निर्गुण संत काव्य और कवि MCQ Quiz in தமிழ் - Objective Question with Answer for निर्गुण संत काव्य और कवि - இலவச PDF ஐப் பதிவிறக்கவும்

Last updated on Apr 4, 2025

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Latest निर्गुण संत काव्य और कवि MCQ Objective Questions

Top निर्गुण संत काव्य और कवि MCQ Objective Questions

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 1:

बीजक, किस संत की रचनाओ का संकलन है?

  1. सूर
  2. कबीर
  3. जायसी
  4. तुलसी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : कबीर

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 1 Detailed Solution

  • "बीजक" के रचनाकार "कबीरदास" है अतः उक्त विकल्पों में से कबीरदास विकल्प (2) सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
  • कबीर की रचनाओं का संकलन -- उनके शिष्य धर्मदास ने किया है।

Key Points

  • कबीर की रचनाओं का संकलन "बीजक" कहलाता है।
  • इस कृति को कबीर पंथ की पवित्र पुस्तक मानी जाती है।
  • बीजक के तीन भाग है:-
    • साखी 
    • सबद 
    • रमैनी

Additional Information

बीजक के भाग

संबंधित

रमैनी

  • मूलबीह्ज पहला प्रकरण है। 
  • इसमें 'रमैनी' नामक चौरासी पद्ध हैं।

शब्द

  • यह दूसरा प्रकरण है। 
  • इसमें 'शब्द' नामक 115 पद्ध हैं।

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 2:

 कबीर की मृत्यु के पश्चात उनकी गद्दी किसको मिली?

  1. कमाल
  2. कमली
  3. धर्मदास
  4. लोई

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : धर्मदास

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 2 Detailed Solution

कबीर की मृत्यु के पश्चात उनकी गद्दी धर्मदास को मिली अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (3) धर्मदास सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।

Key Points

  • कबीर की वाणी का संग्रह उनके शिष्य धर्मदास ने  बीजक नाम से सन 1464 में किया है।
  • बीजक के तीन भाग हैं:-
    • साखी
    • सबद
    • रमैनी
  • कबीर जी के नाम पर हिंदी में लगभग 65 रचनाएं उपलब्ध हैं जिनमें से 46 प्रकाशित हो चुकी हैं।
  • कबीर या भगत कबीर 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे। 
  • वे हिन्दी साहित्य के भक्तिकालीन युग में ज्ञानाश्रयी-निर्गुण शाखा की काव्यधारा के प्रवर्तक थे।
  • कबीरदास की भाषा को पंचमेल खिचड़ी, सधुक्कडी आदि नाम से अभिहित किया जाता है।

Additional Information

कबीर की रचनाओं में प्रयुक्त छंद एवं भाषा निम्नलिखित हैं:-

रचना

अर्थ

प्रयुक्त छंद

भाषा

रमैनी

रामायण

चौपाई+दोहा

ब्रजभाषा और पूर्वी बोली

सबद

शब्द

गेय पद

ब्रजभाषा और पूर्वी बोली

साखी

साक्षी

दोहा

राजस्थानी, पंजाबी मिली खड़ी बोली

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 3:

'तात्त्विक दृष्टि से न तो हम इन्हें (कबीर को) पूरे अद्वैतवादी कह सकते हैं और न एकेश्वरवादी।' - कबीर से सम्बन्धित यह विचार किसका है?

  1. हजारीप्रसाद द्विवेदी
  2. रामचन्द्र शुक्ल
  3. राहुल सांकृत्यायन
  4. माताप्रसाद गुप्त

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : रामचन्द्र शुक्ल

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 3 Detailed Solution

  • सही उत्तर विकल्प 2 होगा।
  • यह कथन रामचंद्र शुक्ल का है।
Key Points
  • अपने हिंदी साहित्य के इतिहास में आ. शुक्ल ने लिखा है - तात्विक दृष्टि से हम ना तो इन्हें पूरे अद्वैतवादी कह सकते हैं और ना एकेश्वरवादी।
  • कबीर भक्तिकाल में निर्गुण शाखा के ज्ञान मार्गी कवि हैं।
Important Points
  • आ. शुक्ल - "प्रतिभा उनमें बड़ी प्रखर थी, इसमें संदेह नहीं।"
  • डॉ बच्चन सिंह - हिन्दी भक्ति काव्य का प्रथम क्रांतिकारी पुरस्कर्ता कबीर है।
  • भाषा - सधुक्कड़ी, पंचमेल खिचड़ी
Additional Information
कबीर की पंक्तियां -
  • मुझको तू क्या ढूंढे बंदे मैं तो तेरे पास में।
  • हमन है इश्क मस्ताना हमन को होशियारी क्या?

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 4:

कबीर दास जी को भाषा का डिक्टेटर किसने कहा है?

  1. रामचन्द्र शुक्ल
  2. हजारी प्रसाद द्विवेदी
  3. नामवर सिंह
  4. मुक्तिबोध

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : हजारी प्रसाद द्विवेदी

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 4 Detailed Solution

"आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी" जी ने कबीर दास जी को "भाषा का डिक्टेटर" कहा है। अतः उपयुर्क्त विकल्पों में से विकल्प (2) डॉ हजारी प्रसाद द्विवेदी सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।

Key Points

  • कबीरदास की भाषा को पंचमेल खिचड़ी, सधुक्कडी आदि नाम से अभिहित किया जाता है।
  • कबीर की वाणी का संग्रह उनके शिष्य धर्मदास ने बीजक नाम से सन 1464 में किया है।
  • बीजक के तीन भाग हैं:-
    • साखी
    • सबद
    • रमैनी

Additional Information

कबीर की रचनाओं में प्रयुक्त छंद एवं भाषा निम्नलिखित हैं:-

रचना

अर्थ

प्रयुक्त छंद

भाषा

रमैनी

रामायण

चौपाई+दोहा

ब्रजभाषा और पूर्वी बोली

सबद

शब्द

गेय पद

ब्रजभाषा और पूर्वी बोली

साखी

साक्षी

दोहा

राजस्थानी, पंजाबी मिली खड़ी बोली

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 5:

'बावन अखरी' रचना किस संत कवि की है?

  1. सींगा 
  2. गुरु अर्जुन देव 
  3. गुरु गोविंद सिंह 
  4. गुरु नानक 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : गुरु अर्जुन देव 

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 5 Detailed Solution

'बावन अखरी' रचना गुरु अर्जुन देव संत कवि की है।

Key Pointsगुरु अर्जुन देव-

  • जीवनकाल- 1563-1606 ईस्वी
  • सिखों के पांचे गुरु अर्जन देव थे।
  • इन्होने ही गुरुनानक जी की रचनाओं का संकलन किया था।
  • इन्होने सन् 1604 ई० में किया जो 'गुरु ग्रंथ साहिब' के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
  • प्रमख रचनाएं-
    • बावन अखरी
    • सुखमनी
    • बारहमासा

Important Pointsसींगा-

  • सींगा जी महत्वपूर्ण संत कवि हैं, जिनकी दर्जनों रचनाएँ हैं।
  • सींगा जी की रचनाओं की भाषा निमाड़ी है।
  • निमाड़ी मध्य प्रदेश के निमाड़ क्षेत्र की बोली है।
  • निमाड़ी बोली जाने वाली जिले बड़वानी, खण्डवा, पूर्वी निमाड़ प्रमुख है।
  • प्रमुख रचनाएं-
    • सींगाजी का दृढ़ उपदेश
    • सींगाजी का दोष-बोध
    • सींगा जी कि वाणी
    • सींगाजी का सातवार
    • सींगाजी का आत्मबोध
    • सींगाजी का शरद
    • सींगाजी का नरद आदि।

गुरु गोविंद सिंह-

  • जन्म-1666-1708 ई.
  • रचनाएँ-
    • चंडी दी वार
    • जाप साहिब
    • खालसा महिमा
    • अकाल उस्तत
    • बचित्र नाटक
    • ज़फ़रनामा आदि।

गुरु नानक देव-

  • जन्म-1469-1538 ई.
  • भक्तिकाल की संत काव्यधारा के कवि है।
  • इन्होंने सिख संप्रदाय का प्रवर्तन किया।
  • रचनाएँ-
    • जपुजी
    • नसीहतनामा
    • असा दी वार
    • रहिरास
    • सोहिला आदि।

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 6:

संत-काव्य परम्परा का कौन-सा कवि अपनी विद्वत्ता (सर्वाधिक शिक्षित होने) के कारण प्रसिद्ध है ?

  1. धर्मदास
  2. रविदास
  3. सुन्दरदास
  4. रज्जब

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : सुन्दरदास

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 6 Detailed Solution

  • संत - काव्य परंपरा में सुन्दरदास अपनी विद्वत्ता के कारण प्रसिद्ध है ।
  • सुन्दरदास की प्रसिद्ध रचनाएं हैं - ज्ञान समुद्र  , सुन्दर विलास ।

Key Points

  • सुन्दरदास की भाषा परिष्कृत ब्रज है ।
  • अलंकार व छंदों का सुन्दर नियोजन है इनकी  रचनाओं में .

Important Points

  • "नाथपंथियों में ये ही एक ऐसे व्यक्ति हुए हैं , जिन्हें समुचित शिक्षा मिली थी और जो काव्यकला की रीति आदि से अच्छी तरह परिचित थे - आचार्य रामचंद्र शुक्ल।
  • भक्ति और ज्ञानचर्चा के अतिरिक्त नीति और देशाचार आदि पर सुन्दरदास ने बड़े सुन्दर पद्य कहे हैं।

Additional Information

  •  धर्मदास , कबीर के शिष्य थे 
  • रैदास अपने भगवान को सबमें व्यापक देखते हैं , कहीं कबीर की तरह परात्पर की ओर संकेत करते हैं।

 

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 7:

कबीर के संदर्भ में असत्य कथन है?

  1. किताबी ज्ञान की जगह आँखों देखे ज्ञान को प्रमुखता दी है। 
  2. 'बन पड़े तो सीधे-सीधे नहीं तो दरेरा देकर।'- वह अपनी बात कहते थे। 
  3. इनका जन्म वाराणसी के पास 'लहरतारा' में हुआ। 
  4. यह प्रेम का समर्थन नहीं करते है। 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : यह प्रेम का समर्थन नहीं करते है। 

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 7 Detailed Solution

कबीर के संदर्भ में असत्य कथन है- यह प्रेम का समर्थन नहीं करते है। 

सत्य कथन- 

  • वे कमकांड और वेद-विचार के विरोधी थे तथा जाति-भेद, वर्ण-भेद और संप्रदाय-भेद के स्थान पर प्रेम, सद्भाव और समानता का समर्थन करते  थे। 

Key Pointsकबीर-

  • जन्म- 1398-1518 ई. (लगभग)
  • भक्तिकाल की निर्गुण संत काव्य परंपरा के प्रमुख संत कवि है। 
  • मुख्य कृतियाँ-
    • रमैनी
    • सबद
    • साखी

Mistake Pointsकबीर के संदर्भ में सत्य कथन है -

  • किताबी ज्ञान की जगह आँखों देखे ज्ञान को प्रमुखता दी है। 
  • 'बन पड़े तो सीधे-सीधे नहीं तो दरेरा देकर।'- वह अपनी बात कहते थे।
    • कबीरदास ने बोलचाल की भाषा का ही प्रयोग किया है।
    • भाषा पर कबीर का जबरदस्त अधिकार था। वे वाणी के डिक्टेटर थे।
  • इनका जन्म वाराणसी के पास 'लहरतारा' में हुआ।  

Important Pointsकबीर के अन्य सत्य कथन है-​

  • कबीर भक्तिकाल की निर्गुणधारा के कवि हैं। 
  • कबीर की वाणी के संग्रह को ‘बीजक’ नाम से जानते हैं। 
  • कबीर मित्र, माता, पिता आदि में ही परमात्मा को देखते थे।
  • कबीर शान्तिप्रिय थे एवं सत्य और अहिंसा के समर्थक थे।
  • समस्त संत कवियों में कबीर का स्थान अद्वितीय है।

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 8:

कबीर-काव्य का केन्द्रीय तत्त्व भक्ति है, कवित्व फोकट है- यह मान्यता इनमें से किसकी है ?

  1. श्यामसुंदरदास
  2. हजारीप्रसाद द्विवेदी
  3. पीतांबरदत्त बड़थ्वाल
  4. धर्मवीर

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : हजारीप्रसाद द्विवेदी

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 8 Detailed Solution

कबीर-काव्य का केन्द्रीय तत्त्व भक्ति है, कवित्व फोकट है यह पंक्ति हजारीप्रसाद द्विवेदी जी की है।

Key Points

हज़ारी प्रसाद द्विवेदी (1907-1979) हिन्दी निबन्धकारआलोचक और उपन्यासकार थे।
प्रमुख रचनाएँ:-

आलोचना

  • सूर साहित्‍य (1936)
  • हिन्‍दी साहित्‍य की भूमिका (1940)
  • कबीर (1942)
  • नाथ संप्रदाय (1950)
  • हिन्‍दी साहित्‍य का आदिकाल (1952) आदि।

Additional Information श्यामसुंदरदास-

  • जन्म-(1875-1945)
  •  हिंदी के विद्वान्, आलोचक और शिक्षाविद् थे। हिंदी साहित्य और बौद्धिकता के पथ-प्रदर्शकों में उनका नाम शुमार है।
  • हिंदी-क्षेत्र के साहित्यिक-सांस्कृतिक नवजागरण में उनका योगदान विशेष रूप से उल्लेखनीय है। 

प्रमुख रचनाएँ:-

  • हिंदी कोविद रत्नमाला भाग 1,2 (1909-1914)
  • साहित्यालोचन (1923)
  • भाषाविज्ञान (1924)
  • हिंदी भाषा और साहित्य (1930)
  • कबीर ग्रंथावली (1928) आदि।

पीतांबरदत्त बड़थ्वाल-

  • जन्म-(1901-1944)
  • इन्होंने अनुसंधान और खोज परंपरा का प्रवर्तन किया तथा आचार्य रामचंद्र शुक्ल और बाबू श्यामसुंदर दास की परंपरा को आगे बढा़ते हुए हिन्दी आलोचना को मजबूती प्रदान की।

प्रमुख रचनाएँ:-

रामानन्द की हिन्दी रचनायें', 'गोरखवाणी', 'मकरंद', 'प्राणायाम विज्ञान और कला', 'ध्यान से आत्मचिकित्सा' तथा 'सूरदास जीवन सामग्री' आदि।

धर्मवीर भारती-

  • जन्म-(1926-1997)
  • आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रमुख लेखक,कवि,नाटककार और सामाजिक विचारक थे। वे साप्ताहिक पत्रिका धर्मयुग के प्रधान संपादक भी थे।

प्रमुख रचनाएँ:-

कहानी संग्रह-

  •  मुर्दों का गाँव 1946
  •  स्वर्ग और पृथ्वी 1949
  • चाँद और टूटे हुए लोग 1955
  • बंद गली का आखिरी मकान 1969

काव्य रचनाएं-

  •  ठंडा लोहा(1952),
  • सात गीत वर्ष(1959)
  • कनुप्रिया(1959) 
  • देशांतर(1960)

उपन्यास-

  •  गुनाहों का देवता 1949
  •  सूरज का सातवां घोड़ा 1952 आदि।

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 9:

कबीर दास जी का सम्बन्ध किस काव्य धारा से है?

  1. कृष्ण काव्य
  2. राम काव्य
  3. संत काव्य
  4. सूफी काव्य

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : संत काव्य

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 9 Detailed Solution

  • कबीर का सम्बन्ध संत काव्य धारा से है। अत: सही विकल्प 3 'संत काव्य' है।

Additional Information

  • संत काव्य धारा के प्रमुख कवि :- कबीर दास , मलूक दास, रैदास, नानक
  • सूफी काव्य धारा के कवि:- शेख नबी, जायसी, मुल्ला दाऊद
  • रामभक्ति शाखा:- तुलसी, नाभादास, अग्रदास
  • कृष्णकाव्य :-रसखान, मीरा, छीतस्वामी, कृष्णदास 

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 10:

जन्म-काल के आधार पर निम्नलिखित संत कवियों का सही अनुक्रम है:

  1. दादू, मलूकदास, गुरु नानक, सुन्दरदास
  2. गुरु नानक, दादू, मलूकदास, सुन्दरदास
  3. मलूकदास, दादू, सुन्दरदास, गुरु नानक
  4. गुरु नानक, सुन्दरदास, दादू, मलूकदास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : गुरु नानक, दादू, मलूकदास, सुन्दरदास

निर्गुण संत काव्य और कवि Question 10 Detailed Solution

जन्म-काल के आधार पर संत कवियों का सही अनुक्रम-2) गुरु नानक,दादू,मलूकदास,सुन्दरदास है।  

Key Points

संत कवि   

जन्मकाल

गुरु नानक

1469 ई.

दादू

1544 ई.

मलूकदास

1574 ई.

सुन्दरदास

1596 ई.

Important Points

  • गुरु नानक सिखों के प्रथम (आदि )गुरु हैं। 
  • सुंदरदास ने गुरु सम्प्रदाय नामक अपने ग्रन्थ में दादू पंथ को 'परब्रह्म सम्प्रदाय' कहा है।
  • संत मलूकदास की रचनायें-अलखबानी,गुरुप्रताप,ज्ञानबोध,पुरुषविलास,भगत बच्छावली,भगत विरुदावली,रतनखान,रामावतार लीला,साखी,सुखसागर आदि हैं।  
  • सुंदर दास की रचनायें- ज्ञान समुद्र,सुंदर विलास,सर्वांगयोगप्रदीपिका,पंचेंद्रिय चरित्र,सुख समाधि,अद्भुत उपदेश,स्वप्न प्रबोध,वेद विचार,उक्त अनूप,ज्ञान झूलना आदि हैं।  
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