पद्यांश MCQ Quiz in हिन्दी - Objective Question with Answer for पद्यांश - मुफ्त [PDF] डाउनलोड करें
Last updated on Apr 18, 2025
Latest पद्यांश MCQ Objective Questions
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पद्यांश Question 1:
'दक्षिण' का विलोम है
Answer (Detailed Solution Below)
पद्यांश Question 1 Detailed Solution
'दक्षिण' का विलोम वाम है।
Key Points
- दक्षिण का विलोम या विपर्यय या विपरीत 'वाम' या 'उत्तर' होता है।
- दक्षिण शब्द का अर्थ- उत्तर के सामने पड़नेवाली दिशा, दक्खिन (जैसे—उत्तर-दक्षिण)।
Important Points
- दक्षता का विलोम शब्द- अदक्षता है ।
- पूर्व का विलोम शब्द- पक्षिम।
- पश्चिम का विलोम शब्द- पूर्व ।
Additional Information
शब्द |
परिभाषा |
उदाहरण |
विलोम/विपरीतार्थक |
विपरीत (उल्टा) अर्थ बताने वाले शब्दों को विलोम शब्द कहते हैं। |
|
पद्यांश Question 2:
Comprehension:
निर्देश - नीचे दिए गए पद्मांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए:
बहुत दिनों बाद मुझे धूप ने बुलाया I
ताते जल नहा पहन श्वेत वसन आई,
खुले लॉन में बैठ गई दमकती लुनाई,
सूरज खरगोश धवल गोद उछल आया I
बहुत दिनों बाद मुझे धूप ने बुलाया I
नभ के उद्यान-छत्र तले भेज टीला,
पड़ा हरा फूल कढ़ा मेज़पोश पीला,
वृक्ष खुली पुस्तक हर पृष्ठ फड़फड़ाया I
बहुत दिनों बाद मुझे धूप ने बुलाया I
पैरों में मखमल की जूती सी क्यारी,
मेघ ऊन का गोला बुनती सुकुमारी,
डोलती सलाई हिलता जल लहराया I
बहुत दिनों बाद मुझे धूप ने बुलाया I'मुझे धूप ने बुलाया' में अलंकार है -
Answer (Detailed Solution Below)
पद्यांश Question 2 Detailed Solution
"मुझे धूप ने बुलाया है" पंक्ति में मानवीकरण अलंकार है।
- कवि ने धूप को मानव का रूप देकर उससे आह्वान दिलवाया है।
- अतः यहाँ प्रकृति का मानवीकरण किया गया है।
- मानवीकरण अलंकार
- जब जड़ पदार्थों और प्रकृति के अंग (नदी, पर्वत, पेड़, लताएँ, झरने, हवा, पत्थर, पक्षी) आदि पर मानवीय क्रियाओं का आरोप लगाया जाता है अर्थात् मनुष्य जैसा कार्य व्यवहार करता हुआ दिखाया जाता है तब वहाँ मानवीकरण अलंकार होता है।
- जैसे :- हरषाया ताल लाया पानी परात भरके।
- रूपक अलंकार के उदहराण
- मैया ! मैं तो चन्द्र-खिलौना लैहों।
- चरण-कमल बन्दौं हरिराई।
- राम कृपा भव-निसा सिरानी।
- प्रेम-सलिल से द्वेष का सारा मल धुल जाएगा।
- उपमा अलंकार के उदहराण
- पीपर पात सरिस मन ड़ोला।
- मुख चन्द्रमा-सा सुन्दर है।
- अनुप्रास अलंकार के उदाहरण
- मुदित महिपति मंदिर आए।
- बंदौ गुरु पद पदुम परगा।
- चारु चंद्र की चंचल किरणें खेल रही थी जल थल में।
पद्यांश Question 3:
Comprehension:
वह आता –
दो टूक कलेजे के करता पछताता पथ पर आता।
पेट – पीठ दोनों मिलकर हैं एक,
चल रहा लकुटिया टेक,
मुट्ठी – भर दाने को – भूख मिटाने को
मुँह फटी पुरानी झोली को फैलाता –
दो टूक कलेजे के करता पछताता पथ पर आता।
‘कलेजे के दो टूक करना’ का क्या आशय है?
Answer (Detailed Solution Below)
पद्यांश Question 3 Detailed Solution
‘कलेजे के दो टूक करना’ का आशय 'मन को कष्ट पहुँचाना' है। अन्य विकल्प असंगत हैं।
Key Points
- प्रस्तुत गद्यांश में रचनाकार में भिखारी की व्यथा का सचित्र वर्णन किया है।
- उसकी व्यथा को देखकर रचनाकार के मन को कष्ट का अनुभव होता है जिसे वह पंक्ति 'दो टूक कलेजे के करता पछताता पथ पर आता' से व्यक्त करता है।
- अतः सही विकल्प 'मन को कष्ट पहुँचाना' है।
पद्यांश Question 4:
Comprehension:
निर्देश: दिए गए गद्यांश को पढ़कर प्रश्न के उत्तर दीजिये।
वरदन्त की पंगति कुंदकली अधराधर पल्लव लोचन की।
चपला चमके घन बिच जगै छवि मोतिन माल अमोलन की।।
घुंगरारी लटे लटके मुख ऊपर कुण्डल लाल कपोलन की।
निवछावर प्राण करे ‘तुलसी’ बलि जाऊं ललाइन बोलन की।।
उपरोक्त पद्य किस कवि का है ?
Answer (Detailed Solution Below)
पद्यांश Question 4 Detailed Solution
पद्यांश Question 5:
Comprehension:
निर्देश - निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए -
हम पंछी उन्मुक्त गगन के,
पिंजरबद्ध न गा पाएँगे,
कनक- तीलियों से टकराकर
पुलकित पंख टूट जाएँगे
हम बहता जल पीने वाले
मर जाएँगे भूखे-प्यासे,
कहीं भली है कटुक निबौरी
कनक-कटोरी की मैदा से।
स्वर्ण-श्रृंखला के बंधन में
अपनी गीत, उड़ान सब भूले
'पुलकित पंख' में कौन-सा अलंकार है?
Answer (Detailed Solution Below)
पद्यांश Question 5 Detailed Solution
'पुलकित पंख' में अलंकार है- 'अनुप्रास'
Key Points
- यहाँ 'प' वर्ण की आवृत्ति के कारण अनुप्रास अलंकार होगा।
Additional Information
उपमा अलंकार:-
उदाहरण-
अनुप्रास अलंकार:-
उदाहरण-
श्लेष अलंकार:-
उदाहरण-
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पद्यांश Question 6:
Comprehension:
निर्देश: कविता की पंक्तियाँ पढ़कर पूछे गए प्रश्नों में सबसे उचित उत्तर वाले विकल्प चुनिए।
चमकीली है सुबह आज की आसमान में
निश्चय कल की सुबह और चमकीली होगी
बेचैनी की बाँहों में कल फूल खिलेंगे
घुटन गमकती साँसों की आवाज़ सुनेगी।
कुंठाओं की टहनी छिन्न-भिन्न होगी फिर
आशा अपने हाथों से अब कुसुम चुनेगी,
चटकीली है आज चहकती हुई चाँदनी
कल चंदा की किरण ओर चटकीली होगीं
खुल जाएँगे अब सबके दिल के दरवाजे
‘चाँदनी’ का विशेषण क्या है?
Answer (Detailed Solution Below)
पद्यांश Question 6 Detailed Solution
- यहाँ ‘चाँदनी’ शब्द के विशेषण की बात की जा रही है।
- ‘चाँदनी’ एक दृश्य है। इसके विशेषण के लिए ‘चटकीली’ शब्द का प्रयोग किया जाता है।
- ‘विशेषण’ अर्थात वह शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताता हो। अतः सही विकल्प चटकीली है।
अन्य विकल्प
- गमकती या महकती का प्रयोग किसी वस्तु विशेष के गंध की विशेषता बताने के लिए प्रयोग में लाया जाता है।
- तड़पती का प्रयोग किसी जीव विशेष की विशेषता बताने के लिए प्रयोग में लाया जाता है।
पद्यांश Question 7:
Comprehension:
निम्नलिखित काव्यांश को पढकर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए:
कार्तिक की हँसमुख सुबह
नदी- तट से लौटती गंगा नहाकर
सुवासित भीगी हवाएँ
सदा पावन
माँ सरीखी
अभी जैसे मंदिरों में चढाकर खुशरंग फूल
ठंड से सीत्कारती घर में घुसी हो
और सोते देख मुझको जगाती हो
सिरहाने रख एक अंजलि फूल हरसिंगार के
नर्म ठंडी उंगलियों से गाल छूकर प्यार से
बाल बिखरे तनिक सँवार के
'माँ सरीखी' में ________ अलंकार है।
Answer (Detailed Solution Below)
पद्यांश Question 7 Detailed Solution
माँ सरीखी में उपमा अलंकार है।
- सरीखी का अर्थ- गुण, रूप आदि में किसी के समान, सदृश, तुल्य, बराबर।
Key Points
- जब किन्ही दो वस्तुओं के गुण, आकृति, स्वभाव आदि में समानता दिखाई जाए या दो भिन्न वस्तुओं कि तुलना कि जाए, तब वहां उपमा अलंकर होता है।
Important Points
कुछ अन्य उदाहरण:-
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Additional Information
उत्प्रेक्षा अलंकार:-
उदाहरण-
मनहुँ नीलमनि सैल पर, आतप परयौ प्रभात || रूपक अलंकार:-
उदाहरण-
यमक अलंकार:-
उदाहरण-
वा खाये बौराए नर, वा पाये बौराये। |
पद्यांश Question 8:
Comprehension:
राष्ट्रगीत में भला कौन वह
भारत - भाग्य - विधाता है
फटा सुथन्ना पहने जिसका
गुन हरचरना गाता है।
मखमल टमटम बल्लम तुरही
पगड़ी छत्र चंवर के साथ
तोप छुड़ाकर ढोल बजाकर
जय - जय कौन कराता है।
पूरब - पश्चिम से आते हैं
नंगे - बूचे नरकंकाल
सिंहासन पर बैठा , उनके
तमगे कौन लगाता है।
कौन - कौन है वह जन - गण - मन
अधिनायक वह महाबली
डरा हुआ मन - बेमन जिसका
बाजा रोज बजाता है।
प्रस्तुत पंक्तियों में किस नाद सौंदर्य का प्रयोग हुआ है ?
Answer (Detailed Solution Below)
पद्यांश Question 8 Detailed Solution
- प्रस्तुत पंक्तियों में नादात्मक बिम्ब का प्रयोग हुआ है ।
- शब्दों का ऐसा प्रयोग जिससे कविता में किसी ख़ास भाव या दृश्य में ध्वन्यात्मक प्रभाव पैदा हो नाद सौंदर्य कहलाता है ।
Key Points
- कविता के चार सौंदर्य तत्व हैं - भाव सौंदर्य , विचार सौंदर्य , नाद सौंदर्य और अप्रस्तुत योजना ।
- वर्ण और शब्द के सार्थक और समुचित विन्यास से कविता में नाद सौंदर्य का उदय होता है ।
- नादात्मक बिम्ब कविता में सौंदर्य उत्पन्न होता है ।
पद्यांश Question 9:
Comprehension:
झाँसी की रानी (कविता) सुभद्रा कुमारी चौहान की प्रसिद्ध कविता है। दिए गए कविता के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
लक्ष्मी थी या दुर्गा थी वह स्वयं वीरता की अवतार
देख मराठे पुलकित होते उसके तलवारों के वार
नकली युद्ध, व्यूह की रचना और खेलना खूब शिकार
सैन्य घेरना, दुर्ग तोड़ना, ये थे उसके प्रिय खेलवार
महाराष्ट्र कुल देवी उसकी भी आराध्य भवानी थी
बुन्देले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी
खूब लड़ी मरदानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।
'खूब लड़ी मरदानी वह तो झाँसी वाली रानी थी' में मरदानी शब्द का अर्थ है :
Answer (Detailed Solution Below)
पद्यांश Question 9 Detailed Solution
'खूब लड़ी मरदानी वह तो झाँसी वाली रानी थी' में मरदानी शब्द का अर्थ है- वीरागंना।Key Points
- वीरांगना का अर्थ- बहादुर महिला या वीर स्त्री.।
- महाराष्ट्र कुल देवी उसकी भी आराध्य भवानी थी,
- बुन्देले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
- खूब लड़ी मरदानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।
- यहाँ रानी लक्ष्मीबाई की बात की जा रही है।
पद्यांश Question 10:
Comprehension:
दिए गए काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न के उत्तर के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए ।
जला अस्थियाँ बारी-बारी
छिटकाई जिसने चिनगारी
जो चढ़ गए पुण्य- वेदी पर
लिए बिना गरदन का मोल।
कलम, आज उनकी जय बोल !
जो अगणित लघु दीप हमारे
तूफ़ानों में एक किनारे
जल - जलकर बुझ गए किसी दिन
माँगा नहीं स्नेह मुँह खोल ।
कलम, आज उनकी जय बोल !
निम्नलिखित में से विशेषण-विशेष्य का उदाहरण है -
Answer (Detailed Solution Below)
पद्यांश Question 10 Detailed Solution
सही उत्तर है - लघु द्वीप।
Key Points
- यहां लघु शब्द विशेषण है।
- यह द्वीप की विशेषता बता रहा है। अतः द्वीप शब्द विशेष्य है।
- यहां द्वीप के गुण के विषय में बता रहा है इसलिए यह गुनवाचक विशेषण है।
Additional Information
- विशेषण:- जो शब्द संज्ञा की विशेषता बताते हैं, वे विशेषण कहलाते हैं।
- विशेष्य:- विशेषण जिन संज्ञा शब्दों की विशेषता बताते हैं उन्हें विशेष्य कहा जाता है।