द्वंद्व MCQ Quiz in मल्याळम - Objective Question with Answer for द्वंद्व - സൗജന്യ PDF ഡൗൺലോഡ് ചെയ്യുക
Last updated on Apr 8, 2025
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द्वंद्व Question 1:
'धर्माधर्म' शब्द में कौन-सा समास है:
Answer (Detailed Solution Below)
द्वंद्व Question 1 Detailed Solution
उपर्युक्त विकल्पों में से 'धर्माधर्म' में द्वंद्व समास है। इसका समास विग्रह 'धर्म और अधर्म' होगा तथा इसमें 'और' का लोप होगा।
Key Points
समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं - |
||
समास का नाम |
परिभाषा |
उदाहरण |
तत्पुरुष समास |
जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो। |
धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत। |
बहुव्रीहि समास |
जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। |
जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव। |
कर्मधारय समास |
जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो, पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं। |
कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव। |
द्विगु समास |
जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो। |
दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक। |
अव्यययीभाव समास |
जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। |
प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक |
द्वंद्व Question 2:
'माता-पिता' में कौन सा समास होगा?
Answer (Detailed Solution Below)
द्वंद्व Question 2 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर 'द्वंद्व समास’ है।
Key Points
- 'माता-पिता' शब्द का समास विग्रह है - माता और पिता।
- यह द्वंद्व समास का उदाहरण है।
- जिस समास में पूर्वपद और उत्तरपद दोनों ही प्रधान हों अर्थात् अर्थ की दृष्टि से दोनों का स्वतन्त्र अस्तित्व हो और उनके मध्य संयोजक शब्द का लोप हो तो द्वंद्व समास कहलाता है।
अन्य विकल्प:
समास |
परिभाषा |
उदाहरण |
तत्पुरुष समास |
जिस समास में प्रथम पद गौण और उत्तर पद की प्रधानता होती है और समास करते वक्त बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है। |
यश को प्राप्त = यशप्राप्त |
बहुव्रीहि समास |
जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। |
तीन आँखों वाला= त्रिलोचन अर्थात शिव |
द्विगु समास |
जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो। |
चार राहों का समूह= चौराहा |
Additional Information
- समास वह क्रिया है, जिसके द्वारा हिंदी में कम-से-कम शब्दों अधिक-से-अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है।
- समास के छ: भेद हैं –
- द्वन्द्व समास
- द्विगु समास
- तत्पुरुष समास
- कर्मधारय समास
- अव्ययीभाव समास
- बहुव्रीहि समास
द्वंद्व Question 3:
'चमक-दमक' में कौन-सा समास है?
Answer (Detailed Solution Below)
द्वंद्व Question 3 Detailed Solution
'चमक-दमक' में समास है- 'द्वंद्व'
- चमक-दमक = चमक और दमक
- चमक का अर्थ- प्रकाश, ज्योति, रोशनी, दमक, प्रभा।
- जिस समस्त पद में दोनों पद प्रधान हों एवं दोनों पदों को मिलाते समय ‘और’, ‘अथवा’, या ‘एवं ‘ आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है।
- उदाहरण-
- गौरीशंकर = गौरी और शंकर
Key Pointsद्वंद्व समास के कुछ अन्य उदाहरण:-
- कपड़े-लत्ते = कपड़े और लत्ते
- मार-पीट = मार और पीट
- दान-धर्म = दान और धर्म
- राजा-प्रजा = राजा एवं प्रजा
- रात-दिन = रात और दिन
- भला-बुरा = भला और बुरा
- खरा-खोटा = खरा या खोटा
Additional Information
तत्पुरुष:-
उदाहरण-
द्विगु:-
उदाहरण-
अव्ययी भाव:-
उदाहरण-
|
द्वंद्व Question 4:
‘सुख -चैन’ में समास है:
Answer (Detailed Solution Below)
द्वंद्व Question 4 Detailed Solution
‘सुख -चैन’ में 'द्वन्द्व' समास है। शेष विकल्प असंगत हैं। अतः सही विकल्प 'द्वन्द्व' है।
स्पष्टीकरण -
'सुख - चैन' का समास विग्रह 'सुख और चैन' होगा, जिस समस्त पद के दोनों पद प्रधान हों और विग्रह करने पर ‘और’ या ‘तथा’ का प्रयोग हो वहाँ 'द्वन्द्व' समास होता है।
अन्य विकल्प -
Additional Information
समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं - |
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समास का नाम |
परिभाषा |
उदाहरण |
तत्पुरुष समास |
जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो। |
धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत। |
बहुव्रीहि समास |
जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। |
जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव। |
कर्मधारय समास |
जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो, पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं। |
कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव। |
द्विगु समास |
जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो। |
दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक। |
अव्यययीभाव समास |
जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। |
प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक |
द्वंद्व समास |
द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है। |
माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न |
द्वंद्व Question 5:
'नमक-मिर्च' में समास है-
Answer (Detailed Solution Below)
द्वंद्व Question 5 Detailed Solution
'नमक-मिर्च' में "द्वंद्व" समास।
- द्वंद्व समास- दोनों पद प्रधान होते है।
- पहचान- योजक चिन्ह (-) का प्रयोग।
Key Points
- कर्मधारय समास-
- जिसका पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य अथवा एक पद उपमान तथा दूसरा पद उपमेय हो तो, वह 'कर्मधारय समास' कहलाता है।
- पहचान- 'दोनों पदों' के मध्य में 'है जो', 'के समान'।
जैसे- 'नीलकंठ' "नीला है जो कंठ"।
- अव्ययीभाव समास- 'पहला पद प्रधान तथा अव्यय'।
- पहचान- पहला पद अनु, भर, प्रति, यथा, यावत आदि।
उदाहरण- प्रतिदिन, यथासंभव।
- बहुब्रीहि समास- 'अन्य पद प्रधान होता'।
- पहचान- 'दोनों पद' मिलकर किसी "तीसरे पद" की ओर संकेत देते हैं।
जैसे- 'लंबोदर' "लंबा है उदर जिसका" अर्थात् "गणेश जी"।
Additional Information
- समास- दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने नये सार्थक शब्द को समास कहते है।
- समास भेद- 6 भेद।
- द्विगु समास- 'उत्तर पद प्रधान होता'।
- पहचान- पहला पद "संख्यावाचक" तथा इसमें "समूह या समाहार" का पता चलता।
- जैसे- 'चौराहा' शब्द में 'चार राहों के समूह' का ज्ञान हो रहा।
- तत्पुरुष समास- 'उत्तर पद प्रधान होता'।
- पहचान- "कारक चिन्ह" का लोप हों जाना।
- जैसे- 'गगनचुम्बी' "गगन को चूमने वाला" (कर्म कारक विभक्ति "को" का लोप)।
NOTE- शेष 4 समास ऊपर विस्तार से लिखे हुए है।
Confusion Points
- द्वन्द समास में विग्रह करने पर 'और', 'अथवा', 'या', 'एवं' लगता है तथा योजक चिन्ह (-) का प्रयोग होता है।
द्वंद्व Question 6:
'जलवायु' निम्न में से किस समास का उदाहरण है?
Answer (Detailed Solution Below)
द्वंद्व Question 6 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 1 ‘द्वंद्व समास’ है। अन्य विकल्प इसके गलत उत्तर हैं।
Key Points
- 'जलवायु' शब्द का समास विग्रह 'जल और वायु' होगा।
- यह द्वंद्व समास का उदाहरण है।
- इस समास में दोनों पद प्रधान होते है कोई भी पद गौण नहीं होता है।
- ये दोनों पद एक-दूसरे पद के विलोम होते हैं लेकिन ये हमेशा नहीं होता है।
- जिसका विग्रह करने पर और, अथवा, या, एवं का प्रयोग होता है, द्वंद्व समास कहते हैं।
अन्य विकल्प:
- तत्पुरुष समास - जिस समास में प्रथम पद गौण और उत्तर पद की प्रधानता होती है और समास करते वक्त बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है। जैसे - यश को प्राप्त = यशप्राप्त
- बहुव्रीहि समास - जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। जैसे - तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव
- द्विगु समास - जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो। जैसे - चार राहों का समूह = चौराहा
Additional Information
- समास - समास का तात्पर्य है "संक्षिप्तीकरण" दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए एक नवीन एवं सार्थक शब्द को समास कहते हैं।
द्वंद्व Question 7:
'गौरीशंकर' शब्द किस समास का उदाहरण है?
Answer (Detailed Solution Below)
द्वंद्व Question 7 Detailed Solution
सही उत्तर द्वंद्व समास है।
Key Points
- 'गौरीशंकर' शब्द द्वंद्व समास का उदाहरण है
- 'गौरीशंकर'- गौरी और शंकर, द्वंद्व समास
- गौरी और शंकर में दोनों नाम प्रमुख हैं इसलिए इसे द्वंद्व समास कहा जाएगा।
Additional Information
समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं - |
||
समास |
परिभाषा |
उदाहरण |
तत्पुरुष |
जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो। |
धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत। |
बहुव्रीहि |
जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। |
जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव। |
कर्मधारय |
जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो। पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं। |
कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव। |
द्विगु |
जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो। |
दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक। |
अव्यययीभाव |
जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। |
प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक |
द्वंद्व |
द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है। |
माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न |
द्वंद्व Question 8:
जिस समास में पूर्व पद और उत्तर पद दोनों ही प्रधान हो, तो वह किस प्रकार का समास कहलाता है?
Answer (Detailed Solution Below)
द्वंद्व Question 8 Detailed Solution
- जिस समास में पूर्व पद और उत्तर पद दोनों ही प्रधान हो, तो वह ‘द्वंद्व समास’ कहलाता है।
Key Points
- पदों के अर्थ की प्रधानता के आधार पर द्वन्द्व समास में दोनों पद प्रधान होते हैं।
- इस समास का सामासिक पद और / या / अथवा आदि संयोजक शब्दों के लोप कर देने से बनता है।
- द्वन्द्व के सामासिक पद के दोनों शब्द प्रायः एक दूसरे के विलोम होते हैं, सदैव नहीं।
द्वन्द्व समास के उदाहरण:
- दाल-रोटी = दाल और रोटी
- अपना-पराया = अपना या पराया
Additional Information
समास:- समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है।
- समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है।
जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र
समास के छः प्रकार हैं।
- अव्ययीभाव समास
- तत्पुरुष समास
- कर्मधारय समास
- द्विगु समास
- द्वन्द समास
- बहुव्रीहि समास
द्वंद्व Question 9:
‘घर-आँगन’ शब्द में निम्न में से कौन सा समास है?
Answer (Detailed Solution Below)
द्वंद्व Question 9 Detailed Solution
‘घर-आँगन’ शब्द में ‘द्वन्द्व समास’ है, अन्य विकल्प असंगत है। अत: विकल्प 2 ‘द्वन्द्वसमास’ सही उत्तर होगा।
घर - आँगन का समास विग्रह - 'घर और आँगन' होगा।
द्वंद्व समास |
जिस समास में दोनों पद प्रधान हो तथा विग्रह करने पर उनके बीच ‘तथा’, ‘या’, ‘अथवा’, ‘एवं’ या ‘और’ का प्रयोग होता हो। जैसे – अन्न और जल = अन्न-जल, अपना और पराया = अपना-पराया। |
Confusion Points
समास |
परिभाषा |
उदाहरण |
तत्पुरुष समास |
जिस समास में प्रथम पद गौण और उत्तर पद की प्रधानता होती है और समास करते वक्त बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है। |
विद्यालय-विद्या के लिए आलय |
बहुव्रीहि समास |
जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। |
चतुर्मुख अर्थात चार हैं मुख जिसके (ब्रह्म) |
कर्मधारय समास |
पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य होता है अथवा इसके पूर्वपद और उत्तर पद में उपमान और उपमेय का संबंध होता है। |
नवयुवक-नव है जो युवक |
Additional Information
समास |
दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए एक नवीन एवं सार्थक शब्द को समास कहते हैं। इसके छ: भेद हैं- अव्ययीभाव समास, तत्पुरुष समास, कर्मधारय समास, द्विगु समास, द्वंद्व समास, बहुब्रीहि समास। |
द्वंद्व Question 10:
“पाप-पुण्य” में कौन-सा समास है?
Answer (Detailed Solution Below)
द्वंद्व Question 10 Detailed Solution
“पाप-पुण्य” में समास है - 'द्वंद्व'
- पाप-पुण्य का समास विग्रह होगा - पाप और पुण्य
- जिस समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं
- दोंनों पदों को मिलाते समय ‘और’, ‘अथवा’, ‘या’, ‘एवं’ आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है।
- उदाहरण -
- सुख-दुख = सुख या दुःख
- गौरीशंकर = गौरी और शंकर
- गुण-दोष = गुण अथवा दोष
Key Points
कर्मधारय:-
उदाहरण -
तत्पुरूष:-
उदाहरण -
बहुव्रीहि:-
उदाहरण -
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