विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 की धारा 22सी के अनुसार निम्नलिखित में से कौन सा सही है?

  1. किसी विवाद का कोई भी पक्ष, विवाद को किसी भी न्यायालय के समक्ष लाए जाने के बाद, विवाद के निपटारे के लिए स्थायी लोक अदालत में आवेदन कर सकता है।
  2. स्थायी लोक अदालत को किसी भी कानून के तहत समझौता योग्य न होने वाले अपराध से संबंधित किसी भी मामले के संबंध में अधिकार क्षेत्र नहीं होगा
  3. स्थायी लोक अदालत को केवल ऐसे मामलों में अधिकारिता प्राप्त होगी जहां विवादित संपत्ति का मूल्य दस लाख रुपये से अधिक हो।
  4. उपरोक्त सभी सही हैं।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : स्थायी लोक अदालत को किसी भी कानून के तहत समझौता योग्य न होने वाले अपराध से संबंधित किसी भी मामले के संबंध में अधिकार क्षेत्र नहीं होगा

Detailed Solution

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सही उत्तर विकल्प 2 है Key Points 

  • विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 की धारा 22 (ग) स्थायी लोक अदालत द्वारा मामलों के संज्ञान से संबंधित है।
  • (1) किसी विवाद का कोई पक्षकार, विवाद को किसी न्यायालय के समक्ष लाने से पूर्व, विवाद के निपटारे के लिए स्थायी लोक अदालत को आवेदन कर सकेगा :
    • परन्तु स्थायी लोक अदालत को ऐसे अपराध से, जो किसी विधि के अधीन शमनीय नहीं है, संबंधित किसी विषय के संबंध में कोई अधिकारिता नहीं होगी:
    • परन्तु यह और कि स्थायी लोक अदालत को ऐसे मामले में भी अधिकारिता नहीं होगी जिसमें वादग्रस्त संपत्ति का मूल्य दस लाख रुपए से अधिक है :
    • परन्तु यह भी कि केन्द्रीय सरकार राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, केन्द्रीय प्राधिकरण से परामर्श करके दूसरे परंतुक में विनिर्दिष्ट दस लाख रुपए की सीमा को बढ़ा सकेगी।
  • (2) स्थायी लोक अदालत को उपधारा (1) के अधीन आवेदन किए जाने के पश्चात्, उस आवेदन का कोई पक्षकार उसी विवाद के लिए किसी न्यायालय की अधिकारिता का अवलंब नहीं लेगा।
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