विसर्ग संधि MCQ Quiz - Objective Question with Answer for विसर्ग संधि - Download Free PDF
Last updated on Jun 17, 2025
Latest विसर्ग संधि MCQ Objective Questions
विसर्ग संधि Question 1:
निम्नलिखित में से किस में विसर्ग संधि नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
विसर्ग संधि Question 1 Detailed Solution
'संशय' में विसर्ग संधि नहीं है।
- संशय में व्यंजन संधि है।
- संधि विच्छेद - सम् + शय = संशय
Key Pointsअन्य विकल्प -
- दुर्दशा = दुः + दशा
- निष्फल = निः + फल
- निर्भय = नि: + भय
Important Pointsविसर्ग संधि के कुछ उदाहरण -
- धनु: + टंकार = धनुष्टंकार
- तै: + आगतम् = तैरागतम
- वय: + क्रम = वय:क्रम
- बहि: + कृत = बहिष्कृत
- शिर: + त्राण = शिरस्त्राण
- इत: + तत: = इतस्तत:
- बहि: + द्वंद्व = बहिर्द्वंद्व
- बहि: + अंग = बहिरंग
- प्रथम: + अध्याय = प्रथमोध्याय
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के संयोग से जो विकार होता है, उसे विसर्ग सन्धि कहते हैं।
स्वर या व्यंजन के संयोग से होने वाले विकार निम्नलिखित हैं -
- विसर्ग के आगे श, ष, स आए तो वह क्रमशः श्, ए, स्, में बदल जाता है।
- उदाहरण - निः + सन्देह = निस्सन्देह
- विसर्ग से पहले इ या उ हो और बाद में र आए तो विसर्ग का लोप हो जाएगा और इ तथा उ दीर्घ ई, ऊ में बदल जाएँगे।
- निः + रस = नीरस
- विसर्ग के बाद ‘च-छ’, ‘ट-ठ’ तथा ‘त-थ’ आए तो विसर्ग क्रमशः ‘श्’, ‘ष्’, ‘स्’ में बदल जाते हैं
- धनु: + टंकार = धनुष्टंकार
- निः + छल = निश्छल
- विसर्ग के बाद क, ख, प, फ रहने पर विसर्ग में कोई विकार नहीं होता।
- प्रात: + काल = प्रात:काल
- विसर्ग से पहले ‘अ’ या ‘आ’ को छोड़कर कोई स्वर हो और बाद में वर्ग के तृतीय,चतुर्थ और पंचम वर्ण अथवा य, र, ल, व में से कोई वर्ण हो तो विसर्ग ‘र’ में बदल जाता है।
- नि: + आधार = निराधार
- दुः + बोध = दुर्बोध
- विसर्ग से पहले अ, आ को छोड़कर कोई अन्य स्वर आए और बाद में कोई भी स्वर आए तो भी विसर्ग र् में बदल जाता है।
- नि: + आशा = निराशा
- विसर्ग से पहले अ आए और बाद में य, र, ल, व या ह आए तो विसर्ग का लोप हो जाता है तथा विसर्ग ‘ओ’ में बदल जाता है।
- मन: + रथ = मनोरथ
- विसर्ग से पहले इ या उ आए और बाद में क, ख, प, फ में से कोई वर्ण आए तो विसर्ग ‘ष्’ में बदल जाता है।
- निः + पाप = निष्पाप
विसर्ग संधि Question 2:
दिये गये संधि विच्छेद में सही विकल्प चुनिए
मनोयोग
Answer (Detailed Solution Below)
विसर्ग संधि Question 2 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में उचित उत्तर विकल्प 2 ‘मन: + योग’ है। अन्य विकल्प अनुचित उत्तर हैं।
Key Points
- ‘मनोयोग’ शब्द का उचित संधि-विच्छेद ‘मन: + योग’।
- यह विसर्ग संधि का उदाहरण है। विसर्ग से पहले अ, आ को छोड़कर कोई स्वर हो और बाद में कोई स्वर हो, वर्ग के तीसरे, चौथे, पाँचवें वर्ण अथवा य्, र, ल, व, ह में से कोई हो तो विसर्ग का र या र् हो जाता है।
- विसर्ग के साथ ‘श’ के मेल पर विसर्ग के स्थान पर भी ‘श्’ बन जाता है।
संधि |
परिभाषा |
उदहारण |
विसर्ग संधि |
विसर्ग के बाद स्वर व व्यंजन के आने पर विसर्ग में जो परिवर्तन या विकार उत्पन्न होता है, उसे विसर्ग-संधि कहते हैं। |
दुः + चरित्र = दुश्चरित्र |
Additional Information
संधि- सन्धि (सम् + धि) शब्द का अर्थ है 'मेल' या जोड़। दो निकटवर्ती वर्णों के परस्पर मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है वह संधि कहलाता है। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग |
||
संधि |
परिभाषा |
उदाहरण |
स्वर संधि |
स्वरों का स्वरों के साथ मेल होने पर उनमें जो ध्वनि सम्बन्धी परिवर्तन होता है, उसे ‘स्वर-सन्धि’ कहते हैं। |
राम + आधार = रामाधार |
व्यंजन संधि |
जब संधि करते समय व्यंजन के साथ स्वर या कोई व्यंजन के मिलने से जो रूप में परिवर्तन होता है, उसे ही व्यंजन संधि कहते हैं। |
षट् + आनन = षडानन |
विसर्ग संधि |
विसर्ग के बाद जब स्वर या व्यंजन आ जाये तब जो परिवर्तन होता है, उसे विसर्ग संधि कहते हैं। |
मनः + बल = मनोबल |
विसर्ग संधि Question 3:
मन∶ + अनुकूल की संधि है-
Answer (Detailed Solution Below)
विसर्ग संधि Question 3 Detailed Solution
सही उत्तर मनोनुकूल है।
Key Points
- मन∶ + अनुकूल की संधि मनोनुकूल है।
- मनोनुकूल मे विसर्ग संधि है।
- विसर्ग संधि- विसर्ग तथा व्यंजन या स्वर के परस्पर मेल से जो विकार उत्पन्न होता है, उसे विसर्ग संधि कहते हैं।
- यदि प्रथम पद के अंत में “अ” स्वर के बाद विसर्ग आये तथा दूसरे पद के प्रारंभ में किसी भी वर्ग का 3, 4, 5, य, र, ल, व, है में से कोई एक वर्ण आये तो विसर्ग “उ” में बदल जाता है और “अ + उ को ओ” हो जाता है।
- यदि आगे हृस्व “अ” आ जाये तो उसका अवग्रह रूप (ऽ) हो जाता है या फिर “अ” होने पर “अ” का लोप हो जाता है।
- उदाहरण -
- मन: + हर = मनोहर
- मन: + रंजन = मनोरंजन
Additional Information
संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग, |
||
संधि |
परिभाषा |
उदाहरण |
स्वर |
स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
विद्या + अर्थी = विद्यार्थी महा + ईश = महेश |
व्यंजन |
एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
अहम् + कार = अहंकार उत् + लास = उल्लास |
विसर्ग |
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
दुः + आत्मा =दुरात्मा निः + कपट =निष्कपट |
विसर्ग संधि Question 4:
दिए गए शब्दों की संधि ज्ञात कीजिए।
दुः + आशा
Answer (Detailed Solution Below)
विसर्ग संधि Question 4 Detailed Solution
दुः + आशा की संधि 'दुराशा' होगी। शेष विकल्प त्रुटिपूर्ण हैं। अतः विकल्प ‘दुराशा’ सही है।
स्पष्टीकरण -
- 'दुराशा' में विसर्ग संधि है। दुः + आशा = दुराशा (: + आ = र), यहाँ ':' और 'आ' के मेल से 'र' बना है।
- ‘विसर्ग संधि’ में विसर्ग से पूर्व स्वर अ, आ को छोड़ कर कोई दूसरा स्वर हो और बाद में आ, उ, ऊ या तीसरा, चौथा, पाँचवाँ वर्ण या य, र, ल, व में से कोई वर्ण हो तो विसर्ग का र् हो जाता है।
संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग, |
||
संधि |
परिभाषा |
उदाहरण |
स्वर |
स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
विद्या + अर्थी = विद्यार्थी महा + ईश = महेश |
व्यंजन |
एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
अहम् + कार = अहंकार उत् + लास = उल्लास |
विसर्ग |
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
दुः + आत्मा = दुरात्मा निः + कपट = निष्कपट |
विसर्ग संधि Question 5:
'पुरस्कार' शब्द का उचित संधि विच्छेद है-
Answer (Detailed Solution Below)
विसर्ग संधि Question 5 Detailed Solution
सही उत्तर 'पुरः + कार' है।
- 'पुरस्कार' शब्द का उचित संधि विच्छेद 'पुरः + कार' है।
- 'पुरस्कार' शब्द विसर्ग संधि का उदाहरण है।
- विसर्ग संधि की कुछ स्थितियों में कुछ शब्दों में विसर्ग का 'स्' हो जाता है।
Key Points
संधि-दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - |
|
स्वर संधि |
स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे – विद्या + अर्थी = विद्यार्थी, महा + ईश = महेश। |
व्यंजन संधि |
एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे - अहम् + कार = अहंकार, उत् + लास = उल्लास। |
विसर्ग संधि |
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे – दुः + आत्मा =दुरात्मा, निः + कपट =निष्कपट। |
Top विसर्ग संधि MCQ Objective Questions
निरीह का संधि विच्छेद इनमें से क्या है?
Answer (Detailed Solution Below)
विसर्ग संधि Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFनि: + ईह निरीह का सही संधि विच्छेद है।
Mistake Points
नि: + ईह = निरीह
- यदि विसर्ग से पहले अ, आ को छोड़कर कोई अन्य स्वर आए और बाद में कोई भी स्वर आए तो भी विसर्ग 'र्' में बदल जाता है।
- ई / इ : + अ / आ / इ / ई / उ / ऊ = र्
- उदाहरण -
- निः + अर्थक = निरर्थक
- निः + उपाय = निरुपाय
- संस्कृत में विसर्ग शब्दों का प्रयोग होता है वहीं हिन्दी में विसर्गों का प्रयोग नहीं के बराबर होता है।
Key Points
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के संयोग से जो विकार होता है, उसे विसर्ग सन्धि कहते हैं।
स्वर या व्यंजन के संयोग से होने वाले विकार निम्नलिखित हैं -
- विसर्ग के आगे श, ष, स आए तो वह क्रमशः श्, ए, स्, में बदल जाता है।
- उदाहरण - निः + सन्देह = निस्सन्देह
- विसर्ग से पहले इ या उ हो और बाद में र आए तो विसर्ग का लोप हो जाएगा और इ तथा उ दीर्घ ई, ऊ में बदल जाएँगे।
- निः + रस = नीरस
- विसर्ग के बाद ‘च-छ’, ‘ट-ठ’ तथा ‘त-थ’ आए तो विसर्ग क्रमशः ‘श्’, ‘ष्’, ‘स्’ में बदल जाते हैं
- धनु: + टंकार = धनुष्टंकार
- निः + छल = निश्छल
- विसर्ग के बाद क, ख, प, फ रहने पर विसर्ग में कोई विकार नहीं होता।
- प्रात: + काल = प्रात:काल
- विसर्ग से पहले ‘अ’ या ‘आ’ को छोड़कर कोई स्वर हो और बाद में वर्ग के तृतीय,चतुर्थ और पंचम वर्ण अथवा य, र, ल, व में से कोई वर्ण हो तो विसर्ग ‘र’ में बदल जाता है।
- नि: + आधार = निराधार
- दुः + बोध = दुर्बोध
- विसर्ग से पहले अ, आ को छोड़कर कोई अन्य स्वर आए और बाद में कोई भी स्वर आए तो भी विसर्ग र् में बदल जाता है।
- नि: + आशा = निराशा
- विसर्ग से पहले अ आए और बाद में य, र, ल, व या ह आए तो विसर्ग का लोप हो जाता है तथा विसर्ग ‘ओ’ में बदल जाता है।
- मन: + रथ = मनोरथ
- विसर्ग से पहले इ या उ आए और बाद में क, ख, प, फ में से कोई वर्ण आए तो विसर्ग ‘ष्’ में बदल जाता है।
- निः + पाप = निष्पाप
'निष्कारण' शब्द का संधि विच्छेद हैः
Answer (Detailed Solution Below)
विसर्ग संधि Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर निः + कारण है।
Key Points
- 'निष्कारण' का संधि विच्छेद निः + कारण है।
- 'निष्कारण' में विसर्ग संधि है।
- विसर्ग संधि- विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन मेल से जो विकार होता है उसे विसर्ग संधि कहते है। दूसरे शब्दों में- स्वर और व्यंजन के मेल से विसर्ग में जो विसर्ग होता है उसे विसर्ग संधि कहते है। हम ऐसे भी कह सकते हैं- विसर्ग ( : ) के साथ जब किसी स्वर अथवा व्यंजन का मेल होता है तो उसे विसर्ग-संधि कहते हैं।
- उदाहरण- मनः+रथ= मनोरथ
- पयः + द= पयोद
Additional Information
सन्धि (सम् + धि) शब्द का अर्थ है 'मेल' या जोड़। दो निकटवर्ती वर्णों के परस्पर मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है वह संधि कहलाता है। संस्कृत, हिन्दी एवं अन्य भाषाओं में परस्पर स्वरो या वर्णों के मेल से उत्पन्न विकार को सन्धि कहते हैं। जैसे - सम् + तोष = संतोष ; देव + इंद्र = देवेंद्र ; भानु + उदय = भानूदय।
निम्नलिखित में से एक संधि-विच्छेद सही नहीं हैः
Answer (Detailed Solution Below)
विसर्ग संधि Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDFस्वः + छंद का संधि विच्छेद सही नहीं है।
- स्वच्छन्द का सही संधि विच्छेद : स्व + छंद
- 'स्वछन्द' में व्यंजन संधि है तथा इसका संधि विच्छेद 'स्व + छंद' है।
Key Points
- उच्छ्वास = 'उत् + श्वास' = व्यंजन संधि
- संयोग = सम् + योग = व्यंजन संधि
- सन्मार्ग = "सत् + मार्ग" = व्यंजन सन्धि
- विसर्ग संधि के उदाहरण
- तपः + बल = तपोबल
- पुरः + हित = पुरोहित
- विसर्ग संधि के प्रकार
- सत्व विसर्ग संधि
- उत्व संधि
- रूत्व संधि
Additional Information
- यदि किसी भी पद के आखिर में या अंत में “अ” स्वर के अलावा कोई अन्य स्वर आये और उसके बाद में विसर्ग आये तथा दूसरे शब्द के शुरू में वर्ण का तीसरा, चौथा, पांचवा अक्षर “य्, र्, ल्, व्” में से कोई आये तो वर्ण अगले वर्ण के ऊपर चढ़ जाता है और विसर्ग “र” हो जाता है।
- बहि: + अंग = बहिरंग
- आशी: + वाद = आशीर्वाद
- यदि किसी प्रथम पद के आखिर या अन्त मे “अ” आये उसके बाद मे विसर्ग आये तथा दूसरे पद के शुरुआत् क तीसरा, चौथा, पांचवा “य्, र्, ल्, व्” में से कोई आये तो “उ” बन जाता है,
- अतः अ+उ = ओ हो जाता है।
- तप + वन = तपोवन
- मन + हर = मनोहर
- यदि किसी पद के अन्त मे कोई भी स्वर आने के पश्चात विसर्ग आये तथा उसके बाद दूसरे पद के शुरुआत् मे “त/थ” आने पर “स” बन जाता है।
- यदि “च/छ्” आता है तो “श” बन जाता है, उसके बाद मे “ट/ठ” आने पर “ष” बन जाता है।
- चन्द्र: + तम् = चन्द्र्स्तम्
- नि: + चय = निश्चय
- धनु: + टकार = धनुष्टकार
'निष्कपट' में संधि है
Answer (Detailed Solution Below)
विसर्ग संधि Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर 'विसर्ग संधि' है।
Key Points
- 'निष्कपट' में विसर्ग संधि है।
- निष्कपट शब्द का सन्धि विच्छेद 'निः + कपट' है।
- विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से जो विकार होता है उसे विसर्ग संधि कहते हैं।
अन्य विकल्प:
- गुण संधि - जब अ, आ के आगे इ, ई या ‘उ’, ‘ऊ’ तथा ‘ऋ’ हो तो क्रमश: ए, ओ और अर् हो जाता है, इसे गुण सन्धि कहते हैं।
- जैसे - उप + इन्द्र = उपेन्द्र।
- यण संधि - जब इ, ई, उ, ऊ, ऋ के आगे कोई भिन्न स्वर आता है तो ये क्रमश: य, व, र, ल् में परिवर्तित हो जाते हैं, इस परिवर्तन को यण सन्धि कहते हैं।
- जैसे - अति + अल्प = अत्यल्प
- व्यंजन संधि - व्यंजन के साथ व्यंजन या स्वर का मेल होने से जो विकार होता है, उसे व्यंजन सन्धि कहते हैं।
- जैसे - दिक् + अम्बर = दिगम्बर।
Additional Information
- दो वर्णों या ध्वनियों के संयोग से होने वाले विकार (परिवर्तन) को सन्धि कहते हैं।
- संधि करते समय कभी–कभी एक अक्षर में, कभी–कभी दोनों अक्षरों में परिवर्तन होता है और कभी–कभी दोनों अक्षरों के स्थान पर एक तीसरा अक्षर बन जाता है।
-
सन्धियाँ तीन प्रकार की होती हैं-
-
स्वर सन्धि
-
व्यंजन सन्धि
-
विसर्ग सन्धि
'अतएव' का संधि-विच्छेद होगा:
Answer (Detailed Solution Below)
विसर्ग संधि Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDF- 'अतएव' का संधि विच्छेद 'अतः + एव' होगा।
- इसलिये 'अतः + एव' सही विकल्प होगा,अन्य सभी विकल्प असंगत है।
- विसर्ग के बाद स्वर या व्यंजन आने पर विसर्ग में जो विकार होता है,उसे 'विसर्ग संधि' कहा जाता है।
- जैसे: नि: + आहार = निराहार
- दु: + आशा = दुराशा
- अतएव शब्द में विसर्ग संधि हुई है,अतः दो शब्दों के बीच रहे विसर्ग का लोप हुआ है।
विसर्ग का लोप हो जाना:
- यदि विसर्ग के पहले 'अ' या 'आ' हो और विसर्ग के बाद कोई भिन्न स्वर हो तो विसर्ग का लोप हो जाता है।
- जैसे: अतः + एव = अतएव।
'निश्चल' का सही संधि-विच्छेद है-
Answer (Detailed Solution Below)
विसर्ग संधि Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDFदिये गए विकल्पों में से विकल्प 1 ‘नि: + चल‘ सही उत्तर है। अन्य विकल्प अनुचित उत्तर हैं।
Key Points
- निश्चल का संधि-विच्छेद ‘नि: + चल’ है।
- निश्चल का सही संधि-विच्छेद ‘विसर्ग संधि’ उदाहरण है।
- जब संधि करते समय विसर्ग के बाद स्वर या व्यंजन वर्ण के आने से जो विकार उत्पन्न होता है, हम उसे विसर्ग संधि कहते हैं।
- यदि विसर्ग के बाद च,छ और श, हो तो विसर्ग का श्, ट,ठ और ष हो तो ष् और त, थ,स हो तो विसर्ग का स् हो जाता है।
उदाहरण:
- अंतः + करण : अन्तकरण
Additional Information
संधि - दो शब्दों या शब्दांशों के मिलने से नया शब्द बनने पर उनके निकटवर्ती वर्णों में होने वाले परिवर्तन या विकार को संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग |
||
संधि |
परिभाषा |
उदाहरण |
स्वर संधि |
जब दो स्वर आपस में जुड़ते हैं या दो स्वरों के मिलने से उनमें जो परिवर्तन आता है, तो वह स्वर संधि कहलाती है। |
काम + अरि = कामारि |
व्यंजन संधि |
जब दो वर्णों में संधि होती है तो उनमे से पहला यदि व्यंजन होता है और दूसरा स्वर या व्यंजन होता है तो उसे हम व्यंजन संधि कहते हैं। |
अहम् + कार =अहंकार |
विसर्ग संधि |
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन मेल से जो विकार होता है, उसे 'विसर्ग संधि' कहते है। |
अधः + पतन = अध: पतन |
“निश्चल” का सही संंधि-विच्छेद क्या है?
Answer (Detailed Solution Below)
विसर्ग संधि Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDF“निश्चल” का सही संंधि-विच्छेद है - 'नि: + चल'
- नि: + चल = निश्चल
- 'निश्चल' में विसर्ग संधि है।
- यदि विसर्ग के पहले कोई स्वर हो और बाद मे च, छ या श हो तो विसर्ग का श हो जाता है ।
- निश्चल - जो अपने स्थान से ज़रा भी इधर-उधर न होता हो।
Key Pointsविसर्ग:-
- जब संधि करते समय विसर्ग के बाद स्वर या व्यंजन वर्ण के आने से जो विकार (परिवर्तन) उत्पन्न होता है, हम उसे विसर्ग संधि कहते हैं।
उदाहरण-
- यशः + दा = यशोदा
- निः + तेज़ = निस्तेज
- दु: + शाशन = दुश्शाशन
- दु: + उपयोग = दुरूपयोग
- अंतः + राष्ट्रीय = अंतर्राष्ट्रीय
“निश्चय करने पर व्यक्ति क्या नहीं कर सकता!” - रेखांकित शब्द में कौन-सी संधि है?
Answer (Detailed Solution Below)
विसर्ग संधि Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर 'विसर्ग संधि' है।
Key Pointsनिश्चय शब्द में विसर्ग संधि है।
विसर्ग संधि |
स्वर और व्यंजन के मेल से विसर्ग में जो विसर्ग होता है उसे विसर्ग संधि कहते है। |
निश्चय = निः + चय (:+च्=श्) |
अन्य विकल्प -
संधि |
परिभाषा |
अयादि संधि |
जब संधि करते समय ए , ऐ , ओ , औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो (ए का अय), (ऐ का आय), (ओ का अव), (औ – आव) बन जाता है। यही अयादि संधि कहलाती है। जैसे - गै + अक = गायक |
स्वर संधि |
स्वर संधि दो स्वरों के मेल से होने वाले विकार (परिवर्तन) को स्वर-संधि कहते हैं। जैसे - विद्या + आलय = विद्यालय। |
व्यंजन संधि |
व्यंजन का व्यंजन से अथवा किसी स्वर से मेल होने पर जो परिवर्तन होता है उसे व्यंजन संधि कहते हैं। क् + ग = ग्ग जैसे दिक् + गज = दिग्गज। |
'निश्छल' का संधि विच्छेद है:
Answer (Detailed Solution Below)
विसर्ग संधि Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDFउपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प 2 ‘नि∶ + छल’ इसका सही उत्तर है। अन्य विकल्प इसके सही उत्तर नहीं हैं।
Key Points
- 'निश्छल' का संधि विच्छेद ‘नि∶ + छल’ है। यह विसर्ग संधि का उदाहरण है।
- विसर्ग संधि- यदि विसर्ग के बाद च, छ या श हो तो विसर्ग का श् हो जाता है।
- यदि विसर्ग के बाद च, छ और श, हो तो विसर्ग का श्, ट,ठ और ष हो तो ष् और त, थ,स हो तो विसर्ग का स् हो जाता है।
Additional Information
संधि - सन्धि (सम् + धि) शब्द का अर्थ है 'मेल' या जोड़। दो निकटवर्ती वर्णों के परस्पर मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है वह संधि कहलाता है। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग। |
||
संधि |
परिभाषा |
उदाहरण |
स्वर |
स्वरों का स्वरों के साथ मेल होने पर उनमें जो ध्वनि सम्बन्धी परिवर्तन होता है, उसे ‘स्वर-सन्धि’ कहते हैं। |
राम + आधार = रामाधार |
व्यंजन |
जब संधि करते समय व्यंजन के साथ स्वर या कोई व्यंजन के मिलने से जो रूप में परिवर्तन होता है, उसे ही व्यंजन संधि कहते हैं। |
षट् + आनन = षडानन |
विसर्ग |
विसर्ग के बाद जब स्वर या व्यंजन आ जाये तब जो परिवर्तन होता है उसे विसर्ग संधि कहते हैं। |
मनः + बल = मनोबल |
'मनोभाव' में कौन सी संधि है ?
Answer (Detailed Solution Below)
विसर्ग संधि Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDF'मनोभाव' में : विसर्ग संधि है।
- संधि विच्छेद: मनः+भाव
- विसर्ग संधि के उदाहरण
- तपः + बल = तपोबल
- पुरः + हित = पुरोहित
- विसर्ग संधि के प्रकार
- सत्व विसर्ग संधि
- उत्व संधि
- रूत्व संधि
Additional Information
- यदि किसी भी पद के आखिर में या अंत में “अ” स्वर के अलावा कोई अन्य स्वर आये और उसके बाद में विसर्ग आये तथा दूसरे शब्द के शुरू में वर्ण का तीसरा, चौथा, पांचवा अक्षर “य्, र्, ल्, व्” में से कोई आये तो वर्ण अगले वर्ण के ऊपर चढ़ जाता है और विसर्ग “र” हो जाता है।
- बहि: + अंग = बहिरंग
- आशि: + वाद = आशिर्वाद
- यदि किसी प्रथम पद के आखिर या अन्त मे “अ” आये उसके बाद मे विसर्ग आये तथा दूसरे पद के शुरुआत् क तीसरा, चौथा, पांचवा “य्, र्, ल्, व्” में से कोई आये तो “उ” बन जाता है,
- अतः अ+उ = ओ हो जाता है।
- तप + वन = तपोवन
- मन + हर = मनोहर
- यदि किसी पद के अन्त मे कोई भी स्वर आने के पश्चात विसर्ग आये तथा उसके बाद दूसरे पद के शुरुआत् मे “त/थ” आने पर “स” बन जाता है।
- यदि “च/छ्” आता है तो “श” बन जाता है, उसके बाद मे “ट/ठ” आने पर “ष” बन जाता है।
- चन्द्र: + तम् = चन्द्र्स्तम्
- नि: + चय = निश्चय
- धनु: + टकार = धनुष्टकार