संविधान व नीतियाँ MCQ Quiz - Objective Question with Answer for संविधान व नीतियाँ - Download Free PDF

Last updated on May 13, 2025

Latest संविधान व नीतियाँ MCQ Objective Questions

संविधान व नीतियाँ Question 1:

निम्नलिखित में से कौन-सा कथन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के द्वारा शास्त्रीय भाषाओं के अध्ययन के बारे में सही है?

  1. माध्यमिक चरण के दौरान एक अतिरिक्त विकल्प के रूप में शास्त्रीय भाषा का अध्ययन
  2. त्रिभाषा सूत्र के अन्तर्गत एक विकल्प के रूप में शास्त्रीय भाषा का अध्ययन
  3. प्रिप्रेटरी चरण के दौरान शास्त्रीय भाषा का अध्ययन
  4. माध्यमिक चरण में एक केन्द्रक (कोर) भाषा के रूप में शास्त्रीय भाषा का अध्ययन

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : माध्यमिक चरण के दौरान एक अतिरिक्त विकल्प के रूप में शास्त्रीय भाषा का अध्ययन

संविधान व नीतियाँ Question 1 Detailed Solution

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 भारत में शिक्षा के विकास के लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रस्तुत करती है। इसकी विभिन्न सिफारिशों में, यह शास्त्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर देती है।

Key Points

  • शास्त्रीय भाषाएं वे भाषाएं हैं जिनकी विरासत समृद्ध है, सांस्कृतिक मूल्य महत्वपूर्ण है तथा साहित्य का लंबा इतिहास है, जैसे संस्कृत, तमिल तथा समान सांस्कृतिक गहराई वाली अन्य भाषाएं।
  • नीति भाषाई विविधता को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए पाठ्यक्रम में इन्हें शामिल करने की वकालत करती है, साथ ही छात्रों की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक समझ को भी समृद्ध करती है।
  • NEP 2020 का प्रस्ताव है कि शिक्षा के माध्यमिक स्तर के दौरान शास्त्रीय भाषाओं का अध्ययन एक अतिरिक्त विकल्प के रूप में उपलब्ध होना चाहिए।
  • यह विकल्प छात्रों को वैकल्पिक विषय के रूप में शास्त्रीय भाषाओं को चुनने की अनुमति देता है, जिससे भाषाई विविधता और प्राचीन ग्रंथों के अध्ययन को बढ़ावा देते हुए भाषा विकल्पों में लचीलापन मिलता है।

अतः सही उत्तर 'NEP 2020 के अनुसार माध्यमिक स्तर के दौरान एक अतिरिक्त विकल्प के रूप में शास्त्रीय भाषा का अध्ययन' है।

संविधान व नीतियाँ Question 2:

निम्नलिखित में से कौन-सा विदेशी भाषाओं के अध्ययन के संबंध में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में सही नहीं है?

  1. माध्यमिक चरण के दौरान एक अतिरिक्त विकल्प के रूप में विदेशी भाषाओं का अध्ययन।
  2. त्रिभाषा सूत्र के अन्तर्गत भाषाओं में से एक के रूप में विदेशी भाषाओं का अध्ययन।
  3. विदेशी भाषा को त्रिभाषा सूत्र के अन्तर्गत अध्ययन की जा रही तीन भाषाओं में शामिल नहीं किया गया है।
  4. फ्रेंच को एक अतिरिक्त विकल्प के रूप में अनुशंसित किया गया है।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : त्रिभाषा सूत्र के अन्तर्गत भाषाओं में से एक के रूप में विदेशी भाषाओं का अध्ययन।

संविधान व नीतियाँ Question 2 Detailed Solution

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 विदेशी भाषाओं को सीखने को बढ़ावा देने सहित एक लचीले और बहु-विषयक पाठ्यक्रम के महत्व पर जोर देती है।

Key Points

  • माध्यमिक चरण के दौरान एक अतिरिक्त विकल्प के रूप में विदेशी भाषाओं का अध्ययन - यह सही है। NEP 2020 माध्यमिक स्तर (कक्षा 9-12) के दौरान वैकल्पिक विषय के रूप में विदेशी भाषाओं के अध्ययन को प्रोत्साहित करता है। स्कूल भाषाई और सांस्कृतिक कौशल को बढ़ाने के लिए फ्रेंच, जर्मन, स्पेनिश आदि जैसी विदेशी भाषाओं को सीखने का विकल्प देते हैं।
  • विदेशी भाषा को त्रिभाषा सूत्र के अन्तर्गत अध्ययन की जा रही तीन भाषाओं में शामिल नहीं किया गया है - यह कथन NEP 2020 के आधार पर सही है। विदेशी भाषाएँ, हालाँकि विकल्प के रूप में पेश की जाती हैं, लेकिन तीन-भाषा सूत्र का अनिवार्य हिस्सा नहीं हैं। स्कूल विदेशी भाषाओं को एक अतिरिक्त भाषा के रूप में अनुमति दे सकते हैं, लेकिन उन्हें इस सूत्र के तहत मुख्य तीन भाषाओं के हिस्से के रूप में आवश्यक नहीं है।
  • फ्रेंच को एक अतिरिक्त विकल्प के रूप में अनुशंसित किया गया है - यह सही है। NEP 2020 माध्यमिक शिक्षा में अतिरिक्त भाषा विकल्प के रूप में फ्रेंच, जर्मन और स्पेनिश जैसी भाषाओं की सिफारिश करता है। फ्रेंच उन विदेशी भाषाओं में शामिल है जिन्हें छात्र मुख्य भाषाओं के अलावा चुन सकते हैं।

Hint

  • त्रिभाषा सूत्र के अन्तर्गत भाषाओं में से एक के रूप में विदेशी भाषाओं का अध्ययन - यह गलत है।
  • NEP 2020 में यह अनिवार्य नहीं है कि विदेशी भाषाएं त्रिभाषा फार्मूले का हिस्सा हों।
  • इस फार्मूले में दो भाषाएं शामिल हैं, जिनमें अंग्रेजी के साथ-साथ क्षेत्रीय, राष्ट्रीय या आधिकारिक भाषाएं शामिल हो सकती हैं, लेकिन इसमें अनिवार्य त्रि-भाषा सेटअप के भाग के रूप में विदेशी भाषाओं की आवश्यकता नहीं है।
  • विदेशी भाषाओं को अतिरिक्त भाषा के रूप में पढ़ाया जा सकता है, लेकिन त्रि-भाषा फार्मूले के तहत वे अनिवार्य नहीं हैं।

अतः सही उत्तर 'त्रिभाषा सूत्र के अन्तर्गत भाषाओं में से एक के रूप में विदेशी भाषाओं का अध्ययन' है।

संविधान व नीतियाँ Question 3:

भाषा संबंधी प्रावधान संविधान के किस भाग में उल्लिखित हैं?

  1. भाग XIII
  2. भाग XIV
  3. भाग XVII
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक 
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : भाग XVII

संविधान व नीतियाँ Question 3 Detailed Solution

इसका सही उत्तर भाग XVII है ।

भारत में लगभग 1652 से अधिक भाषाएं बोली जाती हैं जिनमें 63 गैर-भारतीय भाषाएं हैं।

  • भारतीय संविधान के भाग 17 में दी गई आठवी अनुसूची में कुल 22 भारतीय भाषा की शामिल की गई है।
  • भारतीय संविधान के भाग 17 अनुच्छेद 343 में संघ की भाषा हिंदी एवं लिपि देवनागरी घोषित की गई है भारत में हिंदी का प्रयोग सर्वाधिक 46% लोगों द्वारा किया जाता है।
  • अनुच्छेद 343 (3) के अनुसार आरंभ में निर्धारित किए गए 15 वर्षों के उपरांत भी संसद इन्हीं विशिष्ट प्रयोजनों के लिए अंग्रेजी का प्रयोग जारी रखने की अनुमति दे सकती है।
  • अनुच्छेद 344 राष्ट्रपति को राजभाषा से संबंधित सलाह देने के उद्देश्य से राजभाषा आयोग के गठन का प्रावधान करता है।
  • 1955 ईस्वी में राष्ट्रपति द्वारा बी जी खेर की अध्यक्षता में प्रथम राजभाषा आयोग गठित किया गया।
  • प्रथम राजभाषा आयोग ने 1956 ईस्वी में अपनी सिफारिशें प्रस्तुत की जिसका परीक्षण संयुक्त संसदीय समिति द्वार1957 ईस्वी में किया गया इस आयोग ने अनुशंसा  की कि संघ की भाषा 1965 ईस्वी के बाद प्रमुख रूप से हिंदी होगी परंतु अंग्रेजी भी केंद्रीय राजभाषा के रूप में रहेगी।

अतः निष्कर्ष निकलता है कि भाषा संबंधी प्रावधान संविधान के भाग XVII में उल्लिखित हैं।

संविधान व नीतियाँ Question 4:

भारतीय संविधान में हिंदी को क्या स्थान दिया गया है?

  1. न्यायालय की भाषा
  2. राष्ट्रीय भाषा
  3. कार्यालयी भाषा
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : कार्यालयी भाषा

संविधान व नीतियाँ Question 4 Detailed Solution

राजभाषा- वह भाषा जो एक पूरे राष्ट्र अथवा देश की धोषित भाषा है; तथा यह सरकारी औपचारिक राजकाज की भाषा होती है। 

Important Points 

  • राजभाषा के प्रयोग का क्षेत्र 'विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका' सभी हैं।  
  • किसी राज्य या देश की घोषित भाषा होती है जो कि सभी राजकीय प्रयोजनों में प्रयोग होती है।
  • उदाहरणतः भारत की राजभाषा हिन्दी है।
  • भारतीय संविधान में हिंदी को कार्यालयी भाषा का स्थान दिया गया है।

Additional Information 

  • संविधान की धारा 343(1) के अनुसार देवनागरी लिपि में हिन्‍दी संघ की राजभाषा होगी।
  • धारा 343(2) में अंग्रेजी को आधिकारिक कार्य में उपयोग संविधान आंरभ होने की तिथि के 15 वर्ष (अर्थात 25 जनवरी 1965) की अवधि तक जारी रखने के लिए कहा गया है।
  • धारा 343(3) में संसद को 25 जनवरी 1965 के बाद भी आधिकारिक प्रयोजनों के लिए अंग्रेजी के उपयोग को जारी करने के‍ लिए कानून बनाने का अधिकार दिया गया है।
  • तदनुसार राजभाषा अधिनियम, 1963 (संशोधित 1967) की धारा 3(2) के अनुसार 25 जनवरी 1965 के बाद भी आधिकारिक कार्य में अंग्रेजी के उपयोग को जारी रखने के बात कही गई है।
  • इस अधिनियम में यह भी बताया गया है कि हिन्‍दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं का उपयोग कुछ विशिष्‍ट प्रयोजनों के लिए अनिवार्य रूप से किया जाएगा जैसे कि प्रस्‍ताव, सामान्‍य आदेश, नियम, अधिसूचना, प्रशासनिक तथा अन्‍य रिपोर्ट, प्रेस सम्‍प्रेषण, प्रशासनिक और अन्‍य रिपोर्ट तथा संसद के सदनों या सदन में रखे जाने वाले आधिकारिक पत्र; संविदाएं, करार, लाइसेंस, अनुज्ञा पत्र, निविदा सूचनाएं और निविदा के प्रपत्र आदि।
  • अंग्रेजी सह-राजभाषा के रूप में कार्य़ करती है।

संविधान व नीतियाँ Question 5:

त्रिभाषा सूत्र के बारे में कौन-सा कथन सही है?

  1. मातृभाषा / घर की भाषा / अंग्रेजी प्रथम भाषा के रूप में। 
  2. मातृभाषा / घर की भाषा / क्षेत्रीय भाषा प्रथम भाषा के रूप में।
  3. अंग्रेजी / हिंदी / घर की भाषा/ स्थानीय भाषा प्रथम भाषा के रूप में।
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : मातृभाषा / घर की भाषा / क्षेत्रीय भाषा प्रथम भाषा के रूप में।

संविधान व नीतियाँ Question 5 Detailed Solution

त्रिभाषा फॉर्मूला भारत में भाषाई स्थिति की चुनौतियों और अवसरों का समाधान करने का एक प्रयास है। यह स्कूली शिक्षा के लिए भाषा-में-शिक्षा नीति है जो 3 भाषाओं: हिंदी, अंग्रेजी और एक क्षेत्रीय भाषा सीखने के लिए लॉन्चिंग पैड के रूप में कार्य करती है।

Key Points

1968 की नीति में बताए गए त्रि-भाषा फॉर्मूला है:

  • पहली भाषा: इसका अध्ययन मातृभाषा, घरेलू भाषा या क्षेत्रीय भाषा होना चाहिए।
  • दूसरी भाषा: हिंदी भाषी राज्यों में दूसरी भाषा अंग्रेजी या कोई अन्य आधुनिक भारतीय भाषा होगी। गैर-हिन्दी भाषी राज्यों में दूसरी भाषा हिन्दी या अंग्रेजी होगी।
  • तीसरी भाषा: तीसरी भाषा स्कूल में बाद के चरण में पढ़ाई जाती है, और वह भी कम समय के लिए, क्योंकि इसकी आवश्यकता केवल एक सीमित संदर्भ में होती है, यानी ऐसी सामाजिक स्थिति में जहां न तो पहली और न ही दूसरी भाषा बच्चे को संवाद करने में मदद कर सकती है। .

अतः, सही उत्तर 'मातृभाषा / घर की भाषा / क्षेत्रीय भाषा प्रथम भाषा के रूप में' है।

Top संविधान व नीतियाँ MCQ Objective Questions

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 शास्त्रीय भाषा के अध्ययन को ________ के रूप में अनुमोदित करती है।

  1. त्रिभाषा सूत्र में एक भाषा
  2. अनिवार्य भाषा के रूप में
  3. एक अतिरिक्त विकल्प
  4. द्वितीय भाषा के रूप में

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : एक अतिरिक्त विकल्प

संविधान व नीतियाँ Question 6 Detailed Solution

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हमारे देश में कई भाषाएं बोली जाती हैं और यहां विभिन्न वर्गों के लोग निवास करते हैं इतने विभिन्नता के बावजूद यहां पर एकता बनी हुई है। भाषा एक दूसरे से संबंध स्थापित करने का महत्वपूर्ण तत्व है।राष्ट्रीय की आवश्यकताओं तथा संविधान के आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर पढ़ाई जाने वाली समस्याओं पर केंद्रीय शिक्षा सलाहकार परिषद(CABE) ने सन् 1956 में विचार-विमर्श करके त्रिभाषा सूत्र प्रस्तुत किया।

  • त्रिभाषा सूत्र का शब्दार्थ है तीन भाषाओं वाला सूत्र।
  • केंद्रीय शिक्षा परामर्श बोर्ड ने सेकेंडरी आयोग के सुझाव का समर्थन नहीं किया और सन् 1956 में त्रिभाषा सूत्र का निर्माण किया।
  • इसके अनुसार माध्यमिक स्कूल के प्रत्येक विद्यार्थी को पाठ्यक्रम के जरिए 3 भाषाएं पढ़ानी होगी।

Key Points

1. मातृ भाषा
  • प्रादेशिक भाषा (मातृ भाषा)
  • मातृ भाषा तथा शास्त्रीय भाषा
  • प्रादेशिक भाषा तथा शास्त्रीय भाषा
2. अंग्रेजी या आधुनिक भारतीय भाषा
3. हिंदी (अहिंदी भाषी क्षेत्रों के लिए) या कोई अन्य आधुनिक भारतीय भाषा (हिंदी भाषी क्षेत्रों के लिए)
अतः हम कह सकते हैं कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 शास्त्रीय भाषा के अध्ययन को एक अतिरिक्त विकल्प के रूप में अनुमोदित करती है।

भारत की विद्यालयी शिक्षा में भाषा नीति को किस नाम से जाना जाता है?

  1. कार्यालयीन भाषा नीति 
  2. बहुभाषी शिक्षा 
  3. मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षा 
  4. त्रि-भाषा सूत्र 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : त्रि-भाषा सूत्र 

संविधान व नीतियाँ Question 7 Detailed Solution

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1968: स्वतंत्र भारत में शिक्षा पर यह पहली नीति कोठारी आयोग (1964-1966) की सिफारिशों पर आधारित थी। माध्यमिक स्तर पर ‘त्रिभाषा सूत्र’ लागू करने का आह्वान किया गया।

  • त्रिभाषा सूत्र भारत में भाषा शिक्षण से सम्बन्धित नीति है जो भारत सरकार द्वारा राज्यों से विचार-विमर्श करके बनायी गयी है। त्रिभाषा सूत्र में हिन्दी का स्थान राजभाषा के रूप में है। इसके अनुसार देवनागरी लिपि में लिखी और मूलत: संस्कृत से अपनी पारिभाषिक शब्दावली को लेने वाली हिन्दी भारतीय संघ की राजभाषा है। 
  • त्रिभाषा-सूत्र भारत की भाषा स्थिति की चुनौतियों और अवसरों को संबोधित करने का एक प्रयास है क्योंकि यह भाषा शिक्षण से संबंधित एक ऐसी नीति है जिसका प्राथमिक उद्देश्य भाषा शिक्षण के तहत बच्चों में बहु-भाषिकता और राष्ट्रीय सद्भाव को बढ़ावा देना है।

Key Points 

त्रिभाषा सूत्र के तहत भारतीय स्कूलों में तीन भाषाओं की शिक्षा दी जाने की सिफारिश की गई थी जो इस प्रकार हैं: 

  • पहली भाषा: मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा।
  • दूसरी भाषा: हिंदी भाषी राज्यों में आधुनिक भारतीय भाषा या अंग्रेजी। गैर हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी या अंग्रेजी।
  • तीसरी भाषा: हिंदी भाषी तथा गैर हिंदी भाषी दोनों राज्यों में अंग्रेजी या एक आधुनिक भारतीय भाषा। आधुनिक भारतीय भाषाओं में बांग्ला, कन्नड़, तेलुगू, मराठी, पंजाबी, तमिल, आदि भाषाएं शामिल है।

​अतः, यह कहा जा सकता है कि भारत की विद्यालयी शिक्षा में भाषा नीति को त्रिभाषा सूत्र के नाम से जाना जाता है

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 शास्त्रीय भाषाओं के अध्ययन की अनुशंसा किस रूप में करती हैं?

  1. विद्यालयी शिक्षा के मिडिल और माध्यमिक चरण के दौरान अतिरिक्त विकल्प के रूप में।
  2. त्रिभाषा सत्र के अंतर्गत एक विकल्प के रूप में।
  3. विद्यालयी शिक्षा के बुनियादी-चरण के दौरान अतिरिक्त विकल्प के रूप में।
  4. विद्यालयी शिक्षा के माध्यमिक चरण के दौरान एक अतिरिक्त विकल्प और एक ऐच्छिक भाषा के रूप में।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : विद्यालयी शिक्षा के मिडिल और माध्यमिक चरण के दौरान अतिरिक्त विकल्प के रूप में।

संविधान व नीतियाँ Question 8 Detailed Solution

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त्रिभाषा-सूत्र भारत में भाषा शिक्षण से सम्बन्धित नीति है जो भारत सरकार द्वारा राज्यों से विचार-विमर्श करके बनायी गयी है। त्रिभाषा सूत्र में हिन्दी का स्थान राजभाषा के रूप में है। इसके अनुसार देवनागरी लिपि में लिखी और मूलत: संस्कृत से अपनी पारिभाषिक शब्दावली को लेने वाली हिन्दी भारतीय संघ की राजभाषा है। 

Key Points 

  • त्रिभाषा-सूत्र भारत की भाषा स्थिति की चुनौतियों और अवसरों को संबोधित करने का एक प्रयास है क्योंकि यह भाषा शिक्षण से संबंधित एक ऐसी नीति है जिसका प्राथमिक उद्देश्य भाषा शिक्षण के तहत बच्चों में बहु-भाषिकता और राष्ट्रीय सद्भाव को बढ़ावा देना है।

Important Points 

त्रिभाषा सूत्र के तहत भारतीय स्कूलों में तीन भाषाओं की शिक्षा दी जाने की सिफारिश की गई थी जो इस प्रकार हैं:

  • पहली भाषा: मातृभाषा/घर की भाषा या क्षेत्रीय भाषा।
  • दूसरी भाषा: हिंदी भाषी राज्यों में आधुनिक भारतीय भाषा या अंग्रेजी। गैर हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी या अंग्रेजी।
  • तीसरी भाषा: हिंदी भाषी तथा गैर हिंदी भाषी दोनों राज्यों में अंग्रेजी या एक शास्त्रीय भाषा (आधुनिक भारतीय भाषा)।
  • नोट: आधुनिक भारतीय भाषाओं में बांग्ला, कन्नड़, तेलुगू, मराठी, पंजाबी, तमिल, आदि भाषाएं शामिल है।​
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 त्रिभाषा सूत्र को लचीले रूप में लागू करने की अनुशंसा करती है।
  • यह शास्त्रीय भाषा और विदेशी भाषा को वैकल्पिक भाषा के रूप में अध्ययन करने की अनुशंसा करती है।

अतः, यह कहा जा सकता है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 विद्यालयी शिक्षा के मिडिल और माध्यमिक चरण के दौरान अतिरिक्त विकल्प के रूप में अध्ययन की अनुशंसा करती है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 विदेशी भाषाओं के अध्ययन की अनुशंसा किस रूप में करती है?

  1. द्वितीय भाषा के रूप में अंग्रेजी के स्थान पर एक भाषा  
  2. मिडिल स्तर पर अतिरिक्त विकल्प 
  3. माध्यमिक स्तर पर अतिरिक्त विकल्प 
  4. त्रिभाषीय सूत्र के अन्तर्गत एक विकल्प 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : माध्यमिक स्तर पर अतिरिक्त विकल्प 

संविधान व नीतियाँ Question 9 Detailed Solution

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, 21वीं सदी की पहली शिक्षा नीति है और इसका उद्देश्य हमारे देश की कई बढ़ती विकासात्मक अनिवार्यताओं को संबोधित करना है। इस नीति ने 34 वर्षीय राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनपीई), 1986 का स्थान लिया है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की महत्वपूर्ण विशेषताएं: 

  • नई नीति का उद्देश्य 2030 तक विद्यालयी शिक्षा में 100% सकल नामांकन अनुपात के साथ पूर्व-विद्यालय से माध्यमिक स्तर तक शिक्षा का सार्वभौमिकरण करना है।
  • वर्तमान 10+2 प्रणाली को क्रमशः 3-8, 8-11, 11-14 और 14-18 वर्ष की आयु के अनुरूप एक नई 5+3+3+4 पाठ्यचर्या संरचना द्वारा प्रतिस्थापित किया जाना है। नई प्रणाली में तीन वर्ष की आंगनवाड़ी / पूर्व विद्यालयी के साथ 12 वर्ष की विद्यालयी शिक्षा होगी।
  • नई नीति विद्यालयों और उच्च शिक्षा दोनों में बहुभाषावाद को बढ़ावा देती है क्योंकि बहुभाषी शिक्षा छात्रों को पढ़ाने के लिए छात्र की मातृभाषा या मूल भाषा का उपयोग करने पर जोर देती है क्योंकि यह अधिगम को प्रभावी बनाती है।
  • नई शिक्षा नीति में प्राथमिक स्तर तक मातृभाषा, स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई का माध्यम रखने की बात कही गई है. इसे क्लास आठ या उससे आगे भी बढ़ाया जा सकता है. विदेशी भाषाओं की पढ़ाई माध्यमिक स्तर पर होगी. हालांकि नई शिक्षा नीति में यह भी कहा गया है कि किसी भी भाषा को थोपा नहीं जाएगा।
  • बहुसांस्कृतिक शिक्षा का उपयोग करने वाली कक्षाएँ छात्रों को उनकी मूल भाषाओं में सीखने में मदद करने के लिए विभिन्न रणनीतियों का उपयोग करती हैं। NEP, 2020 नियमित, रचनात्मक और योग्यता-आधारित की सिफारिश करता है और 'अधिगम के लिए आकलन' पर केंद्रित है।

अतः यह निष्कर्ष निकलता है की राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 विदेशी भाषाओं के अध्ययन की अनुशंसा माध्यमिक स्तर पर अतिरिक्त विकल्प के रूप में करती है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुसार विद्यालयी शिक्षा के बुनियादी स्तर में शामिल है _________

  1. पूर्व विद्यालय के 3 वर्ष तथा कक्षा I और II
  2. पूर्व विद्यालय के 3 वर्ष तथा कक्षाएँ I, II, III , IV तथा V
  3. प्राथमिक विद्यालय के 5 वर्ष
  4. पूर्व विद्यालय के 3 वर्ष

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : पूर्व विद्यालय के 3 वर्ष तथा कक्षा I और II

संविधान व नीतियाँ Question 10 Detailed Solution

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 राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, 21वीं सदी की पहली शिक्षा नीति है और इसका उद्देश्य हमारे देश की कई बढ़ती विकासात्मक अनिवार्यताओं को संबोधित करना है। इस नीति ने 34 वर्षीय राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनपीई), 1986 का स्थान लिया है।

Important Points

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की महत्वपूर्ण विशेषताएं:

  • नई नीति का उद्देश्य 2030 तक विद्यालयी शिक्षा में 100% सकल नामांकन अनुपात के साथ पूर्व-विद्यालय से माध्यमिक स्तर तक शिक्षा का सार्वभौमिकरण करना है।
  • वर्तमान 10+2 प्रणाली को क्रमशः 3-8, 8-11, 11-14 और 14-18 वर्ष की आयु के अनुरूप एक नई 5+3+3+4 पाठ्यचर्या संरचना द्वारा प्रतिस्थापित किया जाना है। नई प्रणाली में पहले भाग अथवा बुनियादी स्तर पर तीन वर्ष की प्री स्कूल तथा प्राथमिक स्कूल की पहली और दूसरी कक्षा होगी ,कक्षा 3-5,कक्षा 6-8 ,कक्षा 9-12 की विद्यालयी शिक्षा होगी।
  • नई नीति विद्यालयों और उच्च शिक्षा दोनों में बहुभाषावाद को बढ़ावा देती है क्योंकि बहुभाषी शिक्षा छात्रों को पढ़ाने के लिए छात्र की मातृभाषा या मूल भाषा का उपयोग करने पर जोर देती है क्योंकि यह अधिगम को प्रभावी बनाती है।
  • बहुसांस्कृतिक शिक्षा का उपयोग करने वाली कक्षाएँ छात्रों को उनकी मूल भाषाओं में सीखने में मदद करने के लिए विभिन्न रणनीतियों का उपयोग करती हैं। NEP, 2020 नियमित, रचनात्मक और योग्यता-आधारित की सिफारिश करता है और 'अधिगम के लिए आकलन' पर केंद्रित है।

अतः यह निष्कर्ष निकलता है की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुसार विद्यालयी शिक्षा के बुनियादी स्तर में पूर्व विद्यालय के 3 वर्ष तथा कक्षा I और II शामिल है।

निम्नलिखित में से कौन-सा भारत में हिंदी भाषा के संबंध में सत्य है?

1. यह भारत की राष्ट्रभाषा है

2. यह शिक्षा में समान द्वितीय भाषा है।

3. यह भारत की राजभाषा है।

4. यह भारत की सह राजभाषा है।

  1. 1
  2. 2
  3. 3
  4. 4

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : 3

संविधान व नीतियाँ Question 11 Detailed Solution

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त्रिभाषा-सूत्र भारत में भाषा शिक्षण से सम्बन्धित नीति है जो भारत सरकार द्वारा राज्यों से विचार-विमर्श करके बनायी गयी है। त्रिभाषा सूत्र में हिन्दी का स्थान राजभाषा के रूप में है। इसके अनुसार देवनागरी लिपि में लिखी और मूलत: संस्कृत से अपनी पारिभाषिक शब्दावली को लेने वाली हिन्दी भारतीय संघ की राजभाषा है। 

  • राजभाषा- वह भाषा जो एक पूरे राष्ट्र अथवा देश की घोषित भाषा है; तथा यह सरकारी औपचारिक राजकाज की भाषा होती है। 

Key Points 

  • त्रिभाषा सूत्र के तहत भारतीय स्कूलों में पहली भाषा के रूप में मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा शिक्षण की अनुशंसा की गयी है।
  • हिंदी भाषी राज्यों में आधुनिक भारतीय भाषा या अंग्रेजी तथा गैर हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी या अंग्रेजी भाषा की अनुशंसा द्वितीय भाषा के रूप में की गयी है तथा
  • हिंदी भाषी तथा गैर हिंदी भाषी दोनों राज्यों में अंग्रेजी या एक आधुनिक भारतीय भाषा की अनुशंसा तृतीय भाषा के रूप में की गयी है।
  • उपरोक्त पंक्तियों से स्पष्ट होता है कि हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी भाषा प्रथम भाषा के रूप में पढ़ायी जायेगी। यह गैर हिंदी भाषी राज्यों में ही द्वितीय भाषा के रूप में पढ़ायी जायेगी।

अतः हम कह सकते हैं कि हिंदी भाषा भारत की राजभाषा है। यह कथन सत्य है।

Hint

  • अंग्रेजी सह-राजभाषा के रूप में कार्य़ करती है।
  • राष्ट्रभाषा- जैसा की नाम से ही समझ आता है कि यह राष्ट्र की भाषा होती है। कोई ऐसी भाषा जो पूरे देश में सभी को एकता का संकेत देती हो और बाँध कर रखती हो, राष्ट्रभाषा कहलाती है। राष्ट्रभाषा को लोकभाषा या लिंग्वा फ्रांका भी कहते हैं।

भारतीय संविधान में अंग्रेजी भाषा का क्‍या स्थान है?

  1. राजभाषा (ऑफ़िशियल)
  2. प्रशासनिक भाषा
  3. शिक्षा के माध्यम की भाषा
  4. सह-राजभाषा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : सह-राजभाषा

संविधान व नीतियाँ Question 12 Detailed Solution

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राष्ट्रीय की आवश्यकताओं तथा संविधान के आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर पढ़ाई जाने वाली समस्याओं पर केंद्रीय शिक्षा सलाहकार परिषद(CABE) ने सन् 1956 में विचार-विमर्श करके त्रिभाषा सूत्र प्रस्तुत किया। 

इसके अनुसार माध्यमिक स्कूल के प्रत्येक विद्यार्थी को पाठ्यक्रम के जरिए 3 भाषाएं पढ़ानी होगी

  • मातृ भाषा
    • प्रादेशिक भाषा (मातृ भाषा)
    • मातृ भाषा तथा शास्त्रीय भाषा
    • प्रादेशिक भाषा तथा शास्त्रीय भाषा
  • अंग्रेजी या आधुनिक भारतीय भाषा
  • हिंदी (अहिंदी भाषी क्षेत्रों के लिए) या कोई अन्य आधुनिक भारतीय भाषा (हिंदी भाषी क्षेत्रों के लिए)

Important Points

भाषा अधिनियम के व्यवस्थाएं निम्नलिखित हैं

  • हिंदी: आखिर भारतीय राज भाषा (Hindi as the all Indian official language) हिंदी अखिल भारतीय राज भाषा होगी
  • अंग्रेजी: सहायक राज भाषा(English as the associate official language) जब तक अहिंदी भाषी क्षेत्रों में हिंदी को इच्छा पूर्वक नहीं अपनाया जाता तब तक अंग्रेजी सहायक भाषा के रूप में रखना चाहिए।

अतः हम कह सकते हैं कि भारतीय संविधान में अंग्रेजी भाषा का सह-राजभाषा का स्थान है।

Additional Information

  • प्रादेशिक भाषाएं: प्रदेश प्रशासन की भाषाएं(residential  language as language of of administration in the state) प्रत्येक प्रदेश के प्रशासन की भाषा उसीज्ञकी प्रदेश की भाषा होगी
  • केंद्रीय सार्वजनिक सेवा आयोग की परीक्षाएं: सभी भाषाओं में होगी। (UPSC exam in all the language) केंद्र सार्वजनिक सेवा आयोग की परीक्षाएं संविधान में दिए गई सभी भाषाओं में आयोजित की जाएगी

भारत में भाषाओं के बारे में कौन-सा कथन सही नहीं है ?

  1. संस्कृत आधुनिक भारतीय भाषा है
  2. हिंदी भारतीय उप महाद्वीप की लोक भाषा (लिंग्वा फ्रांका) है
  3. भारत के संविधान के अनुसार अंग्रेजी सह राजकीय भाषा है 
  4. भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची के अनुसार 22 भाषाएँ हैं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : संस्कृत आधुनिक भारतीय भाषा है

संविधान व नीतियाँ Question 13 Detailed Solution

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भारत अपनी उल्लेखनीय भाषाई विविधता के लिए जाना जाता है, पूरे देश में सैकड़ों भाषाएँ बोली जाती हैं।

  • ये भाषाएँ कई भाषा परिवारों से संबंधित हैं, जिनमें सबसे प्रमुख इंडो-आर्यन और द्रविड़ परिवार हैं, लेकिन इसमें ऑस्ट्रोएशियाटिक, तिब्बती-बर्मन और अन्य छोटे परिवारों की भाषाएँ भी शामिल हैं।

Key Points

  • हिंदी वास्तव में भारतीय उपमहाद्वीप की लोक भाषा (लिंग्वा फ्रांका) मानी जाती है, जो पूरे क्षेत्र में व्यापक रूप से बोली और समझी जाती है।
  • भारतीय संविधान के अनुसार, हिंदी के साथ अंग्रेजी भारतीय केंद्र सरकार की दो आधिकारिक भाषाओं में से एक है, जो इसे एक सह राजकीय भाषा बनाती है।
  • भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 भाषाएँ शामिल हैं, जो सटीक है।

Hint

  • संस्कृत को आधुनिक भारतीय भाषा के बजाय एक प्राचीन भाषा के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यह समकालीन, व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा होने के बजाय ऐतिहासिक महत्व वाली भारत की एक शास्त्रीय भाषा है।

अतः, 'संस्कृत एक आधुनिक भारतीय भाषा है' यह कथन भारत में भाषाओं के बारे में सही नहीं है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020__________के रूप में विदेशी भाषा के अध्ययन का समर्थन करती है।

  1. सेकेंडरी स्तर पर अतिरिक्त विकल्प
  2. त्रिभाषा सूत्र के अंतर्गत एक विकल्प
  3. विद्यालयी शिक्षा के तैयारी चरण से भाषा
  4. विद्यालयों तथा शिक्षार्थियों की पसंद

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : सेकेंडरी स्तर पर अतिरिक्त विकल्प

संविधान व नीतियाँ Question 14 Detailed Solution

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 राष्ट्रीय-शिक्षा-नीति 2020 के अनुसार विदेशी भाषा को उच्चतर माध्यमिक स्तर पर अतिरिक्त विकल्प के रूप में पढ़ाया जाए, इसे संस्तुत किया गया है ना कि विदेशी भाषा के अनिवार्य रूप से अध्ययन की। जिससे छात्र अपनी रुचि के अनुसार किसी विदेशी भाषा का अध्ययन कर सकें।

  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, 21वीं सदी की पहली शिक्षा नीति है और इसका उद्देश्य हमारे देश की कई बढ़ती विकासात्मक अनिवार्यताओं को संबोधित करना है। इस नीति ने 34 वर्षीय राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनपीई), 1986 का स्थान लिया है।

Important Points 

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की महत्वपूर्ण विशेषताएं:

  • नई नीति का उद्देश्य 2030 तक विद्यालयी शिक्षा में 100% सकल नामांकन अनुपात के साथ पूर्व-विद्यालय से माध्यमिक स्तर तक शिक्षा का सार्वभौमिकरण करना है।
  • वर्तमान 10+2 प्रणाली को क्रमशः 3-8, 8-11, 11-14 और 14-18 वर्ष की आयु के अनुरूप एक नई 5+3+3+4 पाठ्यचर्या संरचना द्वारा प्रतिस्थापित किया जाना है। नई प्रणाली में पहले भाग अथवा बुनियादी स्तर पर तीन वर्ष की प्री स्कूल तथा प्राथमिक स्कूल की पहली और दूसरी कक्षा होगी ,कक्षा 3-5,कक्षा 6-8 ,कक्षा 9-12 की विद्यालयी शिक्षा होगी।
  • नई नीति विद्यालयों और उच्च शिक्षा दोनों में बहुभाषावाद को बढ़ावा देती है क्योंकि बहुभाषी शिक्षा छात्रों को कक्षा VIII तक पढ़ाने के लिए छात्र की मातृभाषा या मूल भाषा का उपयोग करने पर जोर देती है क्योंकि यह अधिगम को प्रभावी बनाती है।
  • बहुसांस्कृतिक शिक्षा का उपयोग करने वाली कक्षाएँ छात्रों को उनकी मूल भाषाओं में सीखने में मदद करने के लिए विभिन्न रणनीतियों का उपयोग करती हैं। NEP, 2020 नियमित, रचनात्मक और योग्यता-आधारित की सिफारिश करता है और 'अधिगम के लिए आकलन' पर केंद्रित है।
  • शास्त्रीय भाषा का वैकल्पिक भाषा के' रूप में अध्ययन करना।
  • विदेशी भाषा का वैकल्पिक भाषा के रूप में अध्ययन।
  • त्रिभाषा सूत्र को लचीले रूप में लागू करना जिसके अंतर्गत हिंदी और अन्य भारतीय भाषा को प्राथमिकता दी जाती है और अंग्रेजी दूसरी या तीसरी भाषा के रूप में होगी। 

अतः निष्कर्ष निकलता है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 सेकेंडरी स्तर पर अतिरिक्त विकल्प के रूप में विदेशी भाषा के अध्ययन का समर्थन करती है।

भारतीय संविधान में हिंदी भाषा का क्या स्थान है?

  1. राजभाषा (ऑफ़िशियल)
  2. प्रशासनिक भाषा
  3. शिक्षा के माध्यम (मीडियम) की भाषा
  4. सह-राजभाषा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : राजभाषा (ऑफ़िशियल)

संविधान व नीतियाँ Question 15 Detailed Solution

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राजभाषा- वह भाषा जो एक पूरे राष्ट्र अथवा देश की धोषित भाषा है; तथा यह सरकारी औपचारिक राजकाज की भाषा होती है। 

Important Points

  • राजभाषा के प्रयोग का क्षेत्र 'विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका' सभी हैं।  
  • किसी राज्य या देश की घोषित भाषा होती है जो कि सभी राजकीय प्रयोजनों में प्रयोग होती है।
  • उदाहरणतः भारत की राजभाषा हिन्दी है।

Additional Information 

  • संविधान की धारा 343(1) के अनुसार देवनागरी लिपि में हिन्‍दी संघ की राजभाषा होगी।
  • धारा 343(2) में अंग्रेजी को आधिकारिक कार्य में उपयोग संविधान आंरभ होने की तिथि के 15 वर्ष (अर्थात 25 जनवरी 1965) की अवधि तक जारी रखने के लिए कहा गया है।
  • धारा 343(3) में संसद को 25 जनवरी 1965 के बाद भी आधिकारिक प्रयोजनों के लिए अंग्रेजी के उपयोग को जारी करने के‍ लिए कानून बनाने का अधिकार दिया गया है।
  • तदनुसार राजभाषा अधिनियम, 1963 (संशोधित 1967) की धारा 3(2) के अनुसार 25 जनवरी 1965 के बाद भी आधिकारिक कार्य में अंग्रेजी के उपयोग को जारी रखने के बात कही गई है।
  • इस अधिनियम में यह भी बताया गया है कि हिन्‍दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं का उपयोग कुछ विशिष्‍ट प्रयोजनों के लिए अनिवार्य रूप से किया जाएगा जैसे कि प्रस्‍ताव, सामान्‍य आदेश, नियम, अधिसूचना, प्रशासनिक तथा अन्‍य रिपोर्ट, प्रेस सम्‍प्रेषण, प्रशासनिक और अन्‍य रिपोर्ट तथा संसद के सदनों या सदन में रखे जाने वाले आधिकारिक पत्र; संविदाएं, करार, लाइसेंस, अनुज्ञा पत्र, निविदा सूचनाएं और निविदा के प्रपत्र आदि।
  • अंग्रेजी सह-राजभाषा के रूप में कार्य़ करती है।
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