अन्य गद्य विधाएँ MCQ Quiz - Objective Question with Answer for अन्य गद्य विधाएँ - Download Free PDF

Last updated on Jul 1, 2025

Latest अन्य गद्य विधाएँ MCQ Objective Questions

अन्य गद्य विधाएँ Question 1:

"__________ नहीं भाई, पाप-पुण्य की समीक्षा मुझसे न होगी।

जज हैं, कानून का तराजू की मर्यादा जानता हूँ।"

यह कथन किस कृति की कथावस्तु से संबंधित है ?

  1. अरे यायावर रहेगा याद
  2. चित्रलेखा
  3. त्यागपत्र
  4. एक लंबी कविता का अंत

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : अरे यायावर रहेगा याद

अन्य गद्य विधाएँ Question 1 Detailed Solution

 

 

 

अरे यायावर रहेगा याद-

  • रचनाकार- अज्ञेय 
  • विधा- यात्रावृतांत 
  • प्रकाशन वर्ष- 1953 ई. 
  • विषय-
    • भारतीय यात्राओं का चित्रण है। 
    • यह एक क्लासिक यात्रा संस्मरण है।
    • ‘अरे यायावर रहेगा याद’ का आरम्भ ‘परशुराम‘ के लेख से होता है।
    • इसमें अज्ञेय ने ब्रह्मपुत्र के मैदानी भाग से लेकर एलोरा की गुफाओं तक की यात्राओं का वर्णन किया है। 
  • इसके आठ अध्याय हैं-
    • परशुराम से तुरखम (एक टायर की राम कहानी)
    • किरणों की खोज
    • देवताओं की अंचल में 
    • मौत की घाटी में 
    • एलुरा 
    • माझुली
    • बहता पानी निर्मल
    • सागर-सेवित, मेघ-मेखलित (कन्याकुमारी से नंदादेवी)

चित्रलेखा-

  • रचनाकार- भगवतीचरण वर्मा 
  • विधा- उपन्यास
  • प्रकाशन वर्ष- 1934 ई. 
  • पात्र-
    • चित्रलेखा, बीजगुप्त, कुमारगिरि, चाणक्य, चंद्रगुप्त मौर्य, यशोधरा, रत्नाकर, श्वेतांक और विशालदेव। 
  • विषय-
    • पाप व पुण्य के नैतिक प्रश्न को उठाया गया है। 
त्यागपत्र-
  • रचनाकार- जैनेन्द्र 
  • विधा-उपन्यास 
  • प्रकाशन वर्ष-1937 ई. 
  • विषय-
    • मृणाल के मध्यम से स्त्री जीवन की आत्मपीड़क और विद्रोही व्यक्तित्व का वर्णन किया गया है।

एक लंबी कविता का अंत- 

  • लेखक- मुक्तिबोध
  • सितंबर, 1957 ई. में नव लेखन पत्रिका में प्रकाशित। 
  • पात्र- लेखक, लेखक की पत्नी, शरद जोशी, अक्षय कुमार। 


जैनेंद्र -

  • जन्म - 1905 ई.
  • जन्म स्थान - अलीगढ़ के कौड़ीयागंज गांव में
  • जैनेंद्र के अन्य उपन्यास-
    • परख (1929 ई.)
    • सुखदा (1952 ई.)
    • व्यतीत (1953 ई.)
    • मुक्तिबोध (1965 ई.)
    • अन्नतर (1968 ई.)
    • अनाम स्वामी (1974 ई.)
    • दशार्क (1985 ई.)

भगवतीचरण वर्मा-

  • जन्म-1903-1981 ई. 
  • उपन्यास-
    • पतन(1928 ई.)
    • चित्रलेखा(1934 ई.)
    • टेढ़े-मेढ़े रास्ते(1946 ई.)
    • भूले बिसरे चित्र(1959 ई.)
    • प्रश्न और परीचिका(1973 ई.) आदि।

Important Pointsअज्ञेय- 

  • जन्म- 19111-1987 ई. 
  • पुरा नाम- सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय'
  • कथाकार, ललित-निबन्धकार, सम्पादक और अध्यापक के रूप में जाना जाता है।
  • यात्रा वृतांत-
    • एक बूँद सहसा उछली(1960 ई.) आदि। 
  • डायरी-
    • भवंती
    • अंतरा
    • शाश्वती  
  • संस्मरण-
    • स्मृति लेखा आदि। 

गजानन माधव मुक्तिबोध- 

  • जन्म- 1917 - 1964 ईo 
  • आलोचना ग्रंथ- 
    • कामायनी एक पुनर्विचार (1961)
    • एक साहित्यिक की डायरी (1964 )
    • नई कविता का आत्म संघर्ष तथा अन्य निबंध (1964)
    • नए साहित्य का सौंदर्यशास्त्र 1972)
    • समीक्षा की समस्याएं (1982)
  • कविता संग्रह- 
    • चाँद का मुँह टेढ़ा है (1964)
    • भूरी-भूरी खाक धूल (1980)
  • प्रमुख लंबी कविता- 
    • अंधेरे में
    • भूल गलती
    • ब्रह्मराक्षस 

अन्य गद्य विधाएँ Question 2:

रमेशचन्द्र शाह की डायरी 'अकेला मेला' के आरंभिक अंश किस पत्रिका में प्रकाशित हुए ?

  1. वसुधा
  2. नवनीत
  3. वागर्थ
  4. अक्षर पर्व

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : नवनीत

अन्य गद्य विधाएँ Question 2 Detailed Solution

रमेशचन्द्र शाह की डायरी 'अकेला मेला' के आरंभिक अंश नवनीत पत्रिका में प्रकाशित हुए। 

Key Pointsभूमिका से-

  • क्या यह एक निरा संयोग ही था या उससे कुछ अधिक, कि आज से कोई चौथाई सदी पहले एक लोकप्रिय - और साहित्यिक हलकों में लगभग उपेक्षणीय-पत्रिका 'नवनीत' के संपादक ने मुझसे संस्मरण या डायरी सरीखे अनौपचारिक गद्य की माँग की और जब मैंने बहुत ही संकोच और हिचकिचाहट के साथ, महज़ उनके निरंतर आग्रह की रक्षा की ख़ातिर यहाँ इस पुस्तक में संकलित सामग्री के आरंभिक अंश उन्हें दिए तो वे न केवल ऐसे अनेकानेक पाठकों को रुचे, जो सामान्य पाठकों की श्रेणी में आएँगे, बल्कि एक ऐसे खासुलखास पाठक का भी ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर सके जिनके या जिन जैसों के लिए ही 'द आइडियल क्रिटिक इज द आइडियल रीडर' जैसे सुभाषित गढ़े जाते रहे हैं।

Important Pointsअकेला मेला-

  • रचनाकार- रमेशचंद्र शाह 
  • विधा- डायरी
  • प्रकाशन वर्ष- 2009 ई. 

Additional Informationरमेशचंद्र शाह- 

  • जन्म- 1937 ई० 
  • रमेश चंद्र शाह हिन्दी उपन्यासकार, नाटककार, निबंधकार तथा कुशल समालोचक हैं।
  • उपन्यास-
    • गोबरगणेश (1978)
    • किस्सा गुलाम (1986)
    • पूर्वपर (1990)
    • आख़िरी दिन (1992)
    • पुनर्वास (1995)
    • आप कहीं नहीं रहते विभूति बाबू (2001) 
    • विनायक (2011)
  • कहानी संग्रह-
    • जंगल में आग
    • मुहल्ले का रावण
    • मानपत्र
    • थिएटर

अन्य गद्य विधाएँ Question 3:

“उनकी दृष्टि में वही रहता है जो उनके हृदय में है और हृदय में वही रहता है जो वचन में है।" 'पथ के साथी' संस्मरणात्मक रेखाचित्र में प्रयुक्त यह कथन किससे संबंधित है ?

  1. रवीन्द्रनाथ ठाकुर
  2. मैथिलीशरण गुप्त
  3. जयशंकर प्रसाद
  4. सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : मैथिलीशरण गुप्त

अन्य गद्य विधाएँ Question 3 Detailed Solution

सही उत्तर है- मैथिलीशरण गुप्त

Key Pointsपथ के साथी-

  • रचनाकार-महादेवी वर्मा
  • विधा-संस्मरण 
  • प्रकाशन वर्ष-1956 ई.
  • मुख्य-
    • इसमें महादेवी वर्मा ने समकालीन रचनाकारों का चित्रण किया है। 
    • आत्मीयतापूर्ण ढंग से उन्होंने इन साहित्यकारों का जीवन-दर्शन प्रस्तुत किया है। 
  • इसमें 11 संस्मरणों का संग्रह हैं-
    • दद्दा (मैथिली शरण गुप्त)
    • निराला भाई
    • स्मरण प्रेमचंद
    • प्रसाद
    • सुमित्रानंदन पंत
    • सुभद्रा (कुमारी चौहान)
    • प्रणाम (रवींद्रनाथ ठाकुर)
    • पुण्य स्मरण (महात्मा गांधी)
    • राजेन्द्रबाबू (बाबू राजेन्द्र प्रसाद)
    • जवाहर भाई (जवाहरलाल नेहरू)
    • संत राजर्षि (पुरुषोत्तमदास टंडन)

Important Pointsमहादेवी वर्मा-

  • जन्म-1907-1987 ई. 
  • हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तम्भों में से एक मानी जाती हैं।
  • इन्हें 'आधुनिक मीरा' के नाम से भी जाना जाता है।
  • कवि निराला ने उन्हें “हिन्दी के विशाल मन्दिर की सरस्वती” भी कहा है।
  • काव्य रचनाएं-
    • नीहार(1930 ई.)
    • रश्मि(1932 ई.)
    • नीरजा(1934 ई.)
    • सांध्यगीत(1936 ई.)
    • दीपशिखा(1942 ई.) आदि। 

अन्य गद्य विधाएँ Question 4:

अनुक्रम की दृष्टि से ‘अरे यायावर रहेंगा याद' यात्रावृत्तांत के अध्यायों का व्यवस्थित क्रम है : 

  1. परशुराम से तूरखम, किरणों की खोज में, देवताओं के अंचल में, एलुरा।
  2. परशुराम से तूरखम, देवताओं के अंचल में, किरणों की खोज में, एलुरा।
  3. परशुराम से तूरखम, एलुरा, किरणों की खोज में, देवताओं के अंचल में।
  4. परशुराम से तूरखम, किरणों की खोज में, एलुरा, देवताओं के अंचल में।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : परशुराम से तूरखम, किरणों की खोज में, देवताओं के अंचल में, एलुरा।

अन्य गद्य विधाएँ Question 4 Detailed Solution

अनुक्रम की दृष्टि से ‘अरे यायावर रहेंगा याद' यात्रावृत्तांत के अध्यायों का व्यवस्थित क्रम है - परशुराम से तूरखम, किरणों की खोज में, देवताओं के अंचल में, एलुरा।

Key Pointsअरे यायावर रहेगा याद-

  • रचनाकार- अज्ञेय 
  • विधा- यात्रावृतांत 
  • प्रकाशन वर्ष- 1953 ई. 
  • विषय-
    • भारतीय यात्राओं का चित्रण है। 
    • यह एक क्लासिक यात्रा संस्मरण है।
    • ‘अरे यायावर रहेगा याद’ का आरम्भ ‘परशुराम‘ के लेख से होता है।
    • इसमें अज्ञेय ने ब्रह्मपुत्र के मैदानी भाग से लेकर एलोरा की गुफाओं तक की यात्राओं का वर्णन किया है। 
  • इसके आठ अध्याय हैं-
    • परशुराम से तुरखम (एक टायर की राम कहानी)
    • किरणों की खोज
    • देवताओं की अंचल में 
    • मौत की घाटी में 
    • एलुरा 
    • माझुली
    • बहता पानी निर्मल
    • सागर-सेवित, मेघ-मेखलित (कन्याकुमारी से नंदादेवी)

Important Pointsअज्ञेय- 

  • जन्म- 19111-1987 ई. 
  • पुरा नाम- सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय'
  • कथाकार, ललित-निबन्धकार, सम्पादक और अध्यापक के रूप में जाना जाता है।
  • यात्रा वृतांत-
    • एक बूँद सहसा उछली(1960 ई.) आदि। 
  • डायरी-
    • भवंती
    • अंतरा
    • शाश्वती  
  • संस्मरण-
    • स्मृति लेखा आदि। 

अन्य गद्य विधाएँ Question 5:

महादेवी वर्मा की कृति है

  1. स्वर्णधूलि
  2. खंजन नयन
  3. गीतिका
  4. अतीत के चलचित्र
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : अतीत के चलचित्र

अन्य गद्य विधाएँ Question 5 Detailed Solution

सही विकल्प हैं- अतीत के चलचित्र

  • उपरोक्त में से अतीत के चलचित्र महादेवी वर्मा की रचना है
  • यह एक रेखाचित्र है, प्रकाशन वर्ष - 1941
  • अतीत के चलचित्र में महादेवी वर्मा ने अपने वास्तविक जीवन के  विभिन्न घटनाओं, पात्रों का वर्णन किया है।

Key Points

  • महादेवी वर्मा की महत्वपूर्ण रचनाएँ-
  • महादेवी वर्मा के आठ कविता संग्रह हैं- नीहार (1930), रश्मि (1932), नीरजा (1934), सांध्यगीत (1936), दीपशिखा (1942), सप्तपर्णा (अनूदित 1959), प्रथम आयाम (1974), और अग्निरेखा (1990)

Additional Information

  •  महादेवी वर्मा के अन्य रेखाचित्र- स्मृति की रेखाएं (1983)

अन्य विकल्प-

  • स्वर्णधूलि (1947)  - सुमित्रानंदन पंत (काव्य कृति)
  • खंजन नयन (1981) - अमृतलाल नागर (उपन्यास)
  • गीतिका (1936) - सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' (गीत संकलन)

Important Pointsसुमित्रानंदन पंत (1900 ई.), प्रमुख रचनाएँ -

  • ग्रंथि’(1920)
  • वीणा’ (1927)
  • पल्लव’ (1928) 
  • गुंजन’ (1932) 
  • ‘युगान्त’ (1936)
  • युगवाणी’ (1939) 
  • ग्राम्या’ (1940) 
  • स्वर्ण किरण’ (1947)
  • स्वर्णधूलि’ (1947)
  • उत्त्रा’ (1949)
  • युगपथ’ (1948)
  • अतिमा’ (1955) 

अमृतलाल नागर के प्रमुख उपन्यास -

  • महाकाल (1947) 
  • सेठ बांकेलाल (1955)
  • बूँद और समुद्र (1956)
  • शतरंज के मोहरे (1959)
  • सुहाग के नुपूर (1960)
  • अमृत और विष (1966)
  • सात घूँघट वाला मुखड़ा (1968)
  • एकदा नैमिषारण्ये (1972)
  • मानस का हंस (1973)
  •  बिखरे तिनके (1982)
  • अग्निगर्भा (1983) 
  • करवट (1985)
  •  पीढ़ियाँ (1990)

सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' की अन्य कविताएँ -

  • परिमल
  • अनामिका
  • गीतिका
  • कुकुरमुत्ता
  • आदिमा
  • बेला
  • नये पत्त्ते
  • अर्चना
  • आराधना
  • तुलसीदास
  • जन्मभूमि।

Top अन्य गद्य विधाएँ MCQ Objective Questions

'ठेले पर हिमालय' किसके द्वारा रचित है?

  1. धर्मवीर भारती
  2. जैनेन्द्र
  3. विवेकीराय
  4. भारतेन्दु हरिश्चन्द्र

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : धर्मवीर भारती

अन्य गद्य विधाएँ Question 6 Detailed Solution

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'ठेले पर हिमालय' :-- धर्मवीर भारती द्वारा रचित रचना है।

"ठेले पर हिमालय" एक यात्रा वृतांत है।

Key Points

  • लेखक- धर्मवीर भारती
  • प्रकाशन वर्ष- 1982ई
  • धर्मवीर भारती (25 दिसंबर, 1926- 5 सितंबर, 1997) आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रमुख लेखक, कवि, नाटककार और सामाजिक विचारक थे।
  • "बसंती" भी धर्मवीर भारती जी का अन्य निबंध है।

Additional Information

धर्मवीर भारती जी के कहानी संग्रह निम्नलिखित हैं:-

  1. मुर्दों का गाँव
  2. स्वर्ग और पृथ्वी
  3. चाँद और टूटे हुए लोग
  4. बंद गली का आखिरी मकान
  5. साँस की कलम से
  6. समस्त कहानियाँ एक साथ

हिन्दी में 'घुमक्कड़-शास्त्र' के प्रणेता हैं?

  1. मुंशी प्रेमचन्द
  2. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
  3. महर्षि दयानन्द
  4. राहुल सांकृत्यायन

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : राहुल सांकृत्यायन

अन्य गद्य विधाएँ Question 7 Detailed Solution

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हिन्दी में 'घुमक्कड़-शास्त्र' के प्रणेता-4) राहुल सांकृत्यायन हैं।

Important Points

  • राहुल सांकृत्यायन ज्ञानार्जन के लिए जीवन-भर भ्रमण करते रहे।  
  • 'मेरी जीवन यात्रा(आत्‍मकथा)','वोल्‍गा से गंगा' और 'कनैला की कथा' उनकी सर्वोत्‍तम कृति हैं।
  • राहुल जी लगभग 35 भाषाओं में लिख-पढ़ सकते थे।

Additional Information

  • राहुल सांकृत्‍यायन का जन्‍म उत्‍तरप्रदेश के आजमगढ़ जिले के पंदहा(ननिहाल) गांव में हुआ था।
  • उनका पैैतृक गांव कनैला था,जिसके नाम पर उन्‍होंने किताब भी लिखी।
  • बचपन में उनका नाम केदारनाथ पांडेय था।
  • बौद्ध धर्म पर गहन शोध करने और दीक्षा लेने के बाद उन्‍होंने अपना नाम राहुल सांकृत्‍यायन रख लिया। 

महादेवी वर्मा कृत संस्मरण नहीं है:

  1. स्मृति की रेखाएँ
  2. पथ के साथी
  3. अतीत के चलचित्र 
  4. हमारे आराध्य

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : हमारे आराध्य

अन्य गद्य विधाएँ Question 8 Detailed Solution

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  • हमारे अराध्य संस्मरण महादेवी वर्मा द्वारा लिखित नहीं है ।
  • स्मृति के आधार पर किसी विषय पर अथवा किसी व्यक्ति पर लिखित आलेख संस्मरण कहलाता है। 

Key Points

  •  हमारे आराध्य बनारसीदास चतुर्वेदी द्वारा लिखित संस्मरण है ।
  • 1952 ई. में यह संस्मरण लिखा गया ।

 

  • स्मृति की रेखाएं - 1943 ई. 
  • पथ के साथी - 1956 ई. 
  • अतीत के चलचित्र - 1941 ई. 

'वे दिन वे लोग' शीर्षक संस्‍मरणात्‍मक रचना के लेखक कौन है ?

  1. निर्मल वर्मा
  2. शिवपूजन सहाय
  3. रामविलास शर्मा
  4. रघुवीर सहाय

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : शिवपूजन सहाय

अन्य गद्य विधाएँ Question 9 Detailed Solution

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  • संस्मरण का मूल अर्थ है - सम्यक स्मृति , एक ऐसी स्मृति जो वर्तमान को अधिक सार्थक , समृद्ध और संवेदनशील बनाती है।
  • 'वे दिन वे लोग' शीर्षक के लेखक हैं शिवपूजन सहाय। 

Key Points

  • वे दिन वे लोग शिवपूजन सहाय ने 1946 में लिखा।
  • पदम् सिंह शर्मा द्वारा रचित पदम् पराग हिंदी का प्रथम संस्मरण माना जाता है । 

'हम हशमत' संस्मरण किसके द्वारा रचित है?

  1. विष्णु प्रभाकर
  2. कृष्णा सोबती
  3. दूधनाथ सिंह
  4. काशीनाथ सिंह

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : कृष्णा सोबती

अन्य गद्य विधाएँ Question 10 Detailed Solution

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"हम हशमत", "कृष्णा सोबती" की रचना है। अतः उपयुक्त विकल्पों में से विकल्प (2) कृष्णा सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।


Key Points

  • कृष्णा सोबती (18 फ़रवरी 1925- 25 जनवरी 2019)
  • उन्हें 1980 में "साहित्य अकादमी पुरस्कार" तथा 1996 में "साहित्य अकादमी अध्येतावृत्ति" से सम्मानित किया गया था।
  • हम हसमत एक विचार संवाद संस्मरण हैं
  • अन्य विचार-संवाद-संस्मरण-
    • सोबती एक सोहबत
    • शब्दों के आलोक में
    • सोबती वैद संवाद
    • मुक्तिबोध : एक व्यक्तित्व सही की तलाश में - 2017
    • लेखक का जनतंत्र - 2018
    • मार्फ़त दिल्ली - 2018

Additional Information

उपन्यास

रचना वर्ष 

सूरजमुखी अँधेरे के

1972

ज़िन्दगी़नामा

1979

दिलोदानिश

1993

समय सरगम

2000

गुजरात पाकिस्तान से गुजरात
हिंदुस्तान

2017

"सरयू पार की यात्रा" किसकी रचना है?

  1. रामविलास शर्मा
  2. देवकी नंदन खत्री
  3. आचार्य शुक्ल
  4. भारतेंदु हरिश्चंद्र

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : भारतेंदु हरिश्चंद्र

अन्य गद्य विधाएँ Question 11 Detailed Solution

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सही उत्तर 'भारतेंदु हरिश्चंद्र' है।
Key Points
  •  सरयू पार की यात्रा” के लेखक का नाम भारतेंदु हरिश्चंद्र है। “सरयू पार की यात्रा” एक यात्रा वृतांत है। इसका रचनाकाल 1871 ईस्वी के आसपास माना जाता है।
Additional Information 
  • रामविलास शर्मा की आलोचनात्मक कृतियां :-
  • प्रेमचंद (1941),  भारतेंदु युग (1943), निराला (1946), प्रगति और परंपरा (1949), साहित्य और संस्कृति (1949), प्रेमचंद और उनका युग (1952), प्रगतिशील साहित्य की समस्याएं , भाषा और समाज (1961), नई कविता और अस्तित्ववाद (1978), हिंदी जाति का साहित्य (1986)
  • देवकी नंदन खत्री को आधुनिक हिंदी उपन्यासकारों की पहली पीढ़ी माना जाता है।
  • उन्होंने चंद्रकांता, चंद्रकांता संतति, कजर की कोठी, नरेंद्र-मोहिनी, कुसुम कुमारी, वीरेंद्र वीर, गुप्ता गोदना, कटोरा भर खून, भूतनाथ जैसी रचनाएं कीं।
  • आचार्य रामचन्द्र शुक्ल (4 अक्टूबर, 1884ईस्वी- 2 फरवरी, 1941ईस्वी) 
  • हिन्दी आलोचक, निबन्धकार, साहित्येतिहासकार, कोशकार, अनुवादक, कथाकार और कवि थे।
  • आलोचनात्मक ग्रंथ : 
  • सूर,तुलसी, जायसी पर की गई आलोचनाएं, काव्य में रहस्यवाद, काव्य में अभिव्यंजनावाद, रसमीमांसा 

भारतेन्दु ने यात्रावृत्त सम्बन्धी कौन-सी रचना लिखी?

  1. गया यात्रा
  2. इलाहाबाद की यात्रा
  3. गंगा पार की यात्रा
  4. सरयू पार की यात्रा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : सरयू पार की यात्रा

अन्य गद्य विधाएँ Question 12 Detailed Solution

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"सरयू पार की यात्रा" भारतेंदु यात्रावृत्त संबंधी रचना है अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (4) सरयू पार की यात्रा सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।

Key Points

  • सरयू पार की यात्रा(1871)
  • लखनऊ भारतेंदु जी का एक अन्य यात्रा वृतांत है।

Important Points

  • भारतेन्दु हरिश्चन्द्र (9 सितंबर 1850-6 जनवरी 1885) आधुनिक हिंदी साहित्य के पितामह कहे जाते हैं।
  • वे हिन्दी में आधुनिकता के पहले रचनाकार थे।
  • भारतेंदु जी की कविताएं निम्नलिखित हैं :
    • प्रेम पुष्पावली
    • मन की लहर
    • ब्रैडला स्वागत
    • दंगल खंड
    • तृप्यन्ताम्
    • दीवो बरहमन (उर्दू)

Additional Information

भारतेंदु हरिश्चंद्र के मौलिक नाटक निम्नलिखित हैं:-

नाटक

रचना वर्ष

नाटक का प्रकार

वैदिकी हिंसा हिंसा न भवति

1873

प्रहसन

सत्य हरिश्चन्द्र

1875

नाटक

श्री चंद्रावली

1876

नाटिका

विषस्य विषमौषधम्

1876

भाण

भारत दुर्दशा

1880

नाट्य रासक

नीलदेवी

1881

ऐतिहासिक गीति रूपक

अंधेर नगरी

1881

प्रहसन

प्रेमजोगिनी

1875

नाटिका

सती प्रताप

1883

गीतिरूपक

'हिंदी में रिपोर्ताज' का जनक किसे माना जाता है?

  1. शिवदान सिंह चौहान
  2. रामकुमार वर्मा
  3. उपेन्द्रनाथ अश्क
  4. निर्मल वर्मा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : शिवदान सिंह चौहान

अन्य गद्य विधाएँ Question 13 Detailed Solution

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'हिंदी में रिपोर्ताज' का जनक शिवदान सिंह चौहान माना जाता है

Key Points

  • इनके रिपोर्ताज 'लक्ष्मीपुरा' को हिंदी का पहला रिपोर्ताज माना जाता है।
  • जिसका प्रकाशन सुमित्रानंदन पंत के संपादन में निकलने वाली 'रूपाभ' पत्रिका के दिसम्बर, 1938 ई. के अंक में हुआ था।

Important Pointsशिवदान सिंह चौहान:-

  • शिवदान सिंह चौहान (1918-2000) हिन्दी साहित्य के प्रथम मार्क्सवादी आलोचक के रूप में ख्यात हैं।
  • लेखक होने के साथ-साथ वे सक्रिय राजनीतिक कार्यकर्ता भी थे।
  • शिवदान सिंह चौहान का जन्म उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के 'बमानी' गाँव में 15 मार्च 1918 को हुआ था। 

इनके के द्वारा लिखित पुस्तकें:-

  • रक्तरंजित स्पेन -1938 
  • प्रगतिवाद -1946 
  • साहित्य की परख -1948 
  • कश्मीर देश व संस्कृति -1949 
  • हिंदी गद्य साहित्य -1952  
  • साहित्य की समस्याएँ -1959

Additional Informationरामकुमार वर्मा की मुख्य रचनाएँ:- 

  • अंजलि
  • अभिशाप
  • निशीथ
  • जौहर
  • चित्तौड़ की चिता
  • पृथ्वीराज की आंखें

उपेन्द्रनाथ 'अश्क' की मुख्य रचनाएँ:-

  • पिंजरा
  • शहर में घूमता आईना
  • गर्म राख
  • लौटता हुआ दिन
  • बड़े खिलाड़ी
  • बरगद की बेटी

निर्मल वर्मा की मुख्य रचनाएँ:-

  • लाल टीन की छत -1974
  • रात का रिपोर्टर -1989
  • पिछली गर्मियों में -1968
  • परिन्दे -1959
  • ढलान से उतरते हुए -1985
  • चीड़ों पर चाँदनी -1963

'एक बूँद सहसा उछली' किस विधा की रचना है?

  1. उपन्यास
  2. काव्य
  3. नाटक
  4. यात्रा-वृतांत

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : यात्रा-वृतांत

अन्य गद्य विधाएँ Question 14 Detailed Solution

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एक बूँद सहसा उछली’ अज्ञेय द्वारा लिखा गया यात्रा वृत्तान्त है। अतः सही विकल्प यात्रा वृत्तान्त है।

Key Points

  • सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' (7 मार्च, 1911 - 4 अप्रैल, 1987)
  • "एक बूंद सहसा उछली" के रचनाकार "अज्ञेय" हैं।
  • "एक बूँद सहसा उछली" का रचना वर्ष 1960 है।
  • अज्ञेय जी का "अरे यायावर रहेगा याद(1943)" यह भी अन्य प्रसिद्ध यात्रा वृतांत है।

Additional Information

‘क्या हाल हैं चीन के’ :-  मनोहर श्याम जोशी का यात्रा वृत्तान्त

‘कितना अकेला आकाश’ :- नरेशा मेहता का यात्रा वृत्तान्त

‘यातना शिविर’ :-  हिमांशु जोशी का यात्रा वृत्तांत है।

Important Points

कहानियाँ

रचना वर्ष

-विपथगा

1937

परम्परा

1944

कोठरी की बात

1945

शरणार्थी

1948

जयदोल

1951

'हमारी जापान यात्रा' किसके द्वारा रचित यात्रा-वृत्तान्त है?

  1. शिव प्रसाद गुप्त
  2. कन्हैयालाल मिश्र
  3. देवी प्रसाद खत्री
  4. राम नारायण मिश्र

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : कन्हैयालाल मिश्र

अन्य गद्य विधाएँ Question 15 Detailed Solution

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उपर्युक्त सभी विकल्पों में से विकल्प 2 कन्हैयालाल मिश्र सही हैं|

Key Points

  • सन् 1931 . में यह यात्रा साहित्य लिखा गया|
  • मेरी ईराक यात्रा(1940 ई.) इनका दूसरा यात्रा वृतांत हैं|
  • 'प्रभाकर' इनका उपनाम था|

​ Additional Information

रचनाकार  कृतियाँ 
शिव प्रसाद गुप्त  पृथ्वी प्रदक्षिणा(1914 ई.)
देवी प्रसाद खत्री  रामेश्वर यात्रा(1883 ई.),बदरिकाश्रम यात्रा(1902 ई.)
राम नारायण मिश्र  यूरोप यात्रा में छ: मास(1932 ई.)

 

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