Question
Download Solution PDF'बहुरि विचार कीन्ह मन माहीं। सीय बदन सम हिमकर नाहीं II' पंक्ति में कौन सा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDF'बहुरि विचार कीन्ह मन माहीं। सीय बदन सम हिमकर नाहीं II' पंक्ति में प्रतीप अलंकार है।
- यह पंक्तियाँ तुलसीदास कृत रामचरितमानस के बालकाण्ड अध्याय से ली गई है।
Key Pointsप्रतीप अलंकार-
- 'प्रतीप' का अर्थ होता है- 'उल्टा' या 'विपरीत'।
- यह उपमा अलंकार के विपरीत होता है।
- इस अलंकार में उपमान को लज्जित,पराजित या हीन दिखाकर उपमेय की श्रेष्टता बताई जाती है।
- उदाहरण-
- सिय मुख समता किमि करै चन्द वापुरो रंक।
- सीताजी के मुख (उपमेय)की तुलना बेचारा चन्द्रमा (उपमान) नहीं कर सकता।
- उपमेय की श्रेष्टता प्रतिपादित होने से यहां 'प्रतीप अलंकार' है।
Important Pointsरूपक अलंकार-
- उपमेय और उपमान में जब अंतर दिखाई ना दे तो हम उसे रूपक अलंकार कहते हैं।
- रूप तथा गुण की समानता के कारण उपमेय (सादृश्य) को उपमान (प्रसिद्ध) का रूप मान लिया जाता है ,वहां रूपक अलंकार होता है।
- उदाहरण-
- चरण-कमल बन्दों हरि राई।
- यहां चरण (उपमेय) में कमल (उपमान) का आरोप किया गया है।
उत्प्रेक्षा अलंकार-
- जहां रूप गुण आदि समान प्रतीत होने के कारण उपमेय में उपमान की संभावना या कल्पना की जाए और उसे व्यक्त करने के लिए मनु,मानो,जानो,जनु,ज्यों आदि वाचक शब्दों का प्रयोग किया जाए,वहां उत्प्रेक्षा अलंकार माना जाता है।
- उदाहरण-
- सोहत ओढ़े पीत पट स्याम सलोने गात
मनौ नीलमणि सैल पर आतप परयो प्रभात॥
- सोहत ओढ़े पीत पट स्याम सलोने गात
अनन्वय अलंकार-
- उपमान के अभाव के कारण उपमेय ही उपमान का स्थान ले लेता है,वहाँ अनन्वय अलंकार होता है।
- उदाहरण-
- राम-से राम, सिया-सी सिया;
सिरमौर बिरंचि बिचारि सँवारे। - उदाहरण में राम और सीता ही उपमान है तथा राम और सीता ही उपमेय है।
- अत: यहां अनन्वय अलंकार है।
- राम-से राम, सिया-सी सिया;
Additional Informationअलंकार-
- अर्थ-अलंकृत करना या सजाना।
- अलंकार सुन्दर वर्णो से बनते हैं और काव्य की शोभा बढ़ाते हैं।
- ‘अलंकार शास्त्र’ में आचार्य भामह ने इसका विस्तृत वर्णन किया है।
- वे अलंकार सम्प्रदाय के प्रवर्तक कहे जाते हैं।
Last updated on Aug 24, 2023
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