाले विधि की भूल के कारण हुआ संविदा:

  1. शून्य है।
  2. शून्यकरणीय है।
  3. इसका प्रभाव वैसा ही है मानो यह तथ्य की भूल के कारण हुआ हो।
  4. उपरोक्त मे से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : इसका प्रभाव वैसा ही है मानो यह तथ्य की भूल के कारण हुआ हो।

Detailed Solution

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सही उत्तर विकल्प 3 है।

Key PointsICA की धारा 21 कहती है कि विधि के बारें की भूलों का प्रभाव। —एक संविदा रद्द करने योग्य नहीं है क्योंकि यह 11 [भारत] में लागू किसी भी विधि की भूल के कारण हुआ था; लेकिन भारत में लागू न होने वाले विधि के बारे में भूल का प्रभाव तथ्य की भूल के समान ही होता है। — कोई संविदा शून्यकरणीय नहीं है क्योंकि यह 1[भारत] में लागू किसी भी विधि की भूल के कारण हुआ था; लेकिन 1[भारत] में लागू नहीं होने वाले विधि के बारे में एक भूल का प्रभाव तथ्य की भूल के समान ही होता है।"

ICA की धारा 22 कहती है कि तथ्य के मामले में एक पक्ष की भूल के कारण संविदा — एक संविदा केवल इसलिए रद्द करने योग्य नहीं है क्योंकि यह तथ्य के मामले में किसी एक पक्ष की भूल के कारण हुआ था। —कोई संविदा केवल इसलिए शून्यकरणीय नहीं है क्योंकि यह तथ्य के मामले में किसी एक पक्ष की भूल के कारण हुआ है।"

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