व्यंजन MCQ Quiz - Objective Question with Answer for व्यंजन - Download Free PDF

Last updated on Jun 20, 2025

Latest व्यंजन MCQ Objective Questions

व्यंजन Question 1:

निम्नलिखित में से कौन सा वर्ण घोष नहीं हैं?

  1. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : छ

व्यंजन Question 1 Detailed Solution

उपर्युक्त में से 'छ' वर्ण घोष नहीं हैं। यह अघोष वर्ण है। 'ए, अ, ड' घोष वर्ण हैं। अतः सही विकल्प 'छ' है। 

Key Points

  • सभी स्वर घोष वर्ण में आते हैं। 'ए, अ, ड' घोष वर्ण हैं। 
  • प्रत्येक वर्ग का पहला, दूसरा और श, ष, स अघोष वर्ण हैं।

Additional Information

घोष वर्ण - जिन वर्णों के उच्चारण में केवल नाद का उपयोग होता है, उन्हे घोष वर्ण कहते हैं। स्पर्श वर्णों में प्रत्येक वर्ग का तीसरा, चौथा और पाँचवाँ वर्ण, सभी स्वर वर्ण और य, र, ल, व, ह घोष वर्ण हैं।

अघोष वर्ण – जिन वर्णों के उच्चारण में नाद की जगह केवल श्वाँस का उपयोग होता हैं, वे अघोष वर्ण कहलाते हैं। स्पर्श वर्णों में प्रत्येक वर्ग का पहला, दूसरा और श, ष, स अघोष वर्ण हैं।

ग , घ , ङ

क , ख

ज , झ , ञ

च , छ

ड , द , ण , ड़ , ढ़

ट , ठ

द , ध , न

त , थ

ब , भ , म

प , फ

य , र , ल , व , ह

श , ष , स

व्यंजन Question 2:

निम्नलिखित में से वर्त्स्य व्यंजन है।

  1. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : न

व्यंजन Question 2 Detailed Solution

वर्त्स्य व्यंजन है- 

Key Pointsवर्त्स्य व्यंजन -

  • ऐसा व्यंजन होता है जिसे उच्चारित करने के लिए जिह्वा को ऊपर के वर्त्स्य कटक से छुआ जाता है या पास लाया जाता है।
    • इनमें 'न, ल, स, ज' शामिल हैं।

Important Points

वर्ग वर्ण  उच्चारण स्थान
क-वर्ग , ख, ग, घ, ङ कण्ठ्य
च-वर्ग च, , ज, झ, ञ तालव्य 
ट-वर्ग ट, ठ, ड, , ण मूर्धन्य
त-वर्ग त, थ, द, ध, न दन्त्य
प-वर्ग प, फ, ब, भ, म ओष्ठ्य

व्यंजन Question 3:

महाप्राण व्यंजनों का संगत वर्ग है :

  1. घ, थ, फ, ढ़
  2. ठ, ढ़, ण, र
  3. ठ, थ, द, य
  4. य, र, थ, म
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : घ, थ, फ, ढ़

व्यंजन Question 3 Detailed Solution

महाप्राण व्यंजनों का संगत वर्ग है : घ, थ, फ, ढ़

Important Points

  • जिन वर्गों के उच्चारण में श्वास-वायु की मात्रा अधिक होती है, उन्हें महाप्राण कहते हैं।
  • दूसरे शब्दों में - जिनके उच्चारण में 'हकार' की ध्वनि सुनाई पड़ती है उन्हें महाप्राण कहते हैं।
  • ये हैं - प्रत्येक वर्ग का द्वितीय और चतुर्थ वर्ण, ऊष्म व्यंजन

Additional Information

अल्पप्राण

महाप्राण

अल्पप्राण में हकार- जैसी ध्वनि नहीं निकलती है।

महाप्राण में हकार- जैसी ध्वनि होती है।

सभी स्वर वर्ण और प्रत्येक वर्ग का पहला, तीसरा और 5वाँ वर्ण तथा समस्त अन्तःस्थ वर्ण अल्पप्राण है।

प्रत्येक वर्ग का दूसरा और चौथा तथा समस्त उष्म वर्ण महाप्राण है।

अल्पप्राण के उच्चारण में कम श्रम करना पड़ता है।

महाप्राण वर्णों का उच्चारण अधिक श्रमपूर्वक करना पड़ता है।

व्यंजन Question 4:

अनुस्वार के बारे में कौन-सा कथन ठीक है?

  1. अनुस्वार स्वर की सहायता के बिना बोला जा सकता है।
  2. अनुस्वार शुद्ध व्यंजन है।
  3. अनुस्वार और अनुनासिक के उच्चारण में अंतर नहीं है।
  4. अनुस्वार स्वर और व्यंजन के बीच आने वाली नासिक्य ध्वनि है।
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : अनुस्वार स्वर और व्यंजन के बीच आने वाली नासिक्य ध्वनि है।

व्यंजन Question 4 Detailed Solution

अनुस्वार के बारे में कथन अनुस्वार स्वर और व्यंजन के बीच आने वाली नासिक्य ध्वनि है।

Key Pointsअन्य विकल्पों का विश्लेषण - 

गलत कथन  सही कथन 
अनुस्वार शुद्ध व्यंजन है। अनुस्वार शुद्ध व्यंजन नहीं  है।
अनुस्वार और अनुनासिक के उच्चारण में अंतर नहीं है। अनुस्वार और अनुनासिक के उच्चारण में अंतर होता है।
   

व्यंजन Question 5:

मूर्धन्य महाप्राण व्यंजन का चयन कीजिए

  1. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : ठ

व्यंजन Question 5 Detailed Solution

ठ, यहाँ सही विकल्प है।

  • ठ : मूर्धन्य वर्ग का वर्ण है।
  • ठ : ट, वर्ग का द्वितीय व्यंजन है, इसलिए महाप्राण व्यंजन है।
    • महाप्राण व्यंजन : महाप्राण व्यंजन उन्हें कहते हैं जिनके उच्चारण में मुख से अधिक हवा निकलती है। जैसे- ह, ध, भ, थ।
      हिंदी भाषा में कवर्ग आदि पाँचों वर्गो के दूसरे और चौथे वर्ण महाप्राण हैं तथा ऊष्म वर्ण भी महाप्राण हैं। अर्थात् ख्‌, घ्‌, छ्‌, झ्‌, ठ्‌, ढ़्, थ्‌, ध्‌, फ्‌, भ्‌, श्‌, ष्‌, स्‌, ह्‌ महाप्राण ध्वनियाँ हैं। 

Key Points

मूर्धन्य व्यंजन​:

  • मूर्धन्य व्यंजन ऐसे किरीट व्यंजन (यानि जिह्वा के लचीले के सामने के हिस्से से उच्चारित) होते हैं जो जिह्वा द्वारा वर्त्स्य कटक और कठोर तालू के बीच उच्चारित होते हैं।
  • इनमें "ट", "ठ", "ड", "ढ", "र", "ड़" और "ण" शामिल हैं।

व्यंजन:

  • जिनका उच्चारण स्वर की सहायता से किया जाता है वे व्यंजन वर्ण कहलाते हैं। जैसे - क, ख, ग, घ आदि।
  • स्पर्श व्यंजन- च, छ, ज, ट, ठ आदि।
  • ऊष्म व्यंजन- श, ष, स, ह आदि।
  • अंतःस्थ व्यंजन- य, र, ल, व आदि।
  • संयुक्त व्यंजन- क्ष, त्र, ज्ञ आदि।
  • आगत व्यंजन- ज़, फ़ आदि।
  • अनुनासिक- ङ, ञ, ण, न, म

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निम्नांकित में से संयुक्त व्यंजन है : 

  1. ज्ञ

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : ज्ञ

व्यंजन Question 6 Detailed Solution

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'ज्ञ' संयुक्त व्यंजन है।

Key Points
  • दो व्यंजनों के मेल से बने व्यंजन शब्द को संयुक्त व्यंजन कहते हैं।
  • ज् + ञ :- ज्ञ
  • ज्ञ देवनागरी लिपि का एक अक्षर है।
  • यह ज् और ञ के संयोग से बना हुआ संयुक्त अक्षर है, परन्तु आजकल हिन्दी भाषा में इसका उच्चारण "ग्य" किया जाता है।
  • ज्ञ से निर्मित शब्द-
  • ज्ञानी, अनभिज्ञ, विज्ञान, अज्ञात, यज्ञ, विज्ञापन, ज्ञाता, अज्ञान, जिज्ञासा, सर्वज्ञ, विशेषज्ञ, अल्पज्ञ।
Additional Information

संयुक्त व्यंजन की हिंदी वर्णमाला में कुल संख्या 4 है जो की निम्नलिखित हैं-

  • क्ष - क् + ष :- क्ष
  • त्र - त् + र :- त्र
  • ज्ञ - ज् + ञ :- ज्ञ
  • श्र - श् + र :-  श्र

निम्‍न में से कौन-सा वर्ण अघोष है ?

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : च

व्यंजन Question 7 Detailed Solution

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उपरोक्त विकल्पो में 'च' वर्ण अघोष है,अन्य विकल्प असंगत है। अत: विकल्प 1 सही उत्तर होगा। 

Key Points

  • व्यंजनों के वर्गीकरण में स्वर-तंत्रियों की स्थिति भी महत्त्वपूर्ण मानी जाती है।
  • इस दृष्टि से व्यंजनों को दो वर्गों में विभक्त किया जाता है - घोष और अघोष। जिन व्यंजनों के उच्चारण में स्वरतंत्रियों में कंपन होता है, उन्हें घोष या सघोष कहा जाता हैं।
  • दूसरे प्रकार की ध्वनियां अघोष कहलाती हैं।
  • स्वरतंत्रियों की अघोष स्थिति से अर्थात जिनके उच्चारण में कंपन नहीं होता उन्हें अघोष व्यंजन कहा जाता है।

 

Additional Information

घोष

अघोष

ग, घ, ङ

क, ख

ज, झ, ञ

च, छ

ड, ढ, ण, ड़, ढ़

ट, ठ

द, ध, न

त, थ

ब, भ, म

प, फ

य, र, ल, व, ह

श, ष, स

निम्नलिखित में से कौन-सा द्विगुण व्यंजन है? 

  1. च 
  2. ड़
  3. क्ष

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : ड़

व्यंजन Question 8 Detailed Solution

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"ड़" द्व‍िगुण व्‍यंजन है। अन्‍य व‍िकल्‍प असंगत हैं। 

Key Points

व्‍यंजन  परिभाषा  उदाहरण
द्व‍िगुण या उत्क्षिप्‍त व्‍यंजन वह व्‍यंजन जिसमें दो तरह के गुण होते है द्विगुण व्यंजन कहलाते हैं। ड़ और ढ़ 

अन्‍य व‍िकल्‍प- 

व्‍यंजन प्रकार 
स्‍पर्श व्‍यंजन 
क्ष संयुक्त व्‍यंजन 
स्‍पर्श व्‍यंजन 

Additional Information

उच्चारण स्थान (ध्वनि वर्ग) उच्चरित ध्वनि
ओष्‍ठ्य   प, फ, ब, भ, म
दन्त्योष्ठ्य फ़, व् 
दन्त्य त, थ, द, ध
वर्त्स्य न, स, ज़, र, ल, ळ
मूर्धन्य ट, ठ, ड, ढ, ण, ड़, ढ़, र
कठोर तालव्य श, च, छ, ज, झ
कोमल तालव्य क, ख, ग, घ, ञ, ख़, ग़
पश्च-कोमल-तालव्य क़
स्वरयंत्रामुखी

स्पर्श व्यंजनों में प्रत्येक वर्ग का दूसरा और चौथा व्यंजन क्या होता है?

  1. ऊष्म
  2. महाप्राण
  3. अल्पप्राण
  4. द्विस्पृष्ट

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : महाप्राण

व्यंजन Question 9 Detailed Solution

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सही उत्तर 'महाप्राण' है

प्रत्येक वर्ग का दूसरा और चौथा व्यंजन महाप्राण वर्ण होता है, जैसे- ख, घ, छ, झ, इत्यादि। महाप्राण का अर्थ है जिन वर्ण के उच्चारण में मुख से अधिक हवा निकले। अतः सही विकल्प ‘महाप्राण’ है।
Key Points 

अन्य विकल्प

उष्म व्यंजन

(वर्णों के उच्चारण में मुख से विशेष प्रकार की गर्म (ऊष्म) वायु निकलती है)

श, ष, स,ह

अल्पप्राण वर्ण

(जिन व्यंजनों के उच्चारण में स्वरतन्त्रियों में कम्पन न हो)

क ग ङ च ज ञ ट ड ण ड़ त द न प ब म य र ल व

महाप्राण वर्ण

(जिन व्यंजनों के उच्चारण में मुख से अधिक हवा निकले)

ख घ छ झ ठ ढ थ ध फ भ ढ़ श ष स ह

द्विस्पृष्ट

( इनका उच्चारण जिह्वा का अग्र भाग उलटा कर मृर्द्धा में लगाने से होता है। इस उच्चारण के लिए इन अक्षरों के नीचे एक एक बिंदी लगाई जाती है।)

जैसे-- सड़क, पकड़ना, आढ़, गढ़, चढ़ाना।

निम्नलिखित में  से कंठव्य व्यंजन है :

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : ग

व्यंजन Question 10 Detailed Solution

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सही उत्तर 'ग' है।

Key Points

  • कंठव्य व्यंजन 'ग' है।
  • कंठ्य व्यंजन- कंठ्य अक्षर वो अक्षर हैं जो सीधे ही कंठ से निकलते हैं।
  • यानि कि उनके उच्चारण में जीभ को मुख के किसी भी भाग को छूना नहीं पड़ता। जैसे कि " क" "ख" "ग" "घ" "ड•"

Additional Informationउच्चारण स्थान के आधार पर व्यंजनों का वर्गीकरण व्यंजनों का उच्चारण करते समय हवा मुख के अलग-अलग भागों से टकराती है।

उच्चारण के अंगों के आधार पर व्यंजनों का वर्गीकरण इस प्रकार है : 

  1. कंठ्य (गले से) - क, ख, ग, घ, ङ 
  2. तालव्य (कठोर तालु से) - च, छ, ज, झ, ञ, य, श 
  3. मूर्धन्य (कठोर तालु के अगले भाग से) - ट, ठ, ड, ढ, ण, ड़, ढ़, ष 
  4. दंत्य (दाँतों से) - त, थ, द, ध, न 
  5. वर्त्सय (दाँतों के मूल से) - स, ज, र, ल 
  6. ओष्ठय (दोनों होंठों से) - प, फ, ब, भ, म 
  7. दंतौष्ठय (निचले होंठ व ऊपरी दाँतों से) - व, फ 
  8. स्वर यंत्र से - ह 

हिन्दी में स्‍पर्श व्यंजनों के कितने वर्ग हैं ? 

  1. चार
  2. पाँच
  3. छ:
  4. तीन

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : पाँच

व्यंजन Question 11 Detailed Solution

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स्‍पर्श व्यंजन के 'पाँच' वर्ग होते है।

Key Points
  • यह वर्ग के से वर्ग तक होते हैं।

स्‍पर्श 

  • स्‍पर्श का अर्थ होता है ‘छुना’ या ‘स्पर्श’ करना।
  • ‘क’ से लेकर ‘म’ तक यानि सभी (25) स्पर्श वर्ण स्‍पर्श कहलाते हैं, क्योंकि इनके उच्चारण के समय जिह्वा मुख के भिन्न-भिन्न भागों को स्पर्श करती है।
  • 'क’ वर्ग-  क, ख, ग, घ, ङ
  • ‘च’ वर्ग-  च, छ, ज, झ, ञ
  • ‘ट’ वर्ग-  ट, ठ, ड, ढ, ण
  • ‘त’ वर्ग-  त, थ, द, ध, न
  • ‘प’ वर्ग-  प, फ, ब, भ, म
  • यह आभ्यंतर प्रयत्न का एक भाग है।
Additional Information

आभ्यंतर प्रयत्न के अन्य भेद-

  • विवृत - विवृत का अर्थ होता है ‘खुला हुआ’ इसके उच्चारण करने पर मुख पूर्ण रूप से खुला हुआ होता है।
    • ‘अ’ से ‘औ’ तक सभी स्वर विवृत कहलाते है।
  • ईषत्स्पृष्ट - इसका अर्थ होता है थोड़ा स्पर्श करना ।
    • श, ष, स, ह इनके उच्चरण के समय जिह्वा का उच्चारण-स्थान थोडा स्पर्श करता है।
  • ईषद्विवृत - इसका अर्थ होता है थोड़ा खुला हुआ।
    • इन वर्णों य, र, ल, व इनके उच्चारण में मुख थोडा खुला होता है।

निम्नलिखित में से कौन सा वर्ण घोष नहीं हैं?

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : छ

व्यंजन Question 12 Detailed Solution

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उपर्युक्त में से 'छ' वर्ण घोष नहीं हैं। यह अघोष वर्ण है। 'ए, अ, ड' घोष वर्ण हैं। अतः सही विकल्प 'छ' है। 

Key Points

  • सभी स्वर घोष वर्ण में आते हैं। 'ए, अ, ड' घोष वर्ण हैं। 
  • प्रत्येक वर्ग का पहला, दूसरा और श, ष, स अघोष वर्ण हैं।

Additional Information

घोष वर्ण - जिन वर्णों के उच्चारण में केवल नाद का उपयोग होता है, उन्हे घोष वर्ण कहते हैं। स्पर्श वर्णों में प्रत्येक वर्ग का तीसरा, चौथा और पाँचवाँ वर्ण, सभी स्वर वर्ण और य, र, ल, व, ह घोष वर्ण हैं।

अघोष वर्ण – जिन वर्णों के उच्चारण में नाद की जगह केवल श्वाँस का उपयोग होता हैं, वे अघोष वर्ण कहलाते हैं। स्पर्श वर्णों में प्रत्येक वर्ग का पहला, दूसरा और श, ष, स अघोष वर्ण हैं।

ग , घ , ङ

क , ख

ज , झ , ञ

च , छ

ड , द , ण , ड़ , ढ़

ट , ठ

द , ध , न

त , थ

ब , भ , म

प , फ

य , र , ल , व , ह

श , ष , स

कौन-से वर्ग में सभी नासिक्य व्यंजन हैं?

  1. म ञ ण
  2. त ल व
  3. न ट द
  4. ल न ड.

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : म ञ ण

व्यंजन Question 13 Detailed Solution

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  • उपरोक्त सभी विकल्पों में से 'म,ञ,ण' में सभी नासिक्य व्यंजन है
  • अतः 'म,ञ,ण'  सही विकल्प होगा,अन्य सभी विकल्प असंगत है।
Additional Information
हर वर्ग का पांचवा अक्षर नासिक्य व्यंजन माना जाता है।
वर्ग का नाम  वर्ग का पंचमाक्षर 
'क' वर्ग  ङ 
'च' वर्ग  ञ 
'ट' वर्ग  ण 
'त' वर्ग  न 
'प' वर्ग  म 

 

हिन्दी में चार संयुक्त व्यंजन माने जाते है

अक्षर का नाम  किससे मिलकर बने 
क्ष  क+ष 
त्र  त+र 
ज्ञ  ज+ञ 
श्र  श+र 

निम्नलिखित में से अन्तःस्थ व्यंजन वाला वर्ग कौन-सा है?

  1. प ध न
  2. व ह ण
  3. श ह र
  4. य ल व

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : य ल व

व्यंजन Question 14 Detailed Solution

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उपरोक्त सभी विकल्पों में से य ल व  सही है,क्योंकि इस विकल्प में सभी व्यंजन अन्तस्थ है
अतः 'य ल व' सही विकल्प है।

Important Points

व्यंजन

व्यंजन उन वर्णों को कहते हैं जिनका उच्चारण स्वर की सहायता से होता है। इनके तीन भेद हैं:

स्पर्श व्यंजन

क वर्ग, च वर्ग, त वर्ग, ट वर्ग और प वर्ग, कुल = 25 वर्ण

अंत:स्थ व्यंजन

य, र, ल, व, कुल = 4

ऊष्म व्यंजन

श, ष, स, ह, कुल = 4


Additional Informationहिन्दी में चार संयुक्त व्यंजन माने जाते है
अक्षर का नाम  किससे मिलकर बने 
क्ष  क् + ष
त्र  त् + र 
ज्ञ  ज् + ञ
श्र  श् + र

स्‍वर रहित व्‍यंजन जब स्‍वर सहित व्‍यंजन से मिलता है तब क्‍या कहलाता है ?

  1. संयुक्‍ताक्षर
  2. दवित्‍व
  3. तालव्‍य
  4. स्‍वरतंत्रीय

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : संयुक्‍ताक्षर

व्यंजन Question 15 Detailed Solution

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दिये गए विकल्पों में से विकल्प 1 'संयुक्‍ताक्षर' सही उत्तर है। अन्य विकल्प अनुचित उत्तर है।

Key Points

संयुक्ताक्षर:- 

  • जब एक स्वर रहित व्यंजन अन्य स्वर सहित व्यंजन से मिलता है, तब वह संयुक्ताक्षर कहलाता हैं।
    • क् + त = क्त = संयुक्त 
    • स् + थ = स्थ = स्थान 
    • स् + व = स्व = स्वाद 
    • द् + ध = द्ध = शुद्ध​

अन्य विकल्प:

द्वित्व

जब शब्द में एक ही वर्ण दो बार मिलकर प्रयुक्त हो तब उसे द्वित्व व्यंजन कहते हैं। द्वित्व व्यंजन में भी पहला व्यंजन स्वर रहित तथा दूसरा व्यंजन स्वर सहित होता है।

जैसे- बिल्ली में ‘ल’ और पक्का में ‘क’ का द्वित्व प्रयोग है।

तालव्य

तालु और जीभ के स्पर्श से बोले जानेवाले वर्ण।

इ, ई, चवर्ग, य और श। 

स्वरतंत्रीय

इसके उच्चारण में स्वर यंत्रियां परस्पर झंकृत होती हैं।

Additional Information

स्वर की  परिभाषा

उदाहरण

जिनका उच्चारण बिना किसी अवरोध और बिना किसी अन्य वर्ण की सहायता से किया जाता है वे स्वर वर्ण कहलाते हैं। स्वर मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं।

अ, आ, ई, इ, ए आदि

हृस्व

अ, इ, उ, ऋ आदि

दीर्घ

आ, ई, ऊ,ए, ऐ ओ,औ आदि

प्लुत

व्यंजन - 

व्यंजन की  परिभाषा

उदाहरण

जिनका उच्चारण स्वर की सहायता से किया जाता है वे व्यंजन वर्ण कहलाते हैं।

क, ख, ग, घ आदि

स्पर्श व्यंजन

च, छ, ज, ट, ठ आदि।

ऊष्म व्यंजन

श, ष, स, ह आदि।

अंतःस्थ व्यंजन

य, र, ल, व आदि।

संयुक्त व्यंजन

क्ष, त्र, ज्ञ आदि।

आगत व्यंजन

ज़, फ़ आदि

अनुनासिक

ङ, ञ, ण, न, म

श्वास की मात्रा के आधार पर दो भागों में बांटा गया है- अल्पप्राण और महाप्राण।

क्रमशः- , , , और , , , आदि

उच्चारण में ध्वनि गूंज के आधार पर भी इनके दो भेद किए गए हैं- घोष और अघोष व्यंजन।

क्रमशः- , , , और , , , आदि।

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