सगुण राम काव्य MCQ Quiz - Objective Question with Answer for सगुण राम काव्य - Download Free PDF

Last updated on May 23, 2025

Latest सगुण राम काव्य MCQ Objective Questions

सगुण राम काव्य Question 1:

'गीतावली' किसकी रचना है ?

  1. सूरदास
  2. नाभादास
  3. मलिक मुहम्मद जायसी
  4. तुलसीदास
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : तुलसीदास

सगुण राम काव्य Question 1 Detailed Solution

'गीतावली' तुलसीदास की रचना है। 

Key Pointsतुलसीदास-

  • जन्म-1532-1623 ई. 
  • शिक्षा गुरु-शेष सनातन 
  • दीक्षा गुरु-नरहर्यानंद 
  • तुलसी पर श्री संप्रदाय का प्रभाव देखा जाता है। 
  • मुख्य रचनाएँ-
    • वैराग्य संदीपनी 
    • जानकी मंगल  
    • पार्वती मंगल 
    • कृष्ण गीतवाली 
    • विनय पत्रिका आदि। 
  • नाभादास ने इन्हें-
    • "कलिकाल का वाल्मीकि" कहा। 
  • हजारीप्रसाद द्विवेदी-
    • "भारतवर्ष का लोक नायक वही हो सकता है जो समन्वय करने का अपार धैर्य लेकर आया हो।

सगुण राम काव्य Question 2:

चौपाई की दूसरी पंक्ति "भरत महा महिमा जलरासी" में "जलरासी" का प्रयोग किस प्रतीक के रूप में किया गया है?

  1. भरत की महिमा की असीमता और गहराई के लिए
  2. भरत की कमजोरी और अस्थिरता के लिए
  3. सभा की भावनाओं की अस्थिरता के लिए
  4. मुनि की बुद्धि की सीमितता के लिए

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : भरत की महिमा की असीमता और गहराई के लिए

सगुण राम काव्य Question 2 Detailed Solution

उत्तर है - भरत की महिमा की असीमता और गहराई के लिए

विश्लेषण: "जलरासी" (समुद्र) का प्रयोग भरत की महिमा की असीमता, गहराई, और विशालता को दर्शाने के लिए किया गया है। यह उपमा अलंकार के माध्यम से भरत के चरित्र की भव्यता को उजागर करता है।

सगुण राम काव्य Question 3:

चौपाई की प्रथम पंक्ति "भरत बचन सुनि देखि सनेहू" में भरत के कथन और स्नेह का क्या प्रभाव बताया गया है?

  1. सभा में उपस्थित लोगों में क्रोध और असंतोष उत्पन्न हुआ।
  2. मुनि ने भरत के स्नेह को अस्वीकार कर दिया।
  3. मुनि और सभा सहित सभी लोग भाव-विह्वल और निश्चल हो गए।
  4. सभा में केवल मुनि प्रभावित हुए, अन्य लोग उदासीन रहे।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : मुनि और सभा सहित सभी लोग भाव-विह्वल और निश्चल हो गए।

सगुण राम काव्य Question 3 Detailed Solution

सही उत्तर है- मुनि और सभा सहित सभी लोग भाव-विह्वल और निश्चल हो गए।

 

 

  • इस पंक्ति में भरत के स्नेहपूर्ण वचनों का इतना गहरा प्रभाव बताया गया है कि मुनि और पूरी सभा "बिदेहू" (शरीर से परे, भाव-विह्वल) हो गई।
  • यह भरत की भक्ति और श्रीराम के प्रति उनके प्रेम की महिमा को दर्शाता है।

 

चौपाई-
  • भरत बचन सुनि देखि सनेहू। सभा सहित मुनि भए बिदेहू॥
    भरत महा महिमा जलरासी। मुनि मति ठाढ़ि तीर अबला सी॥
भावार्थ-
  • भरतजी के वचन सुनकर और उनका प्रेम देखकर सारी सभा सहित मुनि वशिष्ठजी विदेह हो गए (किसी को अपने देह की सुधि न रही)।
  • भरतजी की महान् महिमा समुद्र है, मुनि की बुद्धि उसके तट पर अबला स्त्री के समान खड़ी है। 

सगुण राम काव्य Question 4:

पद में "केवट की जाति, कछु बेद न पढ़ाइहौं" पंक्ति का तात्पर्य क्या है?

  1. निषादराज अपनी जाति के प्रति गर्व व्यक्त करते हैं।
  2. निषादराज वेद-ज्ञान को तुच्छ मानते हैं।
  3. निषादराज श्रीराम से वेद-शिक्षा की माँग करते हैं।
  4. निषादराज अपनी निम्न सामाजिक स्थिति और शिक्षा की कमी को स्वीकार करते हैं।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : निषादराज अपनी निम्न सामाजिक स्थिति और शिक्षा की कमी को स्वीकार करते हैं।

सगुण राम काव्य Question 4 Detailed Solution

सही उत्तर है- निषादराज अपनी निम्न सामाजिक स्थिति और शिक्षा की कमी को स्वीकार करते हैं।

 

  • इस पंक्ति में निषादराज अपनी केवट जाति की सामाजिक स्थिति और वेद-शिक्षा से वंचित होने की बात विनम्रतापूर्वक कहते हैं।
  • यह उनकी दीनता और भक्ति के साथ-साथ सामाजिक वास्तविकता को दर्शाता है।

सगुण राम काव्य Question 5:

निम्नलिखित में से कौन-से कथन रामभक्ति शाखा के कवियों और उनकी पंक्तियों को सही ढंग से युग्मित करते हैं?

(A) गोस्वामी तुलसीदास: "एक भरोसे एक बल एक आस विस्वास। एक राम घन श्याम हित चातक तुलसीदास।।"

(B) रामानंद: "सुरत नगर करै सयल। जिसमें है आत्मा का महल।।"

(C) सेनापति: "बालि को सपूत कपिकुल पुरहूत, रघुवीर जू को दूत भरि रूप विकराल को।"

(D) कृपानिवास: "नीबी करषत बरजति प्यारी। रसलंपट संपुट कर जोरत, पद परसत पुनि लै बलिहारी।।"

(E) केशवदास: "पहरे राम तुम्हारे सोवत। मैं मति मंद अंध नहिं जोवत।।"

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए-

  1. केवल C, D, E
  2. केवल B, C, E
  3. केवल A, D, E
  4. केवल A, C, D

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : केवल A, C, D

सगुण राम काव्य Question 5 Detailed Solution

सही उत्तर है- केवल A, C, D

Key Points

  • (A) सही: गोस्वामी तुलसीदास की पंक्ति "एक भरोसे एक बल एक आस विस्वास। एक राम घन श्याम हित चातक तुलसीदास।।" दोहावली से है, जो राम पर उनकी पूर्ण निष्ठा और भरोसे को व्यक्त करती है।
  • (C) सही: सेनापति की पंक्ति "बालि को सपूत कपिकुल पुरहूत, रघुवीर जू को दूत भरि रूप विकराल को।" हनुमान और बालि की वीरता का वर्णन करती है, जो उनकी भक्ति और काव्य शैली के अनुरूप है।
  • (D) सही: कृपानिवास की पंक्ति "नीबी करषत बरजति प्यारी। रसलंपट संपुट कर जोरत, पद परसत पुनि लै बलिहारी।।" प्रिय की सुंदरता और भक्ति भाव को दर्शाती है, जो उनकी शैली का हिस्सा है।

Important Points

  • (B) गलत: यह पंक्ति रामानंद की है, जो आत्मा के निवास और आध्यात्मिक यात्रा को दर्शाती है। इसे किसी अन्य कवि (जैसे तुलसीदास) के साथ जोड़ना गलत है। 
    • सही है- कवि रामानंद 
  • (E) गलत: यह पंक्ति अग्रदास की है, जो रात्रि जागरण और राम की रक्षा का वर्णन करती है। इसे केशवदास के साथ जोड़ना गलत है।
    • सही है- अग्रदास 

Top सगुण राम काव्य MCQ Objective Questions

रामचरितमानस किस भाषा की रचना है?

  1. अवधी
  2. खडीबोली
  3. अपभ्रंश
  4. ब्रजभाषा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : अवधी

सगुण राम काव्य Question 6 Detailed Solution

Download Solution PDF

उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प 1 अवधी सही उत्तर है।

Key Points

  • रामचरितमानस(प्रबन्ध काव्य) की रचना तुलसीदास ने संवत् 1631 में की।
  • तुलसीदास(1531ई.-1623ई.) भक्ति काल की राम भक्ति शाखा के महत्वपूर्ण कवि है।
  • इनके गुरु का नाम नरहर्यानंद था और इनकी भक्ति भावना 'दास्य भाव' की थी।
  • रामचन्द्र शुक्ल-"यह एक कवि ही हिंदी को प्रौढ़ साहित्यिक भाषा सिद्ध करने के लिए काफी है।"

Important Points

  • तुलसी में अपने ग्रंथों की रचना दो भाषाओं में की-1)अवधी और 2) ब्रजभाषा।
ग्रन्थ काव्य रूप भाषा
रामाज्ञा प्रश्न मुक्तक अवधी
विनय पत्रिका गीतिकाव्य ब्रजभाषा
बरवै रामायण मुक्तक अवधी
कवितावली मुक्तक ब्रजभाषा

Additional Information

  • अवधी हिंदी भाषा की उपबोली है तथा उत्तरप्रदेश के 'अवध क्षेत्र' में बोली जाती हैं।
  • ब्रजभाषा एक क्षेत्रीय भाषा है जो पश्चिमी उत्तरप्रदेश एवं उत्तराखण्ड में बोली जाती हैं।
  • अपभ्रंश भारतीय आर्यभाषा के मध्यकाल की अंतिम अवस्था है जो प्राकृत और आधुनिक भाषाओं के बीच की स्थिति है।
  • खड़ी बोली हिंदी का वह रूप है जिसमें संस्कृत के शब्दों की बहुलता करके वर्तमान हिंदी का निर्माण हुआ है।यह मेरठ,बिजनौर, मुजफ्फरनगर,सहारनपुर,अम्बाला के क्षेत्र में बोली जाती है।

भक्तमाल के रचनाकार है

  1. सूरदास
  2. नाभादास
  3. तुलसीदास
  4. रैदास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : नाभादास

सगुण राम काव्य Question 7 Detailed Solution

Download Solution PDF

"भक्तमाल" के रचनाकार "नाभादास" है। उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प नाभादास सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।

Key Points

  • भक्तमाल का रचना वर्ष 1585 ईस्वी है।
  • 'भक्तमाल' की रचना व्रजभाषा में हुई है। इसकी भाषा शैली प्रौढ़ एवं परिमार्जित है
  • भक्तमाल' में नाभादास ने छप्पय छंद में अपने पूर्ववर्ती अथवा समसामयिक लगभग दो सौ भक्तों का चरितगान किया है।
Important Points
  •  नाभादास (1570-1650)
  • स्वामी अग्रदास जी के शिष्य हैं।
  • इनके प्रसिद्ध ग्रंथ 'भक्तमाल' की टीका प्रियादास जी ने संवत्‌ 1769 में, सौ वर्ष बाद, लिखी थी।
  • नाभादास की तीन कृतियाँ उपलब्ध हैं - 
    • भक्तमाल (1585)
    • अष्टयाम (1585)
    • रामभक्ति संबंधी स्फुट पद
  • 'भक्तमाल' में लगभग दो सौ भक्तों का चरित्रगान है।
  •  'अष्टयाम' ब्रजभाषा गद्य और पद्य दोनों में पृथक्‌-पृथक्‌ उपलब्ध है। 
Additional Information

अन्य विकल्प:-

रचनाकार

रचनाएं

नंददास

अनेकार्थ मंजरी, रूपमंजरी, रास पंचाध्यायी, नाम मंजरी

अग्र दास

ध्यान मंजरी, अष्टयाम, राम भजन मंजरी, उपासना बावनी, पदावली

रसखान

रसखान रचनावली

गोस्‍वामी तुलसीदास की रचना 'कवितावली' किस भाषा की रचना है?

  1. अवधी
  2. ब्रजभाषा
  3. भोजपुरी
  4. बुंदेली

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : ब्रजभाषा

सगुण राम काव्य Question 8 Detailed Solution

Download Solution PDF

गोस्‍वामी तुलसीदास की रचना 'कवितावली' ब्रजभाषा की रचना है।

  • ब्रजभाषा मूलत: ब्रजक्षेत्र की बोली है।
  • इस कवितावली में श्री रामचन्द्र के इतिहास का वर्णन मिलता है। 
  • इसमें कुल सात काण्ड हैं - बाल काण्ड, अयोध्या काण्ड, अरण्य काण्ड, किष्किन्धा काण्ड, सुन्दर काण्ड, लंका काण्ड और उत्तर काण्ड। 
  •  

Key Pointsकवितावली -

  • रचना काल -1655 से 1680 तक ज्ञात होता है। (16वीं शताब्दी)
  • कवितावली के प्रकाशक गीताप्रेस गोरखपुर हैं।
  • काशी -नागरी -प्रचारिणी -सभा की प्रति में 183 छंद हैं ।
  • पदों की रचना कवित्त, चौपाई, सवैया आदि छंदों में की गई है।

अन्य विकल्प -

  • अवधीभाषा में रामचरितमानस गोस्‍वामी तुलसीदास कृत पूजनीय है।

अवधीभाषा की अन्य रचनाएँ -

  • रामलला नहछू, बरवाई रामायण, पार्वती मंगल, जानकी मंगल और रामाज्ञ प्रश्न। 

Additional Informationगोस्‍वामी तुलसीदास

  • जन्म - बांदा जिले के राजपुर में,13 अगस्त 1532
  • रचना - रामलला नहछू, हनुमान चालीसा,  गीतावली, साहित्य रत्न, तुलसी सत्सई, गीतावली, कृष्ण गीतावली या कृष्णावली, बरवई रामायण, पार्वती मंगल, दोहावली आदि 
  • निधन - 31 जुलाई 1623

कवितावली की शुरुवाती पंक्ति व अंतिम पंक्ति -

ऊँ श्रीसीतारामाभ्यां नमः

रेफ आत्मचिन्मय अकल, परब्रह्म पररूप।
हरि-हर- अज- वन्दित-चरन, अगुण अनीह अनूप।1।

बालकेलि दशरथ -अजिर, करत सेा फिरत सभाय।
पदनखेन्दु तेहि ध्यान धरि विरवत तिलक बनाय।2।

...

...

...

...

...

...

आश्रम -बरन कलि बिबस बिकल भए,
निज-निज मरजाद मोटरी-सी डार दी।।

संकर सरोष महामारिहीतें जानियत,
साहिब सरोष दूनी-दिन-दिन दारदी।।

 नारि-नर आरत पुकारत , सुनै न कोऊ ,
काहूँ देवतनि मिलि मोटी मूठि मारि दी।।

तुलसी सभी तपाल सुमिरें कृपालराम ,
समय सुकरूना सराहि सनकार दी।।

प्राणचंद चौहान का संबंध भक्ति की किस शाखा से है?

  1. रामभक्ति शाखा
  2. कृष्णभक्ति शाखा
  3. स्वसुखी शाखा
  4. ज्ञानमार्गी शाखा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : रामभक्ति शाखा

सगुण राम काव्य Question 9 Detailed Solution

Download Solution PDF

प्राण चंद चौहान का संबंध राम भक्ति शाखा से है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प रामभक्ति शाखा सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।\

Key Points

  • प्राणचंद चौहान भक्तिकाल के कवि थे। 
  • वे राम भक्ति शाखा से हैं।
  • वे रामायण महानाटक के रचयिता हैं । 
Important Points

राम भक्ति काव्य के प्रमुख कवि एवं उनकी रचनाएं:-

कवि

जन्म मृत्यु

रचनाएं

रामानंद

1400-1470

राम रक्षा स्त्रोत 

विष्णु दास

-----

रामायण कथा (1442)

ईश्वरदास

16 वीं शती

भरत मिलाप, अंगदपैज

तुलसीदास

1532-1623

रामचरितमानस (1574) , विनय पत्रिका (1585), कृष्ण गीतावली (1571), कवितावली (1612),पार्वती मंगल (1582), जानकी मंगल (1582) , रामलला नेहछू (1586)

लाल दास

17 वी सदी

अवध विलास (1643)

सेनापति

1589

कवित्त रत्नाकर (1649)

Additional Information
  • श्रीकृष्ण शाखा
    • भक्तिकाल में श्रीकृष्ण भक्ति साहित्य के प्रमुख कवियों में सूरदास ,कुंभनदास,परमानन्द दास ,कृष्ण दास ,नंददास ,चतुर्भुज दास ,गोविन्द स्वामी और छीतस्वामी आदि प्रमुख कवि हैं।
  • ज्ञान मार्गी शाखा
    • इस भाषा को 'सधुक्कड़ी' कहा गया है।
    • इन संतों में प्रमुख कबीरदास थे। 
    • अन्य मुख्य संत-कवियों के नाम हैं - नानक, रैदास, दादूदयाल, सुंदरदास तथा मलूकदास।

'रामचरित मानस' के उत्तरकांड में उन्होंने ज्ञान की अपेक्षा भक्ति को कहीं अधिक सुसाध्य और आशुफलदायिनी कहा है।'

यह कथन किसका है -

  1. श्यामसुंदर दास
  2. रामस्वरूप चतुर्वेदी
  3. रामचंद्र शुक्ल
  4. मलयज

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : रामचंद्र शुक्ल

सगुण राम काव्य Question 10 Detailed Solution

Download Solution PDF

उपर्युक्त कथन रामचंद्र शुक्ल का है।

Key Points

"रामचरितमानस के उत्तरकांड' में उन्होंने ज्ञान की अपेक्षा भक्ति को कहीं अधिक सुसाध्य और आशु फलदायिनी कहा है।

उपर्युक्त कथन रामचंद्र शुक्ल का है।

यह कथन गोस्वामी तुलसीदास के संबंध में है।

तुलसीदास शुक्ल जी के प्रिय कवि हैं।

Important Points

रामचरितमानस 

यह अवधी भाषा में गोस्वामी तुलसीदास द्वारा 16वीं सदी में रचित प्रसिद्ध ग्रन्थ है।

इस ग्रन्थ को अवधी साहित्य (हिंदी साहित्य) की एक महान कृति माना जाता है।

इसे सामान्यतः 'तुलसी रामायण' या 'तुलसीकृत रामायण' भी कहा जाता है।  

Additional Information

रामचंद्र शुक्ल के आलोचनात्मक ग्रंथ

सूर, तुलसी, जायसी पर की गई आलोचनाएं, काव्य में रहस्यवाद, काव्य में अभिव्यंजनावाद, रसमीमांसा आदि शुक्ल जी की आलोचनात्मक रचनाएं हैं।

रामस्वरूप चतुर्वेदी की रचनाएँ-

शरत् के नारी पात्र (1955)

हिन्दी नवलेखन (1960)

आगरा जिले की बोली (1961)

भाषा और संवेदना (1964)

अज्ञेय और आधुनिक रचना की समस्या (1968)

हिंदी साहित्य की अधुनातन प्रवृत्तियाँ (1969)

कामायनी का पुनर्मूल्यांकन (1970)

मध्यकालीन हिंदी काव्यभाषा (1974)

नयी कविताएँ: एक साक्ष्य (1976)

मलयज के कविता संग्रह

जख़्म पर धूल

अपने होने को प्रकाशित करता हुआ

हसते हुए मेरा अकेलापन

रामभक्ति शाखा में रसिकोपासना का समावेश किसने किया?

  1. केशवदास 
  2. अग्रदास
  3. लालदास
  4. नाभादास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : अग्रदास

सगुण राम काव्य Question 11 Detailed Solution

Download Solution PDF

रामभक्ति शाखा में रसिकोपासना का समावेश अग्रदास ने किया, अन्य विकल्प असंगत है, अत: विकल्प 2 'अग्रदास' सही उत्तर होगा।

  • अग्रदास "रसिक संप्रदाय" के संस्थापक आचार्य थे।

स्पष्टीकरण:

राम काव्य धारा या रामाश्रयी शाखा:

जिन भक्त कवियों ने विष्णु के अवतार के रूप में राम की उपासना को अपना लक्ष्य बनाया वे 'रामाश्रयी शाखा' या 'राम काव्य धारा' के कवि कहलाए।

अन्य विकल्प: 

 अग्रदास

 अग्रदास "रसिक संप्रदाय" के संस्थापक   आचार्य थे।

 लालदास

 लालदास जी मुस्लिम संत गद्दन चिश्ती   से दीक्षा लेकर निर्गुण भक्ति का उपदेश   दिया ।

  नाभदास

 नाभदास का सम्बन्ध राम-भक्ति शाखा से है।  

 

 

 

 

 

 

 

'भक्‍तमाल' की रचना किसने की थी?

  1. कृष्णदास
  2. रामानन्द
  3. सूरदास
  4. नाभादास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : नाभादास

सगुण राम काव्य Question 12 Detailed Solution

Download Solution PDF

"भक्तमाल" के रचनाकार "नाभादास" है।

Key Points

  • भक्तमाल का रचना वर्ष 1585 ईस्वी है।
  • 'भक्तमाल' की रचना व्रजभाषा में हुई है। इसकी भाषा शैली प्रौढ़ एवं परिमार्जित है
  • भक्तमाल' में नाभादास ने छप्पय छंद में अपने पूर्ववर्ती अथवा समसामयिक लगभग दो सौ भक्तों का चरितगान किया है।
Important Points
  •  नाभादास (1570-1650)
  • स्वामी अग्रदास जी के शिष्य हैं।
  • इनके प्रसिद्ध ग्रंथ 'भक्तमाल' की टीका प्रियादास जी ने संवत्‌ 1769 में, सौ वर्ष बाद, लिखी थी।
  • नाभादास की तीन कृतियाँ उपलब्ध हैं - 
    • भक्तमाल (1585)
    • अष्टयाम (1585)
    • रामभक्ति संबंधी स्फुट पद
  • 'भक्तमाल' में लगभग दो सौ भक्तों का चरित्रगान है।
  •  'अष्टयाम' ब्रजभाषा गद्य और पद्य दोनों में पृथक्‌-पृथक्‌ उपलब्ध है। 
 

इनमें से कौन-सी रचना तुलसीदास की नहीं है?

  1. रामचरित मानस
  2. कवितावली
  3. गीतावली
  4. साकेत

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : साकेत

सगुण राम काव्य Question 13 Detailed Solution

Download Solution PDF

"साकेत" रचना तुलसीदास की नहीं है, अन्य विकल्प असंगत है, अत: विकल्प 4 "साकेतसही उत्तर होगा। 

Key Points

  • साकेत मैथिलीशरण गुप्त रचित महाकाव्य का नाम है।
  • इसका प्रथम प्रकाशन सन् 1931 में हुआ था।
  • इसके लिए उन्हें 1932 में मंगलाप्रसाद पारितोषिक प्राप्त हुआ था।
  • साकेत राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की अमर कृति है।
  • इस कृति में राम के भाई लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला के विरह का जो चित्रण गुप्त जी ने किया है वह अत्यधिक मार्मिक और गहरी मानवीय संवेदनाओं और भावनाओं से ओत-प्रोत है।
  • साकेत रामकथा पर आधारित है, किन्तु इसके केन्द्र में लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला है।
  • साकेत में कवि ने उर्मिला और लक्ष्मण के दाम्पत्य जीवन के हृदयस्पर्शी प्रसंग तथा उर्मिला की विरह दशा का अत्यन्त मार्मिक चित्रण किया है, साथ ही कैकेयी के पश्चात्ताप को दर्शाकर उसके चरित्र का मनोवैज्ञानिक एवं उज्ज्वल पक्ष प्रस्तुत किया है।

गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरितमानस की रचना किस उद्देश्य से की थी?

  1. मोक्ष प्राप्ति के लिए
  2. लोकरंजन के लिएnd. English Question 1 options 1,2
  3. स्वान्तः सुखाय
  4. राम कथा का स्मरण करने-कराने के लिए

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : स्वान्तः सुखाय

सगुण राम काव्य Question 14 Detailed Solution

Download Solution PDF
गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरितमानस की रचना  स्वान्तः सुखाय उद्द्देश्य से की थी  Key Points
  • तुलसी ने अपने अन्तः सुख के लिए रघुनाथ की गाथा कही है। सामान्य धर्म, विशिष्ट धर्म तथा आपद्धर्म के विभिन्न रूपों की अवतारणा इसकी विशेषता है।
  • तुलसी की 'विनय पत्रिका' इसी भक्ति की अजस्र धारा का काव्य है। 
  • 'कवितावली' तुलसी की दूसरी महान रचना है।
  • तुलसी ने श्रीराम के वात्सल्य वर्णन में मनौवैज्ञानिकता एवं सजीवता का परिचय दिया है।
  • जिसमें राम की जीवन गाथा का यशोगान कोमलकांत पदावली में हुआ है।  
Additional Informationमोक्ष
  • परिभाषा - जीव की जन्म और मरण के बंधन से छूट जाने की अवस्था
  • वाक्य में प्रयोग - सच्चे लोगों को मोक्ष की प्राप्ति होती है ।
  • समानार्थी शब्द - अमर पद , मुक्ति , कैवल्य , तथागति
  • लिंग - पुल्लिंग

रामाज्ञाप्रश्न किसने लिखी?

  1. तुलसीदास 
  2. रसखान
  3. रामचंद्र शुक्ल
  4. जायसी
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : तुलसीदास 

सगुण राम काव्य Question 15 Detailed Solution

Download Solution PDF

रामाज्ञाप्रश्न तुलसीदास ने लिखी। 

Key Pointsतुलसीदास-

  • जन्म-1532-1623 ई. 
  • शिक्षा गुरु-शेष सनातन 
  • दीक्षा गुरु-नरहर्यानंद 
  • तुलसी पर श्री संप्रदाय का प्रभाव देखा जाता है। 
  • मुख्य रचनाएँ-
    • वैराग्य संदीपनी 
    • जानकी मंगल  
    • पार्वती मंगल 
    • कृष्ण गीतवाली 
    • विनय पत्रिका आदि। 
  • नाभादास ने इन्हें-
    • "कलिकाल का वाल्मीकि" कहा। 
  • हजारीप्रसाद द्विवेदी-
    • "भारतवर्ष का लोक नायक वही हो सकता है जो समन्वय करने का अपार धैर्य लेकर आया हो।"

Important Pointsरसखान-

  • जन्म - 1533-1618 ई.
  • मूल नाम - सैयद इब्राहिम
  • गोस्वामी विट्ठलनाथ से इन्होंने दीक्षा प्राप्त की।
  • तुलसीदास के समकालीन थे।
  • मुख्य रचनाएँ-
    • सुजान रसखान
    • प्रेमवाटिका
    • दानलीला
    • अष्टयाम आदि।
  • रसखान के काव्य में श्रृंगार रस की प्रधानता मिलती है।
  • इन्हें 'पीयूषवर्षी' अथवा 'अमृत की वर्षा करने वाला कवि' कहा जाता है।
  • भारतेंदु-
    • "इस मुसलमान हरिजनन पर कोटिन हिंदु वारिए"

जायसी-

  • जन्म-1446-1542 ई. 
  • पूरा नाम-मलिक मोहम्मद जायसी 
  • गुरु-सूफी फकीर शेख मोहिदी 
  • रचनाएँ-
    • अखरावट 
    • आखिरी कलाम 
    • कहरनामा 
    • कान्हावत 
    • चित्ररेखा आदि।

रामचंद्र शुक्ल-

  • जन्म-1884-1941 ई. 
  • इनके निबंध चिंतामणि निबंध संग्रह में संकलित है, जिसके चार भाग है। 
  • निबंध-
    • भाव या मनोविकार 
    • श्रद्धा-भक्ति 
    • लज्जा और ग्लानि 
    • लोभ और प्रीति 
    • कविता क्या है?
    • काव्य में लोकमंगल की साधनावस्था आदि।
Get Free Access Now
Hot Links: teen patti earning app teen patti dhani teen patti gold download apk