कवि और रचना MCQ Quiz in বাংলা - Objective Question with Answer for कवि और रचना - বিনামূল্যে ডাউনলোড করুন [PDF]

Last updated on Apr 8, 2025

পাওয়া कवि और रचना उत्तरे आणि तपशीलवार उपायांसह एकाधिक निवड प्रश्न (MCQ क्विझ). এই বিনামূল্যে ডাউনলোড করুন कवि और रचना MCQ কুইজ পিডিএফ এবং আপনার আসন্ন পরীক্ষার জন্য প্রস্তুত করুন যেমন ব্যাঙ্কিং, এসএসসি, রেলওয়ে, ইউপিএসসি, রাজ্য পিএসসি।

Latest कवि और रचना MCQ Objective Questions

Top कवि और रचना MCQ Objective Questions

कवि और रचना Question 1:

खड़ीबोली हिन्दी का प्रथम महाकाव्य कौन सा है ?

  1. प्रिय प्रवास
  2. साकेत
  3. कामायनी
  4. वैदेही वनवास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : प्रिय प्रवास

कवि और रचना Question 1 Detailed Solution

खड़ीबोली हिन्दी का प्रथम महाकाव्य है-प्रिय प्रवास। 

प्रिय प्रवास-

  • रचनाकार-अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध' 
  • प्रकाशन वर्ष-1914 ई. 
  • विधा-प्रबंध काव्य 
  • सर्ग-17 
  • सबसे पहले ये 'ब्रजंगना विलाप' नाम से प्रकाशित हुआ था। 
  • विषय-
    • कृष्ण के बचपन से लेकर मथुरा गमन टक का वर्णन किया गया है। 
    • यह काव्य संस्कृत के वर्णवृत्तों पर आधारित है। 

Key Pointsअयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध'-

  • जन्म-1865-1947 ई. 
  • गणपतिचंद्र गुप्त ने इन्हें 'आधुनिक युग का सूरदास' कहा है। 
  • मुख्य रचनाएँ-
    • कृष्ण शतक(1882 ई.),रसिक रहस्य(1899 ई.),प्रेम प्रपंच(1900 ई.),चुभते चौपदे(1924 ई.),रस कलश(1931 ई.),चोखे चौपदे(1932 ई.) आदि। 
  • प्रबंध काव्य-
    • पारिजात(1937 ई.) आदि।

Important Pointsवैदेही वनवास-

  • रचनाकार-अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
  • विधा-प्रबंध काव्य 
  • प्रकाशन वर्ष-1940 ई. 
  • विषय-
    • इसमें 18 सर्ग हैं। 
    • इसमें सीता परित्याग का वर्णन किया गया है। 

कामायनी-

  • विधा-महाकाव्य 
  • दर्शन-समरसतावाद 
  • छंद-तांटक 
  • रस-निर्वेद(शांत)
  • सर्ग-15 
    • चिंता,आशा,श्रद्धा,काम,वासना,लज्जा,इडा,निर्वेद,आनंद आदि। 
  • विषय-
    • प्रतीकात्मक महाकाव्य है। 
    • इसमें शतपथ ब्रह्मण से घटनाएं ली गयी है। 
    • मूल मनोभावों का पात्रों के रूप मे रूपांतरण किया गया है। 
  • पात्र-
    • मनु,श्रद्धा,इडा,कुमार आदि। 

साकेत-

  • रचनाकार-मैथिलीशरण गुप्त 
  • विधा-काव्य 
  • प्रकाशन वर्ष-1931 ई. 
  • सर्ग-12 
  • विषय-
    • इसकी मूल प्रेरणा महावीरप्रसाद द्विवेदी के लेख 'कवियों की उर्मिला-विषयक उदासीनता' से मिली। 
    • साकेत शब्द मूलतः पालि भाषा का शब्द है। 
    • साकेत का अर्थ है-अयोध्या 
  • डॉ. नगेंद्र ने इसे 'जनवादी काव्य' कहा। 

Additional Informationमैथिलीशरण गुप्त-

  • जन्म-1886-1964 ई. 
  • ब्रजभाषा उपनाम-रसिकेन्द्र 
  • बांग्ला भाषा उपनाम-मधुप 
  • महात्मा गांधी ने 'राष्ट्रकवि' की उपाधि दी। 
  • रचनाएँ-
    • जयद्रथ वध(1910 ई.),किसान(1917 ई.),विकट भट(1929 ई.),झंकार(1929 ई.),साकेत(1931 ई.),यशोधरा(1932 ई.) आदि। 

जयशंकर प्रसाद-

  • जन्म-1889-1937 ई. 
  • छायावाद के महत्तवपूर्ण कवि रहे है। 
  • इन्हें प्रेम और मस्ती का कवि कहा जाता है। 
  • रचनाएँ-
  • काव्य संग्रह-
    • उर्वशी(1909 ई.),वन मिलन(1909 ई.),कानन कुसुम(1913 ई.),प्रेमपथिक(1913 ई.) आदि। 

कवि और रचना Question 2:

'प्रियप्रवास' किस कवि की प्रसिद्ध कृति है ? 

  1. श्यामनारायण पाण्डेय
  2. बालकृष्ण शर्मा 'नवीन'
  3. अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
  4. पं. माखनलाल चतुर्वेदी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध'

कवि और रचना Question 2 Detailed Solution

प्रिय प्रवास की रचना अयोध्यासिंह हरिऔध ने की।

  • यदि 'प्रियप्रवास' खड़ी बोली का प्रथम महाकाव्य है तो 'हरिऔध' खड़ी बोली के प्रथम महाकवि।
  • ​इसका रचनाकाल सन् 1909 से सन् 1913 है। 
  • कृष्णकाव्य की परंपरा में होते हुए भी, उससे भिन्न है।
  • प्रियप्रवास" विरहकाव्य है।

Important Points

  • आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने “प्रिय प्रवास” की इसकी कथावस्तु एक अच्छे प्रबन्ध के लिए पर्याप्त है विशेषता का उल्लेख नहीं किया है।  
  • इसका रचनाकाल सन् 1909 से 1913 है।
  • इनकी अन्य रचनायें-प्रिय प्रवास,पारिजात,फूल पत्ते,चोखे चौपदे,चुभते चौपदे आदि।  
  • प्रिय प्रवास महाकाव्य खड़ी बोली का प्रथम महाकाव्य है।

Additional Information

  • प्रिय प्रवास की विशेषताएं-
  • कृष्ण के चरित्र की तरह "प्रियप्रवास" की राधा के चरित्र में भी नवीनता है।
  • वात्सल्य,सख्य और माधुर्य का प्राधान्य है और भाव में लालित्य है,तथापि यथास्थान ओज का भी समावेश है।

कवि और रचना Question 3:

हिन्दी खड़ीबोली का प्रथम महाकाव्य कौन-सा है ? 

  1. साकेत 
  2. सामधेनी 
  3. हल्दीघाटी  
  4. प्रियप्रवास  

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : प्रियप्रवास  

कवि और रचना Question 3 Detailed Solution

हिन्दी खड़ीबोली का प्रथम महाकाव्य प्रियप्रवास  है,अन्य विकल्प असंगत है, अत: विकल्प 4 'प्रियप्रवास' सही उत्तर होगा।

Key Points

  • प्रियप्रवास अयोध्यासिंह उपाध्याय "हरिऔध" की हिन्दी काव्य रचना है।
  • यदि 'प्रियप्रवास' खड़ी बोली का प्रथम महाकाव्य है तो 'हरिऔध' खड़ी बोली के प्रथम महाकवि।
  • इसका रचनाकाल सन् 1909 से सन् 1913 है। 
  • कृष्णकाव्य की परंपरा में होते हुए भी, उससे भिन्न है।
  • प्रियप्रवास" विरहकाव्य है।

 

Additional Information

 रचना

रचनाकार 

 साकेत 

 मैथिलीशरण गुप्त

 सामधेनी 

 रामधारी सिंह 'दिनकर'

 हल्दीघाटी  

  श्यामनारायण पाण्डेय 

 

 

 

 

 

Important Points

 "हरिऔध" जी ने कहा है -

  • "मैंने श्री कृष्णचंद्र को इस ग्रंथ में एक महापुरुष की भाँति अंकित किया है, ब्रह्म करके नहीं। कृष्णचरित को इस प्रकार अंकित किया है जिससे आधुनिक लोग भी सहमत हो सकें।"

कवि और रचना Question 4:

अयोध्यासिंह उपाध्याय का ग्रन्थ 'प्रिय प्रवास' किस भाषा में लिखा गया है?

  1. खड़ी बोली
  2. मगधी
  3. अवधी
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : खड़ी बोली

कवि और रचना Question 4 Detailed Solution

प्रियप्रवास खड़ी बोली हिन्दी का पहला महाकाव्य है I 

  • इसके छन्दों में तुकान्तता नहीं है I

इसमें 17 सर्ग होते हैं।

  • प्रियप्रवास के प्रमुख चरित्र कृष्ण एवं राधा हैं परन्तु कवि ने उसमें युगानुकूल कुछ परिवर्तन किए हैं।
  • इसमें श्रीकृष्ण को भगवान न मानकर एक महापुरुष, एक जननायक के रूप में चित्रित किया गया है।
  • श्रीकृष्ण मानवता के अनन्य पुजारी हैं।
Important Points

प्रियप्रवास

लेखक :- अयोध्यासिंह "हरिऔध" 

विधा :- हिन्दी काव्य 

रचनाकाल :-  सन् 1909 से सन् 1913  

Additional Information

प्रिय प्रवास के बारे में अन्य प्रमुख बातें :- 

यह 'भिन्न तुकांत' अथवा अतुकांत महाकाव्य है।

प्रियप्रवास" यद्यपि संस्कृतबहुल और समासगुंफित है, तथापि इसकी भाषा में यथास्थान बोलचाल के शब्दों का भी समावेश है।

अतुकांत होते हुए भी इसके पदप्रवाह में प्राय: सानुप्रास कविता जैसा संगीत है, छंद और भाषा में लयप्रवाह है, फिर भी वर्णिक छंद के कारण यत्रतत्र भाषा हिंदी की पष्टि से कृत्रिम हो गई है, जकड़ सी गई है।

"प्रियप्रवास" द्विवेदी युग में प्रकाशित हुआ था।

"प्रियप्रवास" विरहकाव्य है।

कवि और रचना Question 5:

भारत-भारती का का लेखन वर्ष है?

  1. 1912 ई.
  2. 1914 ई.
  3. 1916 ई.
  4. 1918 ई.

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : 1912 ई.

कवि और रचना Question 5 Detailed Solution

"भारत भारती" का वर्ष 1912 ईस्वी में रचा गया है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (1) 1912 सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।

  • यह काव्य 1912 में रचा गया और संशोधनों के साथ 1914 में प्रकाशित हुआ।
Key Points
  • भारत भारती, मैथिलीशरण गुप्तजी की प्रसिद्ध काव्यकृति है।
  • यह अपूर्व काव्य मौलाना हाली के 'मुसद्दस' के ढंग का है।
  • राजा रामपाल सिंह और रायकृष्णदास इसकी प्रेरणा में हैं।
  • यह ग्रन्थ तीन भागों में बाँटा गया है - 
    • अतीत खण्ड
    • वर्तमान खण्ड
    • भविष्यत् खण्ड
Important Points
  • राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त (3 अगस्त 18886 – 12 दिसम्बर 1964)
  • उन्हें साहित्य जगत में 'दद्दा' नाम से सम्बोधित किया जाता था।
  • उनकी जयन्ती 3 अगस्त को हर वर्ष 'कवि दिवस' के रूप में मनाया जाता है।
  • सन 1954 में भारत सरकार ने उन्हें "पद्मभूषण" से सम्मानित किया।
  • महात्मा गांधी ने उन्हें 'राष्ट्रकवि' की पदवी भी दी थी। 
Additional Information

खण्डकाव्य

महाकाव्य

अंजलि और अर्घ्य

गुरुकुल 

विश्व वेदना

राजा प्रजा

साकेत

जयद्रथ वध

अजित

जय भारत

विष्णुप्रिया

यशोधरा

पंचवटी

अर्जन और विसर्जन

युद्ध

उर्मिला

द्वापर

काबा और कर्बला

झंकार

लीला

सिद्धराज

किसान

पृथ्वीपुत्र

प्रदक्षिणा

नहुष

कुणाल गीत

वक संहार 

दिवोदास

अंजलि और अर्घ्य

गुरु तेग बहादुर

शकुंतला

भूमि-भाग

कवि और रचना Question 6:

कौन सी रचना हरिऔध की नहीं है?

  1. चोखेचौपदे
  2. रसकलश
  3. प्रियप्रवास
  4. यशोधरा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : यशोधरा

कवि और रचना Question 6 Detailed Solution

यशोधरा, हरिऔध द्वारा रचित नही है।  

  • यशोधरा,  मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित रचना है।  
  • मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित प्रसिद्ध प्रबंध काव्य है जिसका प्रकाशन सन् 1933 ई. में हुआ। 
  • यशोधरा महाकाव्य में गौतम बुद्ध के गृह त्याग की कहानी को केन्द्र में रखकर यह महाकाव्य लिखा गया है। इसमें गौतम बुद्ध की पत्नी यशोधरा की विरहजन्य पीड़ा को विशेष रूप से महत्त्व दिया गया है।
  • यह गद्य-पद्य मिश्रित विधा है जिसे चम्पूकाव्य कहा जाता है।

Key Points

  • चोखेचौपदे, रसकलश, प्रियप्रवास -- यह हरिऔध द्वारा रचित 
  • अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध' 
    • प्रिय प्रवास (1914 ई) ,कवि सम्राट,वैदेही वनवास (1940 ई) , पारिजात (1937 ई) , रस-कलश (1940 ई) , चुभते चौपदे (1932 ई), चौखे चौपदे (1924 ई )

कवि और रचना Question 7:

निम्न में से कौन सी रचना रामनरेश त्रिपाठी की नहीं है?

  1. श्रांत पथिक
  2. पथिक
  3. मिलन
  4. स्वप्न
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : श्रांत पथिक

कवि और रचना Question 7 Detailed Solution

श्रांत पथिक रचना रामनरेश त्रिपाठी की नहीं है।

श्रांत पथिक-

  • रचनाकार-श्रीधर पाठक 
  • प्रकाशन वर्ष-1902ई. 
  • भाषा-खड़ी बोली 
  • यह गोल्डस्मिथ की रचना ट्रैवलर का अनुवाद है। 

Key Pointsश्रीधर पाठक-

  • जन्म-1859-1928ई. 
  • द्विवेदी युग के मुख्य कवि है।
  • इनको खड़ी बोली हिन्दी का प्रथम कवि स्वीकार किया जाता है। 
  • रचनाएँ-
    • मनोविनोद(1882ई.)
    • जगत सचाई सार(1887ई.)
    • गुनवंत हेमंत(1900ई.)
    • कश्मीर सुषमा(1904ई.)
    • स्वर्गीय वीणा आदि। 
  • ​अनूदित रचनाएँ-
    • गड़ेरिया और दार्शनिक 
    • ऋतुसंहार 
    • एकांतवासी योगी(1886ई.) 
    • उजड़ग्राम(1889ई.) आदि।  

Important Pointsपथिक-

  • रचनाकार-रामनरेश त्रिपाठी
  • प्रकाशन वर्ष-1920ई. 
  • काव्य रूप-खंड काव्य 
  • विषय-
    • कविता में दुनिया के दुखों से विरक्त काव्य नायक पथिक की प्रकृति के सौंदर्य पर मुग्ध होकर वहीं बसने की इच्छा का वर्णन किया है।
    • यहाँ वह किसी साधु द्वारा संदेश ग्रहण करके देशसेवा का व्रत लेता है।
    • राजा उसे मृत्युदंड देता है,परंतु उसकी कीर्ति समाज में बनी रहती है।

मिलन-

  • रचनाकार-रामनरेश त्रिपाठी
  • प्रकाशन वर्ष-1917ई.  
  • काव्य रूप-खंड काव्य

स्वप्न-

  • रचनाकार-रामनरेश त्रिपाठी
  • प्रकाशन वर्ष-1929ई. 
  • काव्य रूप-खंड काव्य
  • 15 दिनों में रचित रचना है।
  • इसके लिए इन्हें हिन्दुस्तान अकादमी का पुरस्कार मिला। 

Additional Informationरामनरेश त्रिपाठी-

  • जन्म-1889-1962ई. 
  • द्विवेदी युगीन मुख्य कवि रहे है। 
  • इन्होंने अपने समय के समाज सुधार के स्थान पर रोमांटिक प्रेम को कविता का विषय बनाया।
  • इनकी कविताओं में देश-प्रेम और वैयक्तिक प्रेम,दोनों मौजूद हैं,लेकिन देश-प्रेम को विशेष स्थान दिया है। 
  • रचनाएँ-
    • मानसी
    • कविता कौमुदी 
    • ग्रामगीत आदि। 

कवि और रचना Question 8:

'साकेत' महाकाव्य के कवि हैं -

  1. जयशंकर प्रसाद
  2. दिनकर
  3. मैथिली शरणगुप्त
  4. सुमित्रानंदन पंत
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : मैथिली शरणगुप्त

कवि और रचना Question 8 Detailed Solution

'साकेत' महाकाव्य के कवि हैं - 'मैथिली शरणगुप्त'

  • साकेत मैथिलीशरण गुप्त रचित महाकाव्य का नाम है। इसका प्रथम प्रकाशन सन् 1931 में हुआ था। 
  • 'साकेत महाकवि' मैथिलीशरण गुप्त का लिखा महाकाव्य है जो 12 सर्गों में लिखा गया है।
  • इस कृति में हिन्दुस्तान के आराध्य अयोध्याधिपति प्रभु श्रीराम के भाई लक्ष्मण की पत्नी श्रीमति उर्मिला के विरह का जो चित्रण गुप्त जी ने किया है
  • वह अत्यधिक मार्मिक और गहरी मानवीय संवेदनाओं और भावनाओं से ओत-प्रोत है। 

Key Points

मैथिलीशरण गुप्त:-

  • मैथिलीशरण गुप्त (जन्म- 3 अगस्त, 1886, झाँसी; मृत्यु- 12 दिसंबर, 1964, झाँसी) खड़ी बोली के प्रथम महत्वपूर्ण कवि थे।
  • इन्हें 'राष्ट्रकवि' के नाम से भी जाना जाता है। 
  • महावीर प्रसाद द्विवेदी की प्रेरणा से आपने खड़ी बोली को अपनी रचनाओं का माध्यम बनाया

कृतियां (रचनाएं) :-

  • भारत भारती (1912)
  • रंग में भंग (1909)
  • जयद्रथ वध (1910)
  • शकुंतला (1914)
  • पंचवटी (1915)
  • विष्णुप्रिया (1957)
  • रत्नावली (1960)

Additional Informationजयशंकर प्रसाद की प्रमुख रचनाएं:-

  • प्रेम-पथिक (1909)
  • चित्राधार (1918)
  • कानन कुसुम (1913)
  • झरना (1918)
  • आँसू  (1924)
  • लहर (1934)
  • कामायनी (1936)

रामधारी सिंह 'दिनकर' की प्रमुख रचनाएं:-

  • प्रणभंग (1929)
  • रेणुका (1935)
  • हुंकार (1938)
  • रसवन्ती (1939)
  • कुरूक्षेत्र (1946)
  • रश्मिरथी (1952)
  •  उर्वशी (1961)

सुमित्रानंदन पंत की प्रमुख रचनाएं:-

  • वीणा (1919)
  • ग्रंथि (1920)
  • पल्लव (1926)
  • गुंजन (1932)
  • युगांत (1937)
  • युगवाणी (1938)
  • ग्राम्या (1940)
  • स्वर्णकिरण (1947)

कवि और रचना Question 9:

निम्न में से महावीरप्रसाद द्विवेदी की कविताओं का संग्रह कौन है ?

  1. काव्य मंजरी
  2. काव्य कुंज
  3. काव्य मंजूषा
  4. काव्य कुसुम

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : काव्य मंजूषा

कवि और रचना Question 9 Detailed Solution

महावीरप्रसाद द्विवेदी की कविताओं का संग्रह है :- काव्य मंजूषा 

काव्य मंजूषा - 

  • रचनाकार- महावीर प्रसाद द्विवेदी। 
  • प्रकाशन वर्ष - 1903 ई० 
  • विधा - मौलिक काव्य संग्रह 

Key Pointsमहावीरप्रसाद द्विवेदी - 

  • प्रसिद्धि - द्विवेदी युग के प्रवर्तक 
  • मौलिक काव्य संग्रह - 
    • देवी स्तुति-शतक (1892)
    • कान्यकुब्जावलीव्रतम (1898)
    • नागरी (1900)
    • कान्यकुब्ज-अबला-विलाप 1907)
    • सुमन (1923)
    • द्विवेदी काव्य माला (1940)
    • कविता कलाप (1909)
  • अनूदित काव्य संग्रह - 
    • विनय विनोद (1889)
    • विहार वाटिका (1890)
    • स्नेह माला (1890)
    • श्री महिम्न स्त्रोत (1891)
    • गंगा लहरी (1891)
    • ऋतुतरंगिणी (1891)
    • सोहागरात (अप्रकाशित)
    • कुमारसंभवसार (1902)

Additional Informationकाव्य कुसुम - 

  • काव्य कुसुम 23 रचनाकारों के उत्कृष्ट रचनाओं का काव्य संग्रह है जिसके संपादक ओम प्रकाश लववंशी है। 

कवि और रचना Question 10:

हिन्दी में स्वच्छंदतावाद का कवि किसे कहा जाता है?

  1. हरिऔद्य
  2. रामनरेश त्रिपाठी
  3. श्रीधर पाठक
  4. राधाकृष्ण दास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : श्रीधर पाठक

कवि और रचना Question 10 Detailed Solution

"श्रीधर पाठक" को "हिंदी में स्वच्छंदतावाद का कवि "कहा जाता है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (3) श्री धर पाठक सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।

Key Points
  • श्री धर पाठक को हिंदी में स्वच्छंदतावाद का कवि कहते हैं।
  • स्वच्छन्दतावाद कला, साहित्य तथा बौद्धिक क्षेत्र का एक आन्दोलन था जो यूरोप में अट्ठारहवीं शताब्दी के अन्त में आरम्भ हुआ। 
  • 1800 से 1850 तक के काल में यह आन्दोलन अपने चरमोत्कर्ष पर था।
Important Points
  • श्रीधर पाठक (11 जनवरी 1858 - 13 सितंबर 1928)
  • मनोविनोद (भाग-1,2,3), धन विनय (1900), गुनवंत हेमंत (1900), वनाष्टक (1912), देहरादून (1915), गोखले गुनाष्टक (1915)

Additional Information

  • रामनरेश त्रिपाठी (4 मार्च, 1889 - 16 जनवरी, 1962) हिन्दी भाषा के 'पूर्व छायावाद युग' के कवि थे।
  • कविता, कहानी, उपन्यास, जीवनी, संस्मरण, बाल साहित्य सभी पर उन्होंने कलम चलाई। 
  • ग्राम गीतों का संकलन करने वाले वह हिंदी के प्रथम कवि थे जिसे 'कविता कौमुदी' के नाम से जाना जाता है।
  • रामनरेश त्रिपाठी की चार काव्य-कृतियाँ मुख्य रूप से उल्लेखनीय हैं-
    • मिलन (1918) 
    • पथिक (1920) 
    • मानसी (1927) 
    • स्वप्न (1929)

Additional Information

  • अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध' (15 अप्रैल, 1865-16 मार्च, 1947)
    • प्रिय प्रवास (1914 ई) ,कवि सम्राट,वैदेही वनवास (1940 ई) , पारिजात (1937 ई) , रस-कलश (1940 ई) , चुभते चौपदे (1932 ई), चौखे चौपदे (1924 ई )
  • श्रीधर पाठक (11 जनवरी 1858 - 13 सितंबर 1928)
    • मनोविनोद (भाग-1,2,3), धन विनय (1900), गुनवंत हेमंत (1900), वनाष्टक (1912), देहरादून (1915), गोखले गुनाष्टक (1915)
  • राधाकृष्ण दास (1865- 2 अप्रैल 1907)
    • 'दुःखिनी बाला ', 'पद्मावती ' तथा 'महाराणा प्रताप ' नामक उनके नाटक बहुत प्रसिद्ध हुए।
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