"मैं हिन्दी के प्रचार, राष्ट्रभाषा के प्रचार को राष्ट्रीयता का मुख्य अंग मानता हूँ ।" यह कथन किसका है ?

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MPPSC Assistant Prof 2022 (Hindi) Official Paper-II (Held On: 28 Jan, 2024)
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  1. डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
  2. पुरुषोत्तमदास टंडन
  3. लाला लाजपत राय
  4. सी. राजगोपालाचारी

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Option 1 : डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
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MPPSC Assistant Professor UT 1: MP History, Culture and Literature
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"मैं हिन्दी के प्रचार, राष्ट्रभाषा के प्रचार को राष्ट्रीयता का मुख्य अंग मानता हूँ ।" यह कथन है- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद

Key Points

  • यह कथन डॉ. राजेन्द्र प्रसाद का है। वे भारत के प्रथम राष्ट्रपति थे।
  • उन्होंने हिन्दी के प्रचार और राष्ट्रभाषा के प्रसार को राष्ट्रीयता का मुख्य अंग माना

अन्य विकल्प -

  • पुरुषोत्तमदास टंडन का कथन -  "यदि हिन्दी भारतीय स्वतंत्रता के आड़े आयेगी तो मैं स्वयं उसका गला घोंट दूँगा।" 

Additional Informationडॉ. राजेन्द्र प्रसाद-

  • जन्म - 3 दिसंबर 1884 - 28 फरवरी 1963
  • भारत गणराज्य के प्रथम राष्ट्रपति एवं महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे।
  • वे भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से थे;
  • और उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में प्रमुख भूमिका निभाई। 
  • रचनाएँ- बापू के कदमों में बाबू (1954), इण्डिया डिवाइडेड (1946),
    • सत्याग्रह ऐट चम्पारण (1922), गान्धीजी की देन, भारतीय संस्कृति व खादी का अर्थशास्त्र इत्यादि।

पुरुषोत्तमदास टंडन-

  • जन्म - 1 अगस्त 1882 - 1 जुलाई 1962
  • भारत के स्वतन्त्रता सेनानी एवं राजनेता थे।
  • वे भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन के अग्रणी पंक्ति के नेता तो थे
  • वे 'राजर्षि' के नाम से भी विख्यात थे।
  • वर्ष 1950 में वे 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष नियुक्त हुए थे। 

लाला लाजपत राय-

  • जन्म - 28 जनवरी 1865 -17 नवम्बर 1928
  • भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। इन्हें पंजाब केसरी भी कहा जाता है।
  • इन्होंने पंजाब नैशनल बैंक और लक्ष्मी बीमा कम्पनी की स्थापना भी की थी
  • ये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में गरम दल के तीन प्रमुख नेताओं लाल-बाल-पाल में से एक थे। 

सी. राजगोपालाचारी-

  • जन्म - 10 दिसम्बर 1878 - 25 दिसम्बर 1972
  • जिन्हें राजाजी या सीआर के नाम से जाना जाता है ,
  • जिन्हें मूथरिगनार राजाजी के नाम से भी जाना जाता है,
  • एक भारतीय राजनेता, लेखक, वकील और भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे।
  • राजगोपालाचारी भारत के अंतिम गवर्नर-जनरल थे
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