कहानी MCQ Quiz - Objective Question with Answer for कहानी - Download Free PDF
Last updated on Jun 30, 2025
Latest कहानी MCQ Objective Questions
कहानी Question 1:
उषा प्रियवंदा की रचना है:-
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी Question 1 Detailed Solution
"वापसी", "उषा प्रियंवदा" की रचना है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (1) वापसी सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
- उषा प्रियंवदा (जन्म 25 दिसम्बर 1930) प्रवासी हिंदी साहित्यकार हैं।
- कहानी संग्रहः
- वनवास
- कितना बड़ा झूठ
- शून्य
- जिन्दग़ी और गुलाब के फूल
- एक कोई दूसरा
- मेरी प्रिय कहानियाँ
- संपूर्ण कहानियां
- उपन्यासः -
- पचपन खंभे लाल दीवारे (1961)
- रुकोगी नहीं राधिका (1967)
- शेषयात्रा (1984)
- अंतर्वंशी (2000)
- भया कबीर उदास (2007)
- नदी (2013)
Additional Information
- टूटना, राजेंद्र यादव की रचना है।
- मछलियां, विनोद कुमार की रचना है।
- दूध का दाम, प्रेमचंद की रचना है।
कहानी Question 2:
निम्नलिखित में से सही युग्म का चयन कीजिए :
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी Question 2 Detailed Solution
सही युग्म है- सचेतन कहानी - अमृतराय
Key Pointsसचेतना कहानी आन्दोलन -
- महीप सिंह -
- "सचेतन एक दृष्टि है। वह दरीहस्ती जिसमें जीवन जीया भी जाता है और जाना भी जाता है।"
- सचेतन कहानी संघर्ष और जागरूकता का समर्थन करती है।
Important Pointsहिन्दी कहानी आंदोलन-
कहानी आंदोलन | वर्ष(ई.) | प्रवर्तक |
नयी कहानी | 1954 | राजेन्द्र यादव, मोहन राकेश, कमलेश्वर |
अकहानी | 1960 | गंगा प्रसाद विमल |
सचेतन कहानी | 1964 | महीप सिंह |
सहज कहानी | 1968 | अमृत राय |
समांतर कहानी | 1972 | कमलेश्वर |
सक्रिय कहानी | 1979 | राकेश वत्स |
जनवादी कहानी | 1982 | जनवादी लेखक संघ |
कहानी Question 3:
"इसकी घटनाएँ ही बोल रही हैं, पात्रों के बोलने की अपेक्ष "नहीं।” आचार्य रामचंद्र शुक्ल का यह विचार किस कहानी संदर्भ में है ?
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी Question 3 Detailed Solution
"इसकी घटनाएँ ही बोल रही हैं, पात्रों के बोलने की अपेक्ष "नहीं।” आचार्य रामचंद्र शुक्ल का यह विचार उसने कहा था कहानी संदर्भ में है
Key Pointsउसने कहा था-
- रचनाकार- चन्द्रधर शर्मा 'गुलेरी'
- प्रकाशन वर्ष- 1915 ई. में सरस्वती पत्रिका में प्रकाशित।
- मुख्य पात्र-
- लहना सिंह- प्रमुख पात्र,सेना का एक वीर सिपाही,वचन बद्ध व्यक्ति।
- सूबेदारनी- नारी मुख्य पात्र,लहना सिंह की बचपन की प्रेमिका,सूबेदार की पत्नी।
- वजीरा सिंह- सूबेदार।
- बोधा सिंह- सूबेदार व् सूबेदारनी का पुत्र।
- कीरत सिंह- लहना सिंह का मित्र।
- विषय-
- प्रथम विश्व-युद्ध की पृष्ठभूमि पर आधारित कहानी है।
- कहानी का कथानक प्रेम,त्याग और कर्तव्य निष्ठा को केंद्र में रखकर बुना गया है।
- देशभक्ति और देशप्रेम की भावना से परिपूर्ण कहानी है।
- पूर्वदीप्ति शैली(फ़्लैश बेक) का प्रयोग किया गया है।
Important Pointsकानों में कंगना-
- रचनाकार- राधिकारमण प्रसाद सिंह।
- प्रकाशन वर्ष- 1913 ई. में “इंदु” में प्रकाशित हुई।
- विधा- कहानी
- कथानक-
- यह एक मार्मिक कहानी है। मनुष्य के विवेक को जागृत करने वाले स्थलों का सूक्ष्म वर्णन करती है।
- जिसमें एक स्त्री की दशा का मार्मिक ढंग से वर्णन किया गया है l
- यह एक तरह की आदर्शवादी कहानी है। इस कहानी में कुल छह पात्र हैं।
- कहानी में पुरुष की वासना को कथावाचक नरेंद्र के माध्यम से दर्शाया गया है।
- जो स्त्री (किरण) पर मोहित होकर किन्नरी पर मोहित हो गया हो।
- इसलिए उसने किरण से प्यार नहीं किया, बल्कि हवस की, लेकिन किरण की मौत के बाद उसे उस प्यार का एहसास हुआ, जो अब तक नहीं था।
- उद्देश्य-
- यहाँ कथावाचक ने स्त्री के प्रति वासना और वैवाहिक प्रेम के बीच की रेखा को स्पष्ट किया है और यह संदेश देना चाहता है कि दाम्पत्य प्रेम घर का रक्षक है, जबकि स्त्री के लिए वासना घर को नष्ट कर देती है।
- वासना और प्रेम के ताने-बाने पर बुनी गई इस कहानी की शुरुआत तो बड़े अलंकारिक और सजावटी ढंग से हुई है, लेकिन अंत भी उतना ही दुखद और मार्मिक है।
पुरस्कार-
- रचनाकार- जयशंकर प्रसाद
- विधा- कहानी
- यह प्रसाद के छाया कहानी संग्रह में संकलित है।
- पात्र-
- मधुलिका, अरुण आदि।
- अन्य शेष पात्रों में सेनापति, महाराज, सैनिक आदि हैं।
- विषय-
- बौद्धकालीन कोशल जनपद की कृषक कन्या मधुलिका और मगध जनपद के राजकुमार अरुण के प्रेम-प्रणय और राष्ट्र-प्रेम की भावना को दर्शाना है, जो कोशल जनपद की राजधानी श्रावस्ती में घटती है।
नशा -
- रचनाकार - मुंशी प्रेमचंद
- विधा - कहानी
- प्रकाशन वर्ष - 1947 ई.
- मुख्य पात्र - ईश्वरी और बीर।
- विषय -
- यह कहानी, प्रेमचंद के कहानी-संग्रह 'मानसरोवर 1' का हिस्सा है।
- इसमें धन के नशे और समाज की वास्तविकताओं का चित्रण है।
- इस कहानी में ईश्वरी और बीर नाम के दो युवकों के बीच के वाद-विवाद को दिखाया गया है।
Additional Informationचंद्रधर शर्मा 'गुलेरी'-
- जन्म- 1883-1922 ई.
- कहानियाँ-
- सुखमय जीवन(1911 ई.)
- बुद्धू का काँटा(1914 ई.)
- उसने कहा था(1915 ई.) आदि।
राजा राधिकारमण सिंह-
- जन्म- 1890 - 1971 ई.
- कहानियाँ-
- गाँधी टोपी (1938 ई.)
- सावनी समाँ (1938 ई.)
- नारी क्या एक पहेली? (1951 ई.)
- हवेली और झोपड़ी’ (1951 ई.)
- देव और दानव (1951 ई.)
- वे और हम (1956 ई.)
- धर्म और मर्म’ (1959 ई.),
- तब और अब’ (1958 ई.)
- अबला क्या ऐसी सबला? (1962 ई.)
जयशंकर प्रसाद-
- जन्म-1889-1937 ई.
- कहानी संग्रह-
- छाया(1912 ई.)
- प्रतिध्वनि(1926 ई.)
- आँधी(1931 ई.)
- इंद्रजाल(1936 ई.) आदि।
- कहानियाँ-
- ग्राम
- देवदासी
- देवरथ
- विरामचिह्न
- मधुआ
- पुरस्कार
- गुंडा आदि।
प्रेमचंद-
- जन्म-1880-1936 ई.
- अन्य नाम- धनपत राय, नवाब राय
- प्रमुख कहानियाँ-
- बड़े घर की बेटी(1910 ई.)
- नमक का दरोगा(1913 ई.)
- सौत(1915 ई.)
- सवा सेर गेहूँ(1924 ई.)
- पुस की रात(1930 ई.)
- बड़े भाई साहब(1934 ई.) आदि।
- कहानी संग्रह-
- सप्त सरोज(1917 ई.)
- नवनिधि(1917 ई.)
- प्रेम पूर्णिमा(1918 ई.)
- प्रेम तीर्थ(1928 ई.)
- कफन(1936 ई.) आदि।
कहानी Question 4:
'बसंती' निम्नलिखित में से किस कहानी की स्त्री - पात्र है ?
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी Question 4 Detailed Solution
'बसंती' वापसी कहानी की स्त्री - पात्र है।
- यह गजाधर बाबू की बेटी है।
Key Pointsवापसी-
- रचनाकार-उषा प्रियंवदा
- विधा-कहानी
- पात्र-
- गजाधर बाबू, अमर, नरेंद्र,बसंती।
- विषय-
- सेवनिवृत होकर लोटे गजाधर बाबू का घर में खुद को 'मिसफिट' पाने कहानी है।
Important Pointsपरिंदे कहानी -
- लेखक - निर्मल वर्मा
- प्रकाशन वर्ष - प्रथम प्रकाशन 1957 ई.( हंस पत्रिका में), परिंदे कहानी संग्रह (1959 ई.)।
- मुख्य पात्र -
- लतिका, मिस्टर ह्युबर्ट, डॉ मुख़र्जी।
- गौण पात्र -
- मेजर गिरीश नेगी, करीमुद्दीन, मिस वुड, फादर एलमंड, जूली, सुधा।
- मुख्य -
- सर्वथा नये ढंग से प्रेम और मानवीय नीति की पड़ताल करती हुई कहानी।
- इस कहानी का केंद्रीयकथ्य मध्यवर्गीय जीवन में व्यापक अकेलापन है।
- सभी चरित्र न सिर्फ अकेले बल्कि कभी ना खत्म होने वाले इंतजार की प्रक्रिया में बहुत ही उदास और टूटे हुए।
- किसी इंतजार की समरूपता को आधार बनाकर लेखक ने इसका नाम परिंदे रखा है।
तीसरी कसम-
- रचनाकार-फणीश्वरनाथ रेणु
- विधा-कहानी
- पात्र-
- हीरामन और हीराबाई
- विषय-
- हीरामन के द्वारा ली गई तीन कसमों पर कहानी आधारित है।
खोई हुई दिशाएँ-
- रचनाकार- कमलेश्वर
- विधा- कहानी
- प्रकाशन वर्ष- 1963 ई.
- पात्र- निर्मला, चंदर
- विषय-
- कहानी का मुख्य विषय मनुष्य के जीवन में दिशाहीनता, अलगाव, और शहरीकरण के नकारात्मक प्रभावों पर केंद्रित है।
- कहानी में, आधुनिक जीवनशैली में व्यक्ति के खो जाने, अपनी पहचान और रिश्तों से दूर होने की भावना को दर्शाया गया है।
Additional Informationउषा प्रियंवदा-
- जन्म-1931 ई.
- कहानी संग्रह-
- जिंदगी और गुलाब के फूल(1961 ई.)
- फिर बसंत आया(1961 ई.)
- एक कोई दूसरा(1966 ई.) आदि।
फणीश्वरनाथ रेणु-
- जन्म-1921-1977 ई.
- कहानी संग्रह-
- ठुमरी(1958 ई.)
- आदिम रात्रि की महक(1967 ई.)
- एक श्रावणी दोपहर की धूप(1984 ई.) आदि।
निर्मल वर्मा-
- जन्म-1929-2005 ई.
- कहानी संग्रह-
- जलती झाड़ी(1965 ई.)
- पिछली गर्मियों में(1968 ई.)
- बीच बहस में(1973 ई.)
- कव्वे और काला पानी(1983 ई.) आदि।
कमलेश्वर-
- जन्म- 1932-2007 ई.
- कमलेश्वर हिन्दी के प्रसिद्ध लेखक एवं सशक्त लेखकों में से एक हैं।
- इन्होने कहानी, उपन्यास, पत्रकारिता, स्तंभ लेखन, फिल्म पटकथा जैसी अनेक विधाओं में रचनाएँ की।
-
कहानियाँ-
- राजा निरबंसिया(1957 ई.)
- कस्बे का आदमी(1958 ई.)
- खोयी हुई दिशाएं(1963 ई.)
- मांस का दरिया(1966 ई.) आदि।
कहानी Question 5:
'विष के दाँत' के कहानीकार कौन हैं ?
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी Question 5 Detailed Solution
'विष के दाँत' के कहानीकार हैं - नलिन विलोचन शर्मा
Key Pointsविष के दाँत-
- रचनाकार- नलिन विलोचन शर्मा
- विधा - कहानी
- पात्र- मदन और खोखा, के बीच के संघर्ष को दिखाया गया है।
- विषय - इस कहानी में मध्य वर्ग के जीवन के अनेक अंतर्विरोधी को रेखाकिंत किया गया है।
Important Pointsनलिन विलोचन शर्मा -
- जन्म 18 फरवरी 1916 ई० में पटना के बदरघाट में हुआ।
- वे जन्मना भोजपुरी भाषी थे।
- हिंदी कविता में प्रपद्यवाद के प्रवर्तक और नई शैली के आलोचक रहे।
- प्रमुख आलोचनात्मक ग्रंथ :-
- 'दृष्टिकोण'
- 'साहित्य का इतिहास दर्शन'
- 'मानदंड'
- 'हिंदी उपन्यास- विशेषत: प्रेमचंद'
- 'साहित्य तत्त्व और आलोचना'
Additional Information
कहानीकार | कहानी |
विनोद कुमार शुक्ल | पेड़ पर कमरा (1988), महाविद्यालय (1996), एक कहानी (2021), घोड़ा और अन्य कहानियाँ (2021)। |
अमरकांत | जिंदगी और जोंक, देश के लोग, मौत का नगर, मित्र मिलन तथा अन्य कहानियाँ, कुहासा, तूफान, कला प्रेमी आदि। |
Top कहानी MCQ Objective Questions
'रानी केतकी की कहानी' के लेखक थे:
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDF- 'रानी केतकी की कहानी' के लेखक: इंशा अल्लाह खान है।
- इसकी भाषा शैली खड़ी बोली की भाषा है।
- इसका प्रकाशन वर्ष : 1803 (लगभग)
- इसे हिन्दी की प्रथम कहानी की सूची में रखा जाता है, परंतु
- मानक हिन्दी साहित्य के अनुसार शुद्ध प्रथम हिन्दी कहानी 'एक टोकरी भर मिट्टी' मानी है।
- इसके लेखक माधवराव सप्रे है।
- निम्नलिखित सभी कहानियाँ हिन्दी की प्रथम कहानियाँ मानी जाती है।
- इंदुमती → 1900 → किशोरी लाल गोस्वामी
- एक टोकरी भर मिट्टी → 1901 → माधवराव सप्रे
- ग्यारह वर्ष का समय → 1903 → आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
निम्नलिखित में से 'महादेवी वर्मा' की रचना हैः
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDF'मेरे बचपन के दिन' 'महादेवी वर्मा' की रचना है।
Key Points
- महादेवी वर्मा छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक मानी जाती हैं।
- इनकी अन्य रचनायें -दीपशिखा,यामा,सप्तपर्णा,अतीत के चलचित्र,स्मृति की रेखाएं,गिल्लू,श्रृंखला की कड़ियाँ आदि हैं।
Additional Information
- एक कहानी यह भी - यह मन्नू भंडारी द्वारा रचित रचना है।
- उसने कहा था - यह चन्द्रधर शर्मा गुलेरी द्वारा सुप्रसिद्ध रचना है।
- लाख की चूड़ियाँ - यह कामतानाथ द्वारा रचित रचना है।
'दुलाई वाली' कहानी किस रचनाकार द्वारा लिखित है?
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDF- "दुलाईवाली":- हिन्दी की प्रथम कहानी मानी जाती है।
- दुलाईवाली का प्रकाशनवर्ष:- सन् 1907
- लेखक:- बंग महिला (राजेन्द्र बाला घोष)
Confusion Points
- निम्नलिखित सभी कहानियाँ हिन्दी की प्रथम कहानियाँ मानी जाती है।
- इंदुमती --> 1900 ---> किशोरी लाल गोस्वामी
- एक टोकरी भर मिट्टी ---> 1901 ---> माधवराव सप्रे
- ग्यारह वर्ष का समय ---> 1903 ---> आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
Additional Information
- ईदगाह 1933:- मुंशी प्रेमचन्द
- उसने कहा था 1915 :- चन्द्र धर शर्मा गुलेरी
- परिंदे :- 1960:- निर्मल वर्मा
''नयी कहानी आग्रहों की कहानी नहीं है, प्रवृत्तियों की हो सकती है और उसका मूल स्रोत है - जीवन का यथार्थबोध और इस यथार्थ को लेकर चलने वाला वह विराट मध्य और निम्न मध्य वर्ग है जो अपनी जीवन - शक्ति से आज के दुर्दान्त संकट को जाने - अनजाने झेल रहा है।'
उपर्युक्त कथन किस लेखक ने नयी कहानी के संदर्भ में कहा है -
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDFउपर्युक्त कथन-4)कमलेश्र्वर ने नयी कहानी के संदर्भ में कहा है।
Additional Information
- कमलेश्र्वर का अवधिकाल 1954-2006 है।
- ये नई कहानी के लेखक हैं।
- 2003 में उन्हें 'कितने पाकिस्तान'(उपन्यास) के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- 2005 में कमलेश्वर को 'पद्मभूषण' से नवाज़ा गया।
Important Points
लेखक |
रचना |
भीष्म साहनी |
तमस,बसंती,झरोखे,निशाचर,शोभा यात्रा आदि |
शिवप्रसाद सिंह |
नीला चाँद,धतूरे का फूल,नन्हों,राग गूजरी,आदि |
राजेंद्र यादव |
शह और मात,एक इंच मुस्कान, जहाँ लक्ष्मी कैद हैं,सारा आकाश आदि |
कमलेश्र्वर |
तलाश,कितने पाकिस्तान ,मौसम, आँधी,एक और चंद्रकांता आदि |
कौन-सी कहानी निराला ने लिखी है?
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDFपद्मा, कहानी निराला ने लिखी है।
Key Points
- सूर्यकांत त्रिपाठी निराला - छायावाद के प्रमुख स्तंभों में से एक
- परिमल (काव्य संग्रह) - 1929
- अन्य काव्य संग्रह
- गीतिका
- तुलसीदास
- कुकुरमुत्ता
- अणिमा
- बेला
- नए पत्ते आदि
- रोज:- अज्ञेय
- उन्मादिनी:- सुभद्रा कुमारी चौहान
प्रथम विश्व युद्ध की पृष्ठभूमि पर रचित कहानी है -
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDFप्रथम विश्व युद्ध की पृष्ठभूमि पर रचित कहानी-1)उसने कहा था है।
Important Points
- 'उसने कहा था' कहानी के लेखक चन्द्रधर शर्मा 'गुलेरी' हैं।
- इनका जीवनकाल 1883 से 1922 तक रहा है।
- ये हिन्दी के कथाकार, व्यंगकार, निबन्धकार तथा सम्पादक थे।
- उसने कहा था की रचना 1915 में हुई।
- उन्होंने कुल तीन कहानियां लिखी हैं-बुद्धू का कांटा,सुखमय जीवन और उसने कहा था।
Additional Information
कहानी |
लेखक |
प्रकाशन वर्ष |
उसने कहा था |
चन्द्रधर शर्मा 'गुलेरी |
1915 |
सिक्का बदल गया |
कृष्णा सोबती |
1948 |
परिंदे |
निर्मल वर्मा |
1956 |
अमृतसर आ गया है |
भीष्म साहनी |
1973 |
Hint
- सिक्का बदल गया कहानी के माध्यम से भारत विभाजन के समय उभरने वाली परिस्तिथियों का बड़ा ही मार्मिक वर्णन किया है।
- डॉ.नामवर सिंह जी,'परिंदे' कहानी को नयी कहानी आन्दोलन की पहली रचना मानते हैं।
- अमृतसर आ गया है कहानी भारत के विभाजन के परिदृश्य पर लिखी गई है। इस कहानी में पाकिस्तान से भारत के सीमावर्ती शहर अमृतसर की ओर यात्रा के दौरान का भयावहता और विनाश का वर्णन है।
निम्न में से कौन अज्ञेय द्वारा रचित कहानी नहीं हैं:
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDFअज्ञेय द्वारा रचित कहानी नदी के दीप नहीं है।
Key Points
अज्ञेय -
- जन्म - 1911 ई.
- जन्म स्थान - कुशीनगर उत्तर प्रदेश
- पूरा नाम - सच्चिदानंद हीरानंद वात्सायन अज्ञेय
- मुख्य -
- अज्ञेय नाम जैनेंद्र ने दिया
- प्रयोगवाद और नई कविता के शलाका पुरुष
- निजता की सुरक्षा के कवि कठिन गद्य के प्रेत
- प्रथम मनोवैज्ञानिक उपन्यासकार
Important Points
अज्ञेय के कहानी संग्रह –
- विपथगा (1937 ई.)
- परंपरा (1940 ई.)
- कोठरी की बात (1945 ई.)
- शरणार्थी (1948 ई.)
- जयदोल (1951 ई.)
- यह तेरे प्रतिरूप (1961ई.)
- अमर वल्लरी (1945 ई.)
Additional Information
नदी के द्वीप अज्ञेय की कविता है।
- अज्ञेय की रचना 'आंगन के पार द्वार'(1961 ई.) रचना पर (1964 ई.) में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला।
- इनकी रचना 'कितनी नावों में कितनी बार' (1967 ई.) में ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला।
- अज्ञेय की पत्रिकाएं –
- प्रतीक (1946 ई.)
- विशाल भारत
- दिनमान
- सैनिक
- नऐ पते
अज्ञेय की 'शरणदाता' कहानी में किसका वर्णन किया गया है?
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDFउपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "साम्प्रदायिकता विरोधी कहानी" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
- शरणदाता कहानी साम्प्रदायिकता विरोधी कहानी है।
- शरणदाता' कहानी भारत-पाक विभाजन के समय की घटनाओं को आधार बनाकर लिखी गई है।
- अज्ञेय की कहानियाँ
- विपथगा (1937)
- परम्परा (1944)
- कोठरी की बात (1945),
- शरणार्थी (1948)
- जयदोल (1951)
- उपन्यास
- शेखर एक जीवनी- प्रथम भाग(उत्थान)1941, द्वितीय भाग(संघर्ष)1944, नदी के द्वीप 1951, अपने अपने अजनबी 1961 ।
- यात्रा वृतान्त
- अरे यायावर रहेगा याद? 1953,एक बूँद सहसा उछली 1960।
- निबंध संग्रह
- सबरंग, त्रिशंकु, आत्मनेपद, आधुनिक साहित्य: एक आधुनिक परिदृश्य, आलवाल।
निम्नलिखित में से कौन सा सही सुमेलित नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDFआहुति' कहानी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौर में प्रेमचंद द्वारा लिखी गयी एक महत्वपूर्ण कहानी है। 'आहुति' का अर्थ होता है हवन में डालने की सामग्री।
जब यह कहानी लिखी गयी थी तब देश में स्वतंत्रता आंदोलन का विशाल हवनकुंड जल चूका था, जरूरत थी प्रत्येग वर्ग के आहुति की। प्रेमचंद ने इस कहानी के माध्यम से देश के एक बहुत बड़े वर्ग- छात्र वर्ग को प्रेरित किया है, इस आजादी के हवन में अपने तन,मन,धन की आहुति देने के लिए।
जैनेन्द्र की प्रमुख कहानियाँ-
|
अज्ञेय जी की लिखित कहानियाँ :
निम्न में से कौन-सी कहानी प्रेमचंद जी की नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
कहानी Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDFपुरस्कार, प्रेमचन्द की कहानी नही है, जयशंकर प्रसाद की कहानी है।
Key Points
- पुरस्कार कहानी का केंद्रीय भाव - यह कहानी प्रेम और संघर्ष की कहानी है। इस कहानी की नायिका मधुलिका है।
- मधुलिका कर्तव्य की बलिवेदी पर, अपने प्रेम का बलिदान कर देती है तथा आक्रमण के पूर्व कौशल नरेश को खबर देकर अपनी मातृभूमि की रक्षा करती है।
- वह पुरस्कार के रूप में, मृत्युदंड मांगती है।
Additional Information
- प्रेमचन्द की प्रसिद्ध कहानियाँ-
- नमक का दारोगा - 1913ई
- शतरंज का खिलाडी- 1924ई
- ईदगाह- 1933 ई
- बड़े भाई साहब- 1934ई
- कफ़न- 1936ई