रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1908 के तहत पंजीकरण के लिए दस्तावेज़ उपस्थापित करने में ________ तक की अपरिहार्य विलंबता को रजिस्ट्रार द्वारा माफ किया जा सकता है।

  1. दो महीने
  2. चार महीने
  3. छः महीने
  4. एक महीने
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : चार महीने

Detailed Solution

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सही उत्तर विकल्प 2 है।Key Points

  • धारा 25 अध्याय 4 (उपस्थापित करने के समय के विषय में) के अंतर्गत आती है, जो उस दशा के लिए उपबन्ध से संबंधित है जिस दशा में उपस्थापित करने में विलम्ब अपरिवर्जनीय है
  • इसमें कहा गया है कि यदि, अर्जेंट आवश्यकता या अपरिवर्जनीय दुर्घटना के कारण भारत में निष्पादित कोई दस्तावेज या की गई डिक्री या आदेश की प्रति इस निमित्त एतस्मिन्पूर्व विहित समय का अवसान हो जाने के पश्चात् तक रजिस्ट्रीकरण करने के लिए उपस्थापित नहीं की जा सके तो रजिस्ट्रार उन दशाओं में, जिनमें उपस्थापन में विलम्ब चार मास से अधिक न हो, निदेश दे सकेगा कि उस जुर्माने के संदाय पर, जो कि उचित रजिस्ट्रीकरण फीस की रकम के दस गुने से अधिक न हो, ऐसी दस्तावेज रजिस्ट्रीकरण करने के लिए प्रतिगृहीत कर ली जाएगी।धारा 23 से संबंधित है
  • ऐसे निदेश के लिए कोई भी आवेदन उपरजिस्ट्रार के पास निविष्ट किया जा सकेगा जो उसे तत्क्षण उस रजिस्ट्रार को अग्रेषित करेगा जिसके वह अधीनस्थ है।
Additional Information

 

  • धारा 23 दस्तावेजों को उपस्थापित करने के लिए समय से संबंधित है
  • धारा 24, 25 और 26 में निहित प्रावधानों के अधीन, वसीयत के अलावा कोई भी दस्तावेज पंजीकरण के लिए स्वीकार नहीं किया जाएगा जब तक कि इसके निष्पादन की तारीख से चार महीने के भीतर उचित अधिकारी को उस उद्देश्य के लिए प्रस्तुत नहीं किया जाता है।
  • परन्तु डिक्री या आदेश की प्रति, डिक्री या आदेश के किए जाने के दिन के दिन से चार मास के अन्दर या जहां कि वह अपीलनीय है वहां अपने अन्तिम होने की तारीख से चार मास के अन्दर उपस्थापित की जा सकेगी।
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