आईपीसी की धारा 353 के तहत गंभीर उकसावे के अलावा हमला या आपराधिक बल का प्रयोग किस प्रकार का अपराध है?

  1. जमानतीय एवं संज्ञेय
  2. जमानती और गैर संज्ञेय
  3. गैर जमानती एवं संज्ञेय
  4. गैर जमानती और गैर संज्ञेय

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : गैर जमानती एवं संज्ञेय

Detailed Solution

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सही उत्तर विकल्प 3 है।

Key Points

  • धारा 353 भारतीय दंड संहिता 1860 के अध्याय 16 (मानव शरीर के विरुद्ध अपराध) के अंतर्गत आती है, जो लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमले या आपराधिक बल से संबंधित है।
  • जो कोई लोक सेवक के रूप में अपने कर्तव्य के निष्पादन में, या उस व्यक्ति को ऐसे लोक सेवक के रूप में अपने कर्तव्य के निर्वहन से रोकने या रोकने के इरादे से, या किसी भी कार्य या प्रयास के परिणामस्वरूप किसी व्यक्ति पर हमला करता है या आपराधिक बल का उपयोग करता है। ऐसे व्यक्ति द्वारा ऐसे लोक सेवक के रूप में अपने कर्तव्य का विधिपूर्वक निर्वहन करने पर, किसी एक अवधि के लिए कारावास, जिसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या जुर्माना, या दोनों से दंडित किया जाएगा।
  • धारा 353 के तहत अपराध सीआरपीसी 1973 की पहली अनुसूची के तहत प्रदान किया गया एक गैर जमानतीऔर संज्ञेय अपराध है। 

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