साहित्य का इतिहास MCQ Quiz - Objective Question with Answer for साहित्य का इतिहास - Download Free PDF
Last updated on Jun 16, 2025
Latest साहित्य का इतिहास MCQ Objective Questions
साहित्य का इतिहास Question 1:
'कामायनी' के रचनाकार है-
Answer (Detailed Solution Below)
साहित्य का इतिहास Question 1 Detailed Solution
'कामायनी' के रचनाकार जयशंकर प्रसाद है. सही उत्तर विकल्प 1 'जयशंकर प्रसाद' है।
Key Points
- कामायनी -
कामायनी हिंदी भाषा का एक महाकाव्य है। इसके रचयिता जयशंकर प्रसाद हैं। यह आधुनिक छायावादी युग का सर्वोत्तम और प्रतिनिधि हिंदी महाकाव्य है। 'प्रसाद' जी की यह अंतिम काव्य रचना 1936 ई. में प्रकाशित हुई, परंतु इसका प्रणयन प्राय: 7-8 वर्ष पूर्व ही प्रारंभ हो गया था। 'चिंता' से प्रारंभ कर 'आनंद' तक 15 सर्गों के इस महाकाव्य में मानव मन की विविध अंतर्वृत्तियों का क्रमिक उन्मीलन इस कौशल से किया गया है कि मानव सृष्टि के आदि से अब तक के जीवन के मनोवैज्ञानिक और सांस्कृतिक विकास का इतिहास भी स्पष्ट हो जाता है।
कला की दृष्टि से कामायनी छायावादी काव्यकला का सर्वोत्तम प्रतीक माना जा सकता है। चित्तवृत्तियों का कथानक के पात्र के रूप में अवतरण इस काव्य की अन्यतम विशेषता है। और इस दृष्टि से लज्जा, सौंदर्य, श्रद्धा और इड़ा का मानव रूप में अवतरण हिंदी साहित्य की अनुपम निधि है।कामायनी प्रत्यभिज्ञा दर्शन पर आधारित है। साथ ही इस पर अरविन्द दर्शन और गांधी दर्शन का भी प्रभाव यत्र तत्र मिल जाता है।
-
जयशंकर प्रसाद -
- जयशंकर प्रसाद -हिन्दी कवि, नाटककार, उपन्यासकार तथा निबन्धकार थे। वे हिन्दी के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। उन्होंने हिन्दी काव्य में एक तरह से छायावाद की स्थापना की जिसके द्वारा खड़ी बोली के काव्य में न केवल कमनीय माधुर्य की रससिद्ध धारा प्रवाहित हुई, बल्कि जीवन के सूक्ष्म एवं व्यापक आयामों के चित्रण की शक्ति भी संचित हुई और कामायनी तक पहुँचकर वह काव्य प्रेरक शक्तिकाव्य के रूप में भी प्रतिष्ठित हो गया। बाद के प्रगतिशील एवं नई कविता दोनों धाराओं के प्रमुख आलोचकों ने उसकी इस शक्तिमत्ता को स्वीकृति दी। इसका एक अतिरिक्त प्रभाव यह भी हुआ कि खड़ीबोली हिन्दी काव्य की निर्विवाद सिद्ध भाषा बन गयी।
साहित्य का इतिहास Question 2:
‘अर्द्धनारीश्वर' के रचनाकार कौन हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
साहित्य का इतिहास Question 2 Detailed Solution
सही विकल्प है -विष्णु प्रभाकर।
- ‘अर्द्धनारीश्वर' के रचनाकार विष्णु प्रभाकर है।
- अर्द्धनारीश्वर(19) हिन्दी के विख्यात साहित्यकार विष्णु प्रभाकर द्वारा रचित एक उपन्यास है जिसके लिये उन्हें सन् 1993 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
Key Points
- यह हिंदी भाषा में लिखा गया उपन्यास है
- विष्णु प्रभाकर ने अपनी महान कृति 'अर्द्धनारीश्वर' में व्यक्तिमन, समाजमन एवं अंतर्मन के विविध स्तरों पर नारी और नर के मानसिकता की ऐसी व्यवस्था दी है, जो तमाम सामाजिक व्यवस्था से अलग है।
Additional Information
विष्णु प्रभाकर जी कि अन्य रचनाये-:
- निशिकांत।
- तट के बंधन।
- स्वपनमयी।
- दर्पण का व्यक्ति।
- अर्धनारीश्वर।
- कोई तो।
साहित्य का इतिहास Question 3:
'कर्मभूमि' किसके द्वारा रचित उपन्यास है?
Answer (Detailed Solution Below)
साहित्य का इतिहास Question 3 Detailed Solution
'कर्मभूमि' प्रेमचंद द्वारा रचित उपन्यास है। अत: सही उत्तर विकल्प 2 प्रेमचंद है।
Key Points
- कर्मभूमि प्रेमचन्द का राजनीतिक उपन्यास है जो पहली बार 1932 में प्रकाशित हुआ। आज कई प्रकाशकों द्वारा इसके कई संस्करण निकल चुके हैं।
- इस उपन्यास में विभिन्न राजनीतिक समस्याओं को कुछ परिवारों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है।
- ये परिवार यद्यपि अपनी पारिवारिक समस्याओं से जूझ रहे हैं तथापि तत्कालीन राजनीतिक आन्दोलन में भाग ले रहे हैं।
अन्य विकल्प -
रचनाकार |
परिचय |
प्रमुख रचनाएँ |
यशपाल |
यशपाल हिन्दी साहित्य के प्रेमचंदोत्तर युगीन कथाकार हैं। ये विद्यार्थी जीवन से ही क्रांतिकारी आन्दोलन से जुड़े थे। इन्हें साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन् 1970 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। |
दिव्या, देशद्रोही, झूठा सच, दादा कामरेड, अमिता, मनुष्य के रूप, मेरी तेरी उसकी बात (उपन्यास), पिंजड़े की उड़ाना, फूलो का कुर्ता, भस्मावृत चिंगारी, धर्मयुद्ध, सच बोलने की भूल (कहानी-संग्रह) तथा चक्कर क्लब (व्यंग्य-संग्रह) आदि। |
भीष्म साहनी |
भीष्म साहनी को हिन्दी साहित्य में प्रेमचंद की परंपरा का अग्रणी लेखक माना जाता है। वे मानवीय मूल्यों के लिए हिमायती रहे और उन्होंने विचारधारा को अपने ऊपर कभी हावी नहीं होने दिया। वामपंथी विचारधारा के साथ जुड़े होने के साथ-साथ वे मानवीय मूल्यों को कभी आंखो से ओझल नहीं करते थे। |
झरोखे, तमस, बसंती, मेरी प्रिय कहानियां, भाग्यरेखा, वांगचू, निशाचर, हानूश, माधवी, कबिरा खड़ा बजार में आदि। |
अमरकांत |
अमरकांत (1925 - 17 फ़रवरी 2014) हिंदी कथा साहित्य में प्रेमचंद के बाद यथार्थवादी धारा के प्रमुख कहानीकार थे। |
ज़िंदगी और जोक, देश के लोग, मौत का नगर, मित्र मिलन, कँटीली राह के फूल, ग्राम सेविका, सुखजीवी, बीच की दीवार आदि। |
Additional Information
प्रेमचंद का परिचय -
- धनपत राय श्रीवास्तव (31 जुलाई 1880 – 8 अक्टूबर 1936) जो नाम से जाने जाते हैं, वो हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे।
- उन्होंने सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि लगभग डेढ़ दर्जन उपन्यास तथा कफन, पूस की रात, पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी, बूढ़ी काकी, दो बैलों की कथा आदि तीन सौ से अधिक कहानियाँ लिखीं।
- उन्होंने हिंदी समाचार पत्र जागरण तथा साहित्यिक पत्रिका हंस का संपादन और प्रकाशन भी किया।
- हिंदी कहानी तथा उपन्यास के क्षेत्र में 1918 से 1936 तक के कालखंड (कालखण्ड) को 'प्रेमचंद युग' या 'प्रेमचन्द युग' कहा जाता है।
साहित्य का इतिहास Question 4:
अमृतलाल नागर जी कौन सी कृति के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजे गए थे?
Answer (Detailed Solution Below)
साहित्य का इतिहास Question 4 Detailed Solution
सही उत्तर है - अमृत और विष।
Key Pointsअमृतलाल नागर जी को मिले प्रमुख पुरस्कार:-
- नागर जी को 'बूँद और समुद्र' पर काशी नागरी प्रचारिणी सभा का बटुक प्रसाद पुरस्कार
- 'सुहाग के नूपुर' पर उत्तरप्रदेश शासन का प्रेमचंद पुरस्कार
- 'अमृत और विष' पर साहित्य अकादमी पुरस्कार एवं सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार
Important Points
- पाठ:- भारतीय चित्रपट : मूक से सवाक् फिल्मों तक
- लेखक:- अमृतलाल नागर
- विधा:- निबंध
Additional Informationअमृतलाल नागर की प्रमुख रचनायें:-
- उपन्यास:- 'महाकाल', 'सेठ बाँकेलाल', 'बूँद और समुद्र', 'सुहाग के नूपुर', 'अमृत और विष', 'मानस का हंस' आदि।
- कहानी एवं रेखाचित्र:- 'वाटिका', 'अवशेष', 'नवाबी मसनद', 'तुलाराम शास्त्री', 'आदमी नहीं, नहीं', 'एक दिल हजार दास्ताँ', 'पाचवाँ दस्ता और सात अन्य कहानियाँ' आदि ।
- रिपोर्ताज एवं संस्मरण:- 'गदर के फूल', 'ये कोठेवालियाँ' आदि ।
- अनुवाद:- 'बिसाती', 'प्रेम की प्यास', 'आँखों देखा गदर' आदि ।
- निबंध संग्रह:- ' फिल्म क्षेत्रे रंग क्षेत्रे' ।
- बाल साहित्य:- 'नटखट चाची', 'निंदिया आजा', 'बजरंगी नौरंगी', 'बाल महाभारत' आदि ।
साहित्य का इतिहास Question 5:
पथगति पेखल मो राधा, तखनुक भाव परान भए।
पीड़ित रहल कुमुद निधि साधा।।
उपर्युक्त पंक्तियाँ किस कवि की हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
साहित्य का इतिहास Question 5 Detailed Solution
उपर्युक्त पंक्तियाँ विद्यापति की हैं। अत: सही उत्तर विकल्प 1 विद्यापति है।
Key Points
-
पथगति पेखल मो राधा, तखनुक भाव परान भए।
पीड़ित रहल कुमुद निधि साधा।। -
प्रस्तुत पंक्तियाँ विद्यापति की हैं।
अन्य विकल्प-
रचनाकार |
परिचय |
मधुकर |
मणि मधुकर हिंदी एवं राजस्थानी भाषा के प्रसिद्ध कवि और लेखक हैं। इनका मूल नाम मनीराम शर्मा है। इनके द्वारा रचित एक कविता संग्रह 'पगफेरौ' के लिये उन्हें सन 1975 में 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था। रचनाएँ - रसगन्धर्व, हवा में अकेले, सूखे सरोवर का भूगोल, दुलारी बाई आदि |
प्रेमचंद |
धनपत राय श्रीवास्तव (31 जुलाई 1880 – 8 अक्टूबर 1936) जो नाम से जाने जाते हैं, वो हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे। उन्होंने हिंदी समाचार पत्र जागरण तथा साहित्यिक पत्रिका हंस का संपादन और प्रकाशन भी किया। हिंदी कहानी तथा उपन्यास के क्षेत्र में 1918 से 1936 तक के कालखंड (कालखण्ड) को 'प्रेमचंद युग' या 'प्रेमचन्द युग' कहा जाता है। रचनाएँ - सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि लगभग डेढ़ दर्जन उपन्यास तथा कफन, पूस की रात, पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी, बूढ़ी काकी, दो बैलों की कथा आदि । |
कबीर |
भारत के महान संत और आध्यात्मिक कवि कबीर दास का जन्म वर्ष 1440 में हुआ था। इस्लाम के अनुसार ‘कबीर’ का अर्थ महान होता है। संत कबीरदास हिंदी साहित्य के भक्ति काल के इकलौते ऐसे कवि हैं, जो आजीवन समाज और लोगों के बीच व्याप्त आडंबरों पर कुठाराघात करते रहे। वह कर्म प्रधान समाज के पैरोकार थे और इसकी झलक उनकी रचनाओं में साफ़ झलकती है। लोक कल्याण हेतु ही मानो उनका समस्त जीवन था। रचना - बीजक |
Additional Information
विद्यापति का परिचय-
- विद्यापति भारतीय साहित्य की 'शृंगार-परम्परा' के साथ-साथ 'भक्ति-परम्परा' के प्रमुख स्तंभों मे से एक और मैथिली के सर्वोपरि कवि के रूप में जाने जाते हैं।
- इनके काव्यों में मध्यकालीन मैथिली भाषा के स्वरूप का दर्शन किया जा सकता है।
- इन्हें वैष्णव , शैव और शाक्त भक्ति के सेतु के रूप में भी स्वीकार किया गया है। मिथिला के लोगों को 'देसिल बयना सब जन मिट्ठा' का सूत्र दे कर इन्होंने उत्तरी-बिहार में लोकभाषा की जनचेतना को जीवित करने का महान् प्रयास किया है।
- मिथिलांचल के लोकव्यवहार में प्रयोग किये जानेवाले गीतों में आज भी विद्यापति की शृंगार और भक्ति-रस में पगी रचनाएँ जीवित हैं। पदावली और कीर्तिलता इनकी अमर रचनाएँ हैं।
Top साहित्य का इतिहास MCQ Objective Questions
“लज्जा” किस लेखक/लेखिका की कृति है?
Answer (Detailed Solution Below)
साहित्य का इतिहास Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFतस्लीमा नसरीन, यहाँ सही विकल्प है, अन्य विकल्प असंगत है।
- लज्जा 1993 में प्रकाशित एक बांग्ला उपन्यास है। अत: सही विकल्प 1 तस्लीमा नसरीन है।
Additional Information
अन्य रचनकारों की प्रमुख रचनाएँ-
यशपाल |
झूठा सच, मेरी तेरी उसकी बात, दादा कॉमरेड, फूलो का कुर्ता आदि| |
तस्लीमा नसरीन |
लज्जा, अमार मेयबाला आदि| |
कन्हैया लाल |
लोपामुद्रा, लोह मर्शिनी |
जैनेन्द्र कुमार |
परख, सुनीता, त्यागपत्र, कल्याणी आदि। |
इनमें से कौन सी गजानन माधव मुक्तिबोध जी द्वारा रचित रचना नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
साहित्य का इतिहास Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDFअँधा युग गजानन माधव मुक्तिबोध जी द्वारा रचित रचना नहीं है। अन्य विकल्प असंगत है ।अतः सही उत्तर विकल्प 1 " अँधा युग" होगा ।
Key Points
गजानन माधव मुक्तिबोध जी द्वारा रचित रचना:
कविता संग्रह |
चाँद का मुँह टेढ़ा है, भूरी भूरी खाक धूल |
कहानी संग्रह |
काठ का सपना, विपात्र, सतह से उठता आदमी |
आलोचना |
कामायनी : एक पुनर्विचार, नई कविता का आत्मसंघर्ष, नए साहित्य का सौंदर्यशास्त्र |
अन्य विकल्प :
रचना: |
रचनाकार |
अँधा युग |
धर्मवीर भारती |
Additional Information
धर्मवीर भारती द्वारा रचित रचना
कहानी संग्रह |
मुर्दों का गाँव, स्वर्ग और पृथ्वी, चाँद और टूटे हुए लोग, बंद गली का आखिरी मकान, |
काव्य रचनाएं |
ठंडा लोहा, सात गीत वर्ष, कनुप्रिया, सपना अभी भी |
उपन्यास |
गुनाहों का देवता, सूरज का सातवां घोड़ा, ग्यारह सपनों का देश, प्रारंभ व समापन |
निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस सही विकल्प का चयन करें जो बताता है कि- सत्यार्थ प्रकाश उपन्यास के लेखक का नाम क्या है?
Answer (Detailed Solution Below)
साहित्य का इतिहास Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDFसत्यार्थ प्रकाश उपन्यास के लेखक का नाम दयानन्द सरस्वती है। अन्य विकल्प असंगत है ।अतः सही उत्तर विकल्प 1 दयानन्द सरस्वती होगा ।
सत्यार्थ प्रकाश आर्य समाज का प्रमुख ग्रन्थ है जिसकी रचना महर्षि दयानन्द सरस्वती ने 1875 ई में हिन्दी में की थी। ग्रन्थ की रचना का कार्य स्वामी जी ने उदयपुर में किया। लेखन-स्थल पर वर्तमान में सत्यार्थ प्रकाश भवन बना है। |
अन्य विकल्प :
रचनाकार |
रचना |
हर्ष वर्धन |
नागानन्द, रत्नावली और प्रियदर्शिका |
अरबिंदो घोष |
दिव्य जीवन, द मदर, लेटर्स आन् योगा, सावित्री, योग समन्वय, फ्यूचर पोयट्री |
भवभूति |
महावीरचरितम् , उत्तररामचरितम् , मालतीमाधव |
'देवदास' उपन्यास पर तीन बार फिल्म बन चुकी है। उपन्यासकार का क्या नाम है।
Answer (Detailed Solution Below)
साहित्य का इतिहास Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDF'देवदास' उपन्यास के उपन्यासकार शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय है इसलिए सही उत्तर विकल्प 2 शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय है।
- प्रकाशन वर्ष - 1917ई.
- रचनाकार - शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय
- पात्र - देवदास, पारो,चंद्रमुखी, भोलानाथ, नारायण मुखर्जी, नीलकंठ, धर्मदास, मनोरमा, हरिमति, भुवन चौधरी, महेन्द्रदास,यशोदा।
Key Points शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय-
- जन्म- 1876-1938ई.
- शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय बांग्ला भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार थे।
- इनकी सर्वाधिक कृतियाँ गाँव के लोगों के जीवन शैली, उनके संघर्ष एवं उनके द्वारा झेले गये संकट पर आधारित है।
- प्रमुख उपन्यास-
- बड़दिदि-1913 ई.
- बिराजबौ-1914 ई.
- परिणीता-1914 ई.
- बैकुन्ठेर उइल- 1915ई.
- पल्लीसमाज-1916 ई.
- चन्द्रनाथ-1916ई.
- अरक्षणीया-1916ई.
- पन्डितमशाइ-1917 ई. आदि।
सन 2001 में कथाकार संजीव को उनकी किस रचना के लिए इंदू शर्मा अंतर्राष्ट्रीय कथा सम्नान, लंदन दिया गया।
Answer (Detailed Solution Below)
साहित्य का इतिहास Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDFजंगल जहाँ शुरू होता है, यहाँ सही विकल्प है। अन्य विकल्प असंगत है।
सन 2001 में कथाकार संजीव को उनकी “जंगल जहाँ शुरू होता है” रचना के लिए इंदू शर्मा अंतर्राष्ट्रीय कथा सम्नान, लंदन दिया गया। अत: प्रश्नानुसार सही विकल्प 1"जंगल जहां शुरू होता है" है।
- यह जंगल और जनजातियों पर आधारित एक रचना है।
- यह उपन्यास विधा में लिखी हुई रचना है।
अन्य रचनाएँ-
- ऑपरेशन जोनाकी- नाटक - संजीव
'कविप्रिया' के रचनाकार है -
Answer (Detailed Solution Below)
साहित्य का इतिहास Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDF'कविप्रिया' के रचनाकार है - केशवदास अन्य सभी विकल्प असंगत है।
Key Points
- कविप्रिया (1601 ई.) रीति काल के प्रसिद्ध कवि केशवदास द्वारा लिखा गया ग्रंथ है।
- अपने इस ग्रंथ में केशव ने 'अलंकार' शब्द को उसी व्यापक अर्थ में ग्रहण किया है, जैसे दण्डी, वामन आदि आचार्यों ने।
- कविप्रिया कविजनों का मार्गदर्शक ग्रंथ कहा जा सकता है। इसमें कवि-कर्त्तव्यों तथा अलंकारों का विवेचन है।
Important Pointsकेशवदास-
- जन्म - 1555 - 1617 ई.
- हिन्दी के प्रसिद्ध रीतिकालीन कवि थे,
- जिनका समय भक्ति काल के अंतर्गत पड़ता है।
- मुख्य रचनाएँ -
- रसिकप्रिया (1591 ई.)
- कविप्रिया' और 'रामचन्द्रिका (1601 ई.)
- विज्ञानगीता (1610 ई.)
- जहाँगीरजसचन्द्रिका (1612 ई.)
Additional Informationबिहारी लाल -
- जन्म - 1595 - 1663 ई.
- बिहारीलाल चौबे या बिहारी हिंदी के रीति काल के प्रसिद्ध कवि थे।
- मुख्य रचनाएँ -
- बिहारी सतसई
मलिक मुहम्मद जायसी -
- जन्म- 1397-1494 ई.
- भक्तिकाल की निर्गुण प्रेमाश्रयी शाखा व मलिक वंश के कवि है।
- जायसी अत्यंत उच्चकोटि के सरल और उदार सूफ़ी महात्मा थे।
- मुख्य रचनाएँ-
- पद्मावत
- अखरावट
- आख़िरी कलाम
- चित्ररेखा
- कहरानामा आदि।
भूषण -
- जन्म- 1613-1715 ई.
- रीतिकाल के तीन प्रमुख हिन्दी कवियों में से एक हैं।
- मुख्य रचनाएँ-
- शिवराज भूषण
- शिवा बावनी
- छत्रसाल दशक
सतरहवें ‘रमाकांत स्मृति कहानी पुरस्कार’ से किसे सम्मानित किया गया था।
Answer (Detailed Solution Below)
साहित्य का इतिहास Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDFइंद्रा डांगी, यहाँ सही विकल्प है। अन्य विकल्प असंगत है।
सतरहवें ‘रमाकांत स्मृति कहानाी पुरस्कार’ से इंद्रा डांगी सम्मानित किया गया था। अत: सही विकल्प 1 'इंद्रा डांगी' है।
अन्य विशेष
- इंद्रा डांगी जी को अपनी कहानी इमरान साहब के लिए यह पुरस्कार दिया गया था।
- वर्ष 2013 में यह सम्मान प्राप्त हुआ।
- इंद्रा डांगी के ने रचनाएँ- बोतल का पानी, लीप सेकेण्ड
Mistake Points रमाकांत स्मृति कहानी पुरस्कार
- रमाकांत छठे दशक के महत्वपूर्ण कथाकारों में से एक हैं. दो दिसम्बर १1932 को जन्मे इस कथाकार के चर्चित कहानी संग्रह हैं- कार्लो हब्शी का संदूक, जिन्दगी भर का झूठ, उसकी लड़ाई, एक विपरीत कथा और कोई और बात. रमाकांत के महत्वपूर्ण उपन्यास हैं जुलूस वाला आदमी, छोटे छोटे महायुद्ध, उपसंस्कार, खोयी हुयी आवाज़, तीसरा देश, दरवाज़े पर आग, समाधान, टूटते जुड़ते स्वर, बिस्तर और आकाश. सोवियत भूमि के सम्पादक रहे रमाकांत को सोवियत लैंड नेहरू सम्मान तो मिला ही, नेल्सन मंडेला के भारत आने पर उनकी कहानी 'कार्लो हब्शी का संदूक' का भीष्म साहनी द्वारा किया गया अनुवाद उन्हें भेंट किया गया था. "क्रासाद" नामक पाक्षिक का सम्पादन और अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए चर्चित रमाकांत युवा रचनाकारों को सदा प्रोत्साहित करते रहे. उनका निधन 06 दिसम्बर 1991 को दिल्ली में हआ.
हिन्दी साहित्य अकादमी की ओर से हर वर्ष शलाका सम्मान पुरस्कार किस क्षेत्र को दिया जाता है?
Answer (Detailed Solution Below)
साहित्य का इतिहास Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDFहिन्दी साहित्य अकादमी की ओर से हर वर्ष शलाका सम्मान पुरस्कार हिंदी को नई दिशा प्रदान करने के लिए क्षेत्र को दिया जाता है। अन्य विकल्प असंगत है ।अतः सही उत्तर विकल्प 4 हिंदी को नई दिशा प्रदान करने के लिए होगा ।
Key Points
शलाका सम्मान हिंदी अकादमी को ओर से दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। हिन्दी जगत में सशक्त हस्ताक्षर के रूप में विख्यात तथा हिन्दी भाषा और साहित्य के क्षेत्र में समर्पित भाव से काम करने वाले मनीषी विद्वानों, हिन्दी के विकास तथा संवर्धन में सतत संलग्न कलम के धनी, मानव मन के चितरों तथा मूर्धन्य साहित्यकारों के प्रति अपने आदर और सम्मान की भावना को व्यक्त करने के लिए हिन्दी अकादमी प्रतिवर्ष एक श्रेष्ठतम साहित्यकार को शलाका सम्मान से सम्मानित करती है। |
Additional Information अन्य विकल्प :
क्षेत्र |
सम्मान |
खेलकूद |
राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार , अर्जुन पुरस्कार , ध्यानचंद पुरस्कार |
तकनीकी |
एमएसएमई अवार्ड्स, गांधी युवा तकनीकी नवाचार पुरस्कार |
निम्नलिखित कवियों में से गांधीजी ने किस कवि को राष्ट्रकवि का सम्मान दिया?
Answer (Detailed Solution Below)
साहित्य का इतिहास Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDFमैथिलीशरण गुप्त को गांधीजी ने राष्ट्रकवि का सम्मान दिया है, अत: विकल्प 3 मैथिलीशरण गुप्त सही है |
Key Points
- गांधीजी ने मैथिलीशरण गुप्त को राष्ट्रकवि का सम्मान दिया था।
- गांधीजी ने गुप्त की कविता "भारत-भारती" को पढ़कर उन्हें राष्ट्रकवि का सम्मान दिया था।
- "भारत-भारती" कविता में गुप्त ने भारतीय संस्कृति और राष्ट्रवाद की भावनाओं को बहुत ही सुंदरता से व्यक्त किया है।
- इस कविता ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- अन्य कवियों में, महादेवी वर्मा, जयशंकर प्रसाद और सुमित्रानंदन पंत भी महान कवि थे, लेकिन इनमें से किसी को भी गांधीजी ने राष्ट्रकवि का सम्मान नहीं दिया था।
खड़ी बोली हिंदी में रचना करने वाला प्रथम किसे माना जाता है?
Answer (Detailed Solution Below)
साहित्य का इतिहास Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर 'अमीर खुसरो' है।
Key Points
- खड़ी बोली हिंदी में रचना करने वाला प्रथम 'अमीर खुसरो' को माना जाता है।
- अमीर खुसरो - अमीर खुसरो प्रथम मुस्लिम कवि थे जिन्होंने हिंदी शब्दों का खुलकर प्रयोग किया है I वह पहले व्यक्ति थे जिन्होंने हिंदी, हिन्दवी और फारसी में एक साथ लिखा I उन्हे खड़ी बोली के आविष्कार का श्रेय दिया जाता है I
अन्य विकल्प-
- ‘तुलसीदास जी’ ने अवधि भाषा में रचनाएँ की हैंI
- ‘मल्लिक मुहम्मद जायसी’ की रचना अवधि में हैI
- 'चंद वरदाई' की रचनाएँ अवहट्ट में हैं।